एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी भारत की खोज (सभी पाठ के प्रश्न उत्तर)

Photo of author
PP Team

छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 हिंदी भारत की खोज प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल पर bharat ki khoj class 8 chapter 1 question and answers दिए हुए है। छात्र bharat ki khoj question answer पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। bharat ki khoj class 8 के प्रश्न उत्तर छात्रों की सहायता के लिए बनाएं गए हैं। छात्र bharat ki khoj class 8 question answer से परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। ahmednagar ka kila class 8 के प्रश्न उत्तर नीचे देखें। इसके अलावा आप सभी पाठ के सभी प्रश्न उत्तर भी प्राप्त कर सकते हैं।

Ncert Solutions Class 10 Hindi Bharat Ki Khoj

देखा गया है कि छात्र ncert solutions for class 8 hindi bharat ki khoj के लिए बाजार मिलनी वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से समाधान मुफ्त और ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। bharat ki khoj class 8 solutions को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया है। साथ ही bharat ki khoj question answer को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रख कर भी बनाया गया है।

कक्षा : 8
विषय : हिंदी (भारत की खोज)

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – आखिर यह भारत है क्या ? अतीत में यह किस विशेषता का प्रतिनिधित्व करता था ? उसने अपनी प्राचीन शक्ति को कैसे खो दिया ? क्या उसने इस शक्ति को पूरी तरह खो दिया है ? विशाल जनसंख्या का बसेरा होने के अलावा क्या आज उसके पास ऐसा कुछ बचा है जिसे जानदार कहा जा सके ? “ये प्रश्न अध्याय दो के शुरुआती हिस्से से लिए गए हैं। अब तक आप पूरी पुस्तक पढ़ चुके होंगे। आपके विचार से इन प्रश्नों के क्या उत्तर हो सकते हैं ? जो कुछ आपने पढ़ा है उसके आधार और अपने अनुभवों के आधार पर बताइए।

उत्तर :- इंडस या सिंधु जिसके आधार पर हमारे इस देश का नाम पड़ा ‘ इंडिया’ और ‘हिन्दुस्तान’। भारत एक ऐसा देश है जहां सभी मिल-जुलकर, आदर भाव के साथ रहते हैं। भारत में यह विभिन्न धर्मों, जातियों, विचारों वाले लोग के बीच प्यार की विशेषता का प्रतिनिधित्व करता था। भारत हम सबके खून में रचा हुआ है। पहले के समय से भारत अपने ज्ञान, सभ्यता, संस्कृति की विशेषताओं के कारण समस्त संसार में जाना जाता था। लेकिन अब सबने पाश्चातय संस्कृति को बढ़ावा दिया है। अपनी शक्तियों तथा भोग-विलास में डूबकर अपनी संस्कृति को भुला दिया। लेकिन आज भी लोगों के जीवन में अपने देश के प्रति, संस्कृति, परम्पराओं के प्रति लगाव है; जिसके कारण हम भारत को जानदार कह सकते हैं।

प्रश्न 2 – आपके अनुसार भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी विकास की दौड़ में क्यों पिछड़ गया था ?

उत्तर :- भारत की शक्ति के स्त्रोतों और उसके पतन और नाश के कारणों की खोज लम्बी और उलझी हुई है पर उसके पतन के हाल के कारण पर्याप्त स्पष्ट है। भारत तकनीकी की दौड़ में पिछड़ गया जबकि यूरोप जो तमाम बातों में एक ज़माने से भारत से पिछड़ा हुआ था। तकनीकी प्रगति के मामले में आगे निकल गया। इस तकनीकी विकास के पीछे विज्ञान की चेतना थी तथा हौसलामंद जीवनी शक्ति और मानसिकता थी। नई तकनीकों ने पश्चिमी यूरोप के देशों भी सैनिक बल दिया। भारत में समाज पिछड़ा हुआ था, उन्हें तकनीकी चीज़ों का ज्ञान नहीं था क्योंकि उनके पास अधिक पढ़ने लिखने की सुविधाएं  नहीं थी। कोई बेरोजगारी की वजह से रह जाता या फिर शिक्षकों के सही से ना पढ़ाने की कमी में। स्त्रियां पुरुष प्रधानत्व समाज की वजह से पीछे रह जाती। जिसके कारण न तो किसी में नई चीज़ों को सीखने का उत्साह बढ़ता ना ही आत्मविश्वास रहता। इसलिए यूरोप की तुलना में भारत तकनीकी – विकास की दौड़ में पिछड़ गया था।

प्रश्न 3 – नेहरू जी ने कहा कि – “मेरे खयाल से, हम सब के मन में अपनी मातृभूमि की अलग – अलग तसवीरें हैं और कोई दो आदमी बिलकुल एक जैसा नहीं सोच सकते।“ अब आप बताइए कि:-

(क) आपके मन में अपनी मातृभूमि की कैसी तसवीर है ?

