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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 13 जहाँ पहिया है

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PP Team
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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 13 जहाँ पहिया है प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए इस आर्टिकल पर कक्षा 8 हिंदी पाठ 13 के प्रश्न उत्तर दिए हुए हैं। छात्र कक्षा 8 हिंदी किताब के प्रश्न उत्तर पाठ 13 जहाँ पहिया है के माध्यम से परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 8 हिंदी अध्याय 13 सवाल जवाब साधारण भाषा में बनाए गए है। जिससे छात्र class 8 hindi chapter 13 question answer सही से समझ सके। छात्रों के लिए वसंत भाग 3 कक्षा 8 पाठ 13 जहाँ पहिया है के प्रश्न उत्तर नीचे दिए हुए हैं।

Ncert Solutions For Class 8 Vasant Chapter 13 जहाँ पहिया है

हिंदी 8 वीं कक्षा अध्याय 13 जहाँ पहिया है के प्रश्न उत्तर को एनसीईआरटी यानि (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) के सहायता से बनाया गया है। कक्षा 8 की हिंदी की किताब के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। देखा गया है कि छात्र कक्षा आठवीं हिंदी गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से कक्षा आठ के हिंदी के प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। छात्र ncert solutions for class 8th hindi chapter 13 जहाँ पहिया है नीचे देखें।

कक्षा : 8
विषय : हिंदी (वसंत भाग -3)
पाठ : 13 जहाँ पहिया है

प्रश्न-अभ्यास

जंजीरें

प्रश्न 1 – “उन जंजीरों को तोड़ने का, जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं…”

आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है ?

उत्तर :- लेखक पी० साईनाथ ‘जंजीरों के माध्यम से महिलाओं की समस्याओं की ओर इशारा इशारा कर रहे हैं। तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं को किसी भी चीज की आजादी नहीं थी। गांव के पुरुष महिलाओं को पैर की जूती समझते थे। उन्हें नारी और पशु के अंदर कोई अंतर नहीं दिखाई देता था। लेखक ने जंजीरों का इस्तेमाल महिलाओं की स्वतंत्रता को लेकर किया है। लेखक का मानना है कि महिलाओं को जंजीरों में बांध रखा है।

प्रश्न 2 – क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं ? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

उत्तर :- मैं लेखक की सभी बातों से सहमत हूँ। पुडुकोट्टई जिले में महिलाओं का जीवन नरक हो गया था। उन्हें किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता नहीं थी। यह सब पुरुषों के कारण हो रहा था। महिलाएं हमेशा से उन पाबंदियों से निकलना चाहती थी। इसलिए उन्होंने साइकिल चलाना सीखा और कामयाब भी हुई। साइकिल होता से महिलाओं के जीवन में खुशियाँ आई। वह खुद आत्मनिर्भरता बनी। उनको पुरुष पर निर्भर नहीं होना पड़ा। फिर उनका जीनव खुशहाल हो गया।

पहिया :-

प्रश्न 1 –  ‘साइकिल आंदोलन’ से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं ?

उत्तर:-  ‘साइकिल आंदोलन’ से पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं के जीवन में अनेक महत्त्वपूर्ण बदलाव थे।

  • साइकल आंदोलन ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया।
  • पहले उन्होंने दूर तक पैदल पानी लेने जाना पड़ता था लेकिन साइकल से यह काम आसान हो गया।
  • एक स्थान से दूसरे स्थान सामान लें जाना आसान हो गया।
  • महिलाओं को स्वतंत्रता का अनुभव हुआ।
  • अब उन्होंने किसी भी काम के लिए पुरुष पर निर्भर नहीं होना पड़ता था।

प्रश्न 2 –  शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया,  क्यों ?

उत्तर :- पुरुष हमेशा से महिलाओं को अपने साथ खड़ा होता देखना नहीं चाहते थे। वे महिलाओं को आजादी देना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस आंदोलन का विरोध किया था। लेकिन साइकिल्स के मालिक ने अपनी बिक्री के लिए साइकल आंदोलन का समर्थन किया। साइकिल के मालिक की अचानक बिक्री बढ़ गई थी। बिक्री में 350 प्रतिशत का इजाफा हो गया था। साइकल का मालिक अधिक बिक्री चाहता था। इसलिए उसने साइकिल आंदोलन का समर्थन किया।

प्रश्न 3 – प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई ?

