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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 संस्कृत पाठ 2 स्वर्णकाकः

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PP Team

हम आपके के लिए इस आर्टिकल के माध्यम कक्षा 9 संस्कृत स्वर्णकाकः के एनसीईआरटी समाधान लेकर आए हैं। कक्षा 9 संस्कृत पाठ 2 के प्रश्न उत्तर परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हर छात्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहता हैं। इसके लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड या कुंजी पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन आप इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 संस्कृत (NCERT Solutions Class 9 Sanskrit Chapter 2) पूरी तरह मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही कक्षा 9 संस्कृत पाठ 2 स्वर्णकाकः के प्रश्न उत्तर पढ़कर परीक्षा में अच्छे अंक भी प्राप्त कर सकते हैं।

NCERT Solutions Class 9 Sanskrit Chapter 2 स्वर्णकाकः

हमने आपके ये सभी कक्षा 9 संस्कृत के एनसीईआरटी समाधान सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाए हैं। इन समाधान से आप आने वाली परीक्षा की तैयारी बेहतर कर सकते हैं। शेमुषी भाग 1 पुस्तक में कुल 10 अध्याय है। पहले इसमें कुल 12 अध्याय थे। लेकिन अब इनकी संख्या घटाकर 10 कर दी गई हैं। आइये फिर नीचे एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 संस्कृत पाठ 2 (NCERT Solutions Class 9 Sanskrit Chapter 2 स्वर्णकाकः) पढ़ना शुरू करें।

पाठ 2 स्वर्णकाकः
अभ्यासः

1. एकपदेन उत्तरं लिखत –

(क) माता काम् आदिशत्?

उत्तराणि :-  पुत्रीम्।

(ख)  स्वर्णकाक: कान् अखादत्?

उत्तराणि :- तण्डुलान्।

(ग) प्रासादः कीदृशः वर्तते?

उत्तराणि :- स्वर्णमयः।

(घ) गृहमागत्य तया का समुद्घटिता?

उत्तराणि :- मञ्जूषां।

(ङ) लोभाविष्टा बालिका कीदृशीं मञ्जूषां नमति?

उत्तराणि :-  बृहत्तमाम्।

(अ) अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत –

(क) निर्धनायाः वृद्धायाः दुहिता कीदृशी आसीत्?

उत्तराणि :- निर्धनायाः वृद्धायाः दुहिता विनम्रा मनोहरा चासीत्।

(ख) बालिकया पूर्व कीदृशः काकः न दृष्टः आसीत्?

उत्तराणि :-  बालिकया पूर्व एतादृशः स्वर्णपक्षः रजतचञ्चुः स्वर्णकाकः न दृष्टः आसीत्।

(ग) निधनायाः दुहिता मञ्जूषायां कानि अपश्यत्?

उत्तराणि :- निर्धनायाः दुहिता मञ्जूषायां महाहराणि हीरकाणि अपश्यत्।

(घ) बालिका किं दृष्ट्वा आश्चर्यचकिता जाता?

उत्तराणि :-  बालिका वृक्षस्य उपरि स्वर्णमयं प्रासादं दृष्ट्वा आश्चर्यचकिता जाता।

(ङ) गर्विता बालिका कीदृशं सोपानम् अयाचत् कीदृशं च प्राप्नोत्?

उत्तराणि :- गर्विता बालिका स्वर्णमय सोपानम् अयाचत् ताम्रमयं च प्राप्नोत्।

2 (क) अधोलिखितानां शब्दानां विलोमपदं पाठात् चित्वा लिखत:-

(i) पश्चात्   –   ………..

(ii) हसितुम्  – ……… 

(iii) अधः   –  ………

(iv) श्वेतः   – ………

(v) सूर्यास्त: – …………

(iv) सुप्त: – ……………..

उत्तराणि:-

(i) पश्चात् –   पूर्वम्

(ii) हसितुम् –  रोदितुम्

(iii) अधः  –   उपरि

(iv) श्वेतः –  कृष्णः

(v) सूर्यास्त: – सूर्योदय:

(vi) सुप्तः –  प्रबुद्ध:

(ख) सन्धिं कुरुत –

(i)   नि + अवसत् – ……..

(Ii)  सूर्य + उदयः – …………

(iii)  वृक्षस्य + उपरि – ………….

(iv)  हि + अकारयत् – ………….

(v) च + एकाकिनी – …………

(vi) इति + उक्त्वा – ………….

(vii)  प्रति + अवदत् – ………….

(viii) प्र + उक्तम् – ………….

(ix)  अत्र + एव – ………….

(x)  तत्र + उपस्थिता – ………….

(xi) यथा + इच्छम् – ………….