(ख) अपने साथियों से चर्चा करके पता करो कि उनकी मातृभूमि की तसवीर कैसी है और आपकी और उनकी तसवीर ( मातृभूमि की छवि ) में क्या समानताएँ और भिन्नताएँ हैं ?

उत्तर :- (क) हमारे मन में मातृभूमि की तसवीर माँ के समान है जहां पुरुष औरतों को भगवान की तरह पूजे, सब एक दूसरे का आदर करें। समाज सुख और भाईचारे का सहयोगी हो। सभी मिल-जुलकर कर रहते हैं। सभी सत्य के मार्ग पर चलते हैं। अपने कर्त्तव्यों का सभी पालन करते हो। कोई बेरोज़गारी का सामना न करता हो। बच्चों में कोई हीन भावना न हो। गरीबी का नामों–निशान न हो। सबको हर प्रकार की सुविधाएं प्राप्त हो।

(ख) मेरे साथ भी मेरी तरह ही कल्पना करते हैं क्योंकि हर कोई यही चाहेगा कि वह जहां भी रहे उन्हे पूर्ण रूप से सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो।

प्रश्न 4 – जवाहरलाल नेहरू ने कहा, “यह बात दिलचस्प है कि भारत अपनी कहानी की इस भोर – बेला में ही हमें एक नन्हें बच्चे की तरह नहीं, बल्कि अनेक रूपों में विकसित सयाने रूप में दिखाई पड़ता है।“ उन्होंने भारत के विषय में ऐसा क्यों और किस संदर्भ में कहा है ?

उत्तर :- जवाहर लाल नेहरू ने कहा है कि भारत इस भोर – वेला में एक नन्हें बच्चे की तरह नहीं है बल्कि एक सयाने रूप में विकसित होते दिखाई पड़ता है। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा में हमें सिंधु घाटी सभ्यता की विशेषता मिली है जो विशेष रूप से उत्तर भारत में दूर–दूर तक फैली थी। यह गंगा की घाटी से फैली हुई थी। यह केवल सिंधु घाटी सभ्यता भर नहीं थी बल्कि उससे बहुत अधिक थी। सिंधु घाटी की सभ्यता के फारस, मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं के साथ संबंध थे। उनके साथ व्यापार करते समय व्यापारी वर्ग संपन्न था। दुकानों की कतारें बन रही थी। लोगों के पहनावे, परम्पराओं, पुरानी मूर्तियों का रंग रूप सबको देखकर भारत का विकसित सयाना रूप दिखाई पड़ता है।

प्रश्न 5 – सिंधु घाटी सभ्यता के अंत के बारे में अनेक विद्वानों के कई मत हैं। आपके अनुसार इस सभ्यता का अंत कैसे हुआ होगा, तर्क सहित लिखिए।

उत्तर :- भारत के अतीत की सबसे पहली तस्वीर उस सिंधु घाटी की सभ्यता में मिलती है जिसके आवशेष सिंध में मोहनजोदड़ो और पश्चिमी पंजाब में हड़प्पा में मिले है। यह सभ्यता विशेष रूप से उत्तर भारत में दूर- दूर तक फैली थी। इस सभ्यता के अवशेष पश्चिम में काठियावाड़ में और पंजाब के अम्बाला जिले में मिले है। इसलिए यह विश्वाश किया जाता है कि यह सभ्यता गंगा की घाटी तक फैली थी। सिंधु घाटी सभ्यता के अंत के बारे में अनेक विद्वानों के कई मत हैं। सिंधु घाटी की सभ्यता के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि उसका अंत अकस्मात किसी ऐसी दुर्घटना से हो गया, जिसकी कोई व्याख्या नहीं मलती। सिंधु नदी अपनी भयंकर बाढ़ों के लिए प्रसिद्ध है जो नगरों और गाँवों को बहा ले जाती है। यह भी संभव है कि मौसम के परिवर्तन से धीरे–धीरे जमीन सूख गई हो और खेतों पर रेगिस्तान छा गया हो। मोहनजोदड़ों के खंडहर अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि बालू की तह पर जमती गई, जिससे शहर की जमीन की सतह ऊँची उठती गई और नगरवासियों को मजबूर होकर पुरानी नींवो पर ऊंचाई पर मकान बनाने पड़े। खुदाई में निकले कुछ मकान दो या तीन मंजिले जान पड़ते है। उनकी दीवारें भी उठ गई थी। हम जानते है कि सिंध का सूबा पुराने समय में बहुत समृद्ध और उपजाऊ था पर मध्ययुग के बाद वह ज़्यादातर रेगिस्तान रह गया। इसलिए यह मुमकिन है कि मौसमी परिवर्तनों ने उन इलाकों के निवासियों और उनके रहन-सहन की पद्धति को प्रभावित किया। ऐसा माना जा ‌सकता है कि रेत ने कुछ शहरों पर छा कर उन्हे ढक लिया उन्हें सुरक्षित रखा और कुछ समय के साथ नष्ट हो गए थे।

