एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 4 दीवानों की हस्ती

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 4 दीवानों की हस्ती प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए इस आर्टिकल पर कक्षा 8 हिंदी पाठ 4 के प्रश्न उत्तर दिए हुए हैं। छात्र कक्षा 8 हिंदी किताब के प्रश्न उत्तर पाठ 4 दीवानों की हस्ती के माध्यम से परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं। छात्रों के लिए कक्षा 8 हिंदी अध्याय 4 सवाल जवाब साधारण भाषा में बनाए गए है। जिससे छात्र class 8 hindi chapter 4 question answer सही से समझ सके। छात्रों के लिए वसंत भाग 3 कक्षा 8 पाठ 4 दीवानों की हस्ती के प्रश्न उत्तर नीचे दिए हुए हैं।

Ncert Solutions For Class 8 Vasant Chapter 4 दीवानों की हस्ती

हिंदी 8 वीं कक्षा अध्याय 4 दीवानों की हस्ती के प्रश्न उत्तर को एनसीईआरटी यानि (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) के सहायता से बनाया गया है। कक्षा 8 की हिंदी की किताब के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। देखा गया है कि छात्र कक्षा आठवीं हिंदी गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से कक्षा आठ के हिंदी के प्रश्न उत्तर पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। छात्र ncert solutions for class 8th hindi chapter 4 दीवानों की हस्ती नीचे देखें।

कक्षा : 8
विषय : हिंदी (वसंत भाग -3)
पाठ : 4 दीवानों की हस्ती

प्रश्न अभ्यास

कविता से :-

प्रश्न 1 – कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर वह जाना क्यों कहा है ?

उत्तर :- कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि उसके आने से लोगों के मन बहुत खुश हो जाते है। दूसरी तरफ उसके जाने से लोगों को दुख होता है। वे उसकी होने की खुशी और जाने के गम में कमी अनुभव करते है।

प्रश्न 2 – भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है ?

उत्तर:- कवि भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटाने के लिए कहता है पर वह अपने कार्य में पूरी तरह सफल नहीं हो पाता। वह अपनी हार का भार लेकर वापिस जा रहा है। यह कवि की निराशा ही है जो उसके मन के भाव को निराशा में ही डुबोए जा रही है।

प्रश्न 3 – कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी ?

उत्तर :- इस कविता की पंक्ति :-

हम भिखमंगों की दुनिया में,

स्वछंद लुटाकर प्यार चले।

इस पंक्ति का भाव दिल को खुशी प्रदान करने वाला है। कवि भिखारियों की दुनिया में स्वतंत्र और स्वार्थ से रहित होकर अपना प्यार लुटाना चाहता है, लेकिन इस कार्य में पूर्ण सफलता न मिल पाने के कारण वह एक चिह्न अपने हृदय पर लेकर चल पड़ा है।

कविता से आगे :-

प्रश्न 1 – जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है ? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए।

उत्तर :- ऐसा जरूर होना चाहिए कि हर किसी के जीवन में मस्ती होनी चाहिए। ताकि जीवन को सुखमय तरीके से बिताया जा सके। जीवन नीरस नहीं होना चाहिए। हर व्यक्ति अपनी उम्र के हिसाब से मस्ती का तरीका ढूंढ लेते है। छोटे बच्चे खेलकर, पार्क में घूमकर, शरारतें करके मस्ती करते है। युवा वर्ग नई – नई जगहों पर घूमकर, कही डिस्को में जाकर, नाच – गाकर, और बूढ़े लोग सबके साथ बैठकर बातें करके, गीत गाते हुए अपना जीवन बिताते है। लेकिन मस्ती करने की भी एक हद होती है। जब वह अनियनंत्रित होती है तो व्यक्ति या बच्चें के लिए भविष्य को खराब करने की बात तक पहुँचती है। वह उसे उसके रास्तों से जहा उसे आगे जीवन में बढ़ना है उससे भटका सकती है।

अनुमान और कल्पना:-

प्रश्न 1 – एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि “हम दीवानों की क्या हस्ती हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।“ दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम पूल उड़ाते जहाँ चलें।“ यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई है?

उत्तर :- हर व्यक्ति के जीवन में सुख – दुख का प्रचलन चलता रहता है। सबके सुख और दुख भी अलग-अलग तरह के होते है। सब अपना जीवन भी अपने तरीके के हिसाब से चलते है। ऐसा नहीं कि अगर किसी व्यक्ति को किसी बात से सुख प्राप्त हुआ तो किसी और को भी सुख ही मिले, हो सकता है सामने वाले को उस बात स दुख हुआ हो। कोई किसी के सुख से सुखी होता है तो कोई किसी के सुख से दुखी।

जैसे:-

  •  आए बन कर उल्लास अभी,

       आंसू बन कर बह चले अभी। (जिसमे खुशी भी है और दुख भी।)

  • छक कर सुख – दुख के घूंटों को

हम एक भाव से पिये चले। (जिसमें दुख और सुख के एक जैसे भाव है।)

भाषा की बात:-

प्रश्न 1 – संतुष्टि के लिए कवि ने ‘छक्कर’ ‘जी भरकर’ और ‘खुलकर’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करनेवाले कुछ और शब्द सोचका लिखिए।  जैसे – हँसकर, गाकर।

उत्तर :- लुटाकर, गिराकर, सुलाकर, नहाकर, रोककर।

कक्षा 8 हिंदी वसंत के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1ध्वनि (कविता)
2लाख की चूड़ियाँ (कहानी)
3बस की यात्रा (व्यंग्य)
4दीवानों की हस्ती (कविता)
5चिट्ठियों की अनूठी दुनिया (निबंध)
6भगवान के डाकिए (कविता)
7क्या निराश हुआ जाए (निबंध)
8यह सबसे कठिन समय नहीं (कविता)
9कबीर की साखियाँ
10कामचोर (कहानी)
11जब सिनेमा ने बोलना सीखा
12सुदामा चरित (कविता)
13जहाँ पहिया है (रिपोर्ताज)
14अकबरी लोटा (कहानी)
15सूर के पद (कविता)
16पानी की कहानी (निबंध)
17बाज और साँप (कहानी)
18टोपी (कहानी

छात्रों को कक्षा 8 हिंदी अध्याय 4 के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। कक्षा 8 हिंदी वसंत अध्याय 4 दीवानों की हस्ती के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। हम आशा करते है कि आपको हमारे यह कक्षा 8 हिंदी के प्रश्न उत्तर पसंद आए होंगे। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।

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