एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी क्षितिज अध्याय 2 ल्हासा की ओर

Photo of author
PP Team

छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी अध्याय 2 ल्हासा की ओर प्राप्त कर सकते हैं। हमने आपके लिए कक्षा 9 हिंदी पाठ 2 के प्रश्न उत्तर सरल भाषा में बनाए हैं। कक्षा 9 हिंदी के प्रश्न उत्तर पाठ 2 ल्हासा की ओर के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 9 विषय हिंदी अध्याय 2 प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 9 वीं हिंदी अध्याय 2 question and answer के माध्यम से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी अध्याय 2 ल्हासा की ओर के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi kshitij chapter 2) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Kshitij chapter 2

देखा है कि ल्हासा की ओर के प्रश्न उत्तर के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं, फिर उन्हें संभालकर रखने में भी दिक्कत होती है, लेकिन इस पेज के माध्यम से क्षितिज भाग 1 कक्षा 9 पाठ 2 question answer ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ 2 के प्रश्न उत्तर (class 9 hindi chapter 2 question answer) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया गया है।

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1 – थोड्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?

उत्तर :- थोड्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला क्योंकि लेखक सुमति के साथ था और सुमति की वहां काफी लोगों के साथ जान पहचान थी। दूसरी यात्रा के समय लेखक पहले वाली वेशभूषा नहीं पहन कर गया फिर उसे रुकने के लिए उचित स्थान नहीं मिला क्योंकि कुछ लोगों की मनोवृत्ति पर भी निर्भर था साथ में वहां के लोग नशे में मदहोश रहते थे, उन्हें कोई होश हवास ही नहीं होता था, इसलिए उन्होंने लेखक पर ध्यान भी नहीं दिया।

प्रश्न 2 – उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?

उत्तर :- उस समय के तिब्बत में हथियार का क़ानून न रहने के कारण वहां के लोग लाठी की तरह पिस्तौल बंदूक लेकर घूमते थे। डकैत यात्रियों को मारकर उनका सारा सामान लूट लेते थे। इस प्रकार यात्रियों को हर समय जान का भय रहता था कि कब उन्हें लूट लिया जाए या उन्हें मार न दिया जाए। क्योंकि ऐसा भी होता था कि यदि डाकू लोगों को न मारे तो खुद उसे जान का खतरा होता था।

प्रश्न 3 – लेखक लड्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?

उत्तर :- ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि लेखक का घोडा बहुत सुस्त था, जैसे ही लेखक और ज्यादा ज़ोर देता वह और सुस्त हो जाता। एक जगह दो रास्ते फूट रहे थे, इसलिए बायां रास्ता लेकर लेखक मील-डेढ़ मील चला गया। आगे एक घर में पूछने से पता लगा कि लङ्कोर का रास्ता दाहिने वाला था। फिर लौटकर उसी को पकड़ा।

प्रश्न 4 – लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?

उत्तर :- वह अपने यजमानों के पास जाना चाहते थे। मैंने सोचा, यह तो हफ्ता-भर उधर ही लगा देंगे। लेखक ने उनसे कहा कि जिस गाँव में ठहरना हो उसमें भले ही गंडे बाँट दो मगर आसपास के गाँव में मत जाओ। लेकिन दूसरी बार रोकने का प्रयास इसलिए नहीं किया क्योंकि बाद में उन्हें एक अच्छे ख़ासे मंदिर में 103 हस्तलिखित पोथियां रखी हुई थी। एक- एक पोथी 15-15 सेर से कम नहीं थी। जब लेखक पुस्तकों के भीतर उलझ गया तब उसने सुमति को यजमानों के पास जाने से नहीं रोका।

प्रश्न 5 – अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

उत्तर :- अपनी यात्रा के दौरान लेखक को मुश्किलें तो हुई जैसे पहले उन्हें ठहरने के लिए कोई स्थान नहीं मिला,  फिर वह रास्ता भी भटक गया। उन्हें धूप में भी चलना पड़ा। सामान पीठ पर उठाना पड़ा।

प्रश्न 6 – प्रस्तुत यात्रा-वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?

