एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 9 सखियाँ (Ncert Solutions for class 9 Hindi Kshitij chapter 9)

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी अध्याय 9 सखियाँ प्राप्त कर सकते हैं। हमने आपके लिए कक्षा 9 हिंदी पाठ 9 के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए हैं। कक्षा 9 हिंदी के प्रश्न उत्तर पाठ 9 सखियाँ के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 9 विषय हिंदी अध्याय 9 प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 9 वीं हिंदी अध्याय 9 question and answer के माध्यम से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी अध्याय 9 सखियाँ के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi kshitij chapter 9) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Kshitij chapter 9

देखा है कि सखियाँ के प्रश्न उत्तर के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं, फिर उन्हें संभालकर रखने में भी दिक्कत होती है, लेकिन इस पेज के माध्यम से क्षितिज भाग 1 कक्षा 9 पाठ 9 question answer ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ 9 के प्रश्न उत्तर (class 9 hindi chapter 9 question answer) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया गया है।

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – मानसरोवर’ से कवि का क्या आशय है?

उत्तर :- यहाँ मानसरोवर से तात्पर्य मानव के मन से है तथा किसी तालाब या सरोवर से है जिसमें हंस खेलते है और मोती चूगते हैं।

प्रश्न 2 – कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है?

उत्तर :- कवि ने सच्चे प्रेम के महत्त्व के बारे में बताया है। कबीर जी प्रेम के बारे में कहना चाहते है कि मानव इधर प्रेम को ढूंढता फिरता है लेकिन इस संसार में उसे कोई सच्चा प्यार नहीं मिलता। किसी को अगर पवित्र सा प्यार मिल जाए तो उसके लिए विष भी अमृत बन जाता है। यहाँ विष से तात्पर्य यह है कि उसके जीवन की सभी कठिनाइयां खत्म हो जाती है। वह स्वयं को और इस दुनिया को पवित्रता रूप में पा लेता है।

प्रश्न 3 – तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्त्व दिया है?

उत्तर :-  इस दोहे में कबीर कहते है कि व्यक्ति को ज्ञान रुपी हाथी की सवारी करनी चाहिए और सहज साधना रूपी गलीचा बिछाना चाहिए। यहाँ कवि ने संसार की तुलना कुत्तों से की है जो आपके ऊपर भौंकते रहेंगे। यहाँ कवि ज्ञान देना चाहते है कि संसार में लोग तुम्हें ऐसे ही गुमराह करते रहेंगे किंतु उन्हें अनदेखा करके तुम्हें आगे बढ़ते रहना हैं, अगर तुम ऐसा करोगे तो एक दिन संसार के लोग झक मारकर खुद ही चुप हो जाएँगे ।

प्रश्न 4 – इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है?

उत्तर :- कबीर जी कहते है कि इस संसार में सच्चा संत वहीं हैं जो इस संसार की मोह माया को छोड़कर या संसार की भूल भूलइयां से निकल कर उस ईश्वर को पाने की चाहत रखता हैं और वह निष्पक्ष होकर ईश्वर भक्ति करता हैं वहीं कबीर के अर्थो में सच्चा सच्चा संत हैं।

प्रश्न 5 – अंतिम दो दोहों के माध्यम से कबीर ने किस तरह की संकीर्णताओं की ओर संकेत किया है?

उत्तर :- कबीर जी ने काबा को काशी जैसा ही कहा है। मोटा आटा जो कि भेदभाव से बना हुआ है वह पीस पीसकर मैदा बन गया और कबीर जी उसे बैठकर खा रहे है। इसी प्रकार जो व्यक्ति एक अच्छे खानदान में जन्म लेता है और वह अच्छे कर्म न करें तो वह उसी प्रकार हो जाता है जैसे कि सोने के कलश में शराब का होना।

प्रश्न 6 – किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कुल से होती है या उसके कर्मों से? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर :- कबीर का कहना है कि किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके अच्छे कुल अर्थात् खानदान से नहीं होती बल्कि व्यक्ति की पहचान उसके द्वारा किए गए कार्यों से होती है क्योंकि संसार में कर्मो को ही प्रधान माना गया है इसलिए सोने के कलश में शराब का होना खराब माना गया है उसी तरह एक अच्छे परिवार में बुरे कर्म करने वाले को भी उसे गलत ही माना गया है।

प्रश्न 7 – काव्य सौंदर्य सपष्ट कीजिए।-

हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।

स्वान रूप संसार है, भेंकन दे झख मारि।

उत्तर :- काव्य सौंदर्य यह है कि हमें ज्ञान रुपी हाथी की सवारी करनी चाहिए और सहज साधना रूपी गलीचा बिछाना चाहिए। कवि ने संसार की तुलना कुत्तों से की है जो आपके ऊपर भौंकते रहेंगे। कवि ज्ञान देना चाहते है कि संसार में लोग तुम्हें ऐसे ही गुमराह करते रहेंगे किंतु उन्हें अनदेखा करके तुम्हें आगे बढ़ते रहना हैं, अगर तुम ऐसा करोगे तो एक दिन संसार के लोग झक मारकर खुद ही चुप हो जाएंगे।

प्रश्न 8 – मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढ़ता फिरता है?

उत्तर :- मनुष्य ईश्वर को अलग – अलग धर्म स्थलों पर, योग साधना द्वारा, जंगलों में, उपासना करके हर जगह ढूंढ़ने का प्रयास करता फिरता है।

प्रश्न 9 – कबीर ने ईश्वर-प्राप्ति के लिए किन प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है?

