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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 8 खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर
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कक्षा : 6
विषय : सामाजिक विज्ञान (इतिहास, हमारे अतीत -1)
अध्याय : 8 – खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर (प्रश्न -उत्तर)
पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न
प्रश्न 1 – लोहे की ऐसी पाँच चीज़ों की सूची बनाओ जिनका प्रयोग तुम रोज़ करते हो।
उत्तर :- 1. लोहे के औजारो की मदद से खेती की जाती है।
2. लोहे के औजारों से वन भूमियों को साफ किया जाता है।
3. लोहे के बर्तनों का घरों में उपयोग किया जाता है।
4. हमारे दैनिक जीवन में स्कूटी, स्कूटर, बस इत्यादि का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 2 – इस कहानी में आए व्यक्तियों के व्यवसायों की सूची बनाओ। प्रत्येक के लिए यह तय करों कि वे
(क) शहर में,
(ख) गाँव में, या फिर
(ग) शहर तथा गाँव
दोनों में रहते थे।
उत्तर:-
प्रश्न 3 – घोड़े का व्यापारी शहर में क्यों आया होगा?
उत्तर :- गांव में बहुत ज्यादा व्यापारी, खरीददार न होने के कारण घोड़े को बेचने के लिए शहर आया होगा।
प्रश्न 4 – क्या महिलाएँ कहानी में बताए व्यवसायों को अपना सकती थीं? उत्तर के कारण बताओ।
उत्तर :- महीलाओ को कहानी में घर चलाने के लिए व्यावसाय बताये थे। लेकिन माहिलायें वो काम नहीं कर सकती थी क्योंकि वे सब वैसे ही घर के कामों में व्यस्त रहती थी। और उन्हें अपने पतियों, माता पिता से भी काम करने की अनुमति नहीं मिली होगी।
प्रश्न 5 – साँची की मूर्तिकला यह मध्य प्रदेश स्थित साँची के स्तूप की मूर्तिकला का नमूना है। इसमें शहर के जीवन का एक दृश्य है। तुम अध्याय 12 में साँची के बारे में पढ़ोगे। इन दीवारों को देखो। क्या । वे ईंट की बनी हैं या फिर लकड़ी या पत्थर से ?
उत्तर :- ये दिवारे पत्थर से बनी हुई है।
प्रश्न 6 – क्या इसकी रेलिंग लकड़ी की बनी हैं? इन इमारतों की छतों का वर्णन करों।
उत्तर :- हां, इसकी रेलिंग लकड़ी की बनी है। इन इमारतों की छतों को बनाने के लिए पक्की ईंटों का प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 7 – बेरिगाज़ा से आयात और निर्यात होने वाली चीज़ों की सूची बनाओं।
उत्तर :- बेरिगाजा जो कि भरूच का यूनानी नाम था। जहाँ कुशल और अनुभवी लोग ही जहाज ला सकते थे। यहाँ शराब, ताम्बा, टिन, सीसा, मूंगा, पुखराज, कपड़े, सोने और चाँदी का आयात होता था। और हिमालय की जडी- बूटियाँ, हाथीदाँत, गोमेद, सूती कपड़ा, रेशम तथा इत्र यहाँ से निर्यात किया जाता था। राजा के लिए व्यापारी विशेष उपहार लाते थे। इनमें चाँदी के बर्तन, गायक किशोर, सुंदर औरते, अच्छी शराब शामिल होते थे।
प्रश्न 8 – दो ऐसी चीजें बताओ, जिनका उपयोग हड़प्पा युग में नहीं होता था।
उत्तर :- घोड़े और रागी का उपयोग हड़प्पा युग में नहीं होता था।
प्रश्न 9 – व्यापारी किस चीज़ से इसका विनिमय करते हैं?
उत्तर :- व्यापारी नमक से।
प्रश्न 10 – वे किस तरह यात्रा कर रहे हैं ?
