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मेरे पिता पर निबंध (My Father Essay In Hindi)

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Ekta Ranga

मेरे पिता पर निबंध (My Father Essay In Hindi)- इस दुनिया में मां की जो भूमिका होती है वह एकदम अलग ही होती है। मां शब्द सकारात्मकता का अनुभव देता है। मां का प्यार इस दुनिया में सबसे अलग और अनोखा अनुभव होता है। मां ही हमें इस दुनिया में लाती है। मां बिना यह दुनिया अधूरी सी लगती है। यह बात सौ प्रतिशत सच है कि यह दुनिया मां के इर्द-गिर्द ही घूमती है। लेकिन इस दुनिया में हमारे पिता भी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक पिता ही अपने बच्चे के अंदर हौसला भरता है। पिता अपने बच्चों के लिए पूरे संसार से लड़ने तक को तैयार हो जाता है।

Essay On My Father In Hindi

माता-पिता जब पहली बार यह खबर सुनते हैं कि वह दोनों मां-बाप बनने वाले हैं, तो यह पल उनके लिए बहुत खास होता है। माता-पिता अपने होने वाले बच्चे के लिए सपने संजोने लगते हैं। जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी हर छोटी से छोटी जरूरतों का ख्याल उसकी मां रखती है। बच्चे का पिता भी उस समय महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। माना कि मां हमें अपने प्यार के आंचल में रखती है। लेकिन पिता भी अपने बच्चे को साहस के साथ हर कठिनाइयों से लड़ना सीखाता है। पिता अपने बच्चों को कभी भी दुख में नहीं देख सकते हैं। पिता दिन-रात इसलिए भागदौड़ करते हैं ताकि उनके बच्चों को किसी भी तरह की तकलीफों से गुजरना ना पड़े। तो आज का हमारा विषय पिता पर आधारित है। आइए आज हम पिता पर निबंध पढ़ते हैं।

पिताजी पर निबंध

मैं जब छोटी थी तो अपने स्कूल में साथ पढ़ने वाली एक दोस्त को देखकर बहुत दुखी हुआ करती थी। दरअसल मेरी उस दोस्त के पिता इस दुनिया में नहीं थे। उसकी परवरिश केवल उसकी मां ही कर रही थी। मैं सोचा करती थी कि एक बिन पिता की बेटी का लालन-पालन कैसे किया जाएगा। लेकिन मैंने उसे कभी भी टूटने नहीं दिया। उसकी मां ने उसे कभी भी पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। एक बच्चे का अपनी मां के साथ सबसे खास रिश्ता होता है। लेकिन अपने पिता के साथ वह एकदम ही अलग प्रकार का लगाव रखता है।

प्रस्तावना

केवल इंसानों के बीच ही नहीं बल्कि हमनें जानवरों में भी यह देखा है कि जो नर जानवर होते हैं वह अपने बच्चों और मादा साथी की संपूर्ण जरूरतों को पूरा करते हैं। प्रकृति ने ऐसा ही नियम बनाया है जहां पर एक आदमी अपने पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभालता है। और महिला का काम होता है घर की जिम्मेदारी संभालते हुए बच्चों का ध्यान रखना। नर और मादा में तालमेल होना बहुत जरूरी है। कहने का तात्पर्य यह है कि बिना माता-पिता के हम सब अधूरे हैं। हमारे जीवन में इन दोनों का होना बहुत जरूरी है। जितनी प्यारी हमें मां होती है उतने ही हमारे पिता भी होते हैं।

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पिता का अर्थ

मां शब्द की ही तरह पिता शब्द भी सुनने में बहुत अच्छा लगता है। पिता शब्द संस्कृत शब्द पितृ से ही अस्तित्व में आया है। पिता अपने बच्चों का सच्चा मार्गदर्शक होता है। वह अपने बच्चों को कभी भी दुख में नहीं देख सकते हैं। वह जी तोड़कर मेहनत करते हैं ताकि वह कमाई कर सकें और अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा-लिखा सकें। अपने बच्चों को आत्मनिर्भर एक अच्छा और जिम्मेदार पिता ही बना सकता है। पिता खुद बहुत मजबूत होता है। वह अपने बच्चों को कभी भी टूटने नहीं देता है। एक जिम्मेदार पिता को यह पता होता है कि उसके बच्चे की जरूरतें क्या हैं। हमारे पुराणों में यह लिखा है कि इस दुनिया में अगर भगवान के समान ही किसी को दर्जा दिया जाता है तो वह माता-पिता ही हो सकते हैं। माता-पिता को सम्मान देना सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

