भारत का राष्ट्रगीत (National Song Of India In Hindi)- हम जब भी अपनी जिंदगी में हताश होते हैं या हिम्मत हार जाते हैं, तो हम अक्सर अपनी पसंद का कोई गीत सुन लेते हैं। कई बार वो गीत ऐसा जादू करता है कि हमारे भीतर फिर से जोश आ जाता है। ऐसा ही कुछ ब्रिटिश शासन के दौरान भारत का राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ (National Song Of India In Hindi ‘Vande Mataram’) ने किया। उस समय ‘वंदे मातरम्’ जैसे दो शब्द ही गुलाम भारत के लोगों में गुलामी के खिलाफ आक्रोश पैदा करने के लिए काफी थे। इन दो शब्दों ने ही देशवासियों में देशभक्ति के प्राण फूंक दिए थे।
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’
इस पोस्ट के माध्यम से आप हमारे देश के राष्ट्रगीत (Rashtra Geet In Hindi) यानी कि वन्दे मातरम सुजलाम सुफलाम (Vande Mataram In Hindi) के साथ-साथ राष्ट्रगीत का अर्थ (Meaning Of Vande Mataram In Hindi), वंदे मातरम किसने लिखा (Vande Mataram Kisne Likha), राष्ट्रगीत गाने का समय, राष्ट्रगीत का इतिहास, वंदे मातरम गीत का हिंदी अनुवाद, Vande Mataram Kya Hai आदि बातें भी जान सकते हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम् (Rashtra Geet Vande Mataram) की भी अपनी एक कहानी है, जिसे आप इस पेज के माध्यम से जानेंगे।
भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम्
अपने स्कूल के दिनों में ही हम सभी Bharat Ka Rashtra Geet याद कर लेते हैं, लेकिन बड़े होते-होते तक बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जिन्हें पूरा Hindi Vande Mataram याद रह जाता है। अगर आप भी भारत का राष्ट्रगीत हिंदी में (National Song Of India In Hindi) भूल गए हैं और इसे पूरा याद करना चाहते हैं, तो हमने नीचे भारत के राष्ट्रगीत के बोल हिंदी में (National Song Of India Lyrics In Hindi) और वन्दे मातरम् के वास्तविक बोल दिए हुए हैं। जिन्हें पढ़ने के बाद आप आसानी से Vande Mataram Song In Hindi को याद कर सकते हैं। भारत का राष्ट्रगीत (Rashtra Geet Of India) वंदे मातरम् हिंदी में (Vande Mataram Hindi) पढ़ने के लिए नीचे देखें।
भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम् हिंदी में
(National Song Of India Vande Mataram In Hindi)
“वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां
मलयजशीतलाम्
शश्य श्यालालां मातरं
वन्दे मातरम्
सुब्रज्योत्स्ना
पुलकित यामिनीम्
पुल्ल कुसुमित
द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीं
सुमधुर भाषिनीम्
सुखदां वरदां मातरं
वन्दे मातरम्”
संपूर्ण वंदे मातरम् हिंदी में
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम्
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम्
वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम्
वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि,
तुमि मर्म त्वं हि प्राणा:
शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम्
वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी,
नमामि त्वाम् नमामि कमलां
अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम्
वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां
भूषितां धरणीं भरणीं मातरम्
वन्दे मातरम् ।।
– बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय
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राष्ट्रगीत का अर्थ
जब कोई राष्ट्र किसी एक ऐसे गीत को चुनता है जिसमें उस राष्ट्र की अस्मिता का वर्णन किया गया हो और जिसे ख़ास अवसरों पर किसी ख़ास समूह द्वारा गाया जाता हो, तो उसे राष्ट्रगीत का दर्जा दिया जाता है। राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का अर्थ है कि ‘हे मां हम सभी तुम्हें प्रणाम करते हैं, जिसने हम सभी को पोषित किया है, जिसकी धरा, साफ जल, सुंदर फलों से जुड़ा हुआ जिसके आंचल में मलयज पर्वत है। जहां से ठंडी और सुगंधित हवा यहां की धरती को महकाती है। जिसकी रक्षा हिमालय पर्वत करता है। हे मातृभूमि! तुम्हें हमारा प्रणाम है। जिसकी धरती पर चंद्रमा की ठंडी छाया, सफेद रोशनी पड़ती है, जिसके कारण फूल और कलियां सुंदरता से खिल उठती हैं। जहां सभी लोग मीठे बोल बोलते हैं, जहां सुख का आशीष मिलता है। हे मातृभूमि! तुम्हें हम वंदन करते हैं।’
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का इतिहास
- राष्ट्रगीत किसने लिखा- भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम् की रचना बंगाली के महान साहित्यकार श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने की थी। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय के अपने ही प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ में भी वंदे मातरम् का वर्णन मिलता है। उन्होंने वंदे मातरम् की रचना बंगाली और संस्कृत भाषा में की थी, जिसके बाद महर्षि अरविंद घोष ने इसका अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया।
- राष्ट्रगीत कब लिखा गया- ऐसा माना जाता है कि बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने सन् 1876 में इस गीत की रचना की थी, जिसका शीर्षक वंदेमातरम था। सन् 1905 में कांग्रेस की एक बैठक में इस गीत को पहली बार गाया गया था। कुछ ही समय में यह गीत लोकप्रिय हो गया और देश की आज़ादी के आंदोलनों में ‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रीय नारा बन गया। यह गीत आज़ादी की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत बन गया था। राष्ट्रगीत वंदे मातरम् ने स्वाधीनता संग्राम में लोगों में जोश भरने की भूमिका निभाई।
- वंदे मातरम् राष्ट्रगीत कब घोषित हुआ- स्वतंत्रता मिलने के बाद संविधान सभा के अध्यक्ष और भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 24 जनवरी 1950 को वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत घोषित कर दिया। इस गीत को गाने में कुल 1 मिनट 5 सेकेंड का समय लगता है। सन् 2002 में बीबीसी के किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार वंदे मातरम् दुनिया का दूसरा सबसे लोकप्रिय गीत है।
FAQs
People also ask
प्रश्न- राष्ट्रगीत सबसे पहले कब गाया गया था?
उत्तरः कांग्रेस के एक अधिवेशन में।
प्रश्न- राष्ट्रगीत किसने लिखा था?
उत्तरः श्री बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने।
प्रश्न- वंदे मातरम का अर्थ क्या है?
उत्तरः माता की वंदना करना।
प्रश्न- वंदे मातरम राष्ट्रगीत क्यों है?
उत्तरः देश की आज़ादी के आंदोलनों में ‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रीय नारा बन गया था।
प्रश्न- राष्ट्रगीत के प्रथम गायक कौन थे?
उत्तरः संन्यासी भवानन्द।
प्रश्न- राष्ट्रगीत सर्वप्रथम कहाँ गाया गया था?
उत्तरः वाराणसी में।
प्रश्न- राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में क्या अंतर है?
उत्तरः राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों ही देश की धरोहर हैं। राष्ट्रगान को देश के राष्ट्रीय पर्व या किसी खास अवसर पर गाना जरूरी होता है जबकि राष्ट्रगीत के साथ ऐसा नहीं है।
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