उत्तर:- आप जब भी कोई अच्छा काम शुरू करते है तो उसमें अनेक प्रकार की बाधाएं आती है। ऐसे ही साइकिल आंदोलन में भी प्रारंभ में बाधाएं आई। महिलाओं को शुरू से पुरुष के अधीन देखा जाता है। पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं पर साइकिल के लिए पुरुष ने बहुत ताने मारे और वे महिलाओं को परिवार का कलंक और अपराधी मानते थे। आंदोलन के शुरुआत में महिलाओं को यह सब सहना पड़ा। ये सब ही बाधा उनके सामने आई। लेकिन महिलाओं ने आखिरकार इन सभी बाधाओं को दूर करते हुए साइकिल आंदोलन को सफल बनाया।

शीर्षक की बात :-

प्रश्न 1 – आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ क्यों रखा होगा ?

उत्तर :- मेरे अनुसार लेखक पी. साईनाथ ने पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ इसलिए रखा होगा क्योंकि यह उन्नति एवं प्रगति का प्रतीक है। पहिया समय के साथ चलने की प्रेरणा देता है। इसी प्रेरणा को ग्रहण कर महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक रूप में साइकिल को चुना। सत्तर हजार से भी अधिक महिलाओं ने प्रदर्शन एवं प्रतियोगिता ‘जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बड़े गर्व के साथ अपने नए कौशल का प्रदर्शन किया और अभी उनमें साइकिल चलाने की इच्छा शक्ति बाकी है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ उपयुक्त एवं सार्थक प्रतीत होता है।

प्रश्न 2 – अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।

उत्तर:- मेरे अनुसार इस पाठ के अनेक नाम हो सकते है। लेकिन दो नाम स्वतंत्र नारी या जागृत महिलाएं भी हो सकता है। यह दोनों नाम पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं के जीवन पर आधारित है। अब महिलाएं पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो चुकी हैं। उनके पास अब साइकिल है जिससे कई भी आ जा सकती हैं। अब उन्हें किसी भी पुरुष पर निर्भर नहीं होना पड़ता है। वे अब सभी काम खुद कर सकती हैं। आप खुद भी कोई शीर्षक रख सकते है।

समझने की बात:-

 “लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण औरतों के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज़ उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है।“

प्रश्न 1 – साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है ? समूह बनाकर चर्चा कीजिए। “पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।“

उत्तर :- ग्रामीण क्षेत्र में एक महिला का साइकिल चलाना हवाई जहाज से कम नहीं है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में आज भी ज्यादा मात्रा में महिला साइकिल नहीं चलाती हैं। औरतों का ग्रामीण क्षेत्र में साइकिल चलाना बहुत बड़ी उपलब्धि है। अगर हम महत्वपूर्ण की बात करें तो आज ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का साइकिल चलाना बहुत महत्वपूर्ण हो गया हैं। अगर महिला साइकिल चलाती है तो उनका काफी काम आसान हो जायेगा। उनको किसी भी पुरुष पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। वे अपनी मर्जी से कई भी जा सकेंगी। इसलिए महिलाओं के लिए साइकिल जैसी सामान्य वस्तु अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 2 – “पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।” साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है ? साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया हैं ?

उत्तर :- साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है ? इसके काफी कारण हो सकते है। साइकिल हमेशा एक अच्छा साधन माना गया है। ग्रामीण क्षेत्र हो या शहर दोनों जगह आज भी साइकिल चलाई जाती है। शहर में लोग अपना वजन कम करने के लिए चलाते हैं वही ग्रामीण क्षेत्र में काम और एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए चलाते हैं। साइकिल एक सस्ता और टिकाऊ साधन है। इसकी देख रेख करने में काफी कम खर्चा आता है। आज बच्चा, स्त्री, पुरुष सब इस साधन का उपयोग करते हैं। इसमें पेट्रोल या डीजल का खर्चा भी नहीं आता हैं। इसलिए साइकिल को एक विनम्र सवारी कहा गया है।

साइकिल :-

प्रश्न:-1.  फातिमा ने कहा, “… मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।“ साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को आज़ादी का अनुभव क्यों होता होगा ?

उत्तर:- फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को साइकिल चलाने से आजादी का अनुभव जरूर होता होगा। निम्नलिखिति प्रकार हो सकते है :-

  • उन्हें अब किसी भी पुरुष पर निर्भर नहीं होना पड़ता है।
  • वे अब किसी भी काम को आसानी से कर लेती हैं।
  • वे आजादी से अब कई भी घूम-फिर सकती है।
  • साइकिल चलाने से बंधन का अनुभव पूरी तरह ख़त्म हो गया।
  • साइकिल ने उनका जीवन सरल बना दिया। जिससे उन्हें साइकिल चलाने से आजादी का अनुभव हुआ।

कल्पना से :-

प्रश्न 1 – पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी चिन्ह क्या बनाती और क्यों ?