प्रश्न 6 – उपनिषदों में बार-बार कहा गया है कि – “शरीर स्वस्थ हो, मन स्वच्छ हो और तन-मन दोनों अनुशासन में रहें।“ आप अपने दैनिक क्रिया-कलापों में इसे कितना लागू कर पाते हैं ? लिखिए।

उत्तर :- उपनिषदों में बार-बार कहना कि शरीर स्वस्थ हो, मन स्वच्छ और और तन – मन अनुशासन में रहे सार्थक रूप से सही है। हमें यह नियम अपने जीवन में ज़रूर लागू करना चाहिए। हम एक बार तो सब समझ जाते है। चीज़ों का पालन करना शुरु भी कर देते हैं। लेकिन यह निरंतरता टूट जाती है। इसका मुख्य कारण यह है कि हम अपने मन को काबू नहीं कर पाते। हमारा मन चंचलता से भरा हुआ है जो स्थिर नहीं रहता। हम बाहर के स्वादिष्ट खाने को देखकर सब भूल जाते हैं। हम इधर-उधर की तली हुई सभी चीज़े खाते रहते हैं। न तो हम कभी निश्चित किए समय और उठते और न ही सोते हैं। इन सब बातों की वजह से हमें अनेक बीमारियां घेर लेती है। इसलिए हमें अपने दैनिक क्रियाकलापों को समझना चाहिए उन्हें निश्चित समय पर लागू करना चाहिए ताकि हम अच्छे से सुख से भरा जीवन व्य्तीत कर सके।

प्रश्न 7 – नेहरू जी ने कहा कि – “इतिहास की उपेक्षा के परिणाम अच्छे नहीं हुए।“ आपके अनुसार इतिहास लेखन में क्या – क्या शामिल किया जाना चाहिए है? एक सूची बनाइए और उस पर कक्षा में अपने साथियों और अध्यापकों से चर्चा कीजिए।

उत्तर :- इतिहास हमारे लिए ज़रूरी और एक सबक के बराबर होता है क्योंकि हम अपने इतिहास से ही सीखते हैं, समझते है कि हम आगे वह काम करें या ना करें। हमें समझ आता है कि लड़ाई से बचना चाहिए, आदर भाव और सत्य का मार्ग अपनाए रखना चाहिए। नेहरू जी ने ठीक ही कहा है इतिहास की उपेक्षा के परिणाम अच्छे नहीं हुए। इतिहास – लेखन में मानव सभ्यता के अतीत और उस के विकास से संबंधित सभी विषय ग्रहण किए जाने चाहिए। हमारा वर्तमान भूतकाल भी सीढ़ियों पर चढ़ कर ही भविष्य की ओर कदम बढ़ाता है। यदि हमें अपने इतिहास का ज्ञान होगा तो हम उससे शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को अच्छी दिशा दे सकेंगे।

प्रश्न 8 – “हमें आरंभ में ही एक ऐसी सभ्यता और संस्कृति की शुरुआत दिखाई पड़ती है जो तमाम परिवर्तनों के बावजूद आज भी बनी हुई है।“ आज की भारतीय संस्कृति की ऐसी कौन – कौन सी  बातें/चीज़ें है जो हज़ारों साल पहले से चली आ रही हैं ? आपस में चर्चा करके पता लगाइए।

उत्तर :- हम जन्म से ही भारतीय सभ्यता और संस्कृति की झलक देखते आए है और जीवन में भी अपनाते आए है। बचपन से बड़ो का आदर करना, सेवा करना,  सत्य का आचरण रखना, एक बड़े परिवार में मिल-जुलकर रहना हमें अपनी संस्कृति से ही प्राप्त हुआ है। ये सब हम पीढ़ी दर पीढ़ी सीखते आए है। ये हमारे गुण और हमारी संस्कृति ही है जो हजारों सालो से चली आ रही है।  

प्रश्न 9 – आपने पिछले साल (सातवीं कक्षा में) बाल महाभारत कथा पढ़ी। भारत की खोज में भी महाभारत के सार को सूत्रबद्ध करने का प्रयास किया गया है- “दूसरों के साथ ऐसा आचरण नहीं करो जो तुम्हें खुद अपने लिए स्वीकार्य न हो।“ आप अपने साथियों से कैसे व्यवहार की अपेक्षा करते हैं और स्वयं उनके प्रति कैसा व्यवहार करते हैं? चर्चा कीजिए।

