एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी अध्याय 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं प्राप्त कर सकते हैं। हमने आपके लिए कक्षा 9 हिंदी पाठ 17 के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए हैं। कक्षा 9 हिंदी के प्रश्न उत्तर पाठ 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 9 विषय हिंदी अध्याय 17 प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 9 वीं हिंदी अध्याय 17 question and answer के माध्यम से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी अध्याय 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi kshitij chapter 17) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Kshitij chapter 17

देखा है कि बच्चे काम पर जा रहे हैं के प्रश्न उत्तर के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं, फिर उन्हें संभालकर रखने में भी दिक्कत होती है, लेकिन इस पेज के माध्यम से क्षितिज भाग 1 कक्षा 9 पाठ 17 question answer ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ 17 के प्रश्न उत्तर (class 9 hindi chapter 17 question answer) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया गया है।

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभारता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।

उत्तर :- कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से हमारे मन – मस्तिष्क में एक ही चित्र उभरता है कि कैसे तो यह बच्चें सुबह-2 उठे होंगे और कोहरे से ढकी सड़कों पर कैसे जा रहे होंगे, फिर कैसे काम करेंगे। ऐसे लगता है इनकी जिंदगी में कोई भयानक तूफ़ान आ गया हो। इनके जीवन में कोई खुशी ही नहीं सिर्फ मजदूरी रह गई हो। ऐसा प्रतीत होता है कि इनके बचपन में बाल मजदूरी ने घर कर लिया है।

प्रश्न 2 – कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?

उत्तर :- कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि वे हमें इस बात के प्रति जागरूक करना चाहते है कि आखिरकार ये बच्चें काम पर क्यों जा रहे है। क्या कोई ऐसा कानून नहीं कि बच्चों की ये बाल मजदूरी खत्म करवाई जा सके? जिस मजबूरी की वजह से ये काम उन्हें करने पड़ रहे है क्या उनका कोई उपाय नहीं। ये सब खत्म कराना भी तो जरूरी है, नहीं ऐसा चलते बच्चों की ज़िंदगी से तो बचपन ही खत्म हो जाएगा।

प्रश्न 3 – सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं?

उत्तर :- ऐसा सब समाज में फैलती बेरोजगारी की वजह से है जिसके लिए बच्चों को मजदूरी करनी पड़ती है। उन्हें ठीक तरह से दो समय का खाना भी नहीं मिल पाता, ऐसे में किसी प्रकार की सुविधा और मनोरंजन में रह पाना उनके लिए एक सपने के समान है। एक समय के खाने के लिए भी उन्हें दिन रात एक करने पड़ते हैं।

प्रश्न 4 – दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर :- इस उदासीनता के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जैसे:-

  • हम किस – किस की ज़िंदगी को सुधारेंगे ऐसा तो हर जगह हर किसी के जीवन में चल ही रहा है।
  • हम क्या इनके लिए सरकार से लड़े, हम इसमें क्या और कितना कर पाएंगे।
  • कुछ अपनी दुकान का फ़ायदा देखने हेतु बच्चों से ये काम करवाते है।
  • अगर उन्हें अपने घर का खर्चा चलाना है तो काम तो करना ही होगा।

प्रश्न 5 – आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?

उत्तर :- हम अपने शहर में छोटी-मोटी दुकानों, होटलों, रेड़ी, कैफे, पिज़्ज़ा घर तक पहुँचाने ऐसी जगहों पर काम करते देखा है। वे वहां दिन रात काम करने में लगे रहते हैं।

प्रश्न 6 – बच्चों को काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?

उत्तर :- बच्चों का काम पर जाना धरती के बड़े हादसे के समान इसलिए है क्योंकि जहां इनके नरम नरम हाथों को खिलौने की जरूरत होती है उस समय इनके हाथों में औजार आ जाते है। पढ़ने लिखने की उम्र में घर की ज़िम्मेदारियों का बोझ इनके ऊपर आ जाता है। आखिर में बच्चें ही तो हमारे उज्ज्वल देश का भविष्य होते है। जब आने वाली पीढ़ी ही पढ़ लिख नहीं पाएगी ऐसे में देश कैसे तरक्की करेगा।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 7 – काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने-आप को रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।

उत्तर :- आज तो जल्दी उठना पड़ेगा सेठ के घर मेहमान आने वाले है। फिर जल्दी से जाकर सारा काम भी करना होगा। त्योहार का समय है ऐसे में पहले ही सेठ से थोड़े पैसे मांग लेता हूँ। ये बच्चें स्कूल जाते हुए कितने अच्छे लगते है। काश मैं भी स्कूल जा पाता, इनकी तरह खेल पाता। मुझे तो वही काम करना है किसी के घर जाकर। क्या मुझे इन बच्चों की तरह खुश रहने का अधिकार नहीं है। क्या मैं कभी स्कूल नहीं जा पाऊंगा।

प्रश्न 8 – आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए?

उत्तर :- मेरे विचार से बच्चों कोकाम पर नहीं भेजना चाहिए क्योंकि इससे उनका खेलने कूदने वाला, मौज मस्ती करने वाला बचपन छिन जाता है। वो एक उस अंधेरे की तरफ खींचे चले जाते है जहां से बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। समाज या किसी समिति के द्वारा इस तरह के नियम बनाने चाहिए कि ऐसे बच्चों को मुफ्त या कम फीस में पढ़ने का अवसर मिल सके। वो भी समाज को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग दे सके।

पाठेतर सक्रियता

किसी कामकाजी बच्चे से संवाद कीजिए और पता लगाइए कि-

(क) वह अपने काम करने की बात को किस भाव से लेता/लेती है?

