एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 13 ग्राम श्री

Photo of author
PP Team

छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी अध्याय 13 ग्राम श्री प्राप्त कर सकते हैं। हमने आपके लिए कक्षा 9 हिंदी पाठ 13 के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए हैं। कक्षा 9 हिंदी के प्रश्न उत्तर पाठ 13 ग्राम श्री के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 9 विषय हिंदी अध्याय 13 प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 9 वीं हिंदी अध्याय 13 question and answer के माध्यम से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी अध्याय 13 ग्राम श्री के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi kshitij chapter 13) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Kshitij chapter 13

देखा है कि ग्राम श्री के प्रश्न उत्तर के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं, फिर उन्हें संभालकर रखने में भी दिक्कत होती है, लेकिन इस पेज के माध्यम से क्षितिज भाग 1 कक्षा 9 पाठ 13 question answer ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ 13 के प्रश्न उत्तर (class 9 hindi chapter 13 question answer) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया गया है।

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – कवि ने गाँव को ‘हरता जन-मन’ क्यों कहा है?

उत्तर :- खेतों में चारों तरफ फैली हरियाली, पीली – पीली सरसों, मटर, रंग – बिरंगी तितलियों का सुंदर फूलों पर बैठना, अलग – अलग प्रकार की सब्जियां, मरकत जैसा गांव सब अपनी- अपनी सुंदरता को संजोए हुए है जो एक रूप देखते ही सबका मन मोह ले, इसी कारण कवि ने गांव को ‘ हरता जन – मन कहा है।

प्रश्न 2 – कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?

उत्तर :- कविता में वसंत मौसम के सौंदर्य का वर्णन किया गया है क्योंकि ऐसे खेतों में फैली हरियाली, रंग – बिरंगे फूलों का खिलना, तितलियों का इधर – उधर मोहक रूप में फूलों पर बैठना, कोयल का गुनगुनाना हम इसी मौसम में खुशनुमा रूप से आनंद ले सकते है।

प्रश्न 3 – गाँव को ‘मरकत डिब्बे-सा खुला’ क्यों कहा गया है?

उत्तर :- मरकत एक प्रकार का पन्ना नामक रत्न होता है। रत्न भी अपनी एक चमक उत्पन्न करता है जिसे देखकर सबका मन हर्षा उठता है। उसी प्रकार गांव और वहां के आस पास खेतों में फैली हरियाली, ठंडी और दोपहर की भिनी- भिनी महक जो पूरे गाँव को चमका देती है, पीली सरसों जो खेतों में लहरा रही होती है सब मरकत की तरह मन हर्षा देती है।

प्रश्न 4 – अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं?

उत्तर :- कवि ने अरहर और सनई की तुलना सफ़ेद सोने जैसी दिखाई देती है। जब हल्की शरद् ऋतु में सनई का पौधा खिलकर हमें कपास प्रदान करता है वह देखने पर सफ़ेद सोने की यह लगता है। इसी समय में जब अरहर का पेड़ हवाओं के झोंके में झहलता अर्थात् टकराता है तब वह ऐसी आवाज़ करता है जैसे कमरबंद की करधनी आवाज़ करती है।

प्रश्न 5 – भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) बालू के साँपों से अंकित गंगा की सतरंगी रेती।

उत्तर :- कवि कहते है कि गंगा के किनारों पर इस तरह से बालू की रेत फैली हुई है जैसे साँप ने चलते हुए अपने निशान छोड़ दिए है।

(ख) हँसमुख हरियाली हिम-आतप सुख से अलसाए-से सोए।

उत्तर :- कवि कहते हैं कि खेत में हंसमुख रूप धारण करते हुए गाँव में फैली हरियाली सर्दियों की धूप में आलस से सोती हुई प्रतीत होती है जिसमें यह लग रहा है कि हम बस सर्दियों में सुबह-सुबह सोने का सुख प्राप्त करते रहे।

प्रश्न 6 – निम्न पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक

उत्तर :- अनुप्रास, मानवीय अलंकार का प्रयोग किया गया है।

प्रश्न 7 – इस कविता में जिस गाँव का चित्रण हुआ है वह भारत के किस भू-भाग पर स्थित है?

उत्तर :- इस कविता में जिस गाँव का चित्रण हुआ है वह भारत के गंगा के किनारे फैला कोई गाँव हो सकता है।

रचना और अभिव्यक्ति:-

प्रश्न 8 – भाव और भाषा की दृष्टि से आपको यह कविता कैसी लगी? उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

उत्तर :- कवि ने सरल एवं सहज भाषा में तालमेल बैठाते हुए खेतों में फैली हरियाली, एक गाँव का मन मोहने वाला दृश्य, उसकी प्राकृतिक सौंदर्यता का वर्णन किया है। कवि ने इसमें भिन्न अलंकारों का प्रयोग किया जिसमें अनुप्रास, रुपक, मानवीयकरण अलंकार सम्मिलित है। कवि ने गाँव की सौंदर्यता को इस तरह से निखारा है कि किसी का भी मन इतना प्रफुल्लित हो जाए कि वह गाँव में ही रहना चाहेगा।

