एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 6 प्रेमचंद के फटे जूते

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी अध्याय 6 प्रेमचंद के फटे जूते प्राप्त कर सकते हैं। हमने आपके लिए कक्षा 9 हिंदी पाठ 6 के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए हैं। कक्षा 9 हिंदी के प्रश्न उत्तर पाठ 6 प्रेमचंद के फटे जूते के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 9 विषय हिंदी अध्याय 6 प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 9 वीं हिंदी अध्याय 6 question and answer के माध्यम से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी अध्याय 6 प्रेमचंद के फटे जूते के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi kshitij chapter 6) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Kshitij chapter 6

देखा है कि प्रेमचंद के फटे जूते के प्रश्न उत्तर के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं, फिर उन्हें संभालकर रखने में भी दिक्कत होती है, लेकिन इस पेज के माध्यम से क्षितिज भाग 1 कक्षा 9 पाठ 6 question answer ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ 6 के प्रश्न उत्तर (class 9 hindi chapter 6 question answer) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया गया है।

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्रं हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के चित्रं सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?

उत्तर :- इस पाठ को पढ़ते हुए हमें  प्रेमचंद जी का संघर्षों से भरा जीवन जिसमें उन्होंने पता नहीं कहा कहा ठोकरे खाई, गरीबी में दिन बिताए,  कभी हार नहीं मानी, किसी चीज़ से कभी निराश नहीं हुए। चित्र से यह भी पता चलता है कि उनके कपड़े पहनने का तरीका भी बिल्कुल सादा था। चाहे वे फ़टे हुए थे तो भी उनमें यह भावना नहीं थी कि वे कहाँ आ गए, क्युं ऐसे फोटों खींचवा रहे हैं।

प्रश्न 2 – सही कथन के सामने (✓) का निशान लगाइए-

(क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।

(ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फ़ोटो खिंचाते हैं जिससे फ़ोटो में खुशबू आ जाए।

(ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है।

(घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अँगूठे से इशारा करते हो?

उत्तर :- (क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।  (×)

(ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फ़ोटो खिंचाते हैं जिससे फ़ोटो में खुशबू आ जाए।  (√)

(ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है। (×)

(घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ अँगूठे से इशारा करते हो?  (×)

प्रश्न 3 – नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-

(क)  जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।

उत्तर :- व्यंग्य यह है कि हमेशा टोपी मान-सम्मान का प्रतीक रही है। जूता हमेशा नीचे रहा है। लेकिन आज कल के समय में लोगों के लिए टोपी कुछ नहीं जूते की कीमत लगातार बढ़ रही है। लोग जूते की समृद्धि को पाने के लिए पच्चीस टोपियों पर जान वार रहे है।

(ख) तुम परदे का महत्त्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुरबान हो रहे हैं?

उत्तर :- पर्दे से अभिप्राय इज्जत से है। लेखक कहना चाहते है कि तुम जानते नहीं कि कुछ लोगों के लिए इज्जत, ह्या का मतलब होता है। इसके लिए लोग अपनी जान दे भी देते है और ले भी लेते हैं।

(ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?

उत्तर :- कवि कहते है कि जो गलत है वह गलत है सही हो ही नहीं सकता। हमारी आँखों में वह घृणा के समान है। उसकी तरफ हाथ से ही नहीं पाँव की उँगली से ही इशारा करना चाहिए।

प्रश्न 4 – पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि ‘फ़ोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?’ लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।’ आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?

उत्तर :- लेखक यह विचार इसलिए बदलता है क्योंकि वह प्रेमचंद के सरल और सहज जीवन को समझ लेता है। वह यह जान लेता है कि लेखक में पोशाक बदलने का गुण नहीं है। वह अपना जीवन सादे रूप से बिताता आ रहा है। वह जैसा है वैसा ही अपना रूप सबको दिखाता है। दिखावा करना उसका गुण नहीं है।

प्रश्न 5 – आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन-सी बातें आकर्षित करती हैं?

उत्तर :- लेखक का जीवन जो कि पूर्णतः कष्टों से भरपूर था। फिर भी उन्होंने कभी हिम्मत नहीं आ रही। अपने जीवन शैली के साथ एक योद्धा की तरह लड़ते हुए जीतते गए जो कि हमें काफी आकर्षित लगा।

प्रश्न 6 – पाठ में ‘टीले’ शब्द का प्रयोग किन संदर्भो को इंगित करने के लिए किया गया होगा?

उत्तर :- टीले शब्द का प्रयोग रास्ते में रूकावट के रूप में प्रयोग किया है। जैसे कोई टीला अगर रास्ते में खड़ा हो जाता तो प्रेमचंद जी उस पर अपना जूता आजमाकर आगे निकल पड़ते। अगर किसी बहुत बड़ी रुकावट से सामना हो भी जाए तो यह थोड़ी जरूरी है कि वही माथा फोड़ते रहे। कही न कही रास्ता बदलना भी सही उपाय होता है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 7 – प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।