उत्तर:- वहां के घर कुछ आबाद दिखाई पड़ते थे। वहां जात – पात,  छुआछूत का सवाल ही नहीं है और न औरतें पर्दा करती है। वे भिखमंगो को घर के अंदर चोरी के डर से नहीं आने देते थे। घर की बहुएं बाहर से ही चाय दे देती थी। लोग भांग पीकर मदहोश रहते थे।

प्रश्न 7 –  ‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।’ नीचे दिए गए विकलों में से कौन-सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है-

(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।

(ख) लेखक पुस्तकों की शैल्फ़ के भीतर चला गया।

(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।

(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।

उत्तर :- लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।

रचना और अभिव्यक्ति:-

प्रश्न 8 – सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?

उत्तर :- इससे सुमति के कुशल व्यवहार का पता चलता है। उसकी कई लोगों के साथ जान पहचान थी। वे ठंडे स्वभाव के व्यक्ति थे हालांकि उन्हें गुस्सा आ जाता था लेकिन उतनी ही जल्दी शांत भी हो जाते।

प्रश्न 9 – ‘हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी ख़याल करना चाहिए था।’-उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।

उत्तर :- हां यह कथन किसी हद तक सत्य ही है क्योंकि हम यही सब तो आज तक देखते आए है कि जब भी हम कही बाहर जाते है सामने वाला हमसे उसी हिसाब से बात करता कि जैसे हमने कपड़े पहने हुए है। वेशभूषा से ही विचार लगाते है ये अमीर है या गरीब, ऊंची जाति का है या निची जाति का जो कि पूर्णत: अनुचित है।

प्रश्न 10 – यात्रा-वृत्तांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द-चित्र प्रस्तुत करें। वहाँ की स्थिति आपके राज्य/ शहर से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर :- भारत में स्थित हिमालय श्रेणी से ऊपर बसा एक देश जिसे हम तिब्बत के नाम से जानते है। यह पहाड़ी इलाका है। यहां की भूमि ऊबड़-खाबड़ है। पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां की कई जगह वीरान है। यहां लोग घूमने फिरने के लिए भी आ जाते है। हमारे राज्य या शहर से यह बिल्कुल विपरीत है। हमारे शहर में बड़ी पहाड़ियों का कोई नामों निशान नहीं है। यहां हर छोटी – छोटी जगहों पर घर बसे हुए है।

प्रश्न 11 – आपने भी किसी स्थान की यात्रा अवश्य की होगी? यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को लिखकर प्रस्तुत करें।

उत्तर :- बीते दिनों में ही हमने मनाली कई यात्रा की। यहां लोग घूमने फिरने के लिए आते है। यहां के लोग अंडे और मैगी का खाना बहुत ज़्यादा खाते तो क्योंकि ठंड में यह खाना उनके लिए एक जरूरत की तरह काम करता है ऐसा सब हमें भी वहां प्रतीत हुआ। जगह – जगह पर ठहरने की सुविधा उपलब्ध है। कुछ झूले इस प्रकार के है कि जिनसे जान का खतरा भी हो सकता है। हमने वहां ऐसा कोई काम नहीं किया।

प्रश्न 12 – यात्रा-वृत्तांत गद्य साहित्य की एक विधा है। आपकी इस पाठ्यपुस्तक में कौन-कौन सी विधाएँ हैं? प्रस्तुत विधा उनसे किन मायनों में अलग है?

उत्तर :- इस पाठयपुस्तक में कहानी – दो बैलों की कथा, लहासा की ओर – यात्रा वृत्तांत,  साँवले सपनो की याद – रेखाचित्र, एक तोता और मैना – निबंध के रूप में कुछ विधाएं दी गई है। सब अपने अपने रूप में अलग है किसी में कवि ने व्यक्तियों की यात्रा के बारे में बताया है तो कही पहाड़ी इलाकों के बारे में। कही कोई सपनों में खोया है तो कोई अपने बचपन के दिनों में।

भाषा अध्ययन:-

प्रश्न 13 – किसी भी बात को अनेक प्रकार से कहा जा सकता है, जैसे-

सुबह होने से पहले हम गाँव में थे।

पौ फटने वाली थी कि हम गाँव में थे।

तारों की छाँव रहते-रहते हम गाँव पहुँच गए।

नीचे दिए गए वाक्य को अलग-अलग तरीके से लिखिए-

‘जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।’

