एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें

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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास हमारे अतीत -1 का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना। यह एनसीईआरटी सलूशन कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है।

कक्षा : 6
विषय : सामाजिक विज्ञान (इतिहास, हमारे अतीत -1)
अध्याय : 11
– इमारतें, चित्र तथा किताबें (प्रश्न -उत्तर)

पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न

प्रश्न 1 – अध्याय 9 के पृष्ठ 91 पर दिए गए चित्र की तरह तुम भी मंदिरों तथा स्तूपों के निर्माण के दौरान आने वाले विभिन्न चरणों का चित्र बनाओ।

उत्तर :-विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2 – क्या तुम्हें लगता है कि कालिदास को प्रकृतिप्रेमी कहा जा सकता है?

उत्तर :- हां, क्योंकि कालिदास को बचपन से ही प्रकृति से प्यार था,इसलिए कालिदास को प्रकृति प्रेमी कहा जा सकता है।

प्रश्न 3 – इस उपमहाद्वीप के विभिन्न भागों में महाभारत और रामायण के भिन्न-भिन्न रूपांतर लोकप्रिय हैं। इनके आधार पर नाटक, गीत और नृत्य परंपराएँ भी उभरीं। पता करो तुम्हारे राज्य में कौन-सा रूपांतर प्रचलित है।

उत्तर :- विद्यार्थी अपनी अलग अलग पुस्तक में नाटक, गीत और नृत्य परम्पराओं के रूपान्तर को राज्यों में पता करें।

प्रश्न 4 – क्या तुम बता सकते हो कि इसमें कहानी का कौन-सा हिस्सा दिखाया गया है? यह हिस्सा क्यों चुना गया होगा ?

उत्तर :- इसमें कहानी का वह हिस्सा चुना गया है जिसमें राजा को पहाड़ी पर ले जाया गया था। और राजा भी वहां बंदरों के साथ आम खा रहे है। यह हिस्सा इसलिए दिखाया गया है क्योकि लेखक राजा और प्रजा के बीच प्यार का भाव दिखाना चाहते है।

प्रश्न 5 – रोम के निवासी शून्य का प्रयोग किए बगैर गिनती करते थे। उसके बारे में और भी जानकारी हासिल करने की कोशिश करो।

उत्तर :- विद्यार्थी स्वयं करें।

अन्यत्र

कागज़ आज हमारे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी का हिस्सा बन गया है। जो किताबें हम पढ़ते हैं वे कागज़ पर छपी होती हैं, उसी तरह लिखने के लिए भी हम कागज़ का ही उपयोग करते हैं। कागज का आविष्कार करीब 1900 साल पहले कोई लून नाम के व्यक्ति ने चीन में किया। उसने पौधों के रेशों, कपड़ों, रस्सियों और पेड़ की छालों को पीट-पीट कर लुगदी बनाकर उसे पानी में भिगो दिया। फिर उस लुगदी को दबाकर उसका पानी निचोड़ा और तब सुखा कर कागज़ बनाया।

आज भी हाथ से कागज़ बनाने के लिए इसी विधि को अपनाया जाता है। कागज बनाने की तकनीक को सदियों तक गुप्त रखा गया। करीब 1400 साल पहले यह कोरिया तक पहुँची। | इसके तुरंत बाद ही यह जापान तक फैल गई। करीब 1800 साल पहले यह बगदाद में पहुँची। फिर बगदाद से यह यूरोप, अफ्रीका और एशिया के अन्य भागों में फैली। इस उपमहाद्वीप में भी कागज़ की जानकारी बगदाद से ही आई।

प्रश्न 6 – कागज का आविष्कार कब किसने और कहाँ किया था ?

उत्तर :- कागज का आविष्कार करीब 1900 साल पहले काई लुन नामक व्यक्ति ने चीन में किया था।

प्रश्न 7 – काई लून ने कागज किस विधि से तैयार किया था ?