उत्तर:- महाभारत के सार में दिया गया सूत्रबद्ध – “दूसरों के साथ ऐसा आचरण नहीं करो जो तुम्हें खुद अपने लिए स्वीकार्य न हो” जीवन की सच्चाई को बता देता है। आज के जीवन में हर व्यक्ति यही कामना करता है कि उसे सबसे आदर–सम्मान मिले। उसके बारे में पूंछे, सभी बतों में उसे आगे रखे। खुद चाहे सबको ओंछी नज़रों से देखता हो। वह यह नहीं सोचता कि पुराने समय से यही चलता आ रहा है कि जो जैसा बोएगा वैसा ही काटेगा। हम जिसके साथ जैसा व्यवहार करेंगे वैसा ही सामने वाला भी हमारे साथ यही बर्ताव रखेगा। हम अगर किसी के लिए कुछ अच्छा भी करते हैं तो उसमें भी अपना मतलब ढूंढ़ते हैं। हर जगह बस यही रीत चली हुई है। अपने मतलब के अलावा कोई किसी को नहीं पूँछता। हमें अपने साथियों के साथ कोई हीन-भावना नहीं रखनी चाहिए। मीठा और पवित्रता का व्यवहार रखना चाहिए। क्योंकि हमें अपने जीवन में वही मिलेगा जो हम दूसरों को दे रहे हैं।

प्रश्न 10 – प्राचीन काल से लेकर आज तक राजा या सरकार द्वारा जमीन और उत्पादन पर ‘कर’ (tax) लगाया जाता रहा है। आजकल हम किन-किन वस्तुओं और सेवाओं पर कर देते हैं, सूची बनाइए।

उत्तर :- आय कर, सर्विस कर, शिक्षा कर, मनोरंजन कर, परिवहन कर आदि।

प्रश्न 11 – (क) प्राचीन समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रभाव के दो उदाहरण बताइए।

(ख) वर्तमान समय में विदेशों में भारतीय संस्कृति के कौन-कौन से प्रभाव देखे जा सकते हैं ? अपने साथियों के साथ मिलकर एक सूची बनाइए।

(संकेत खान-पान, पहनावा, फिल्में, हिंदी, कंप्यूटर, टेलीमार्केटिंग आदि।)

उत्तर:-  (क) सिंधु घाटी सभ्यता के समय फारस , मेसोपोटामिया और मिस्र जैसी सभ्यताओं ने हमारे साथ व्यापारिक संबंधों को भारतीय संस्कृति के गुणों के आधार पर स्थापित किया था।

(ख) सम्राट अशोक के द्वारा फैलाए जाने वाले बौद्ध धर्म को दूर–दूर के देशों ने ग्रहण कर भारतीय संस्कृति के प्रभाव को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था। जैसे संगीत, सिनेमा, फैशन, योग, हिंदी भाषा, खान-पान, नृत्य इत्यादि।

प्रश्न 12 – पृष्ठ संख्या 34 पर कहा गया है कि जातकों में सौदागरों की समुद्री यात्राओं / यातायात के हवाले भरे हुए हैं। विश्व / भारत के मानचित्र में उन स्थानों / रास्तों को खोजिए जिनकी चर्चा इस पृष्ठ पर की गई है।

उत्तर :- हमें मानचित्र में स्थानों, रास्तों, की हुई यात्राओं की जगहों को ढूंढ़ने का प्रयास करना है।

प्रश्न 13 – कौटिल्य के अर्थशास्त्र में अनेक विषयों की चर्चा है, जैसे, “व्यापार और वाणिज्य, कानून और न्यायालय, नगर व्यवस्था सामाजिक रीति-रिवाज, विवाह और तलाक, स्त्रियों के अधिकार, कर और लगान, कृषि, खानों और कारखानों को चलाना, दस्तकारी, मड़ियाँ, बागवानी उद्योग धंधे, सिंचाई और जलमार्ग जहाज़ और जहाजरानी, निगमें, जन-गणना, मत्स्य उद्योग, कसाई खाने, पासपोर्ट शामिल हैं। इसमें विधवा विवाह को मान्यता दी गई है और विशेष तलाक को भी” वर्तमान में इन विषयों की क्या स्थिति है ? अपनी पसंद के किन्हीं दो-तीन विषयों पर लिखिए।

उत्तर :- वर्तमान में विवाह और तलाक की स्थितियाँ तो बनी ही हुई है। पहले किसी भी स्त्री को विधवा होने के बाद विवाह या किसी प्रकार का झगड़ा होने के बाद तलाक लेने का अधिकार नहीं था। लेकिन अभी लोगों की विचारधारा में बदलाव आया है। अभी अगर कोई स्त्री पति कि मृत्यु के बाद विवाह या किसी बात से परेशान तलाक लेना चाहती है व अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहती है तो वे हर अधिकार के लिए सक्षम है। स्त्रियों को पढ़ने के लिए भी पुरुषों के समान अधिकार दिए गए है। उन पर अब किसी प्रकार की कोई रोक टोक नहीं है। स्त्रियां पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चलती है। व्यापार में पहले की अपेक्षा बढ़ोतरी हुई हैं।

प्रश्न 14 – आजादी से पहले किसानों की समस्याएँ निम्नलिखित थी – “ गरीबी, कर्ज, स्वार्थ, ज़मींदार, महाजन, भारी लगान और कर, पुलिस के अत्याचार……..आपके विचार से आजकल किसानों की समस्याएँ कौन-कौन सी है ?