उत्तर:- पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी साइकिल को ही बनाती। क्योंकि साइकिल से ही उनके जीवन नया बदलाव आया। मानों कि साइकिल ने पुडुकोट्टई जिले में महिलाओं जीवन ही बदल दिया हो। साइकिल ने ही उनको आजादी दिलाई और उनको आत्मनिर्भर बनाया। इसलिए चुनाव के लिए महिलाएं चुनाव चिन्ह साइकिल ही बनाती।

प्रश्न 2 – अगर दुनिया के सभी पहिये हड़ताल कर दें तो क्या होगा ?

उतर :-  अगर दुनिया में सभी पहिये हड़ताल पर चले गए तो दुनिया थम सी जाएगी। इसका उदाहरण हम कोरोना के समय लगे सम्पूर्ण लॉकडाउन से ले सकते हैं। पहियों का चलता रहना जीवन में बहुत जरुरी है। इससे ज्यादा जरुरी कुछ भी नहीं हैं। अगर पहिये रुक गए तो हमारी अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी। विकास और मानव के लिए पहियों का चलना बहुत जरुरी हैं।

प्रश्न 3 – “1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।“ इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिये।

उत्तर :- मुझे पूरा यकीन है अब यह जिला पहले जैसा नहीं हो सकता है। अब महिलाओं में जागरूकता आ चुकी हैं। महिलाएं अपने साहस और परिश्रम से पुरुष प्रधान समाज से बाहर निकली हैं। साइकिल आंदोलन अब प्रगति पर है। 1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह जिला कभी भी पहले जैसा नहीं बन सकता हैं।

प्रश्न 4 – मान लीजिए आप एक संवाददाता हैं। आपको 8 मार्च, 1992 के दिन पुडुकोट्टई में हुई घटना का समाचार तैयार करना है। पाठ में दी गई सूचनाओं और अपनी कल्पना से एक समाचार तैयार कीजिए।

उत्तर:-  छात्र इसका उत्तर खुद लिखें।

प्रश्न 5 – अगले पृष्ठ पर दी गयी ‘पिता के बाद’ कविता को पढ़िए। क्या कविता में और फातिमा की बात में कोई संबंध हो सकता है ? अपने विचार लिखिए।

उत्तर – मेरे विचार से कविता में फातिमा की बात से संबंध है। पिता के बाद कविता में लड़कियों को सम्मान दिया हुआ है। लड़कियां माँ की तरह होती है जो हर दुःख में साथ देती है। पिता का सहारा बनती है। दुःख को खुशी के तरह जीती है। जीवन में कैसी भी परिस्थिति हो लड़किया हमेशा खुश रहती हैं।

भाषा की बात :-

प्रश्न 1 – उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ ‘उपसर्ग’ और प्रत्यय इस प्रकार हैं- अभि, प्र, अनु, परि, वि (उपसर्ग), इक वाला, ता, ना।

उत्तर:-

उपसर्ग         मूल शब्द           समस्त पद

अभि             वादन               अभिवादन

प्र                 शिक्षण               प्रशिक्षण

अनु               पालन                अनुपालन

 परि               त्याग                 परित्याग

 वि                 रोध                    विरोध

इक                मास                  मासिक

वाला             साइकिल            साइकिल वाला

 ता                 सतर्क                 सतर्कता

ना                   जान                   जानना

कक्षा 8 हिंदी वसंत के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1ध्वनि (कविता)
2लाख की चूड़ियाँ (कहानी)
3बस की यात्रा (व्यंग्य)
4दीवानों की हस्ती (कविता)
5चिट्ठियों की अनूठी दुनिया (निबंध)
6भगवान के डाकिए (कविता)
7क्या निराश हुआ जाए (निबंध)
8यह सबसे कठिन समय नहीं (कविता)
9कबीर की साखियाँ
10कामचोर (कहानी)
11जब सिनेमा ने बोलना सीखा
12सुदामा चरित (कविता)
13जहाँ पहिया है (रिपोर्ताज)
14अकबरी लोटा (कहानी)
15सूर के पद (कविता)
16पानी की कहानी (निबंध)
17बाज और साँप (कहानी)
18टोपी (कहानी

छात्रों को कक्षा 8 हिंदी अध्याय 13 के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 13 जहाँ पहिया है के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। हम आशा करते है कि आपको हमारे यह कक्षा 8 हिंदी के प्रश्न उत्तर पसंद आए होंगे। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी का मुख्य पेजयहां से देखें

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