उत्तर :- इसमें काई लून नाम के व्यक्ति ने पौधों के रेशो, कपड़ो, रसियो और पेड़ की छालो को पीठ पीठ कर लुगदी बनाकर उसे पानी में भिगो दिया। फिर उस लुगदी को दबाकर उसका पानी निचोडा और तब सूखा कर कागज बनाया। आज भी हाथ से कागज बनाने के लिए इस विधि को अपनाया जाता है।

प्रश्न 8 – प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ किस चीज पर तैयार की जाती थीं?

उत्तर :- प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ ताड़पत्रों पर बनाये जाते थे। ये विशेष रूप से भोजपत्रों पर लिखें जाते थे।

प्रश्न अभ्यास

आओ याद करें

प्रश्न 1 – निम्नलिखित का सुमेल करो।

स्तूप – देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित करने की जगह

शिखर – टीला

मंडप – स्तूप के चारों तरफ वृताकार पथ

गर्भग्रह – मंदिर में लॉगो के इक्ट्ठा होने की जगह

परदिक्षणापथ – गर्भग्रह के ऊपर लम्बाई में निर्माण

उत्तर :- स्तूप – टीला

शिखर – गर्भग्रह के ऊपर लम्बाई में निर्माण

मंडप – मंदिर में लॉगो के इकठ्ठा होने की जगह

गर्भग्रह – देवी देवता की मूर्ति स्थापित करने की जगह

प्रदक्षिणापथ – स्तूप के चारों तरफ बना वृताकार पथ

प्रश्न 2 – खाली जगहों को भरो :

(क) ……………………… एक बड़े गणतिज्ञ थे।

(ख) . ……………………… में देवी-देवताओं की कहानियाँ मिलती हैं।

(ग) …………………….. को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता है।

(घ) ……………………… और ……………………… दो तमिल महाकाव्य हैं।

उत्तर:-

(क) आर्यभट एक बड़े गणतिज्ञ थे।

(ख) पुराणों में देवी-देवताओं की कहानियाँ मिलती हैं।

(ग) वाल्मिकि को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता है।

(घ) सिलप्पदिकारम और मणिमेखलई दो तमिल महाकाव्य हैं।

आओ चर्चा करें

प्रश्न 3 – धातुओं के प्रयोग पर जिन अध्यायों में चर्चा हुई है, उनकी सूची बनाओ। धातु से बनी किन-किन चीजों के बारे में चर्चा हुई है या उन्हें दिखाया गया है?

उत्तर :

  • जिन अध्यायों में धातु के प्रयोग पर चर्चा हुई :- अध्याय -4 आरंभिक नगर, अध्याय -5 क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें
  • जिन धातुओं की बनी हुई वस्तुओं की चर्चा अध्यायों में की गई है। :- लोहा, सोना, ताँबा, चाँदी

प्रश्न 4 – पृष्ठ 130 पर लिखी कहानी को पढ़ो। जिन राजाओं के बारे में तुमने अध्याय 6 और 11 में पढ़ा है। उनसे यह बंदर राजा कैसे भिन्न या समान था?

उत्तर :- बंदर भी राजा की तरह सेना रखते थे। वह सही समय पर उचित निर्णय लेते थे। सबके साथ प्यार से बात करते थे।जब उसने देखा कि मानव राजा उसके समुदाय को मार डालना चाहता है तो बंदरों के राजा ने अपनी प्रजा को बचाने की एक योजना बनाई। उसने आम के पेड़ की टहनियों को तोड़कर उन्हें आपस में बाँधकर नदी पर एक पुल बनाया। इसके एक छोर को वह तब तक पकड़े रहा जब तक उसकी सारी प्रजा ने नदी को पार न कर लिया। वह एक महान राजा था, लेकिन किसी भी रूप से यह मानव राजा से अलग नहीं था।