उत्तर:- आजादी से पहले किसानों की समस्याएँ निम्नलिखित थी – “ गरीबी, कर्ज, स्वार्थ, ज़मींदार, महाजन, भारी लगान और कर, पुलिस के अत्याचार इत्यादि। ऐसा नहीं है कि अब ये समस्याएं खत्म हो गई है। कहीं ना कहीं किसानों को अभी भी सभी प्रकार की परेशानियों ने घेरा हुआ है। जहां कई सुविधाएं मिली है वहां परेशानियां बढ़ी भी है। आज कल किसानों को खेती से जुड़ें कामों के लिए ऋण देने की सुविधा उपलब्ध है लेकिन कहीं ना कहीं उन्हें ब्याज़ भी अधिक देना पड़ जाता है। कई बार ऋण न मिलने की वजह से जो गरीब होते है वो कर्ज़ो के नीचे भी दब जाते हैं। कहीं किसी प्रकार के आरक्षण के लिए अगर आंदोलन कर दिया जाए तो पुलिस के अत्याचार उन्हें जीने नहीं देते। कई किसान आज भी पहले की तरह आत्महत्या कर रहे हैं। आज भी बिजली, खाद, ऋण से जुड़ी समस्याओं ने किसानों को घेरा हुआ है। समय के साथ समाज में परिवर्तन शायद किसानों के लिए इतना लाभप्रद नहीं रहा है।

प्रश्न 15 – “सार्वजनिक काम राजा की मर्जी के मोहताज नहीं होते, उसे खुद हमेशा इनके लिए तैयार रहना चाहिए। “ऐसे कौन – कौन से सार्वजनिक कार्य हैं जिन्हें आप बिना किसी हिचकिचाहट के करने को तैयार हो जाते हैं ?

उत्तर :- ऐसा कहना बिल्कुल सत्य है कि हमारे जीवन से कई ऐसे काम जुड़ें हुए है जिनके लिए हमें किसी सरकार या राजा के मोहताज़ नहीं होते। हमें किसी की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती। जैसे:- पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सबको जागरूक करना कि कहीं भी कैसे भी किसी को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी न हो। इधर-उधर कोई गंदगी न फैली हो। कई जगह ऐसी होती है जहां गरीब लोग तम्बू डालकर बैठे हो, उनके पास समय से खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने के लिए समय पर सभी चीज़ें उपलब्ध नहीं हो पाती। हम उनकी भी मदद कर सकते है। जहां शौचालय की व्यवस्था न हो,  वहां शौचालय बनवा सकते है जिन्हें कराने में हमें किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं होती।

प्रश्न 16 – महान सम्राट अशोक ने घोषणा की कि वह प्रजा के कार्य और हित के लिए ‘हर स्थान पर और हर समय’ हमेशा उपलब्ध हैं। हमारे समय के शासक / लोक – सेवक इस कसौटी पर कितना खरा उतरते हैं? तर्क सहित लिखिए।

उत्तर:- सम्राट अशोक प्रजा के कार्य और हित के लिए हर स्थान पर और हर समय उपलब्ध रहते थे लेकिन हमारे समय के शासक/लोक – सेवक ऐसा बिल्कुल नहीं करते हैं। वे अपना पद हासिल करने के बाद पूर्णत: बदल जाते हैं। वे अनेकों वादे करते है कि गरीबों को रहने के लिए जगहें, सस्ते में खाना, बेरोज़गार को रोज़गार, दवाइयां उपलब्ध कराएगें। एक बार के लिए वे दिखावा करते हैं। जहां उन्होंने कही छोटे काम में सहयोग किया हो वहाँ इतने सारे नेता इकट्ठे होकर फोटों खिंचवाने लगते हैं। जबकि उनका गरीबी जनता से कोई मतलब नहीं होता। लोक सेवा में चींटी जितना सहयोग देने से भी कतराते हैं। वे लोक सेवक कसौटी पर बिल्कुल भी खरा नहीं उतरते।

प्रश्न 17 –  ‘औरतों के परदे में अलग – थलग रहने से सामाजिक जीवन के विकास में रुकावट आई।‘ कैसे?  