उत्तर :- वे गाड़ियों से यात्रा कर रहे है।
प्रश्न 11 – मथुरा के लोगों के व्यवसायों की एक सूची बनाओ। एक ऐसे व्यवसाय का नाम बताओ जो हड़प्पा में नहीं था।
उत्तर :- मथुरा में प्रस्तर खंडो तथा मूर्तियों के अन्य अभिलेख मिले है। जो स्त्रियों तथा पुरुषो द्वारा मठो और मंदिरों में दिए गए दान का उल्लेख करते है। इसलिए इनसे पता चलता है कि मथुरा के लोग मूर्तिकार, बुनकर, लोहार, टोकरी बनाने वाले, माला बनाने वाले, इत्र बनाने वाले जैसे व्यवसाय में संलग्न थे। इत्र बनाने का व्यवसाय हड़प्पा में नहीं था
प्रश्न 12 – उन महिलाओं की सूची बनाओ जिन्हें निरीक्षक नियुक्त कर सकता था।
उत्तर:- जिन महिलाओं को निरीक्षक नियुक्त किया जा सकता था वे इस प्रकार है विधवाएँ, सक्षम-अक्षम महिलाएँ, भिक्खुणियों, वृद्धा वेश्याओं, अवकाश प्राप्त दास और दासियाँ।
प्रश्न -13. क्या काम करने के दौरान महिलाओं को मुश्किलें झेलनी पड़ती थीं ?
उत्तर :- काम करने के दौरान महिलाओं को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ती थी और अगर औरत ने अपना काम समय से पूरा नहीं किया, तो उसे जुर्माना देना पड़ता था। जुर्माने के रूप में अँगूठा तक भी काटा जा सकता था।
मानचित्र 6 (पृष्ठ 84) में रोम को ढूँढो। यह यूरोप के सबसे पुराने शहरों में से एक है। इसका विकास लगभग तभी हुआ, जब गंगा के मैदान के शहर बस रहे थे। रोम एक बहुत बड़े साम्राज्य की राजधानी था। यह यूरोप, उत्तरी अफ्रीका तथा पश्चिमी एशिया तक फैला साम्राज्य था। इसके सबसे महत्त्वपूर्ण शासकों में से एक ऑगस्टस ने करीब 2000 साल पहले शासन किया था। उसने कहा था कि रोम ईंटों का शहर था, जिसे मैंने संगमरमर का बनवाया।
ऑगस्टस और उसके बाद के शासकों ने कई मंदिर तथा महल भी बनवाए। ऑगस्टस ने बड़े-बड़े रंगमंडल (एम्फिथियेटर) बनवाए। इनमें चारों तरफ दर्शकों के बैठने की सीढ़ीनुमा जगहें होती थीं। यहाँ लोग विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम देख सकते थे। उन्होंने स्नानागार भी बनवाए जहाँ स्त्रियों तथा पुरुषों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित थे। यहाँ लोग एक-दूसरे से मिलते थे, और आराम करते थे। बड़े-बड़े जलवाही सेतु (एक्वाडक्ट) के ज़रिए शहर के स्नानागारों, फव्वारों तथा गुसलखानों के लिए पानी लाया जाता था।
प्रश्न 1 – ये बड़े खुले रंगमंडल (एम्फिीथियेटर) और जलवाही सेतु इतने दिनों तक कैसे बचे रहे ?
उत्तर:- रंगमंडल (एम्फिीथियेटर) और जलवाही सेतु बनाने में उत्तम इंजीनियरिंग तथा वस्तुओं का प्रयोग किया गया था जो हर मौसमी परिवर्तन को सहन करने में पूर्ण रूप से सक्षम थी जिस कारण से इनका अस्तित्व आज तक कायम है जिनकी वजह से ये अभी भी बचे हुए है।
प्रश्न अभ्यास
आओ याद करें
प्रश्न -1. खाली जगहों को भरो :
(क) तमिल के बड़े भूस्वामी को ……………………….. कहते थे।
(ख) ग्राम-भोजकों की जमीन पर प्रायः ……………………….. द्वारा खेती की जाती थी।
(ग) तमिल में हलवाहे को ……………………….. कहते थे।
(घ) अधिकांश गृहपति ……………………….. भूस्वामी होते थे।
उत्तर : (क) तमिल के बड़े भूस्वामी को वेल्लला कहते थे।
(ख) ग्राम-भोजकों की जमीन पर प्रायः दास और मजदूरो द्वारा खेती की जाती थी।
(ग) तमिल में हलवाहे को उणवार कहते थे।
(घ) अधिकांश गृहपति स्वतंत्र व छोटे भूस्वामी होते थे।
प्रश्न 2 – ग्राम-भोजकों के काम बताओ। वे शक्तिशाली क्यों थे?