प्रश्न 5 – और भी जानकारी इकट्ठी कर किसी महाकाव्य से एक कहानी सुनाओ।

उत्तर :- पृथ्वीराज रासो हिंदी भाषा में लिखा एक महाकाव्य है जिसमें पृथ्वीराज चौहाण के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है। इसके रचयिता चंदबरदाई पृथ्वीराज के बचपन के मित्र और उनके राजकवि थे और उनकी युद्ध यात्राओ के समय वीर रस कविताओं से सेना को प्रोत्साहित करते थे। प्राचीन समय में प्रचलित प्राय सभी छन्दो का इसमें व्यवहार हुआ है। पृथ्वीराज रासो में दिए हुए सवंतो का अनेक स्थानो पर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ मेल न खाने के कारण अनेक विद्वान पृथवीराज के समसामयिक किसी कवि की रचना होने में संदेह करते है। इस रचना की सबसे पुरानी प्रति बीकानेर के राजकीय पुस्तक में मिली है।

रचना के अंत में पृथ्वीराज द्वारा शब्द बेदी बान चला कर गोरी को मारने की बात भी की गई है। पृथ्वीराज अजमेर का शासक था। मुस्लमान इतिहासकारो के अनुसार गोरी से पृथ्वीराज के दो युद्ध हुए थे। यह वीर रस का हिंदी का सर्वश्रेष्ट काव्य है। पाठक रचना भर में उत्साह की एक उमडती हुई सरिता में बहता चलता है। अन्य रसो का भी इस महाकाव्य में अभाव नहीं है। महाकाव्य होते हुए भी पृथ्वीराजरासो में प्रबन्ध निर्वाह का अभाव है। नाना प्रकार की भाषायें इस ग्रन्थ में मिलती है। बहुत से शब्द तो ऐसे होते है जो उस समय के लिखें ही नहीं जान पड़ते है। इस रासो का काव्य रूप दसवीं शताब्दी के साहित्य के काव्य रूप से समानता रखते है। पृथ्वीराज का गोरी को बार बार क्षमा कर देना भले ही एतिहासिक ना हो, किंतु इससे नायक के चरित्र की उदारता का अभीष्ट प्रभाव पाठको के ह्र्दयपटल पर अंकित हो जाता है।

आओ करके देखो

प्रश्न -6. इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार से सक्षम व्यक्तियों (विकलांग) के लिए और अधिक प्रवेश योग्य कैसे बनाया जाए? इसके लिए सुझावों की एक सूची बनाओ।

उत्तर :- इमारतों तथा स्मारकों को अन्य प्रकार से सक्षम वो व्यक्ति जो विकलांग है उनके लिए पैडियो पर चढ़ने के लिए कुछ ऐसी सुविधाएं होनी चहिए जिससे आने जाने में थोड़ी आसानी हो। जहाँ रौशनी ना हो वहां लाइट की व्यवस्था की जानी चहिए। और जो व्यक्ति विकलांग है उनके लिए तो आने जाने की अलग जगह होनी चहिए।

प्रश्न -7. कागज़ के अधिक से अधिक उपयोगों की एक सूची बनाओ।

उत्तर:- कागज मुख्य रूप से लिखने और छपाई के लिए प्रयुक्त होता था।आजकल कागज बनाने में मुख्यत: कपड़ो के चिथड़े, बांस, रद्दी के कागज, पेड़ो की लकडियाँ इत्यादि का उपयोग होता है।

प्रश्न -8. इस अध्याय में बताए गए स्थानों में से तुम्हें किसी एक को देखने का मौका मिले तो किसे चुनोगे और क्यों?

उत्तर :- इस अध्याय में हम ऐहोल का दुर्गा माँ का मंदिर देखना चाहेगे। यह लगभग 1400 साल पहले बनाया गया था। कई मंदिरो में इसका काफी ऊचांई तक निर्माण किया गया था। अधिकतर मंदिरो में मंडप नाम की एक जगह होती है। यह एक सभागार होता था जहाँ लोग इक्ट्ठा होते थे।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 6 इतिहास के सभी चैप्टर नीचे लिंक से प्राप्त करें

अध्याय संख्याअध्याय के नाम
1क्या, कब, कहाँ और कैसे
2आखेट – खाद्य संग्रह से भोजन उत्पादन तक
3आरंभिक नगर
4क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें
5राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य
6नए प्रश्न नए विचार
7अशोकः एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया
8खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर
9व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री
10नए साम्राज्य और राज्य
11इमारतें, चित्र तथा किताब

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