उत्तर :- समझ ही नहीं पाए कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।

पता लगाना मुश्किल था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।

क्या पता घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।

प्रश्न 14 – ऐसे शब्द जो किसी ‘अंचल’ यानी क्षेत्र विशेष में प्रयुक्त होते हैं उन्हें आंचलिक शब्द कहा जाता है। प्रस्तुत पाठ में से आंचलिक शब्द ढूँढ़कर लिखिए।

उत्तर :- किसी क्षेत्र विशेष में प्रयुक्त होने वाले शब्द इस प्रकार है जैसे:- खोटी, राहदारी, छड्, कुची कुची, लड्कोर,  डांडे, कंडे, नम्से, विहार।

प्रश्न 15 – पाठ में कागज, अक्षर, मैदान के आगे क्रमशः मोटे, अच्छे और विशाल शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों से उनकी विशेषता उभर कर आती है। पाठ में से कुछ ऐसे ही और शब्द छाँटिए जो किसी की विशेषता बता रहे हों।

उत्तर :- अच्छा मंदिर,  रंग- बिरंगे कपड़े, गरमागरम, विशाल मैदान, ललाट धूप, फौजी, मोटे कागज़, अच्छे अक्षर, छोटे- छोटे, लालच।

पाठेतर सक्रियता:-

 यह यात्रा राहुल जी ने 1930 में की थी। आज के समय यदि तिब्बत की यात्रा की जाए तो राहुल जी की यात्रा से कैसे भिन्न होगी?

क्या आपके किसी परिचित को घुमक्कड़ी/यायावरी का शौक है? उसके इस शौक का उसकी पढ़ाई / काम आदि पर क्या प्रभाव पड़ता होगा, लिखें।

अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-

आम दिनों में समुद्र किनारे के इलाके बेहद खूबसूरत लगते हैं। समुद्र लाखों लोगों को भोजन देता है और लाखों उससे जुड़े दूसरे कारोबारों में लगे हैं। दिसंबर 2004 को सुनामी या समुद्री भूकंप से उठने वाली तूफानी लहरों के प्रकोप ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कुदरत की यह देन सबसे बड़े विनाश का कारण भी बन सकती है।

 प्रकृति कब अपने ही ताने-बाने को उलट कर रख देगी, कहना मुश्किल है। हम उसके बदलते मिजाज को उसका कोप कह लें या कुछ और, मगर यह अबूझ पहेली अकसर हमारे विश्वास के चीथड़े कर देती है और हमें यह अहसास करा जाती है कि हम एक कदम आगे नहीं चार कदम पीछे हैं। एशिया के एक बड़े हिस्से में आने वाले उस भूकंप ने कई द्वीपों को इधर-उधर खिसकाकर एशिया का नक्शा ही बदल डाला। प्रकृति ने पहल भी अपनी ही दी हुई कई अद्भुत चीजें इसान से वापस ले ली हैं जिसकी कसक अभी तक है।

दुख जीवन को माँजता है, उसे आगे बढ़ने का हुनर सिखाता है वह हमारे जीवन में ग्रहण लाता है, ताकि हम पूरे प्रकाश की अहमियत जान सकें और रोशनी को बचाए रखने के लिए जतन करें। इस जतन से सभ्यता और संस्कृति का निर्माण होता है। सुनामी के कारण दक्षिण भारत और विश्व के अन्य देशों में जो पीड़ा हम देख रहे हैं, उसे निराशा के चश्मे से न देखें। ऐसे समय में भी मेघना, अरुण और मैगी जैसे बच्चे हमारे जीवन में जोश, उत्साह और शक्ति भर देते हैं। 13 वर्षीय मेघना और अरुण दो दिन अकेले खारे समुद्र में तैरते हुए जीव-जंतुओं से मुकाबला करते हुए किनारे आ लगे। इंडोनेशिया की रिजा पड़ोसी के दो बच्चों को पीठ पर लादकर पानी के बीच तैर रही थी कि एक विशालकाय साँप ने उसे किनारे का रास्ता दिखाया। मछुआरे की बेटी मैगी ने रविवार को समुद्र का भयंकर शोर सुना, उसकी शरारत को समझा, तुरंत अपना बेड़ा उठाया और अपने परिजनों को उस पर बिठा उत्तर आई समुद्र में 41 लोगों को लेकर महज 18 साल की यह जलपरी चल पड़ी पगलाए सागर से दो-दो हाथ करने। दस मीटर से ज्यादा ऊँची सुनामी लहरें जो कोई बाधा, रुकावट मानने को तैयार नहीं थीं, इस लड़की के बुलंद इरादों के सामने बौनी ही साबित हुई।

