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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi)

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Ekta Ranga

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao Essay In Hindi)- मेरी दादी जब छोटी थीं तो उस समय उनके शहर में नाममात्र की लड़कियां ही स्कूल जाया करती थीं। मेरी दादी पढ़ाई में बहुत होनहार थीं। उनकी पढ़ाई की ललक देखकर उनके पिता ने उन्हें मैट्रिक की परीक्षा भी दिलवा दी। समाज वालों ने बहुत विरोध किया मेरी दादीजी का। लेकिन वह अपनी प्रतिभा के चलते सरकारी टीचर बनने में कामयाब रहीं। उन्हें गर्व था कि उनके पिता ने उनको पढ़ा-लिखाकर इतना बड़ा किया। उन्हें खुद पर गर्व था कि वह एक सशक्त नारी थीं। नारी हमेशा से ही ताकतवर रही है। हमारे शास्त्रों में नारी को हमेशा ही ऊंचा स्थान दिया गया है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (Essay On Beti Bachao Beti Padhao In Hindi)

मेरी दादी बचपन में एक सीख दिया करती थीं कि जिस घर में नारी का सम्मान किया जाता है, उस घर में सुख समृद्धि कभी भी खत्म नहीं होती। उस घर को साक्षात भगवान द्वारा आशीर्वाद दिया जाता है। घर में जब भी बेटियां पैदा होती हैं तो वह साक्षात मां दुर्गा का रूप होती हैं। लड़कियां होना किस्मत की बात होती है। लड़कियां हमारे घर को महकाती हैं। आज के दौर में लड़कियां आसमान को छू रही हैं। लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। वह पुरुषों को टक्कर दे रही हैं। लेकिन आज भी लड़कियों के साथ भेदभाव कम नहीं हुआ है। आज भी बहुत सी जगह लड़कियों को लड़कों से कम आंका जाता है। आज भी महिलाओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध

आज का हमारा विषय बेटी बचाओ अभियान पर आधारित है। इस पोस्ट में हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखने का प्रयास किया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध के माध्यम से आप जान पाएंगे कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्या है, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लाभ क्या हैं और हमारे देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान की आवश्यकता क्यों पढ़ी। तो चलिए हम निबंध पढ़ना शुरू करते हैं।

प्रस्तावना

मेरे पिता हर साल डाॅटर डे मनाते हैं। उनको मुझ पर बहुत गर्व है। मैं मेरे पापा की आंख का तारा हूं। उन्होंने मेरी परवरिश में कोई भी कमी नहीं छोड़ी। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मैं उनकी बेटी हूं। लेकिन मैं जब भी अखबार या टीवी पर महिला के प्रति हिंसा से जुड़ी कोई खबर देखती हूं, तो मैं एकदम से दुखी हो जाती हूं। आए दिन खबरें पढ़ने को मिलती हैं। किसी खबर में बाल विवाह का उल्लेख होता है, तो किसी खबर में दहेज हत्या का।

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मुझे समझ में नहीं आता कि जब देश ने इतनी प्रगति कर ली है तो भी ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं। महिलाओं के प्रति ऐसी होने वाली घटनाओं को ही देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को हुई थी। इस अभियान के तहत भारत की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इससे बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा मिलता है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्या है?

भारत दिन-ब-दिन प्रगति कर रहा है। इस प्रगति के साथ भारत की जनसंख्या भी बढ़ रही है। इस बढ़ती जनसंख्या में आज भी पुरूषों की संख्या ज्यादा है। आज के बदलते दौर में आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो बेटी की जगह बेटा चाहते हैं। अगर उनको बेटी पैदा होती है तो वह उसे बोझ की तरह समझते हैं। ऐसे में बेटियों के प्रति भेदभाव देखने को मिलता है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भारत सरकार की एक शानदार योजना है। इस योजना की मदद से लड़कियों की उच्च शिक्षा का रास्ता खुल जाएगा। जब बेटियां पढ़ेंगी-लिखेंगी तो ही रोजगार के लायक बन पाएंगी। रोजगार मिलने से लड़कियां आत्मनिर्भर बन पाएंगी। इस योजना की मदद से बालिका भ्रूण हत्या पर रोक लगाने पर मदद मिलेगी। यह योजना बालिकाओं के लिए सफलता का रास्ता खोलेगी।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के लाभ