पिता की विशेषताएं

पिता हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह हमारे प्रथम गुरू होते हैं। वह हमें जीने का जब्जा सिखाते हैं। हम हर प्रकार के अच्छे गुण और नेतृत्व की क्षमता अपने पिता से ही सीखते हैं। पिता की कुछ विशेषताएं होती हैं जो उन्हें सभी से जुदा बनाती हैं-

अनुशासन में रहना- पिता की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह अपने बच्चों को कड़े से कड़े अनुशासन में रहना सिखाते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उनके बच्चे हर तरह की परिस्थितियों के लिए खुद को तैयार कर सकें। एक मजबूत पिता अपनी दिनचर्या की बहुत सख्ती के साथ पालना करता है। जब उसके बच्चे अपने पिता को ऐसा करते हुए देखते हैं तो वह भी हर काम अनुशासन के साथ करते हैं।

धैर्यवान रहना- जीवन में वही व्यक्ति कामयाब हो सकता है जिसके पास धीरजता जैसा महान गुण हो। यह बात हर किसी पर लागू होती है। यहां तक कि आदर्श पिता वही होता है जो कि धैर्य के साथ हर काम करे। जब एक संतान अपने पिता को संयम में रहकर धैर्य के साथ हर काम करते हुए देखती है तो वह भी अपने जीवन के हर कार्य में संयम अपनाती है।

आदर करना- एक अच्छा पिता हमेशा सभी के लिए आदर की भावना रखता है। जब वह सब के प्रति आदर भावना रखता है तो उसके बच्चे भी अपने पिता से यही गुण सीखते हैं। एक आदर्श पिता अपने बच्चों को सीखाता है कि दूसरों के प्रति आदर भाव रखने से जीवन की राह आसान हो जाती है।

उदारता- उदारता से हम पूरी दुनिया को जीत सकते हैं। एक अच्छा पिता अपने बच्चों को हर काम में उदारता के लिए प्रेरित करता है। उदार लोग हर जगह खुश रहते हैं। एक जिम्मेदार पिता का दिल अपने बच्चों के लिए हर पल प्रेम से भरा रहता है। अपने उदार दिल के चलते वह अपने बच्चों के लिए हर चीज उपलब्ध करवाने के प्रयास में लगे रहते हैं।

हमारे जीवन में पिता का महत्व

हमारे पिता हमारे साथ हमेशा साया बनकर खड़े रहते हैं। हम इस दुनिया में रहकर तीर्थ स्थल जाते हैं लेकिन असली तीर्थ स्थल तो हमारे माता-पिता में बसते हैं। हमको भगवान को खोजने की जरूरत ही नहीं है। ईश्वर तो साक्षात हमारे पिता में ही बसते हैं। पिता के बिन सब सुना होता है। बिन पिता के हमारा जीवन ऐसा लगता है जैसे कि मानो बिन पानी के मछ्ली। पिता अपने बच्चे की हर बुरी और अच्छी परिस्थिति में साथ खड़े रहते हैं। वह अपने बच्चे को किसी भी प्रकार के कष्ट में नहीं देख सकते हैं। पिता खुद को हर पल मजबूत बनाए रखते हैं। ऐसा करने से उनके बच्चे भी बहुत मजबूत बनते हैं।

पिता पर मंगलेश डबराल की कविता

पिता की तस्वीर

पिता की छोटी-छोटी बहुत-सी तस्वीरें
पूरे घर में बिखरी हैं
उनकी आँखों में कोई पारदर्शी चीज़
साफ़ चमकती है
वह अच्छाई है या साहस
तस्वीर में पिता खाँसते नहीं
व्याकुल नहीं होते
उनके हाथ-पैर में दर्द नहीं होता
वे झुकते नहीं समझौते नहीं करते
एक दिन पिता अपनी तस्वीर की बग़ल में
खड़े हो जाते हैं और समझाने लगते हैं
जैसे अध्यापक बच्चों को
एक नक़्शे के बारे में बताता है
पिता कहते हैं मैं अपनी तस्वीर जैसा नहीं रहा
लेकिन मैंने जो नए कमरे जोड़े हैं
इस पुराने मकान में उन्हें तुम ले लो
मेरी अच्छाई ले लो उन बुराइयों से जूझने के लिए
जो तुम्हें रास्ते में मिलेंगी
मेरी नींद मत लो मेरे सपने लो
मैं हूँ कि चिंता करता हूँ व्याकुल होता हूँ
झुकता हूँ समझौते करता हूँ
हाथ-पैर में दर्द से कराहता हूँ
पिता की तरह खाँसता हूँ
देर तक पिता की तस्वीर देखता हूँ।

