Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी (Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi)

Photo of author
Ekta Ranga

अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी (Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi) – भारत को जब पहली बार स्वतंत्रता मिली थी तो हमें हमारा पहला प्रधानमंत्री मिला था। जवाहरलाल नेहरू हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए थे। इससे पहले तो ब्रिटिश सरकार का शाशन चलता था। हमारा देश अपने फैसले लेने को बिल्कुल भी स्वतंत्र नहीं था। लेकिन स्वतंत्रता के बाद हमारे देश में बहुत कुछ बदल गया था। तो प्रधानमंत्री का अर्थ क्या होता है? प्रधानमंत्री एक ऐसा भारतीय नागरिक होता है जो देश का प्रमुख मंत्री होता है।

अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन परिचय (Biography Of Atal Bihari Vajpayee In Hindi)

हमारे देश में अभी तक 15 प्रधानमंत्री रह चुके हैं। सभी की अपनी अपनी खासियत थी। सभी ने प्रधानमंत्री का कार्यभार अच्छे से संभाला। फिर चाहे वह सबसे पहला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू हो या फिर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। सभी ने अपने तौर पर अच्छा काम किया। लेकिन भारत का ही एक ऐसा प्रधानमंत्री भी रहा है जिन्होंने पक्ष और विपक्ष पक्षों के बीच अच्छे से संतुलन बनाए रखा। वह प्रधानमंत्री लोगों के बीच भी खूब लोकप्रिय रहा था। हम बात कर रहे हैं लोकप्रिय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की। अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक सफ़र बहुत ही शानदार रहा था। उन्होंने लोगों के दिल में बहुत गहरी जगह बना ली थी। वह एक महान वक्ता भी थे। तो आज हम अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन के बारे में जानेंगे। आइए अटल बिहारी का जीवन परिचय (Biography of Atal Bihari Vajpayee in Hindi) हिंदी में पढ़ते हैं।

अटल बिहारी का जीवन परिचय

अटल बिहारी वाजपेयी एक महान नेता थे। आज हर कोई अटल बिहारी वाजपेयी को जानता है। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी था। इनकी माता का नाम कृष्णा देवी वाजपेयी था। इनके पिता पेशे से शिक्षक थे और साथ ही साथ कवि भी थे। अटल बिहारी वाजपेयी के सात भाई बहन थे। इनका परिवार बहुत मध्यमवर्गीय था। भले ही उनका जन्म ग्वालियर में हुआ हो, लेकिन उनकी पारिवारिक जड़े आगरा के बटेश्वर में है। उनके पिता ही नहीं बल्कि वह स्वयं भी एक बहुत अच्छे कवि थे। वे पल भर में खूबसूरत पंक्तियों से भरी कविता चंद पल में रच देते थे। वह बीजेपी के वरिष्ठ और महान नेता थे। उन्होंने ही 80 के दशक में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की।

नामअटल बिहारी वाजपेयी
जन्मदिन25 दिसम्बर 1924
राशि (Zodiac)मकर राशि
जन्म स्थानग्वालियर, मध्यप्रदेश
मृत्यु16 अगस्त 2018
धर्म हिंदू
माता-पिता का नाम कृष्णा देवी, कृष्णा बिहारी वाजपेयी
विवाहकभी नहीं हुआ
राजनीतिक पार्टीभारतीय जनता पार्टी
शिक्षा (Education)कला स्नातक और लॉ स्नातक
कुल संपत्ति02 मिलियन डॉलर
घर का पता6-ए, कृष्णा मेनन मार्ग, नई दिल्ली – 110011

ये भी पढ़ें –

मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय 
सूरदास का जीवन परिचय
अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी
नागार्जुन का जीवन परिचय
कबीरदास जी का जीवन परिचय