(1) इस योजना से बालिका भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

(2) इस योजना की मदद से बालिकाएं उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने में सफल होंगी।

(3) बेटी बचाओ अभियान के तहत लड़कियां रोजगार प्राप्त कर सकेंगी।

(4) लड़कियों को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिल पाएगा। वह ऊंचे पद पर नियुक्त हो सकेंगी।

(5) यह योजना लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। इससे लड़कियों के साथ होने वाले अपराध पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

(6) इस योजना से बालिकाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

(7) यह अभियान दहेज प्रथा की कुरीति को तोड़ने में मदद करेगा।

(8) भारत के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया यह अभियान एक सफल अभियान बनने की राह पर चल रहा है।

(9) इस अभियान से समाज में जागरूकता फैलेगी। इससे लड़कियों का आत्मविश्वास दोगुना हो जाएगा।

(10) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की मदद से बाल विवाह पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की जरूरत क्यों पड़ी?

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान एक ऐतिहासिक कदम था महिलाओं के लिए। इस योजना को सफलतापूर्वक चलाने का श्रेय महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को जाता है। इस योजना को 22 जनवरी 2015 को सफलतापूर्वक लागू किया गया था। आखिर इस योजना को शुरू करने के पीछे क्या कारण रहा होगा? दरअसल इस अभियान को शुरू करना बहुत जरूरी था।

हमारे देश में महिलाओं को दहेज प्रथा के लिए प्रताड़ित करना, कन्याओं को उच्च स्तरीय शिक्षा से वंचित रखना, बालिकाओं का बाल विवाह करवाना, महिलाओं के प्रति बहुत अधिक शोषण बढ़ना आदि सभी कारणों को देखते हुए वर्ष 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान ने भारत की करोड़ों बेटियों के जीवन स्तर को सुधारने की कोशिश की। भारत की बालिकाएं इस अभियान के तहत आत्मनिर्भर बन सकेंगी। यह भारत की बेटियों के प्रति होने वाले भेदभाव को खत्म करेगा।

बेटी पर प्रतिभा शतपथी की कविता

मेरी बेटी

अंतस्तल के सभी रंगों को बाँट
लकदक सफ़ेद साड़ी-सी
जो फर-फर उड़ती है,
धूल से उठाई मर्यादा
अपने सर्वस्व से मढ़कर
जो सिंहासन गढ़ती है
वह मेरी बेटी है
टिप-टिप गिरते समय की ओर
जो अंजुरी बढ़ाए रहती है
अपने कलेजे का घाव हाथों से दबाए
जो हँसमुख रहती है
सारी रात मोमबत्ती-सी जलती हुई
चुपचाप चुकती है जो
आँखों से काजल पोंछते-पोंछते
गुड़ीमुड़ी हो जाते हैं जिसके सपने
रोष भरे गर्जन और हुँकार के पिछवाड़े
जो ‘अहा’ शब्द लिख देती है
वह मेरी बेटी है
आभूषण उतारकर
बिना विरोध किए
जो थाल लेकर निकल जाती है
दुनिया के सारे आक्रोश की नींव पर
जो आत्मविश्वास का स्तंभ बन जलती रहती है,
अग्निपरीक्षा से दप-दप दमकता
निखर आता है नारीत्व जिसका
बृहस्पति की शब्दगणना को झुठलाकर
नक्षत्रों को अगोरे रहता है जिसका तेज़
वह मेरी बेटी है
कुत्सित, कदाचार के बीच
जो नारंगी झंडे-सा हाथ उठाए रहती है
उठे हुए चाकू की धार
मुट्ठी में जकड़कर रोक लेती है जो
मिट्टी में मधुर गुंजरण बन
जो आकाश में सुगंधित चँवर बन
चुपचाप आती-जाती है,
सारी दुनिया के मंथन से निकली
ज़हर की एक बूँद
जिसके हिस्से में आती है
वह कोई और नहीं
मेरी ही बेटी है।