उत्तर :- मैं यहां अपने दोस्त राजू के बारे में बताना चाहूंगा। जो कि हमेशा से एक फ़टे हुए कुर्ते को पहने रखता था। कई बार कोई ना कोई पूछता तू इतना अमीर है। तेरे पास इतने सारे कपड़ों की भरपूर मात्रा है फिर भी इस एक फ़टे कुर्ते में हमेशा क्यूँ दिखाई देता है। कई लोग मज़ाक़ भी करते कि तू कभी इसे धोकर पहनता भी है क्या? लेकिन वह इस बात का किसी को कोई जवाब नहीं देता, हमेशा चुप रहता। ऐसा लगता था जैसे पर फटे कुर्ते से उसकी कोई पुरानी याद जुड़ी हो। चाहे कोई उसे कितना भी चिढ़ाता लेकिन कुछ नहीं बोलता।

हालाँकि मेरा सच्चा मित्र होने के बावजूद उसने मुझे भी कुछ नहीं बताया।  अचंभे की बात भी तब बनती है जब एक बार शादी में जाते समय भी वह वही फटा कुर्ता पहन कर चला जाता है। उसकी एक खूबी थी कि वह हर गरीब व्यक्ति को नई नई चीज़े दान करता था लेकिन स्वयं एक फ़टे कुर्ते में रहता था। वह इस राज को अपने मन के भीतर रखते हुए ही वे इस दुनिया से चले गए।

प्रश्न 8 – आपकी दृष्टि से वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है?

उत्तर :- आज कल वेशभूषा को लोग बहुत अहमियत देने लगे है। यहां तक कि लोग खाने पीने से ज़्यादा वेशभूषा पर पैसा खर्च करना जरूरी समझते है। उन्हें लगता है कि हम कही भी बाहर जाए सामने वाला पहले कपड़ों के ऊपर नज़र ढालेगा तभी हमसे बात करेगा। तभी हमें कुछ समझेगा। आज कल लड़के – लड़कियों के कपड़ों में कोई ज्यादा फर्क नहीं रहा। लड़कियां भी ज़ीन्स – शर्ट पहनती है।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 9 – पाठ में आए मुहावरें छांटिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

उत्तर :- अटकना :- फंस जाना (तुम तो रोहित के बिछाये जाल में बुरी तरह अटक गए हो।)

कुर्बान होना :- मर मिट जाना (हज़ारों की संख्या में सैनिकों ने स्वयं को देश के लिए कुर्बान कर दिया।) 

लहूलुहान होना :- खून से लथपथ होना (महेश ने रोहन को इतना मारा कि वह पूरी तरह से पुलिस को लहूलुहान मिला।) 

न्योछावर होना :-  कुर्बान होना (देशवासियों ने भारत की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

पछतावा करना :- पश्चाताप करना (अब तुम रहने दो, अब पछतावा करने से कुछ फ़ायदा नहीं होगा।)

प्रश्न 10 – प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का प्रयोग किया कि उनकी सूची बनाइए।

उत्तर :- लेखक ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए उन्हें महान् कथाकार, उपन्यास सम्राट,  युग प्रवर्तक कहा है।

पाठेतर सक्रियता

महात्मा गांधी भी अपनी वेशभूषा के प्रति एक अलग सोच रखते थे, इसके पीछे क्या कारण रहे होंगे, पता लगाइए।

उत्तर :- महात्मा गांधी बिल्कुल सरल और सहज व्यक्ति थे। वे हमेशा एक धोती में ही रहते थे। हो सकता होगा कि गांधी जी के लिए वेशभूषा का तात्पर्य अपना तन ढकना होगा नाकि कपड़ों और दिखावे के पीछे पैसों की बौछार करना।

अमृतराय लिखित प्रेमचंद की जीवनी ‘प्रेमचंद-कलम का सिपाही’ पुस्तक पढिए।

उत्तर :- प्रेमचंद कलम का सिपाही जिसमें प्रेमचंद जी ने अपनी पहली जीवनी लिखी जिसे 1963 में अकादमी पुरस्कार भी मिला वह हमें पढ़नी है।

कक्षा 9 हिंदी के अन्य अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य-खंड)प्रेमचंद (दो बैलों की कथा)
2राहुल सांकृत्यायन (ल्हासा की ओर)
3श्यामाचरण दुबे (उपभोक्तावाद की संस्कृति)
4जाबिर हुसैन (साँवले सपनों की याद)
5चपला देवी (नाना साहब की पुत्री, देवी मैना को भस्म कर दिया गया)
6हरिशंकर परसाई (प्रेमचंद के फटे जूते)
7महादेवी वर्मा (मेरे बचपन के दिन)
8हजारीप्रसाद द्विवेदी (एक कुत्ता और एक मैना)
9 (काव्य-खंड)कबीर (सखियाँ)
10ललद्यद (वाख)
11रसखान (सवैये)
12माखनलाल चतुर्वेदी (कैदी और कोकिला)
13सुमित्रानंदन पंत (ग्राम श्री)
14केदारनाथ अग्रवाल (चंद्र गहना से लौटती बेर)
15सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (मेघ आए)
16चंद्रकांत देवताले (यमराज की दिशा)
17राजेश जोशी (बच्चे काम पर जा रहे हैं)

छात्रों को प्रेमचंद के फटे जूते प्रश्न उत्तर class 9 प्राप्त करके कैसा लगा?, हमें अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। kaksha 9 hindi kshitij premchand ke phate joote के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं।

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