एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 1 दो बैलों की कथा

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी अध्याय 1 दो बैलों की कथा प्राप्त कर सकते हैं। हमने आपके लिए कक्षा 9 हिंदी पाठ 1 के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए हैं। कक्षा 9 हिंदी के प्रश्न उत्तर पाठ 1 दो बैलों की कथा के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 9 विषय हिंदी अध्याय 1 प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 9 वीं हिंदी अध्याय 1 question and answer के माध्यम से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी अध्याय 1 दो बैलों की कथा के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi kshitij chapter 1) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Kshitij chapter 1

देखा है कि दो बैलों की कथा के प्रश्न उत्तर के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं, फिर उन्हें संभालकर रखने में भी दिक्कत होती है, लेकिन इस पेज के माध्यम से क्षितिज भाग 1 कक्षा 9 पाठ 1 question answer ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ 1 के प्रश्न उत्तर (class 9 hindi chapter 1 question answer) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया गया है।

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी क्यों ली जाती होंगी?

उत्तर :- कांजीहौस में कैद पशुओं की हाज़िरी इसलिए ली जाती थी कि सभी पशुओं की जानकारी मिल सके। वहाँ गाय, भैंस ,बकरी, घोड़ा, गधा आदि को रखा गया था। यदि पशु कैद से भाग जाएं या भर जाए तो, उनकी जानकारी मिल सके।

प्रश्न 2 – छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम क्यों उमड़ आया?

उत्तर : छोटी बच्ची को बैलों के प्रति प्रेम इसलिए उमड़ गया क्योंकि बच्ची की माँ मर चुकी थी। उसकी सौतेली माँ उसे बहुत मरा करती थी। बच्ची ने देखा कि बैलों को दिनभर काम कराया जाता है। फिर उन्हें ठंडे से मारा भी जाता है। खाने के रूप में उन्हें सूखा भूसा दिया जाता है। बैलों की ये हालात देखकर बच्ची के मन में बैलों के प्रति प्रेम उमड़ गया।

प्रश्न 3 – कहानी में बैलों के माध्यम से कौन-कौन से नीति-विषयक मूल्य उभर कर आए हैं?

उत्तर : पूरी कहानी के मुख्य नायक हीरा और मोती है। यह प्रेमचंद की शिक्षाप्रद कहानी है। जिसके माध्यम से उन्होंने दिखाने की कोशिश की है, हमें अपने जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए। हमें हमेशा अपने जीवन को अच्छा बनाने के लिए संघर्ष करना चाहिए। हमें हमेशा अपने साथी की सहायता करनी चाहिए।

प्रश्न 4 – प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभावगत विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़ अर्थ ‘मूर्छ प्रयोग न कर किस नए अर्थ की ओर संकेत किया है?

उत्तर :- इस कहानी में गधे की सहनशीलता, उसका भोलापन, दोनों बैलों की मित्रता, एक दूसरे का साथ देना के बारे में बताया गया है। जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को परले दरजे का बेवकूफ़ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ़ है, या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता।  कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर है, लेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है; किंतु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, न देखा। जितना चाहो गरीब को मारो, चाहे जैसी खराब, सड़ी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी न दिखाई देगी।  सुख-दुख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा। ऋषियों-मुनियों के जितने गुण हैं वे सभी उसमें पराकाष्ठा को पहुँच गए हैं। इसमें कवि ने गधे को ऋषि मुनियों की उपाधि देकर एक नए अर्थ की ओर संकेत किया है।

प्रश्न 5 – किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?

उत्तर:- हीरा और मोती की गहरी दोस्ती की निम्नलिखित घटना है:-

  • जब कांजीहौस में हीरा द्वारा दीवार तोडी गई और उसे रस्सियों से बांधा गया तब मोती ने पूरी दीवार तोडी और उसी के साथ बांध गया।
  • जब उनके द्वारा खेत जोते जाते तब वे ध्यान रखते की कभी एक दूसरे पर ज्यादा भार न पड़े।
  • एक बार जब मोती मटर खाते हुए पकड़ा गया तब हीरा भी वही वापिस आया और उसके साथ ही पकड़ा गया।

प्रश्न 6 – लेकिन औरत जात पर सींग चलाना मना है, यह भूल जाते हो।’-हीरा के इस कथन के माध्यम से स्त्री के प्रति प्रेमचंद के दृष्टिकोण को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- यहाँ कवि दिखाना चाहता है कि हमें हमेशा स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए। उनको मार कर, पीट कर अपमानित नहीं करना चाहिए। आखिर वही तो हमें इस दुनिया में लेकर आती है। एक स्त्री का स्थान इस जग में कोई भी नहीं ले सकता फिर भी हम उसे हर जगह अपमानित करते है उसके साथ ऐसा व्यवहार करते है जैसे वह बस हम पर ही निर्भर है। एक पुरुष के द्वारा उसे कुचला जाता हैं। उसे एहसास दिलाया जाता है कि हमारे बिना तुम्हारा इस दुनिया में कुछ नहीं है।

प्रश्न 7 – किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के आपसी संबंधों को कहानी में किस तरह व्यक्त किया गया है?