उपसंहार

बेटी बचाओ अभियान वैसे तो बहुत ही शानदार योजना है। लेकिन आज भी बहुत से लोग इस अभियान से मिलने वाले लाभ को समझ नहीं पाए हैं। कई संकीर्ण सोच के लोग आज भी बेटा-बेटी के बीच भेदभाव करने में लगे हैं। वह यह नहीं सोचते हैं कि आज बेटियां भी आसमान छू रही हैं। इसलिए सभी भारतीय नागरिकों को जागरूक होना पड़ेगा। हम आम नागरिकों को ही घर-घर जाकर लोगों को इस योजना से अवगत करवाना पड़ेगा। जब तक हमारे देश की बेटियां तरक्की नहीं करेंगी तब तक यह देश भी प्रगति नहीं कर सकता है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 200 शब्दों में

हमारे भारतीय समाज में कन्या को हमेशा से ही माता दुर्गा का स्वरूप समझा गया है। सदियों से ही नारी को सम्मान की नजरों के साथ देखा जा रहा है। घर की रौनक होती है बेटियां। वह पूरे घर को महकाती हैं। वह हर तरीके से समझदार होती हैं। लेकिन हमारे ही समाज में शायद कुछ लोग ऐसे भी रहते हैं जो लड़कियों को लेकर नकारात्मक रवैया रखते हैं। वह लड़कियों को बोझ की तरह समझते हैं। लोगों के इस गलत रवैए को भारत सरकार ने समझा। नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत की।

महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस योजना को अच्छे से चलाते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को इस योजना के लिए हरी झंडी दिखाई थी। यह योजना लड़कियों को मजबूत बनाने के लिए लागू की गई थी। इस योजना से कन्याओं के पैर मजबूत बनेंगे। वह स्वावलंबी बनेंगी। वह पढ़-लिखकर डाॅक्टर, इंजीनियर और वकील जैसे ऊंचे पद को ग्रहण कर सकेंगी। इस योजना से लड़कियां समाज में इज्जत और सम्मान के साथ जी सकेंगी। इस योजना की मदद से सरकार कई हद तक कन्या भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने में कामयाब रही है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर 10 लाइनें

(1) बेटियां हमारे घर की शान होती हैं। बेटियों से हमारा घर भरा हुआ रहता है।

(2) एक सर्वे के अनुसार लड़कियां लड़कों से थोड़ी अधिक संवेदनशील होती हैं।

(3) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से बालिकाएं पढ़ाई में निरंतर प्रगति कर रही हैं।

(4) इस अभियान के तहत सरकार बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

(5) इस अभियान की शुरुआत नरेंद्र मोदी ने की थी।

(6) इस अभियान की मदद से भ्रूण हत्या पर लगाम लगाने में सफलता मिली है।

(7) यह अभियान लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहन देता है।

(8) इस अभियान के तहत बालिकाओं के बैंक खाते में सरकार की तरफ से सहायता राशि ट्रांसफर की जाती है।

(9) बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है।

(10) इस योजना ने अनेक गरीब वर्ग की कन्याओं की मदद भी की है।

FAQs
प्रश्न 1. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्या है?

उत्तर- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भारत सरकार की एक शानदार योजना है। इस योजना की मदद से लड़कियों की उच्च शिक्षा का रास्ता खुल जाएगा। जब बेटियां पढ़ेंगी लिखेंगी तो ही रोजगार के लायक बन पाएंगी। रोजगार मिलने से लड़कियां आत्मनिर्भर बन पाएंगी।

प्रश्न 2. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान कब और किसने शुरू किया?

उत्तर- बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत 22 जनवरी 2015 को हुई थी। इसको शुरू करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।

प्रश्न 3. इस अभियान की जरूरत क्यों पड़ी?

उत्तर- बदलते वक्त के साथ महिलाओं के सम्मान में गिरावट आ गई। महिलाओं को दहेज प्रथा के लिए प्रताड़ित किया गया। कन्याओं को उच्च स्तरीय शिक्षा से वंचित रखा गया। बालिकाओं के बाल विवाह करवाए गए। महिलाओं के प्रति बहुत अधिक शोषण बढ़ गया था। इन सभी कारणों को देखते हुए 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई।

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