उत्तर :- औरतों के परदे में अलग-थलग रहने से सामाजिक जीवन के विकास में अनेक रुकावटें एवं समस्याएँ आई जो निम्नलिखित है :-  

(क) परदे में रहने के कारण स्त्रियां पढ़ नहीं पाई।

(ख) उन्हें कही बाहर नहीं जाने दिया बस घर का गुलाम बना कर रखा जिसकी वजह से बाहर से उन्हें ना तो नए लोगों से मिलने को मिला ना ही किसी प्रकार की जानकारी।

(ग) बाल विवाह होने लगे जिसकी वजह से सामाजिक विकास तो नहीं बल्कि देश निम्नता की ओर चला गया।

(घ) न ही स्त्रियां बाहर के किसी सामाजिक काम में अपना योगदान दे सकी।

प्रश्न 18 – मध्यकाल के इन संत रचनाकारों की अनेक रचनाएँ अब तक आप पढ़ चुके होंगे। इन रचनाकारों की एक एक रचना अपनी पसंद से लिखिए:-

(क) अमीर खुसरो

(ख) कबीर

(ग) गुरु नानक

(घ) रहीम

उत्तर:-

(क) अमीर खुसरो :- खुसरो की पहेलियां।

(ख) कबीर :- साखी।

(ग) गुरु नानक :- अकाल मूर्ति।

(घ) रहीम :- रहीम विलास।

प्रश्न 19 – बात को कहने के तीन प्रमुख तरीके अब तक आप जान चुके होंगे:-

(क) अभिधा

(ख) लक्षणा

(ग) व्यंजना

बताइए, नेहरू जी का निम्नलिखित वाक्य इन तीनों में से किसका उदाहरण है ? यह भी बताइए कि आपको ऐसा क्यों लगता है ?

“यदि ब्रिटेन ने भारत में यह बहुत भारी बोझ नहीं उठाया होता …….(जैसा कि उन्होंने हमें बताया है) और लंबे समय तक हमें स्वराज्य करने की वह कठिन कला सिखाई होती, जिससे हम इतने अनजान थे, तो भारत न केवल अधिक स्वतंत्र अधिक समृद्ध होता ….बल्कि उसने कहीं अधिक प्रगति की होती”।

उत्तर :-

(क) अभिधा :-  जब किसी शब्द का साधारण अर्थ में प्रयोग किया जाए, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते है।

(ख) लक्षणा :-   जब किसी शब्द का साधारण अर्थ में प्रयोग न हो बल्कि किसी विशेष प्रयोजन की तरह इशारा हो,  उसे लक्षणा शब्दशक्ति कहते हैं।

(ग) व्यंजन :– इसमें ज्यादातर कहे गए शब्दों का तात्पर्य किसी को व्यंग्य करने की ओर इशारा करता है, जिसमें किसी विशेष अर्थ की सूचना प्राप्त हो, व्यंजना शब्द शक्ति कहलाती हैं।

हमें लगता है कि इन तीनों में से निम्नलिखित वाक्य व्यंजना शब्द शक्ति का प्रयोग करते हुए किया है। क्योंकि हमें इसमें अंग्रेजों के ऊपर व्यंग्य होते हुए प्रतीत होता है। वे कहते है कि ब्रिटेन ने लंबे समय तक हमारे ऊपर शासन किया है, हमें गुलाम बनाए रखा है। उन्हें लगता है कि अगर हमने ये सब न किया होता, हमारा भारी बोझ नहीं उठाया होता तो हम तो किसी काम के नहीं थे। हमें प्रगति और स्वराज्य करने की कला तो ब्रिटेन ने ही दी है, ना।

प्रश्न 20 – “नयी ताकतों ने सिर उठाया और वे हमें ग्रामीण जनता की ओर ले गई। पहली बार एक नया और दूसरे ढंग का भारत उन युवा बुद्धिजीवियों के सामने आया…”

आपके विचार से आजादी की लड़ाई के बारे में कही गई ये बातें किस ‘नयी ताकत’ की ओर इशारा कर रही हैं ? वह कौन व्यक्ति था और उसने ऐसा क्या किया जिसने ग्रामीण जनता को भी आजादी की लड़ाई का सिपाही बना दिया ?

उत्तर :- हमारे विचार से आजादी की लड़ाई के बारे में कही गई बातें जिसकों ‘नई ताकत’ का नाम दिया गया है वह जनता की ओर इशारा कर रही है। जिसमें गांधी जी ने अकेले चलकर तत्काल ही कांग्रेस संघटन के संविधान में पूरी तरह परिवर्तन ला दिया। उन्होंने उसे लोकतांत्रिक और लोक संगठन बनाया। किसानों को भी प्रवेश दिलाया गया। सबने बढ़ चढ़कर भाग लिया। लड़ाई को अहिंसा से लड़ा और गांधीजी ने ग्रामीण जनता को भी आजादी की लड़ाई का सिपाही बना दिया था।

प्रश्न 21 – ‘भारत माता की जय’ आपके विचार से इस बारे में किसकी जय की बात कही जाती है ? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

उत्तर :- हर जगह को हमने भारत माता की जय के नारों से गूंजते देखा है। ‘भारत माता की जय’ नारे में गांव, गांव के टुकड़े, जिले, नदियां, पहाड़, फैले हुए खेत, पशु, पक्षी, जनता, भारत की प्यारी मिट्टी सब आ जाते है और इनकी तरफ प्रेम भाव की ही जय बोली गई है। भारत माता में मूल रूप से यही लोग है और उसकी जय का अर्थ है जनता जनार्धन की जय।

प्रश्न 22 – (क) भारत पर प्राचीन काल से ही अनेक विदेशी आक्रमण होते रहे। उनकी सूची बनाइए। समय क्रम में बनाएँ तो और भी अच्छा रहेगा।

(ख) आपके विचार से भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना इससे पहले के आक्रमणों से किस तरह अलग है ?

