जीवन परिचय (Biography In Hindi) | Jivan Parichay

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Ekta Ranga

मेरी छोटी भतीजी है जो करीब 10 साल की है। उसे अभी से ही लोगों के जीवन को गहराई से जानने का शौक चढ़ गया है। वह हम सभी को कभी गांधीजी के बारे में बताती है तो कभी महान राजा चन्द्रगुप्त मौर्य के बारे में बताती रहती है। वह हम सभी को यह भी बताती है कि महान लोगों के जीवन के बारे में हमें पढ़ना ही चाहिए। हम सब उसे इतिहासकार बनने का बोलते हैं। यह एकदम सही बात है कि सभी का अपना अलग शौक होता है। बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें महान हस्तियों की जीवनी (Biography) पढ़नी बहुत अच्छी लगती है।

महान लेखकों की जीवनी

किसी की जीवनी को पढ़ना और समझना बड़ा ही दिलचस्प लगता है। जब हम विद्यार्थी होते हैं तो हमारी किताबों में हमें संक्षिप्त में महान लोगों के जीवन पर जीवनी पढ़ने को मिलती है। आपने अपने स्कूल के दिनों में यह तो देखा ही होगा कि जब आप कोई भी कविता पढ़ते हो तो सबसे पहले शुरुआत में उस कविता के लेखक की संक्षिप्त में जीवनी दी हुई होती है। यह समझने वाली बात है कि जब आपको कोई लेखक की किताब पसंद आती है तो यह बहुत जरूरी होता है कि आप उस लेखक के जीवन के बारे में भी जाने। ऐसा करने पर हम उस लेखक से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। हमारी पोस्ट का विषय भी महान लोगों की जीवनी (Biography) पर आधारित है। हम अपनी पोस्ट के माध्यम से अनेक लोगों की जीवनी पर हिंदी (jeevan parichay) में जानकारी जुटाएंगे।

जीवनी क्या है?

जीवनी आखिर क्या होती है? जीवनी का अर्थ है किसी खास व्यक्ति की संपूर्ण जीवन कथा। जीवनी को हम अंग्रेज़ी में बायोग्राफी कहते हैं। किसी की जीवनी हमें उसके जीवन को गहराई से जानने का मौका देती है। जब हम किसी व्यक्ति विशेष के बारे में पढ़ते हैं तो हमें यह जानने की उत्सुकता होती है कि वह व्यक्ति अपने असल जीवन में कैसा रहा होगा। जीवनी पढ़ने से हमें बहुत सी जानकारी हासिल होती है। जीवनी में लेखक की हर प्रकार की विशेषताओं के बारे में चित्रण किया जाता है। जीवनी में उसके जीवन से लेकर मृत्यु तक का सारा वर्णन किया जाता है। जीवनी पढ़कर हमें उस विशेष व्यक्ति के जीवन से प्रेरणा मिलती है। जीवनी में हमेशा ही सभी प्रकार के तथ्यों को सही रूप से दिखाया जाता है।

जीवनी की विशेषताएं

1) जब भी आप किसी जीवनी के बारे में लिखें तो हमेशा एक बात जरूर याद रखें। मतलब जब भी आप किसी व्यक्ति के जीवन के बारे में लिख रहे हो तो एक चीज का हमेशा ख्याल रखें कि आप उन व्यक्ति के बारे में सही जानकारी प्रदान करें। आप जीवनी में उनसे संबंधित हर प्रकार की चीजों का उल्लेख करें।

2) जीवनी का अर्थ जीवन की उन घटनाओं से है जो एकदम सच्ची हो। यह बात तो हम सभी जानते हैं कि जीवनी हमेशा उन लोगों की ही लिखी जाती है जिन्होंने अपने जीवन में कोई विशिष्ट काम कर रखा हो। जीवनी लिखने की कला आनी चाहिए। जीवनी ऐसी लिखी हुई होनी चाहिए कि पढ़ने वाले के अंदर जोश जग जाए। वह उस खास व्यक्ति से प्ररित हो जाए।

3) जो कोई भी जीवनी लिखने का दायित्व उठाता है उसे यह समझना चाहिए कि जीवनी को लिखते समय वह सिर्फ उस विशेष व्यक्ति को सोचते हुए ही उसका परिचय लिखे। लिखते वक्त उस व्यक्ति के लिए सम्मानजनक भावना होनी चाहिए। सम्मान की भावना रखने से हम जीवनी को उम्दा तरीके से लिख सकते हैं।