प्रश्न 9 – आप जहाँ रहते हैं उस इलाके के किसी मौसम विशेष के सौंदर्य को कविता या गद्य में वर्णित कीजिए।

उत्तर :- हम जिस इलाके में रहते है इस समय वहां सर्दी का वातावरण है। सुबह सुबह कल कल करती हवाएं चलती है। सुबह पांच बजे घूमते समय का मौसम बहुत सुहावना होता है। चारों तरफ हरियाली छाई होती है। सूर्य की किरणें जब चेहरे पर गिरती है तो मन को मोह लेती है और धूप हमारे शरीर को सहला जाती है। चीं चीं करती चिड़ियों की आवाज़ और ठंड में मौसम इतना ठिठुरने वाला कि रजाई से निकलने का मन भी नहीं करता। उस समय गर्म चाय की एक घूट जन्नत की तरह लगती है। छोटी – छोटी ओस हाथों में मोती जैसी चमकती प्रतीत होती है। बच्चों को स्वेटर, जुराब, दस्ताने सब पहनाकर स्कूल भेजा जाता है।

पाठेतर सक्रियता

सुमित्रानंदन पंत ने यह कविता चौथे दशक में लिखी थी। उस समय के गाँव में और आज के गाँव में आपको क्या परिवर्तन नज़र आते हैं? इस पर कक्षा में सामूहिक चर्चा कीजिए।

उत्तर :- उस समय के गाँव और आज के समय के गाँव में एक सीधा परिवर्तन तो प्रदूषण ने ले लिया है। आज कल तो लोगों ने लगभग खेती की तरफ ध्यान देना ही छोड़ दिया है। सब अपने गाँव को छोड़ते हुए विदेशों की तरफ भाग रहे हैं और खेतों को बेच रहे हैं। पहले कच्ची मिट्टी से बने घर हुआ करते थे। लोग घंटों चौपाल में बैठते, बातें करते, ताश खेलते, रागनी सुनते, अलग-अलग प्रकार के नाटक प्रकाशित होते। अब ऐसा दृश्य कहा रह गया है। लोगों को अपने ही काम से फुरसत नहीं। लोग घरों में घुसे रहते है। किसी को किसी से कोई मतलब ही नहीं रहा। शहर से जैसे घर गाँव में विकसित होने लगे। ना छोटे – छोटे बच्चें इधर – उधर भागते खेलते दिखाई देते। सबने खेलने की जगह फोन को दे दी है।

अपने अध्यापक के साथ गाँव की यात्रा करें और जिन फ़सलों और पेड़-पौधों का चित्रण प्रस्तुत कविता में हुआ है, उनके बारे में जानकारी प्राप्त करें।

उत्तर :- पता चलता है कि कविता में जिन फसलों और पेड़ – पौधों का चित्रण किया गया है वह वसंत ऋतु में खिली फसलें है।  इधर उधर तितलियाँ और मधुमक्खियां उन फूलों पर फिरती रहती है और ये दृश्य बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है। उसी समय जंगल में आडू, नींबू, आलू, गोभी, बैंगन, मूली अनेक प्रकार की फसलें देखने को मिलती है। उस फसल की जानकारी प्राप्त करके जो फसल मेरे सामने यह गांव की यात्रा करते वक्त बोई गई जैसे गेहूं की फ़सल को खेत में पानी देने के बाद उसको जमीन के अंदर बोया गया और कुछ दिन के बाद उस बीज को हमने एक छोटे पोदे के रूप में पाया। जैसा कि इस कविता में दिखाया गया है या बताया गया है कि रोमांचित सी लगती वसुधा आई जो गेहूं में बाली।

कक्षा 9 हिंदी के अन्य अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य-खंड)प्रेमचंद (दो बैलों की कथा)
2राहुल सांकृत्यायन (ल्हासा की ओर)
3श्यामाचरण दुबे (उपभोक्तावाद की संस्कृति)
4जाबिर हुसैन (साँवले सपनों की याद)
5चपला देवी (नाना साहब की पुत्री, देवी मैना को भस्म कर दिया गया)
6हरिशंकर परसाई (प्रेमचंद के फटे जूते)
7महादेवी वर्मा (मेरे बचपन के दिन)
8हजारीप्रसाद द्विवेदी (एक कुत्ता और एक मैना)
9 (काव्य-खंड)कबीर (सखियाँ)
10ललद्यद (वाख)
11रसखान (सवैये)
12माखनलाल चतुर्वेदी (कैदी और कोकिला)
13सुमित्रानंदन पंत (ग्राम श्री)
14केदारनाथ अग्रवाल (चंद्र गहना से लौटती बेर)
15सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (मेघ आए)
16चंद्रकांत देवताले (यमराज की दिशा)
17राजेश जोशी (बच्चे काम पर जा रहे हैं)

छात्रों को ग्राम श्री प्रश्न उत्तर class 9 प्राप्त करके कैसा लगा?, हमें अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। kaksha 9 hindi kshitij gram shree के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 9 हिंदी के स्पर्श संचयन और कृतिका के एनसीईआरटी समाधानयहाँ से देखें

Leave a Reply