उत्तर :- कबीर ने ईश्वर प्राप्ति के लिए कई प्रचलित विश्वासों का खंडन किया है जैसे ना किसी मंदिर – मस्जिद में, ना किसी पवित्र तीर्थस्थलों में, ना किसी कर्म में, ना साधु- योगी बनने में ईश्वर की हमें प्राप्ति होगी। ये सब मोह माया है। कोई गलत काम करते हुए दो तीन घंटे की पूजा करके ईश्वर को नहीं पा सकता।

प्रश्न 10 – कबीर ने ईश्वर को ‘सब स्वाँसों की स्वाँस में क्यों कहा है?

उत्तर :- कबीर जी का मानना है कि ईश्वर तो हर जगह है। वह हमारे मन में समाए हुए है।

प्रश्न 11 – कबीर ने ज्ञान के आगमन की तुलना सामान्य हवा से न कर आँधी से क्यों की?

उत्तर :- कवि ने ज्ञान के आगमन की तुलना सामान्य हवा से न करके आंधी से इसलिए की है क्योंकि तेज़ आंधी ही अज्ञान को जल्दी ज्ञान में परिवर्तित कर सकती है।

प्रश्न 12 – ज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर :- कबीर जी कहते है कि ज्ञान की आंधी का भक्त के जीवन में आने पर उसके सारी अज्ञानता ज्ञान में परिवर्तित हो जाती है इससे वह ईश्वर की भक्ति सच्चे मन से करने लगता है और वह ईश्वर के प्रति समर्पित हो जाता है। कबीर जी ने इसको अपनाकर आडम्बरो का विरोध किया है।

प्रश्न 13 – भाव स्पष्ट कीजिए-

(क) हिति चित्त की वै श्रृंनी गिराँनी, मोह बलिंडा तूटा।

उत्तर :- भाव यह है कि भ्रम और ज्ञान यहाँ नहीं रह सकता। जब संसार में किसी भी व्यक्ति को लोभ ज्यादा होता है तो लोभ के खम्बे गिरने लगते है तो मोह अर्थात् प्यार का आश्रय टूट जाता है।

(ख) आँधी पीछे जो जल बूठा, प्रेम हरि जन भीनाँ।

उत्तर :- इन शब्दों में कवि ज्ञान की महिमा के बारे में बता रहे है अर्थात् ज्ञान को आंधी का रूप देकर परिणामों के बारे में बता रहे है और यह भी बता रहे है कि ज्ञान की आंधी से अज्ञान की आंधी दूर हो जाती है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 14 – संकलित साखियों और पदों के आधार पर कबीर के धार्मिक और सांप्रदायिक सद्भाव संबंधी विचारों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर :- प्रस्तुत कविता के आधार पर कवि का स्वभाव ईश्वर के प्रति ज्यादा आस्था रखने वाला है। कवि खुली प्रवृत्ति के व्यक्ति है जो यह बताते है कि हमें अपने हिसाब से कार्य करना चाहिए। किसी की न सुनते हुए करते हुए काम से पीछे नहीं हटना चाहिए। हमें ईश्वर को कही नहीं ढूंढ़ना चाहिए उनके हिसाब से कवि कण- कण में समाए हुए है।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 15 – निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए-

पखापखी, अनत, जोग, जुगति, बैराग, निरपख

उत्तर :- पखापखी    –   पक्ष-विपक्ष

अनत  –  अन्यत्र

जोग  –  योग

जुगति  –  युक्ति

बैराग  – वैराग्य

निष्पक्ष  –  निरपख

पाठेतर सक्रियता:-

कबीर की साखियों को याद कर कक्षा में अंत्याक्षरी का आयोजन कीजिए।

उत्तर :- मानसरोवर सुभर जल, हँसा केलि कराहिं।

      मुक्ताफल मुकता चुगै, अब उड़ि अनत न जाहिं।।

      हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डरा।

      स्वान रूप संसार है, भूंकन दे झख मारि।।

कक्षा 9 हिंदी के अन्य अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य-खंड)प्रेमचंद (दो बैलों की कथा)
2राहुल सांकृत्यायन (ल्हासा की ओर)
3श्यामाचरण दुबे (उपभोक्तावाद की संस्कृति)
4जाबिर हुसैन (साँवले सपनों की याद)
5चपला देवी (नाना साहब की पुत्री, देवी मैना को भस्म कर दिया गया)
6हरिशंकर परसाई (प्रेमचंद के फटे जूते)
7महादेवी वर्मा (मेरे बचपन के दिन)
8हजारीप्रसाद द्विवेदी (एक कुत्ता और एक मैना)
9 (काव्य-खंड)कबीर (सखियाँ)
10ललद्यद (वाख)
11रसखान (सवैये)
12माखनलाल चतुर्वेदी (कैदी और कोकिला)
13सुमित्रानंदन पंत (ग्राम श्री)
14केदारनाथ अग्रवाल (चंद्र गहना से लौटती बेर)
15सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (मेघ आए)
16चंद्रकांत देवताले (यमराज की दिशा)
17राजेश जोशी (बच्चे काम पर जा रहे हैं)

छात्रों को सखियाँ प्रश्न उत्तर class 9 प्राप्त करके कैसा लगा?, हमें अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। kaksha 9 hindi kshitij Sakhiyan के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं।

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