उत्तर:- (क)  ई०पू० 326 भारत पर सिकंदर का आक्रमण, सन 711 ई० मुहम्मद बिन कासिम का आक्रमणकारी, सन् 1026 ई० महमूद गजनवी का आक्रमण, सन् 1192 ई० मुहम्मद गोरी का पृथ्वी राज चौहान को हराना, सन् 1206 ई० कुतुबुद्दीन ऐबक का दिल्ली पर शासन, सन् 1221 ई० चंगेज़ खां का आक्रमण, सन् 1290 ई० जलालुद्दीन फिरोज़ खिलजी का दिल्ली पर शासन, सन् 1320 ई० गयासुद्दीन तुगलक का दिल्ली पर शासन, सन् 1398 ई० तैमूर का भारत पर आक्रमण, सन् 1510 ई० पुर्तगालियों का गोआ पर कब्जा, सन् 1526 ई० पानीपत का पहला युद्ध बाबर ने लोधियों को हराया, सन् 1600 ई० ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत आना, सन् 1739 ई० में नादिरशाह का दिल्ली पर कब्जा, सन् 1858 ई० ब्रिटिश सरकार ने भारत में अंग्रेजी राज्य स्थापित किया।

(ख) अंग्रेजी राज्य की स्थापना अन्य आक्रमणों से इसलिए अलग थी क्योंकि ये पहले व्यापार करने आए थे और व्यापार के बहाने से धीरे – धीरे सभी राज्यों पर अधिकार करते हुए सारे भारत पर राज्य करने लगे।

प्रश्न 23 – (क) अंग्रेजी सरकार शिक्षा के प्रसार को नापसंद करती थी। क्यों ?

(ख) शिक्षा के प्रसार को नापसंद करने के बावजूद अंग्रेजी सरकार को शिक्षा के बारे में थोड़ा-बहुत काम करना पड़ा। क्यों ?

उत्तर :-  

(क) अंग्रेजी सरकार शिक्षा के प्रसार को इसलिए नापसंद करती थी क्योंकि वे ऐसा सोचते थे कि इससे भारतवासी काफी पढ़–लिख जाएंगे। उन्हें काफी चीजों की जानकारी हो जाएगी। जिससे वे समझदार हो जाएंगे, अधिक जागरूक हो जाएंगे। इससे अंगेजो के सामने वे चुनौती खड़ी कर देंगे।

(ख) अंग्रेजों ने ऐसा इसलिए किया ताकि वे अपना प्रतिदिन का काम चला सके। वे अपने खुद के लिए अच्छे वाली व्यवस्था कर सके। क्योंकि वे अपने काम में कोई नुकसान नहीं चाहते थे।

प्रश्न 24 – ब्रिटिश शासन के दौर के लिए कहा गया कि- “नया पूँजीवाद सारे विश्व में जो बाजार तैयार कर रहा था उससे हर सूरत में भारत के आर्थिक ढाँचे पर प्रभाव पड़ना ही था”। क्या आपको लगता है कि अब भी नया पूँजीवाद पूरे विश्व में जो बाजार तैयार कर रहा है, उससे भारत के आर्थिक ढाँचे पर प्रभाव पड़ रहा है? कैसे?

उत्तर :- हमें लगता है कि नया पूँजीवाद पूरे विश्व में जो बाजार तैयार कर रहा है, उससे हर सूरत में भारत के आर्थिक ढाँचे पर प्रभाव पड़ेगा। लेकिन जो परिवर्तन हुआ वह स्वाभाविक नहीं था। देश में महंगाई बढ़ने से भारतीय समाज के पूरे आर्थिक और संरचनात्मक आधार का विघटन कर दिया। आर्थिक प्रगति की गति थम गई। अमीर अधिक अमीर हो गया और गरीब अधिक गरीब।

प्रश्न 25 – गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने पर निम्नलिखित में किस तरह का बदलाव आया, पता कीजिए:-

(क) कांग्रेस संगठन में।

(ख) लोगों में –  विद्यार्थियों ,  स्त्रियों ,  उद्योगपतियों आदि में।

(ग) आजादी की लड़ाई के तरीकों में।

(घ) साहित्य, संस्कृति, अखबार आदि में।

उत्तर:-

(क) गांधी जी ने जब पहली बार कांग्रेस के संगठन में प्रवेश किया तो तत्काल ही उसके संविधान में पूरी तरह परिवर्तन ला दिया। उन्होंने उसे लोकतांत्रिक और लोक संगठन बनाया। किसानों को भी प्रवेश दिलाया गया। औद्योगिक मजदूर भी आए लेकिन अपनी व्यक्तिगत हैसियत में अलग से संगठित रूप में नहीं।