अटल बिहारी वाजपेयी की शिक्षा

अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। बाद में उन्होंने उज्जैन के बरनगर में स्थित एंग्लो-वर्नाक्युलर मिडिल स्कूल में शिक्षा ग्रहण की। कॉलेज में स्नातक की डिग्री उन्होंने तब की विक्टोरिया कॉलेज विश्वविद्यालय आगरा विश्वविद्यालय , जो अब महारानी लक्ष्मी बाई गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस है , में प्रवेश लिया, जहाँ उन्होंने हिंदी , अंग्रेजी और संस्कृत में कला के साथ स्नातक किया। फिर उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय के ही दयानंद एंग्लो वैदिक महाविद्यालय ( डीएवी कॉलेज) से मास्टर्स की डिग्री राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण की।

अटल जी के राजनीतिक सफर की पहली पारी

अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक सफ़र की शुरुआत सन 1942 से ही हो गई थी। तब उन्होंने और उनके भाई ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था। इसके चलते उनके भाई को 23 दिन जेल में काटने पड़े। बाद में 1951 में आरएसएस के नवीन दल भारतीय जनसंघ में उन्हें श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे बड़े नेता के साथ इस दल में बड़ी भूमिका निभाने का मौका मिला।

1952 में हुए प्रथम लोकसभा के उपचुनावों में वह लखनऊ सीट से चुनाव लड़े पर वह हार गए। साल 1957 में वह फिर से लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुए। परंतु इस बार पहले के मुकाबले जनसंघ ने उन्हें तीन सीटों से खड़ा किया। जिसमें से वह दो हार गए और एक संसदीय सीट- बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। तीसरे लोकसभा चुनाव 1962 और 1967 में वह फिर से लखनऊ सीट से उतरे पर इस बार भी वह असफल रहे। बाद में वह राज्यसभा के सदस्य चुने गए। 1967 में हुए उपचुनावों में उन्हें सफलता मिली जिसके चलते वह सांसद बने। 1968 में उन्हें संघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक सफ़र की दूसरी पारी

बाद के कुछ सालों के चुनावी उतराव – चढ़ाव के बीच 1977 में भारतीय जनसंघ ने तीन और पार्टी को मिलाकर जनता पार्टी का गठन किया। परंतु जनता पार्टी सिर्फ जुलाई 1979 तक ही गठित रह सकी। हालांकि 1980 में वाजपेयी जी ने भारतीय जनसंघ को फिर से पुनर्गठित कर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। वह बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।

1984 में ग्वालियर से वह लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुए, परंतु कॉंग्रेस के माधव सिंधिया के अचानक चुनाव क्षेत्र में आने से वह पौने दो लाख वोटों से हार गए। फिर साल 1996 में लोकसभा चुनाव जीतकर बीजेपी से पहली बार कोइ देश का प्रधानमंत्री बना। और वह कोई और नहीं बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी ही बने। परंतु दुर्भाग्यवश उनकी सरकार मात्र 13 दिन चली।

वह संसद में पूर्ण बहुमत साबित नहीं कर पाई। 1998 में फिर से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव जीता और दूसरी और पार्टियों के सहयोग से एनडीए का गठन किया। यूं वह दूसरे बार प्रधानमंत्री बने। लेकिन यह सरकार भी मात्र 13 महीने ही चली क्योंकि दक्षिण की सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक, जो जय ललिता के नेतृत्व में थी, उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया और अटल जी की सरकार फिर से गिर गई। साल 1999 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें अटल जी के नेतृत्व में फिर से भाजपा की सरकार आई। और इस बार अटल जी ने अपना कार्यकाल को पूरा किया।

अटल बिहारी वाजपेयी का देश प्रेम

अटल बिहारी वाजपेयी अपने देश की भलाई के बारे में सोचते थे। वह भारत की प्रगति देखना चाहते थे। वह निडरता के साथ हर काम को पूरा करते थे। वह पक्ष और विपक्ष की अच्छाई और बुराई को खुलकर प्रस्तुत करते थे। उनका देश के प्रति प्रेम बहुत गहरा था। 1998 में उन्होंने एक ऐसा कारनामा किया जिसने पूरी दुनिया को एक नया संदेश दिया।

