सरयू नदी की सुंदरता देखते ही बनती है। अयोध्या शहर सरयू नदी के तट पर बसा है। एक समय पर इसको कोशल और अवध नाम से भी जाना जाता था। अयोध्या नगरी भगवान राम की नगरी के नाम से भी पहचानी जाती है। अयोध्या नगरी पूरी दुनिया में पहचानी जाती है। इसी अयोध्या नगरी में भगवान राम का मंदिर भी है।
अयोध्या मंदिर सभी भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। कहते हैं कि 16वीं शताब्दी तक राम मंदिर का अस्तित्व हुआ करता था। लेकिन बाद में यह विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। लेकिन 5 अगस्त 2020 वह समय था जब भारत सरकार ने अयोध्या मंदिर की नींव रखी। भारत के सभी नागरिकों को 22 जनवरी 2024 का इंतजार है। यह वह ऐतिहासिक दिन होगा जब राम मंदिर का उद्घाटन होगा। राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है।
कहते हैं कि राजा विक्रमादित्य ने ही मूल राम मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर हमेशा से ही आस्था का केंद्र रहा है। यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर को 1528 में ध्वस्त कर दिया गया था। लेकिन बाद में इस मंदिर को दोबारा बनाने का फैसला लिया गया। इसी साल 2024 में इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा रखी जाएगी। तो आइए आज हम अयोध्या राम मंदिर पर निबंध पढ़ते हैं।
प्रस्तावना
भगवान राम को समस्त दुनिया पूजती है। भगवान राम हमारे सभी कष्ट हरते हैं। श्री राम सकारात्मकता का प्रतीक हैं। यह दो अक्षर का नाम दिल को बहुत सुकून देता है। इस सृष्टि के सभी प्राणी भगवान राम के सहारे चलते हैं। श्री राम सबसे बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा में से एक माने जाते हैं। भगवान राम के बिना कोई भी काम मुमकिन नहीं हो सकता है। अयोध्या को ही भगवान राम का जन्म स्थान माना जाता है। यही श्री राम की जन्मभूमि मानी जाती है। इसी जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण किया गया था। सभी हिंदुओं के लिए यह मंदिर बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
अयोध्या नगरी का इतिहास
अयोध्या नगरी को दुनिया की सबसे खूबसूरत नगरी माना जाता है। इसी स्थान पर एक समय राजा दशरथ का राजमहल हुआ करता था। राजा दशरथ की तीन पत्नियां थीं- कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। उन तीनों ही पत्नियों से राजा दशरथ को चार सुंदर पुत्रों की प्राप्ति हुई। उन चारों पुत्रों का नाम था राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न।
भगवान राम सभी पुत्रों में सबसे बड़े थे। माना जाता है कि श्री राम भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक हैं। इस नगरी में प्राचीन संस्कृति आज भी अस्तित्व में है। कहते हैं कि इस नगरी को बसाने का श्रेय सूर्य पुत्र मनु को जाता है। यह नगरी सरयू नदी के किनारे बसी है। अयोध्या को एक समय पर कोसल भी कहते थे।
अयोध्या मंदिर का महत्व
अयोध्या नगरी मंदिरों की नगरी मानी जाती है। इसी अयोध्या नगरी में एक समय पर भगवान श्री राम रहा करते थे। भगवान राम हजारों वर्षों तक अयोध्या नगरी के राजा रहे। अयोध्या के राम मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है। सभी भारतीयों की आस्था इसी मंदिर से जुड़ी हुई है। इस मंदिर में भगवान राम विराजते हैं। इस मंदिर में भगवान राम छोटे बाल रूप में विराजते हैं।
सभी लोग रामलल्ला के दर्शन करने के लिए उत्सुक रहते हैं। क्योंकि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि मानी जाती है, इसलिए यह धरती अति पावन है। कहते हैं कि जो कोई भी अयोध्या नगरी में स्थित राम मंदिर के दर्शन करता है उसके सभी प्रकार के पाप धुल जाते हैं। रामलला के दर्शन करना पुण्य की बात मानी जाती है।