(ख) किसान – मज़दूरों के साथ ही विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों, स्त्रियों आदि ने भी गांधी जी के साथ अहिंसात्मक आंदोलनों में भाग लेना शुरु कर दिया। धनी लोगों ने भी कम-से-कम ऊपरी तौर पर, उनमें से बहुतों ने , सादा रहन – सहन अपना लिया।

(ग) गांधी जी के निवृतिमार्ग दूसरों से एकदम विपरीत थे। गांधी जी के आने से आज़ादी की लड़ाई सत्य, अहिंसा ढंग से होने लगी।

(घ) भारत के प्राचीन समय में साहित्य एवं एक जैसी संस्कृति का प्रचलन हुआ तथा अखबारों में भी अहिंसात्मक आंदोलन पर रोक लगाने के लिए कई लेख लिखे गए।

प्रश्न 26 – “अक्सर कहा जाता है कि भारत अंतर्विरोधों का देश है”। आपके विचार से भारत में किस – किस तरह के अंतर्विरोध है ?  कक्षा में समूह बनाकर चर्चा कीजिए।

(संकेत अमीरीगरीबी, आधुनिकता-मध्ययुगीनता, सुविधा-संपन्नसुविधा विहीन आदि )

उत्तर :- ऐसा माना जाता है कि भारत अंतर्विरोधों का देश है। कुछ लोग बहुत धनवान है और बहुत से लोग निर्धन है। यहां आधुनिकता भी है और मध्ययुगीनता भी। कहीं सर्दी है तो कहीं गर्मी। सभी लोगों का रहन–सहन, खाना–पीना, संस्कृति एक–दूसरे से अलग–अलग है। कोई मांसाहारी भोजन करता है तो कोई शाकाहारी भोजन। यहां अलग – अलग जातियों,  धर्मों,  संप्रदाय और वर्गो के लोग निवास करते हैं। कुछ लोगों को सभी प्रकार की सुविधाएं प्राप्त है तो किसी को एक रोटी तक समय से नहीं मिलती।

प्रश्न 27 – पृष्ठ संख्या 122 पर नेहरू जी ने कहा है कि – “हम भविष्य गई उस ‘एक दुनिया’ की तरफ़ बढ़ रहे हैं  जहाँ राष्ट्रीय संस्कृतियाँ मानव जाति की अंतरराष्ट्रीय संस्कृति में घुलमिल जाएँगी”। आपके अनुसार उस ‘एक दुनिया’ में क्या-क्या अच्छा है और कैसे-कैसे खतरे हो सकते हैं ?

उत्तर :- भविष्य की तरफ बढ़ती हुई दुनिया में हम सब मिलकर, खुशहाल रूप से रहेंगे। एक दूसरे का सहयोग अर्थात् सहायता करते हुए जीवन में प्रगति की तरफ बढ़ेंगे जहां समझदारी और ज्ञान का आदान-प्रदान होगा। लेकिन इस दुनिया में सबसे बड़ा खतरा यह होगा कि जब राष्ट्रीय संस्कृतियां मानव जाति की अंतर्राष्ट्रीय संस्कृति में घुलमिल जाएंगी। इससे हमारे रीति-रिवाज, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली संस्कृतियां नष्ट हो जाएगी। इससे हम सब भटक जाएंगे, हमारा अस्तित्व विलीन हो जाएंगा और हम बस इंसान, एक साधारण–सा समूह बनके रह जाएंगे।

कक्षा 8 हिंदी वसंत के सभी अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1ध्वनि (कविता)
2लाख की चूड़ियाँ (कहानी)
3बस की यात्रा (व्यंग्य)
4दीवानों की हस्ती (कविता)
5चिट्ठियों की अनूठी दुनिया (निबंध)
6भगवान के डाकिए (कविता)
7क्या निराश हुआ जाए (निबंध)
8यह सबसे कठिन समय नहीं (कविता)
9कबीर की साखियाँ
10कामचोर (कहानी)
11जब सिनेमा ने बोलना सीखा
12सुदामा चरित (कविता)
13जहाँ पहिया है (रिपोर्ताज)
14अकबरी लोटा (कहानी)
15सूर के पद (कविता)
16पानी की कहानी (निबंध)
17बाज और साँप (कहानी)
18टोपी (कहानी

हम आशा करते हैं कि छात्रों को कक्षा 8 हिंदी भारत की खोज के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके काफी खुशी हुई होगी। हमारा उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना है। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें भी प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 8 हिंदी वसंत और दूर्वा के लिए एनसीआरटी समाधानयहां से देखें

Leave a Reply