             जिस प्रकृति ने हमारे सामने भारी तबाही मचाई है, उसी ने हमें ऐसी ताकत और सूझ दे रखी है कि हम फिर से खड़े होते हैं और चुनौतियों से लड़ने का एक रास्ता ढूँढ निकालते हैं। इस त्रासदी से पीड़ित लोगों की सहायता के लिए जिस तरह पूरी दुनिया एकजुट हुई है, वह इस बात का सबूत है कि मानवता हार नहीं मानती।

  1. कौन-सी आपदा को सुनामी कहा जाता है?
  2. दुख जीवन को माँजता है, उसे आगे बढ़ने का हुनर सिखाता है-आशय स्पष्ट कीजिए।।
  3. मैगी, मेघना और अरुण ने सुनामी जैसी आपदा का सामना किस प्रकार किया?
  4. प्रस्तुत गद्यांश में दृढ़ निश्चय’ और महत्व’ के लिए किन शब्दों का प्रयोग हुआ है?
  5. इस गद्यांश के लिए एक शीर्षक ‘नाराज समुद्र’ हो सकता है। आप कोई अन्य शीर्षक दीजिए।

उत्तर:-

  • समुद्री भूकंप से उठने वाली तूफानी लहरों के प्रकोप को सबसे बड़े विनाश का कारण माना गया है जिसे सुनामी नाम की आपदा कहा जाता है।
  •  दुख जीवन को माँजता है, उसे आगे बढ़ने का हुनर सिखाता है। इससे अभिप्राय यह है कि हमारे जीवन में दुख हमें कुछ सिखाने के लिए आता है। हमें जीवन को सुचारु रूप से चलाने की शिक्षा देकर जाता है। वह हमारे जीवन में ग्रहण लाता है, ताकि हम पूरे प्रकाश की अहमियत जान सकें और रोशनी को बचाए रखने के लिए जतन करें।
  •  13 वर्षीय मेघना और अरुण दो दिन अकेले खारे समुद्र में तैरते हुए जीव-जंतुओं से मुकाबला करते हुए बच कर निकले। मछुआरे की बेटी मैगी ने रविवार को समुद्र का भयंकर शोर सुना और तुरंत सबको बचाने के लिए अपना बेडा उठाया और परिजनों को उस पर बिठा समुंद्र में उतर आई। 41 लोगों को लेकर महज 18 साल की यह जलपरी ने सबकी जान बचाई।
  •  दृढ निश्चय के लिए बुलंद इरादे तथा महत्त्व के लिए अहमियत शब्दों का प्रयोग किया गया है।
  • तूफानी समुंद्र।

कक्षा 9 हिंदी के अन्य अध्यायों के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

अध्यायविषय के नाम
1 (गद्य-खंड)प्रेमचंद (दो बैलों की कथा)
2राहुल सांकृत्यायन (ल्हासा की ओर)
3श्यामाचरण दुबे (उपभोक्तावाद की संस्कृति)
4जाबिर हुसैन (साँवले सपनों की याद)
5चपला देवी (नाना साहब की पुत्री, देवी मैना को भस्म कर दिया गया)
6हरिशंकर परसाई (प्रेमचंद के फटे जूते)
7महादेवी वर्मा (मेरे बचपन के दिन)
8हजारीप्रसाद द्विवेदी (एक कुत्ता और एक मैना)
9 (काव्य-खंड)कबीर (सखियाँ)
10ललद्यद (वाख)
11रसखान (सवैये)
12माखनलाल चतुर्वेदी (कैदी और कोकिला)
13सुमित्रानंदन पंत (ग्राम श्री)
14केदारनाथ अग्रवाल (चंद्र गहना से लौटती बेर)
15सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (मेघ आए)
16चंद्रकांत देवताले (यमराज की दिशा)
17राजेश जोशी (बच्चे काम पर जा रहे हैं)

छात्रों को ल्हासा की ओर प्रश्न उत्तर class 9 प्राप्त करके कैसा लगा?, हमें अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। kaksha 9 hindi kshitij lhasa ki oor के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा 9 हिंदी के स्पर्श संचयन और कृतिका के एनसीईआरटी समाधानयहाँ से देखें

Leave a Reply