पुराने राम मंदिर का इतिहास
राम मंदिर के उद्घाटन का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 22 जनवरी 2024 को नरेंद्र मोदी के हाथों द्वारा राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। यह सबसे बेहतरीन पलों में से एक होगा। लेकिन क्या आपको राम मंदिर के असली इतिहास के बारे में पता है? राम मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है। क्या आप सभी को यह पता है कि यह मंदिर कब और किसने बनवाया होगा? बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि असल में राम मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने करवाया था। राजा विक्रमादित्य और राम मंदिर को लेकर एक बहुत ही प्रसिद्ध कथा है।
कहते हैं कि एक बार राजा विक्रमादित्य भ्रमण पर निकले हुए थे। घूमते हुए वह एक ऐसे स्थान पर पहुंचे जहां पर खूब हरियाली और सुंदर मकान थे। वहां पर राजा विक्रमादित्य को एहसास हुआ कि उस स्थान पर कुछ सकारात्मक एहसास था। किसी संत ने विक्रमादित्य को यह बताया कि इसी स्थान पर भगवान राम पैदा हुए थे।
फिर यह पता लगाने के लिए कि आखिर राम जन्मभूमि कौन-सी थी, एक गाय को बुलाया गया। गाय ने जिस धरती पर गोमूत्र किया, उसी धरती को राम भगवान की जन्मभूमि मान लिया गया। बस उसी समय विक्रमादित्य ने उस धरती पर राम मंदिर की स्थापना कर दी।
राम मंदिर विध्वंस
राजा विक्रमादित्य ने अपने शासनकाल में अयोध्या नगरी में बहुत ही सुंदर और भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। उस मंदिर की अद्भुत वास्तुकला देखकर सभी लोग हैरान और दंग रह जाते थे। रूद्रायमल ग्रंथ में इसके बारे में बहुत अच्छे से यह उल्लेख किया गया है कि शायद राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या नगरी में 300 से भी ज्यादा मंदिरों का निर्माण करवाया था। इस मंदिर की देखरेख बहुत अच्छे से होने लगी थी। विक्रमादित्य के बाद भी कई राजाओं ने इस मंदिर के अस्तित्व को बचाए रखा।
लेकिन एक दिन अयोध्या मंदिर पर गहरा संकट टूट पड़ेगा, यह कोई नहीं जानता था। 15वीं शताब्दी से भारत पर मुगलों ने शासन करना शुरू कर दिया था। एक दिन 1528 में बाबर का सेनापति घूमता हुए अयोध्या पहुंच गया। उस सेनापति का नाम मीर बाकी था। उसे अयोध्या की जगह बहुत पसंद आई। उसने मूल राम मंदिर को विध्वंस कर दिया। और फिर राम मंदिर को तोड़ने के बाद मीर बाकी के आदेश पर वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया गया।
राम मंदिर की विशेषताएं
- राम मंदिर अयोध्या में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत मंदिर है।
- राम मंदिर के माॅडल को 1988 में तैयार किया गया था। अहमदाबाद के मूल निवासी सोनपुरा परिवार को इस मंदिर के माॅडल को तैयार करने का श्रेय जाता है।
- यह तय किया गया था कि राम मंदिर को पारंपरिक नागर शैली में तैयार किया जाएगा।
- जो नया राम मंदिर बनाया जा रहा है वह 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा।
- राम मंदिर का तीन मंजिला स्टाइल में निर्माण किया जा रहा है।
- राम मंदिर का कुल क्षेत्रफल 70 एकड़ में फैला हुआ होगा।
- राम मंदिर को इस प्रकार से तैयार किया जा रहा है जिसमें वह भूकंप के झटकों को भी सहने में सक्षम होगा।
- मंदिर की आधारशिला इतनी शक्तिशाली है कि वह 2500 साल तक भी मजबूती के साथ खड़ा रहेगा।
- राम मंदिर में जो घंटा लगाया जाएगा वह वजन में 2100 किलोग्राम होगा।
- इसी राम मंदिर में सीता कुंड को भी तैयार किया जा रहा है।
- भगवान राम का यह मंदिर दुनिया के तीसरे बड़े मंदिर के रूप में गिना जाएगा।
रामलला की मूर्ति स्थापना