पिता पर शायरी

(1) बेटियाँ बाप की आँखों में छुपे ख़्वाब को पहचानती हैं, और कोई दूसरा इस ख़्वाब को पढ़ ले तो बुरा मानती हैं। (इफ़्तिख़ार आरिफ़)

(2) ये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ, इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा। (मुन्नवर राणा)

(3) मुझ को छाँव में रखा और ख़ुद भी वो जलता रहा, मैं ने देखा इक फ़रिश्ता बाप की परछाईं में। (अज्ञात)

(4) अज़ीज़-तर मुझे रखता है वो रग-ए-जाँ से, ये बात सच है मिरा बाप कम नहीं माँ से। (ताहिर शहीर)

(5) इन का उठना नहीं है हश्र से कम, घर की दीवार बाप का साया। (अज्ञात)

मेरे पिता पर 200 शब्दों में निबंध

पिता नाम सुनते ही हमारे सामने एक जिम्मेदार व्यक्ति का चेहरा घूम जाता है। यह व्यक्ति हम सबके जीवन में मौजूद होता है। यह व्यक्ति एक पिता के रूप में हम सभी के जीवन को महकाता है। एक पिता कड़ी धूप में भी हमारे लिए छाँव उपलब्ध करवाता है। आप सभी को यह पता है कि जब हम घर तैयार करवाते हैं तो उस घर की नींव का मजबूत होना बहुत ज्यादा जरूरी है। अगर घर की नींव ही मजबूत नहीं होती है तो घर गिरने का डर रहता है। ठीक उसी प्रकार ही हमारे पिता हमारे जीवन की नींव होते हैं। अगर वह ही मजबूत नहीं होते हैं तो उनका सारा परिवार बिखर जाता है।

एक पिता का मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। पिता अपने बच्चों को आत्मविश्वास से भर देते हैं। पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत ही चिंतित रहते हैं। इसलिए ही तो वह अपने बच्चे के जन्म से पहले ही बचत करना शुरू कर देते हैं। आज हम जो कुछ भी हैं वह सब अपने पिता की बदौलत ही हैं। पिता अपने बच्चे को खूब प्यार के साथ रखता है, तो दूसरी ओर वह अपने बच्चे से सख्ती से पेश आने के लिए भी हक़ रखता है। वह कभी-कभी अपने बच्चों से सख्ती से पेश इसलिए आता है ताकि उसके बच्चे हर प्रकार की मुश्किलों को पार कर जाए।

मेरे पिता पर 10 लाइन

(1) मेरे पिता बहुत ही ज़िंदादिल व्यक्ति हैं।

(2) मेरे पिता के अंदर उदारता का गुण है।

(3) मेरे पिता जल्दी से हार मानने वाले व्यक्तियों में से नहीं है।

(4) मेरे पिता हमारे सारे परिवार का अच्छे से ख्याल रखते हैं।

(5) हमारे पिता हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

(6) पिता हमें जीने की राह सिखाते हैं।

(7) पिता अपने बच्चे को डर के आगे जीतना सिखाते हैं।

(8) हम सभी को अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए।

(9) पिता अपने बच्चों के लिए सर्वप्रथम गुरू होते हैं।

(10) एक आदर्श पिता अपने बच्चों का सच्चा दोस्त भी होता है।

FAQs
प्रश्न 1. एक आदर्श पिता की व्याख्या किजिए?

उत्तर- पिता अपने बच्चों का सच्चा मार्गदर्शक होता है। वह अपने बच्चों को कभी भी दुख में नहीं देख सकते हैं। वह जी तोड़कर मेहनत करते हैं ताकि वह कमाई कर सके और अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा-लिखा सके। अपने बच्चों को आत्मनिर्भर एक अच्छा और जिम्मेदार पिता ही बना सकता है। पिता खुद बहुत मजबूत होता है। वह अपने बच्चों को कभी भी टूटने नहीं देता है।

प्रश्न 2. हमारे जीवन में पिता कितना महत्व रखता है?

उत्तर- बिन पिता के हमारा जीवन ऐसा लगता है जैसे कि मानो बिन पानी के मछ्ली। पिता अपने बच्चे की हर बुरी और अच्छी परिस्थिति में साथ खड़े रहते हैं। वह अपने बच्चे को किसी भी प्रकार के कष्ट में नहीं देख सकते हैं। पिता खुद को हर पल मजबूत बनाए रखते हैं। वह हमारे प्रेरणास्रोत होते हैं।

प्रश्न 3. पिता शब्द कौन-से शब्द से आया है?

उत्तर- पिता शब्द संस्कृत के पितृ शब्द से अस्तित्व में आया।

प्रश्न 4. पिता की दो विशेषता बताइए?

उत्तर- निडरता और अनुशासन।

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