उत्तराणि:-

नि + अवसत् – न्यवसत्

सूर्य + उदयः – सूर्योदयः

वृक्षस्य + उपरि – वृक्षस्योपरि

हि + अकारयत् – ह्यकारयत्

च + एकाकिनी – चैकाकिनी

इति + उक्त्वा – इत्युक्त्वा

प्रति + अवदत् – प्रत्यवदत्

प्र + उक्तम् – प्रोक्तम्

अत्र + एव – अत्रैव

तत्र + उपस्थिता – तत्रोपस्थिता

यथा + इच्छम् – यथेच्छम्

3. स्थूलपदान्यधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

(क) ग्रामे निर्धना स्त्री अवसत्।

(ख) स्वर्णकाकं निवारयन्ती बालिका प्रार्थयत्।

(ग) सूर्योदयात् पूर्वमेव बालिका तत्रोपस्थिता।

(घ) बालिका निर्धनमातुः दुहिता आसीत्।

(ङ) लुब्धा वृद्धा स्वर्णकाकस्य रहस्यमभिज्ञातवती।

उत्तराणि: –

(क) ग्रामे का अवसत्?

(ख) कं निवारयन्ती बालिका प्रार्थयत्?

(ग) कस्मात् पूर्वमेव बालिका तत्रोपस्थिता?

(घ) बालिका कस्याः दुहिता आसीत्?

(ङ) लुब्धा वृद्धा कस्य रहस्यमभिज्ञातवती?

4. प्रकृति-प्रत्यय- संयोग कुरूत :-

(क) वि + लोक + ल्यप् —–

(ख) नि + क्षिप् +. ल्यप् ——

(ग) आ + गम् + ल्यप् ——

(घ) दश + क्त्वा —–

(ङ) शी + क्त्वा —–

(च) लघु + तमप्

उत्तराणि: –  वि + लोक + ल्यप् —–  विलोक्य

नि + क्षिप् +. ल्यप् —— निक्षिप्य

आ + गम् + ल्यप् —— आगम्य

दश + क्त्वा —– दृष्टवा

शी + क्त्वा —– शयित्वा

लघु + तमप् —— लघुतमम्

5. प्रकृति-प्रत्यय- विभागं कुरूत:-

(क) रोदितुम् – ……………..

(ख) दृष्ट्वा -……….

(ग) विलोक्य -…………..

(घ) निक्षिप्य -………….

(ङ) आगत्य -…………

(च) शयित्वा – …………….

(छ) लघुतमम्- …………….

उत्तराणि:-

(क) रोदितुम् – रुद् + तुमुन्

(ख) दृष्ट्वा –  दृश् + क्त्वा

(ग) विलोक्य – वि + लोक् + ल्यप

(घ) निक्षिप्य – नि + क्षिप् + ल्यप्

(ङ) आगत्य – आ + गम् + ल्यप

(च) शयित्वा – शी + क्त्वा

(छ) लघुतमम् – लघु + तमप्

6. अधोलिखितानि कथनानि क:/ का, कं/कां च कथयति: –

कथनानि –   कः/का –   कं/काम्

(क) पूर्व प्रातराश: क्रियाताम्।  ………..  –  ………..

(ख) सूर्यातपे तण्डुलन् खगेभ्यो रक्ष। …….. –  …….

(ग) तण्डुलन् मा भक्षया –  ………  –  ………….

(घ) अहं तुभ्यं तण्डुलमूल्यं दास्यामि। ……. –  …….

(ङ) भो नीचकाक! अहमागता , मां तण्डुलमूल्यं प्रयच्छ।  – ………….-…………

उत्तराणि:-

(क) पूर्व प्रातराश: क्रियाताम्।  – स्वर्णकाकः – बालिकाम्

(ख) सूर्यातपे तण्डुलन् खगेभ्यो रक्ष। – वृद्धा माता – पुत्रीम्

(ग) तण्डुलन् मा भक्षया।  –  बालिका – स्वर्णकाकम्

(घ) अहं तुभ्यं तण्डुलमूल्यं दास्यामि। – स्वर्णकाकः  – बालिकाम्

(ङ) भो नीचकाक! अहमागता , मां तण्डुलमूल्यं प्रयच्छ।  –  लुब्धायाः पुत्री – स्वर्णकाकम्

7. उदाहरणमनुसृत्य कोष्ठकगतेषु पदेषु पञ्चमीविभक्तेः प्रयोगं कृत्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

यथा-मूषकः बिलाद् बहिः निर्गच्छति। (बिल)।

(क) जनः ___ बहिः आगच्छति। (ग्राम)

(ख) नद्यः  ___ निस्सन्ति। (पर्वत)

(ग) ……. पत्राणि पतन्ति । (वृक्ष)

(घ) बालक:  __ बिभेति। (सिंह)

(ङ) ईश्वर: __ त्रायते। (क्लेश)

(च) प्रभु: भक्तं……. पापात् निवारयति। (पाप)

उत्तराणि:-  जनः ग्रामात् बहिः आगच्छति। (ग्राम)

नद्यः  पर्वतात् निस्सन्ति। (पर्वत)

वृक्षात्  पत्राणि पतन्ति । (वृक्ष)

बालक:  सिंहात् बिभेति। (सिंह)

ईश्वर: क्लेशात् त्रायते। (क्लेश)

प्रभु: भक्तं पापात् निवारयति। (पाप)

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