4) जीवनी में व्यक्ति के जन्म को, शिक्षा को, करियर को, विशेष उपलब्धियों को, कृतियों को और मृत्यु तक के सफर को बताया जाता है।

5) एक अंतिम बात जो ध्यान रखने योग्य है वह यह है कि जीवनी पढ़ने में बड़ी ही दिलचस्प होनी चाहिए। जो कोई भी उस जीवनी को पढ़े उसको बोरियत महसूस नहीं होनी चाहिए।

जीवनी के भेद

आत्मीय जीवनी, ऐतिहासिक जीवनी, लोकप्रिय जीवनी, कलात्मक जीवनी, व्यक्तिगत जीवनी आदि। यह सब जीवनी के भेद है।

जीवनी और आत्मकथा में अंतर

जीवनी और आत्मकथा में अंतर होता है। जब हम किसी खास व्यक्ति के जीवन के बारे में लिखते हैं तो उसे हम जीवनी कहते हैं। यह जीवनी वह महान व्यक्ति अपने हाथों द्वारा नहीं लिखता है। बल्कि इसे लिखने वाला कोई दूसरा व्यक्ति ही होता है। जबकि आत्मकथा उसे कहते हैं जिसमें एक व्यक्ति अपने संपूर्ण जीवन को अपने हाथों द्वारा लिखता है। जीवनी में घटनाएँ और तथ्यों को एकदम सही और स्पष्ट रूप से दर्शाया जाने की कोशिश रहती है। लेकिन तो भी वह सौ प्रतिशत सही नहीं होते। जबकि आत्मकथा को एक लेखक अपने द्वारा ही लिखता है इसलिए इसमें विश्वसनीयता की गारंटी ज्यादा होती है। वह व्यक्ति आत्मकथा में अपने जीवन की सच्ची घटनाओं को दर्शाता है।

जीवनी के कुछ उदाहरण

चन्द्रगुप्त गुप्त मौर्य की जीवनी, चाणक्य की जीवनी, महात्मा बुद्ध की जीवनी, महात्मा गांधी की जीवनी, ओशो की जीवनी, नरेंद्र मोदी की जीवनी, धीरूभाई अंबानी की जीवनी, तुलसीदास की जीवनी, कबीरदास की जीवनी, कालिदास की जीवनी, मीराबाई की जीवनी आदि।

जीवनी को लिखने वाले प्रमुख लेखक

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, जैनेन्द्र कुमार, रामवृक्ष बेनीपुरी, रामविलास शर्मा, विष्णु प्रभाकर, राहुल सांस्कृत्यायन तथा अमृतराय को जीवनी को लिखने वाले प्रमुख लेखकों में शामिल किया जाता है।

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FAQs
Q1. जीवनी किसे कहते हैं?

A1. जीवनी का अर्थ है किसी खास व्यक्ति की संपूर्ण जीवन कथा। जीवनी को हम अंग्रेज़ी में बायोग्राफी कहते हैं। किसी की जीवनी हमें उसके जीवन को गहराई से जानने का मौका देती है।

Q2. जीवनी को कौन लिखता है?

A2. जीवनी को हमेशा कोई दूसरा व्यक्ति ही लिखता है। उस व्यक्ति के हाथों में यह जिम्मेदारी रहती है कि वह जीवनी को शानदार तरीके से पेश करे। वह जीवनी को कुछ इस प्रकार से लिखे कि पढ़ने वाला जोश से भर उठे।

Q3. हिंदी में जीवनी लेखन कब से शुरू हुआ?

A3. हिंदी में जीवनी लेखन 19वीं शताब्दी से शुरू हुआ।

Q4. जीवनी कितने प्रकार की होती है?

A4. जीवनी करीब करीब पांच प्रकार की होती है- आत्मीय जीवनी, ऐतिहासिक जीवनी, लोकप्रिय जीवनी, कलात्मक जीवनी, व्यक्तिगत जीवनी आदि।

Q5. हिंदी की पहली जीवनी किसको मानी जाती है? और यह जीवनी किसके द्वारा लिखी गई थी?

A5. हिंदी की पहली जीवनी दयानंद दिग्विजय’ (1881) थी। इसे जीवनीकार गोपाल शर्मा शास्त्री ने लिखा था।

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