दरअसल 11 मई और 13 मई 1998 को अटल बिहारी वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण किया था। अटल बिहारी वाजपेयी ने इस परीक्षण के माध्यम से पश्चिमी देशों को एक यह बता दिया कि भारत भी एक शक्तिशाली देश है। अटल जी के ही देखरेख में नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भी पूरा हुआ था।

अटल बिहारी वाजपेयी का विवाह

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने जीवन में शादी नहीं की थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में ही लगा दिया था। बहुत से लोग उनसे पूछते थे कि आपने शादी क्यों नहीं की तो वह एक ही बात कहते कि उन्होंने अपना जीवन माँ भारती के चरणों में समर्पित कर दिया है। हालांकि उन्होंने दो बेटियों को गोद लिया था।

इन दोनों बेटियों का नाम नमिता कौल और नंदिता कौल है। इन दोनों को अटल जी ने अपनी सगी बेटियों की तरह ही पाला। इन दोनों की पढ़ाई का खर्च भी अटल जी ने ही उठाया था। नमिता और नंदिता ने भी कभी भी अटल जी को अकेले नहीं पड़ने दिया। उनके अंतिम दिनों में नमिता और उनके पति रंजन भट्टाचार्य ही उनकी देखरेख कर रहे थे।

अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल वचन

1) छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता। 

2) जलना होगा, गलना होगा और हमें कदम मिलाकर एक साथ चलना होगा।

3) ऊँची से ऊँची शिक्षा क्यों न हो, इसका आधार हमारी मातृभाषा होनी चाहिए।

4) अगर किसी देश में हलचल नजर आए तो समझिये कि वहां का राजा ईमानदार है।

5) जैव विविधता सम्मेलन से दुनिया के गरीबों के लिए कोई भी ठोस लाभ नहीं निकला है।

6) कोई हथियार नहीं बल्कि आपसी भाईचारा ही सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है।

7) पड़ोसी कहते है कि एक हाथ से ताली नही बजती है। हमने कहा कि चुटकी तो बज सकती है।

8) अमावस के अभेद्य अंधकार का अंतःकरण पूर्णिमा की उज्ज्वलता का स्मरण कर थर्रा उठता है।

9) इस देश को लेकर मेरी एक दृष्टि है। ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो।

10) मैं चाहता हूं कि भारत एक महान राष्ट्र बने। शक्तिशाली बने, संसार के राष्ट्रों में प्रथम पंक्ति में आए।

11) कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ यह भारत एक राष्ट्र है, अनेक राष्ट्रीयताओं का समूह नहीं।

12) परिवार कल्याण की सफलता महिलाओं को उनके जीवन के साथ पूर्ण स्वतंत्रता देने पर निर्भर करती है।

अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण के कुछ अंश

लखनऊ में 5 दिसंबर 1992 का भाषण

सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उस पर मैं कहना चाहता हूं कि वो कारसेवा रोकता नहीं है। सचमुच में सुप्रीम कोर्ट ने हमें अधिकार दिया है कि हम कार सेवा करें। रोकने का तो सवाल ही नहीं। कल कारसेवा करने अयोध्या में सर्वोच्च न्यायालय के किसी निर्णय की अवहेलना नहीं होगी। कारसेवा करने सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान किया जाएगा। पराक्रम किया जाएगा।…अयोध्या में कारसेवा से ठीक एक दिन पहले उस रैली में उन्होंने कहा था, ‘वहां (अयोध्या) नुकीले पत्थर निकले हैं। उन पर तो कोई बैठ नहीं सकता तो जमीन समतल करना पड़ेगा। बैठने लायक करना पड़ेगा।’’

