सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं? (Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain?): सकर्मक क्रिया की परिभाषा, प्रक्रार, उदाहरण और सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर

Photo of author
Ekta Ranga

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya)- हमने अपनी पिछली पोस्ट में पढ़ा की अकर्मक क्रिया क्या होती है, उसके कितने प्रकार होते हैं और अकर्मक क्रिया और सकर्मक क्रिया में क्या अंतर होता है। आज का हमारा विषय है कि सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं (Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain)। ऐसे देखा जाए तो क्रिया वाला अध्याय समझने में थोड़ा सा टेढ़ा है। परंतु हम इस को अच्छे से समझ सकते हैं अगर हम इसको हल्के में ना लेकर इस विषय को गहनता से समझे। हम अकर्मक क्रिया को अंग्रेजी में Intransitive Verb कहते हैं और सकर्मक क्रिया को Transitive Verb कहते हैं।

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya)

क्रिया के जो दो भेद हैं वह दोनों ही अपने आप में विशेष हैं। क्रिया को हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। क्रिया के दो भेद होते हैं- अकर्मक क्रिया और सकर्मक क्रिया। आज का हमारा विषय है कि सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं? (Sakarmak Kriya Kise Kahate Hain), इसके कितने प्रकार हैं और अकर्मक क्रिया और सकर्मक क्रिया के बीच क्या भेद है। क्रिया के जिस वाक्य में कर्म की जरूरत पड़ती है उसे हम सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- महिमा ने खाना खाया। इस उदाहरण में महिमा कर्ता है, ‘खाया’ क्रिया है और ‘खाना’ कर्म को दर्शा रहा है। तो आज हम ये भी जानेंगे कि सकर्मक क्रिया की परिभाषा क्या होती है। तो आइए इसको विस्तार से समझने के लिए हम इस पोस्ट को पढ़ना शुरू करें।

सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं?

सकर्मक क्रिया क्रिया का वह रूप है जिसमें क्रिया का प्रभाव कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है, तो क्रिया के उस रूप को सकर्मक क्रिया कहते हैं।

ये भी पढ़ें

हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) | Alphabets In Hindiयहाँ से पढ़ें
कारक किसे कहते हैं? (Karak Kise Kahate Hain?)यहाँ से पढ़ें
संज्ञा किसे कहते हैं? (Sangya Kise Kahate Hain?)यहाँ से पढ़ें
अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं? (Akarmak Kriya Kise Kahate Hain)यहाँ से पढ़ें

सकर्मक क्रिया की परिभाषा

हमने पिछली पोस्ट के माध्यम से यह समझा था कि अकर्मक क्रिया का अर्थ क्या होता है। अकर्मक क्रिया का अर्थ उस क्रिया से है जहां पर कर्म का अभाव होता है। परंतु सकर्मक क्रिया अकर्मक क्रिया के विपरीत है।

हिंदी व्याकरण के अनुसार जिस क्रिया का प्रभाव कर्ता पर पर ना पड़कर कर्म पर पड़ता है उसे हम सकर्मक क्रिया के नाम से जानते हैं। उदाहरण के लिए हम कहेंगे कि महेश अभिनय दिखा रहा है। तो इस वाक्य में ‘दिखा’ एक क्रिया है और अभिनय एक प्रकार से कर्म है। इसी प्रकार महेश कर्ता है। इस उदाहरण से यह साफ पता चल रहा है कि सकर्मक क्रिया में एक वाक्य का अर्थ तब तक अच्छे से समझ नहीं आ सकता है जब तक उसमें कर्म का अभाव हो।

सकर्मक क्रिया के कुछ उदाहरण

1 ) मैं गाने सुनती हूं।

2 ) मां बर्तन धोती है।

3 ) क्या मैं यह पुस्तक खरीद सकता हूं?

4 ) मीरा चाबी टेबल पर ही भूल गई।

5 ) उसने हाथों में बल्ला थाम लिया।

6 ) वरूण रिया से बहुत प्यार करता है।

7 ) मैंने अपनी दोस्त के लिए उपहार खरीदा।

8 ) दिल्ली में आज तेज बारिश हुई।

सकर्मक क्रिया के प्रकार

सकर्मक क्रिया के दो प्रकार होते हैं-

1 ) एककर्मक क्रिया

2 ) द्विकर्मक क्रिया

एककर्मक क्रिया

क्रिया का जो वाक्य एक ही कर्म को दर्शा रहा हो तब वह एककर्मक क्रिया कहलायी जाती है। उदाहरण के लिए-