उत्तर :- किसान जीवन वाले समाज में पशु और मनुष्य के बीच अत्यधिक प्यार और लगाव को व्यक्त किया है कि कैसे हीरा और मोती का गया के घर से भाग जाने पर झूरी और उसकी पत्नी उसका स्वागत करते है। उसे गले लगाते है। झूरी की पत्नी उनका माथा चुमती है। ऐसा लगता उन चारों को अपने जीवन भर की खुशिया मिल गई हो। साथ में छोटी बच्ची और हीरा – मोती के बीच आपसी लगाव को दर्शाया गया है। छोटी बच्ची उन्हें रोज़ रोटी खिलाती है। अपने आत्मिक प्रेम को प्रकट करती है। ऐसे में मोती भी अपनी मूक भाषा में कह देता है कि इस छोटी बच्ची की सौतेली माँ जो इसे मारती रहती है मन करता है सींगो पर उठाकर फेंक दूँ।

प्रश्न 8 – ‘इतना तो हो ही गया कि नौ दस प्राणियों की जान बच गई। वे सब तो आशीर्वाद देंगें’-मोती के इस कथन के आलोक में उसकी विशेषताएँ बताइए।

उत्तर :- यहाँ मोती के प्रेम, दया-भाव,  सहयोगी भावना का पता चलता है जो और पशुओ की जान बचाकर खुश होता है। जिसे खुद की जान से कोई मतलब नहीं होता क्योंकि वह हीरा की रस्सी नहीं काट पाता और खुद भी वही रह जाता है। ऐसे में वह बस ये सोचता है कि कोई बात नहीं हम ना सही नौ दस पशु तो बच गए।

प्रश्न 9 – आशय स्पष्ट कीजिए :-

(क) अवश्य ही उनमें कोई ऐसी गुप्त शक्ति थी, जिससे जीवों में श्रेष्ठता का दावा करने वाला मनुष्य वंचित है।

उत्तर :- हीरा और मोती आपस में एक मूक भाषा में बात करते थे जो केवल जीव ही समझ सकते थे।  ऐसी आध्यत्मिक शक्ति थी उनके पास। मानव जो कि खुद को इतना श्रेष्ठ समझता है कि मेरे जैसा इस दुनिया में कोई नहीं वैसी उनके पास कोई शक्ति नहीं थी।

(ख) उस एक रोटी से उनकी भूख तो क्या शांत होती; पर दोनों के हृदय को मानो भोजन मिल गया।

उत्तर :-  गया के घर पर हीरा और मोती के साथ बिल्कुल भी अच्छा व्यवहार नहीं होता था। उनसे काम भी कराते और मारते पीटते भी, साथ में भोजन भी सूखा भूसा मिलता। उसी जीवन में अगर कोई हमें प्यार की दो रोटी भी दे दे तो वहां मतलब पेट भरने से नहीं मन को शांति मिलने का होता है।

प्रश्न 10 – गया ने हीरा-मोती को दोनों बार सूखा भूसा खाने के लिए दिया क्योंकि-

(क)  गया पराये बैलों पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था।

(ख)  गरीबी के कारण खली आदि खरीदना उसके बस की बात न थी।

(ग)  वह हीरा-मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था।

(घ)  उसे खली आदि सामग्री की जानकारी न थी।

(सही उत्तर के आगे (✓) का निराश लगाइए।)

उत्तर:-  वह हीरा मोती के व्यवहार से बहुत दुःखी था।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 11 – हीरा और मोती ने शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई लेकिन उसके लिए प्रताड़ना भी सही। हीरा-मोती की इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।

उत्तर:- हीरा और मोती बहुत ही संघर्षमय जीवन व्यतीत कर रहे थे। झूरी के घर के अलावा उन्हें हर जगह प्रताड़ना सहन करनी पड़ रही थी। लेकिन वे हार नहीं मानते और हर जगह अपनी जान और शोषण से बचने का प्रयास करते। गया के घर से खुद को बचाकर वे कांजीहौस में फंस जाते है। वहां पर भी उनको मारा जाता है लेकिन अपने जीवन को बचाते हुए वे उधर से भी भाग जाते है और अंत में अपने मालिक झूरी के पास पहुँच जाते है। ऐसे में हमें यही सीख मिलती है जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाई आए हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। मन में ठान लेना चाहिए कि कुछ भी हो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचना ही है।

प्रश्न 12 – आपको लगता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?