उत्तर :- ग्राम भोजक गांव का प्रधान व्यक्ति होता था। प्राय एक ही परिवार के लोग इस पद पर कई पीढ़ियों तक बने रहते थे। ग्राम भोजक् के पद् पर प्राय गांव का सबसे बड़ा भूस्वामी होता था। साधारणतया इनकी ज़मीन पर इनके दास और मजदूर खेती करते थे। ये ग्राम भोजक् बहुत ही शक्तिशाली होते थे क्योंकि राजा कर वसूलने का कार्य भी इन्हें ही सौप देता था। ये लोग न्यायधीश और कभी कभी पुलिस का काम भी कर देते थे।
प्रश्न 3 – गाँवों तथा शहरों दोनों में रहने वाले शिल्पकारों की सूची बनाओ।
उत्तर :- गांव में मुख्य रूप से बढई, लोहार, कुम्हार तथा बुनकर जैसे शिल्पकार रहते थे। और शहरो में मुख्य रूप से सुनार, लोहार, बुनकर, टोकरी बुनने वाले, माला बनाने वाले और इत्र बनाने वाले शिल्पकार रहते थे।
प्रश्न 4 – सही जवाब ढूंढो :
1. वलयकूप का उपयोग
नहाने के लिए
कपड़े धोने के लिए।
सिंचाई के लिए
जल निकास के लिए किया जाता था।
2 . आहत सिक्के
चाँदी
सोना
टिन
हाथी दाँत के बने होते थे।
3 . मथुरा महत्त्वपूर्ण
गाँव
पत्तन
धार्मिक केंद्र
जंगल क्षेत्र था।
4 . श्रेणी
शासकों
शिल्पकारों
कृषकों
पशुपालकों का संघ होता था।
उत्तर : (क) 4. जल निकास के लिए किया जाता था।
(ख) 1. चाँदी
(ग) 3. धार्मिक केंद्र
(घ) 2. शिल्पकारों
आओ चर्चा करें
प्रश्न 5 – पृष्ठ 87 पर दिखाए गए लोहे के औजारों में कौन खेती के लिए महत्त्वपूर्ण होंगे? अन्य औज़ार किस काम में आते होंगे ?
उत्तर :- इन औजार में से हासिये और कुल्हाड़ी का प्रयोग तो खेती के कामों में किया जाता होगा जबकि संडसी का प्रयोग लौहारो के अन्य औजारो को बनाने में किया जाता होगा।
प्रश्न 6 – अपने शहर की जल निकास व्यवस्था की तुलना तुम उन शहरों की व्यवस्था से करो, जिनके बारे में तुमने पढ़ा है। इनमें तुम्हें क्या-क्या समानताएँ और अंतर दिखाई दिए ?
उत्तर:- समानताएं:- दोनों व्यवस्थाओ में शहर के गंदे पानी की निकासी शहर से दूर करने का समान उदेश्य था। ताकि शहर के बीच में सफाई की व्यवस्था अच्छी बनी रहे।
अंतर:- पहले समय में नालियाँ भूमिगत नहीं होती थी, लेकिन आज के शहरो में जल निकासी के लिए भूमिगत नालियाँ बनाई गई है। पहले के समय में नालियो के गलियों के बीच में बने होने के प्रमाण मिले है लेकिन अब के समय में नालियाँ गलियों के किनारो पर बनाई जाती है।
आओ करके देखो
प्रश्न 7 – अगर तुमने किसी शिल्पकार को काम करते हुए देखा है तो कुछ वाक्यों में उसका वर्णन करो। ( संकेत : उन्हें कच्चा माल कहाँ से मिलता है, किस तरह के औजारों का प्रयोग करते हैं, तैयार माल का क्या होता है, आदि।
उत्तर :- मैंने बढ़ई शिल्पकार को काम करते देखा है। वह लकड़ी के रूप में कच्चा टिंबर मार्किट से खरीदता है। टिंबर मार्किट में लकड़ी वनों से काटकर लायी जाती है। वह कई प्रकार के औजार; जैसे-लकड़ी घिसने वाला रंदा, लकड़ी काटने वाली आरी, छेद करने वाला, हथौड़ी का प्रयोग करता है। तैयार माल के रूप में मेज, कुर्सी, पलंग, दीवान इत्यादि होते हैं।
प्रश्न 8 – अपने शहर या गाँव के लोगों के कार्यों की एक सूची बनाओ। मथुरा में किए जाने वाले कार्यों से ये कितने समान और कितने भिन्न हैं ?
उत्तर :- शहरों के परिवारों में स्त्री और पुरुष दोनों काम करते है। स्त्रियों और पुरुषो को दोनों को एक सामान समझा जाता है। किसी से कोई भेदभाव नहीं होता। स्त्रियाँ और पुरुष दोनों दफ्तरों और अन्य स्थानों पर काम करते हैं। मथुरा यातायात और व्यापार के दो मुख्य रास्तों पर स्थित था तथा वह एक धार्मिक केंद्र भी था। मथुरा बेहतरीन मूर्तियाँ बनाने का भी केंद्र था।
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