1 ) सुरेश गाना गाता है।

2 ) मधु फुटबॉल खेलती है।

3 ) तारा टीवी देखती है।

4 ) अजय लीची खाता है।

5 ) किसान हल चला रहा है।

6 ) डाॅक्टर इलाज कर रहा है।

उपर दिए गए उदाहरणों में हमें यह पता चल रहा है कि यहां पर कर्म सुरेश, मधु, तारा और अजय, किसान और डाॅक्टर है। इन सभी व्यक्तियों पर क्रिया का प्रभाव पड़ रहा है।

द्विकर्मक क्रिया

क्रिया का जो वाक्य दो तरह के कर्म को दर्शा रहा हो तब वह द्विकर्मक क्रिया कहलायी जाती है। उदाहरण के लिए-

1 ) मैंने पापा की पुरानी घड़ी बेच दी।

2 ) लक्ष्मण जी ने शूर्णपखा की नाक काट दी।

3 ) मयंक ने घायल आदमी को अस्पताल पहुंचाया।

4 ) मोहन ने रवि का खाना खा लिया।

5 ) राजा ने जनता से कर वसूली की।

द्विकर्मक क्रिया में जो दो कर्म होते हैं उसमें एक सजीव होता है और दूसरा निर्जीव होता है।

सकर्मक क्रिया के उदाहरण

1 ) करूणा बाजार जाती है।

2 ) मेरी दादी सब्जी बनाएगी।

3 ) मेरा भाई चिड़ियाघर जाएगा।

4 ) भारत तैराकी में गोल्ड मेडल लाएगा।

5 ) डाॅक्टर मोहन का इलाज कर रहा है।

6 ) बच्चे जोर-शोर से नाच रहे हैं।

7 ) आसमान में पक्षी उड़ रहे हैं।

8 ) वर्षा अपने गांव चली गई।

सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर

सकर्मक क्रियाअकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया में कर्म का आभाव नहीं होता है।अकर्मक क्रिया में कर्म का आभाव होता है।
जहां पर आपको क्रिया से प्रश्न करने पर आपको निर्जीव संज्ञा के रूप में प्रत्युत्तर मिले तो वह सकर्मक क्रिया का उदाहरण है। जहां पर आपको क्रिया से प्रश्न करने पर आपको निर्जीव संज्ञा के रूप में प्रत्युत्तर ना मिले तो वह सकर्मक क्रिया का उदाहरण है।
जैसे- श्याम खाना खाता है।जैसे- श्याम खाता है।

सकर्मक और अकर्मक क्रिया के बीच के अंतर को कैसे पहचानें?

जब हमें यह पता लगाना हो कि सकर्मक और अकर्मक के बीच क्या अंतर है तो हम इसका पता वाक्य में ‘क्या’ प्रश्न लगाकर देख सकते हैं। इसका उदाहरण हम ऐसे समझ सकते हैं- मोहन गीत गाता है। अब इस उदाहरण में आप क्या शब्द लगाकर प्रश्न पूछ सकते हैं कि मोहन क्या गाता है? तो आपको उत्तर मिलेगा कि मोहन गीत गाता है। यहां गीत निर्जीव संज्ञा है। जहां पर आपको क्रिया से प्रश्न करने पर आपको निर्जीव संज्ञा के रूप में प्रत्युत्तर मिले तो वह सकर्मक क्रिया का उदाहरण है। वहीं इसके विपरीत क्रिया से प्रश्न करने पर आपको निर्जीव संज्ञा के रूप में प्रत्युत्तर ना मिले तो वह सकर्मक क्रिया का उदाहरण है।

निष्कर्ष

तो आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने यह समझा कि सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं। इसके कितने प्रकार होते हैं और सकर्मक और अकर्मक क्रिया में क्या अंतर होता है। हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह प्रयास पसंद आया होगा।

FAQ’S

Q1. सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं?

A1. क्रिया का वह रूप जो कर्म के बिना अधूरा है उसे हम सकर्मक क्रिया कहते हैं। हिंदी व्याकरण के अनुसार जिस क्रिया का प्रभाव कर्ता पर पर ना पड़कर कर्म पर पड़ता है उसे हम सकर्मक क्रिया के नाम से जानते हैं।

Q2. सकर्मक क्रिया के कितने रूप होते हैं?

A2. सकर्मक क्रिया के 2 रूप होते है –

1 ) एककर्मक क्रिया

2 ) द्विकर्मक क्रिया

Q3. राहुल विजय को गणित पढ़ाता है- यह अकर्मक क्रिया का उदाहरण है या सकर्मक क्रिया का?

A3. यह वाक्य सकर्मक क्रिया है।

हिंदी व्याकरण से जुड़ी अन्य जानकारी के लिएयहां क्लिक करें

Leave a Reply