उत्तर :- हम यह सार्थक रूप से समझ सकते है सही में यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर संकेत करती है क्योंकि हर जगह जहाँ भी हीरा और मोती रहते वहां उनके साथ कैदीयों की तरह ही व्यवहार होता और उन्हें प्रताड़ित भी किया जाता। ऐसे में वे संघर्ष करके वहां से भाग कर जीत हासिल करते है अपनी आजादी को पाते हैं। उसी तरह आजादी की लड़ाई में भी भारतवासी जेल में रहे , आजादी के लिए लड़ते रहे जिन्होंने अंत में संघर्ष करते हुए आजादी प्राप्त की।

भाषा अध्ययन :-

प्रश्न 13 – बस इतना ही काफ़ी है।

फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ।

‘ही’, ‘भी’ वाक्य में किसी बात पर जोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।

उत्तर :- बयाई हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है।

एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्य जातियों में गण्य बना दिया।

अभी दो ही चार ग्रास खाए थे।

जोर तो मारता ही जाऊंगा।

अपना ही हार आ गया।

कभी कभी अड़ियल बैल भी देखने को मिलता है।

बैल कभी कभी मारता भी है।

रखवालों ने उसे भी पकड़ लिया।

इससे तो गया फिर भी अच्छा था।

खाने को एक तिनका भी नहीं मिला।

प्रश्न 14 – रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए तथा उपवाक्य छाँटकर उसके भी भेद लिखिए-

(क) दीवार का गिरना था कि अधमरे-से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे।

(ख) सहसा एक दढ़ियल आदमी, जिसकी आँखे लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर, आया।

(ग) हीरा ने कहा-गया के घर से नाहक भागे।

(घ) मैं बेचूंगा, तो बिकेंगे।

(ङ) अगर वह मुझे पकड़ता तो मैं बे-मारे न छोड़ता।

उत्तर:-  

(क) वाक्य भेद – मिश्र वाक्य

उपवाक्य – अधमरे से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे

भेद – संज्ञा उपवाक्य

(ख) वाक्य भेद – मिश्र वाक्य

उपवाक्य – जिसकी आँखें लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर

भेद – विशेषण उपवाक्य

(ग) वाक्य भेद – मिश्र वाक्य

उपवाक्य – अधमरे से पड़े हुए सभी जानवर चेत उठे

भेद – संज्ञा उपवाक्य

(घ) वाक्य भेद – मिश्र वाक्य

उपवाक्य – जिसकी आँखें लाल थीं और मुद्रा अत्यंत कठोर

भेद – विशेषण उपवाक्य

(ङ)  वाक्य भेद – मिश्र वाक्य

उपवाक्य – गया के घर से नाहक भागे

भेद – संज्ञा उपवाक्य

(च) वाक्यभेद – मिश्र वाक्य

उपवाक्य – तो बिकेंगे

भेद – क्रियाविशेषण उपवाक्य

(छ) वाक्य भेद – मिश्र वाक्य

उपवाक्य – तो बे मारे ने छोड़ता

भेद – क्रियाविशेषण उपवाक्य

प्रश्न 15 – कहानी में जगह-जगह मुहावरों का प्रयोग हुआ है। कोई पाँच मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर:-

  • दांतो पसीना आना:- कठिन काम( राम से इतना काम करवाया गया कि उसके दांतो तले पसीने आ गए।
  • सरपट भागना :- जल्दी निकलना ( रोहन अपनी मम्मी को देखते ही खेलने वाली जगह से सरपट भाग गया।
  • प्राण निकलना :-  जान जाना ( जब तक मैं सोहन के पास पहुंचा उसके प्राण निकल चुके थे।
  • विपत्ति में पड़ना :-  मुसीबत में पड़ना ( नैना संभल कर काम करना नहीं तुम विपत्ति में पड़ जाओगे।
  • अनायास ही:- अचानक ही (रचना ने अनायास ही राहुल को थप्पड़ मारा।)

प्रश्न 16 – पशु – पक्षियों से संबंधित अन्य रचनाएं ढूंढ कर पढ़िए और कक्षा में चर्चा कीजिए।

उत्तर :- हमें पशु पक्षियों से जुड़ी कुछ रचनाएं ढूंढनी है और उसे पढ़कर कक्षा मैं चर्चा करनी है।

जैसे:-  नीलू कुत्ता, नीलकंठ मोर,  गिल्लू, सोना हिरणी।

कक्षा 9 हिंदी के अन्य अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य-खंड)प्रेमचंद (दो बैलों की कथा)
2राहुल सांकृत्यायन (ल्हासा की ओर)
3श्यामाचरण दुबे (उपभोक्तावाद की संस्कृति)
4जाबिर हुसैन (साँवले सपनों की याद)
5चपला देवी (नाना साहब की पुत्री, देवी मैना को भस्म कर दिया गया)
6हरिशंकर परसाई (प्रेमचंद के फटे जूते)
7महादेवी वर्मा (मेरे बचपन के दिन)
8हजारीप्रसाद द्विवेदी (एक कुत्ता और एक मैना)
9 (काव्य-खंड)कबीर (सखियाँ)
10ललद्यद (वाख)
11रसखान (सवैये)
12माखनलाल चतुर्वेदी (कैदी और कोकिला)
13सुमित्रानंदन पंत (ग्राम श्री)
14केदारनाथ अग्रवाल (चंद्र गहना से लौटती बेर)
15सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (मेघ आए)
16चंद्रकांत देवताले (यमराज की दिशा)
17राजेश जोशी (बच्चे काम पर जा रहे हैं)

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