उत्तर :- मैंने काम पर जाते समय एक बच्चें से वार्तालाप करके देखा और यह पाया कि उन्हें यह काम अपनी गरीबी को दूर करने हेतु, घर के हालात देखते हुए करने पड़ते है। जबकि यह उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं।

(ख) जब वह अपनी उम्र के बच्चों को खेलने/पढ़ने जाते देखता/देखती है तो कैसा महसूस करता/करती हैं?

उत्तर :- जब वह अपनी उम्र के बच्चों को खेलते समय या पढ़ने के लिए जाते समय देखते है तब उनके मन में भी यह भावना आती है कि वे इस तरह की ज़िंदगी से आखिरकार क्यों वंचित है। उन्हें इस तरह जीवन जीने का अधिकार क्यों नहीं मिल सकता। क्या हमारी बस यही गलती है कि हम गरीब है और क्या हम हमेशा ऐसे ही रहेंगे।

वर्तमान युग में सभी बच्चों के लिए खेलकूद और शिक्षा के समान अवसर प्राप्त हैं’-इस विषय पर वाद-विवाद आयोजित कीजिए।

उत्तर :- रमा :-  मेरा भाई खेलकूद और शिक्षा में हमेशा प्रथम स्थान प्राप्त करता है।

राखी :- मेरी बहन भी कभी ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ती जब खेल में भाग लेने का उसे कोई अवसर प्राप्त हुआ हो।

रोहन :- सही कहा तुमने, लेकिन यह हर जगह संभव नहीं है। आज कल भी कई ऐसे बच्चें है जो इन चीज़ों में उज्ज्वल तो है लेकिन गरीबी के कारण उन्हें ऐसा कोई मौका नहीं मिल पाता।

राधा :- हमारे घर के पास ऐसे कई बच्चें है।

रमा :- हां, मैंने भी उन्हें देखा है। एक लड़की तो बहुत तेज़ भागती है। अगर उसे ऐसा कोई मौका मिलता तो वह अपने देश का नाम रोशन कर सकती थी।

दिशा :- ऐसे भी कई संस्थान है जहां बच्चों के लिए ये सब फ्री कर दिया गया है। लेकिन कई जगह तो बच्चें आज भी इसके लिए तरस रहे हैं।

बाल श्रम की रोकथाम’ पर नाटक तैयार कर उसकी प्रस्तुति कीजिए।

उत्तर :- छोटे – छोटे बच्चें जो मेहनत कर रहे है, सुबह- सुबह काम पर जा रहे है। उनके लिए ये मजदूरी कैसे रोक सकते है इस पर हमें एक नाटक प्रस्तुत करना है। जैसे:-

राघव :- हमें ऐसे संस्थान खुलवाने के लिए सरकार से गुजारिश करनी चाहिए जहां गरीब बच्चें अपनी प्रतिभा प्रस्तुत कर सके।

दीया :- बच्चों के लिए ये सब बाल मजदूरी कितनी बुरी है हम कितना कुछ देश के लिए खो रहे है यह सरकार के सामने लाना चाहिए।

इस तरह की बीच- बीच में कुछ पंक्तियों का प्रयोग करते हुए एक नाटक तैयार करना है।

चंद्रकांत देवताले की कविता ‘थोड़े से बच्चे और बाकी बच्चे’ (लकड़बग्घा हँस रहा है) पढ़िए। उस कविता के भाव तथा प्रस्तुत कविता के भावों में क्या साम्य है?

उत्तर :- इन दोनों कविताओं में यही समानता है कि इसमें बच्चों की गरीबी और अमीरी का वर्णन किया गया है। इस कविता में ये प्रस्तुत किया गया है कि जहां कुछ बच्चें सुबह ठंड में परेशान होते हुए काम पर जा रहे हैं, तो कुछ उस समय स्कूल में जा रहे हैं। कुछ खेलते है तो कुछ बाल मजदूरी कर रहे हैं। उसी प्रकार चंद्रकांत देवताले की कविता में उन बच्चों का वर्णन किया गया है जहां कुछ थोड़े से बच्चों के लिए बगीचा है तो बाकी बच्चों के लिए कीचड से युक्त गलियां है जहां उन बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। एक मेज है छ: बच्चों के लिए और उनके सामने उनके लिए उतने ही सेब और अंडे है लेकिन बाकी बच्चों के लिए एक कटोरा है एक रोटी है जिसे सब मिलकर खा रहे हैं।

कक्षा 9 हिंदी के अन्य अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य-खंड)प्रेमचंद (दो बैलों की कथा)
2राहुल सांकृत्यायन (ल्हासा की ओर)
3श्यामाचरण दुबे (उपभोक्तावाद की संस्कृति)
4जाबिर हुसैन (साँवले सपनों की याद)
5चपला देवी (नाना साहब की पुत्री, देवी मैना को भस्म कर दिया गया)
6हरिशंकर परसाई (प्रेमचंद के फटे जूते)
7महादेवी वर्मा (मेरे बचपन के दिन)
8हजारीप्रसाद द्विवेदी (एक कुत्ता और एक मैना)
9 (काव्य-खंड)कबीर (सखियाँ)
10ललद्यद (वाख)
11रसखान (सवैये)
12माखनलाल चतुर्वेदी (कैदी और कोकिला)
13सुमित्रानंदन पंत (ग्राम श्री)
14केदारनाथ अग्रवाल (चंद्र गहना से लौटती बेर)
15सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (मेघ आए)
16चंद्रकांत देवताले (यमराज की दिशा)
17राजेश जोशी (बच्चे काम पर जा रहे हैं)

छात्रों को बच्चे काम पर जा रहे हैं प्रश्न उत्तर class 9 प्राप्त करके कैसा लगा?, हमें अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। kaksha 9 hindi kshitij bacche kaam par ja rahe के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं।

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