1998 में परमाणु परीक्षण पर भाषण

पोखरण-2 कोई आत्मश्लाघा के लिए नहीं था, कोई पुरुषार्थ के प्रकटीकरण के लिए नहीं था। लेकिन हमारी नीति है, और मैं समझता हूं कि देश की नीति है यह कि न्यूनतम अवरोध (डेटरेंट) होना चाहिए। वो विश्वसनीय भी होना चाहिए। इसलिए परीक्षण का फैसला किया गया।’

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता

मैं न चुप हूँ न गाता हूँ

न मैं चुप हूँ न गाता हूँ। सवेरा है मगर पूरब दिशा मेंघिर रहे बादलरूई से धुंधलके मेंमील के पत्थर पड़े घायलठिठके पाँवओझल गाँवजड़ता है न गतिमयता। स्वयं को दूसरों की दृष्टि से मैं देख पाता हूंन मैं चुप हूँ न गाता हूँ। समय की सदर साँसों ने चिनारों को झुलस डाला, मगर हिमपात को देती चुनौती एक दुर्ममाला, बिखरे नीड़,विहँसे चीड़,आँसू हैं न मुस्कानें,हिमानी झील के तट परअकेला गुनगुनाता हूँ।न मैं चुप हूँ न गाता हूँ 

अटल बिहारी वाजपेयी के पुरस्कार

1992: पद्म विभूषण

1993: डी लिट (कानपुर विश्वविद्यालय)

1994: लोकमान्य तिलक पुरस्कार

1994: श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार

1994: भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार

2014 दिसंबर: भारत रत्न से सम्मानित।

2015: डी लिट (मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय)

2015: ‘फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवार्ड’, (बांग्लादेश सरकार द्वारा सम्मानित)

2015: भारत रत्न से सम्मानित

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख रचनाएं

मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान (लोकसभा में अटल जी के भाषणों का संग्रह), कड़ी कविराय की कुंडलियां, संसद में तीन दियासन, अमर आग है, कुछ लेख: कुछ पैशों, सेक्युलर वादा, राजनीति की रपति रहेन, बिंदु विचार, मैरी की इक्यावन कविताएँ आदि।

अटल बिहारी वाजपेयी का निधन

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पूरे जीवन में भारत के लिए बहुत कुछ किया। वह भारत को अपनी माँ से भी अधिक प्रेम करते थे। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने कई बड़े काम किए जो भारत के लिए लाभदायक रहे। अगर हम उनके स्वास्थ्य की बात करे तो उस मामले में उन्होंने बहुत कष्ट उठाए। वह लंबे समय से किडनी, डायबिटीज और डिमेंशिया जैसी बीमारियों से गुजर रहे थे। डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी ने उनको पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया था। वह सब कुछ भूल गए थे। उनको अपने अंतिम दिनों में तो कुछ भी याद नहीं रहा था। हालांकि 2009 में दिल का एक दौरा पड़ने के बाद से तो उनका बोलना बंद हो गया था। 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया। उस समय उनकी आयु 93 साल थी।

FAQs
Q1. अटक बिहारी वाजपेयी का जन्म कब और कहां हुआ था?

A1. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। उनका जन्म मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में हुआ था।

Q2. अटल बिहारी वाजपेयी के माता-पिता का नाम क्या था?

A2. अटल बिहारी वाजपेयी के पिता का नाम पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी था। उनकी माता का नाम कृष्णा देवी था।

Q3. अटल बिहारी वाजपेयी का निधन कब हुआ था?

A3. अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था।

Q4. अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख रचनाएं कौन सी है?

A4. अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख रचनाएं हैं- रग-रग हिन्दू मेरा परिचय, मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान, संसद में तीन दशक, कैदी कविराय की कुण्डलियाँ, अमर आग है, कुछ लेख: कुछ भाषण, सेक्युलर वाद।

ऐसे ही अन्य विषयों पर जीवनीयहाँ से पढ़ें

Leave a Reply