भगवान राम के मंदिर ने चारों तरफ से सभी को आकर्षित कर रखा है। सभी इस मंदिर के बनने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। अब बात करते हैं कि जब मंदिर का पूर्ण निर्माण हो जाएगा तो रामलला की मूर्ति की स्थापना कैसे की जाएगी। दरअसल राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की दो तरह की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा।
मंदिर में भगवान राम की एक पुरानी मूल मूर्ति की स्थापना होगी। और जो दूसरी मूर्ति स्थापित की जाएगी उसपर निर्माण कार्य को अभी तक जारी रखा गया है। यह जो मूर्ति तैयार की जा रही है उसमें नेपाल के शालिग्राम पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह शालिग्राम पत्थर मूल रूप से नेपाल की काली गण्डकी नदी के हैं।
अयोध्या राम मंदिर पर निबंध 200 शब्दों में
अयोध्या भगवान राम की नगरी के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर है। इस नगरी में हर तरफ आध्यात्मिकता का माहौल देखने को मिलता है। कहते हैं कि जो कोई भी इस अयोध्या नगरी पर अपने पैर रखता है, वह धन्य हो उठता है। यह नगरी भगवान राम को समर्पित है। लोगों की यह आस्था है कि भगवान आज भी यहां विराजते हैं।
इन दिनों अयोध्या कुछ ज्यादा ही चर्चा का विषय बना हुआ है। इसका मुख्य कारण है अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण। अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा रखी जानी निर्धारित की गई है।
इस मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। 22 जनवरी 2024 को पूरे भारत में दिवाली मनाई जाएगी। लोग अपने घरों में चारों तरफ दीपक जलाएंगे। लोग आतिशबाजी भी करेंगे। सभी भारतीयों में यह उत्साह है कि आखिरकार पांच सौ वर्ष बाद भगवान राम फिर से अपने मूल स्थान पर विराजमान होंगे।
रामलला का यह मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में सभी प्रकार की हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस मंदिर के बनने से पर्यटन में भी इजाफा होगा। ऐसा होने से हमारी देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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अयोध्या राम मंदिर पर 10 लाइनें
- राम मंदिर भारत के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक माना जाता है।
- राम मंदिर भगवान श्री राम को समर्पित है।
- इस साल 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा।
- राम मंदिर को 360 फीट लंबा बनाया जा रहा है।
- राम मंदिर अयोध्या नगरी का प्रमुख मंदिर है।
- अयोध्या नगरी राम जन्मभूमि के नाम से भी प्रसिद्ध है।
- मूल राम मंदिर का निर्माण आज से हजारों साल पहले राजा विक्रमादित्य ने करवाया था।
- राम मंदिर को मीर बाकी द्वारा 1528 में विध्वंस कर दिया गया था।
- 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया था।
- इस मंदिर को नागर शैली में डिजाइन किया गया है।
राम मंदिर पर आधारित FAQs
प्रश्न 1. राम मंदिर का निर्माण कार्य कब शुरू हुआ था?
उत्तर- राम मंदिर का निर्माण कार्य 5 अगस्त 2020 को शुरू हुआ था।
प्रश्न 2. राम मंदिर का क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर- राम मंदिर का क्षेत्रफल 2.7 एकड़ है।
प्रश्न 3. राम मंदिर की वास्तुकला की शैली किस शैली से प्रभावित है?
उत्तर- राम मंदिर की वास्तुकला नागर शैली से प्रभावित है।
प्रश्न 4. राम मंदिर की ऊंचाई कितनी होगी?
उत्तर- राम मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी।
प्रश्न 5. पुराने राम मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
उत्तर- पुराने राम मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने करवाया था।
प्रश्न 6. भारत की कौन-सी प्रतिष्ठित कंपनी राम मंदिर के निर्माण में योगदान दे रही है?
उत्तर- लार्सन एंड टुब्रो।