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Class 10 Political Science Ch-5 “लोकतंत्र के परिणाम” Notes In Hindi

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Mamta Kumari
Last Updated on

इस लेख में छात्रों को एनसीईआरटी 10वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पुस्तक यानी “लोकतांत्रिक राजनीति-2” के अध्याय- 5 “लोकतंत्र के परिणाम” के नोट्स दिए गए हैं। विद्यार्थी इन नोट्स के आधार पर अपनी परीक्षा की तैयारी को सुदृढ़ रूप प्रदान कर सकेंगे। छात्रों के लिए नोट्स बनाना सरल काम नहीं है, इसलिए विद्यार्थियों का काम थोड़ा सरल करने के लिए हमने इस अध्याय के क्रमानुसार नोट्स तैयार कर दिए हैं। छात्र अध्याय- 5 राजनीति विज्ञान के नोट्स यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

Class 10 Political Science Chapter-5 Notes In Hindi

आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दो ही तरह से ये नोट्स फ्री में पढ़ सकते हैं। ऑनलाइन पढ़ने के लिए इस पेज पर बने रहें और ऑफलाइन पढ़ने के लिए पीडीएफ डाउनलोड करें। एक लिंक पर क्लिक कर आसानी से नोट्स की पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए ये नोट्स बेहद लाभकारी हैं। छात्र अब कम समय में अधिक तैयारी कर परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। जैसे ही आप नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करेंगे, यह अध्याय पीडीएफ के तौर पर भी डाउनलोड हो जाएगा।

अध्याय-5 “लोकतंत्र के परिणाम“

बोर्डसीबीएसई (CBSE)
पुस्तक स्रोतएनसीईआरटी (NCERT)
कक्षादसवीं (10वीं)
विषयसामाजिक विज्ञान
पाठ्यपुस्तकलोकतांत्रिक राजनीति-2 (राजनीति विज्ञान)
अध्याय नंबरपाँच (5)
अध्याय का नाम“लोकतंत्र के परिणाम”
केटेगरीनोट्स
भाषाहिंदी
माध्यम व प्रारूपऑनलाइन (लेख)
ऑफलाइन (पीडीएफ)
कक्षा- 10वीं
विषय- सामाजिक विज्ञान
पुस्तक- लोकतांत्रिक राजनीति-2 (राजनीति विज्ञान)
अध्याय- 5 “लोकतंत्र के परिणाम”

लोकतंत्र के परिणामों का मूल्यांकन

  • लोकतंत्र को शासन के सभी व्यवस्थाओं से बेहतर माना जाता है।
  • तानाशाही शासन व्यवस्था दोष युक्त होती है।
  • व्यवहारिक रूप की तुलना में सैद्धांतिक रूप में लोकतंत्र को ज़्यादा अच्छा माना जाता है।
  • वर्तमान में 100 से भी अधिक देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित की गई है।
  • यह व्यवस्था अपने नागरिकों को कुछ बुनियादी अधिकारों की गारंटी देती है।
  • लोकतंत्र शासन का एक स्वरूप मात्र है। हर चीज के लिए उसे उत्तरदायी नहीं माना जा सकता है।
  • लोकतंत्र ऐसी स्थितियाँ बनाता है जिनका लाभ उठाकर नागरिकों को अपने लक्ष्य को हासिल करना होता है।
  • यह नागरिकों की सभी सामाजिक बुराइयों को मिटाने वाली कोई जादू की छड़ी नहीं है। लोकतंत्र को बनाए रखने में समाज की भूमिका भी अहम होती है।

लोकतंत्र के महत्त्व बढ़ने के कारण

लोकतंत्र को निम्नलिखित कारणों से सबसे अधिक महत्त्व दिया जाता है-

  • यह नागरिकों में समानता की भावना को बढ़ावा देता है।
  • मनुष्य में गरिमा की भावना बढ़ाता है।
  • निर्णय लेने की क्षमता का विकास करता है।
  • लोकतंत्र लड़ाई-झगड़ों को टालने और उसे समाप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • इसमें गलतियों को सुधारने के लिए अनेक मौके दिए जाते हैं।

उत्तरदायी, जिम्मेवार एवं वैध शासन

  • उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध शासन व्यवस्था के रूप में स्थापित होने के लिए लोकतंत्र को कई प्रयास करने पड़ते हैं।
  • लोगों को अपना शासक चुनने और शासकों पर नियंत्रण रखने का अधिकार प्राप्त है।
  • लोगों की उम्मीदों और जरूरतों पर ध्यान में रखकर एक जिम्मेदार सरकार को सत्ता में स्थापित किया जा सकता है।
  • जो सरकार जनता के हित को ध्यान में न रखरकर फैसले सुनाती है, तो ऐसे फैसले कई बार बड़ी परेशानी का कारण बन जाते हैं, जबकि लोकतांत्रिक सरकार के साथ ऐसा नहीं है।
  • लोकतंत्र में सभी फैसले कायदे-कानून के साथ पक्की व्यवस्था वाले होते हैं जिसकी जाँच बाद में कोई भी नागरिक कर सकता है।
  • लोकतांत्रिक सरकार में पारदर्शिता होती है जबकि गैर-लोकतांत्रिक सरकार में पारदर्शिता का अभाव होता है।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत सरकार सभी कानूनों को मानती और लोगों के प्रति जवाबदेह होती है।
  • इस व्यवस्था के अंतर्गत नियमित और निष्पक्ष चुनाव कराए जाते हैं।
  • प्रमुख नीतियों और नए कानूनों पर सार्वजनिक चर्चा आयोजित की जाती है।
  • नागरिकों के साथ सूचनाओं को साझा करने में लोकतांत्रिक व्यवस्था का रिकॉर्ड थोड़ा खराब है।
  • वर्तमान में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामले इस बात को साबित करते हैं कि लोकतांत्रिक व्यवस्था इस बुराई से मुक्त नहीं है।
  • फिर भी यह एक वैध व्यवस्था है और अन्य शासन व्यवस्था से बेहतर है।

लोकतांत्रिक शासन में आर्थिक संवृद्धि एवं विकास

  • सरकार से जनता द्वारा आर्थिक विकास की उम्मीद करना उचित है क्योंकि इसका संबंध देश के विकास से है।
  • 1950 से 2000 तक आर्थिक विकास के मामले में लोकतांत्रिक शासकों की तुलना में तानाशाहियों की स्थिति थोड़ी बेहतर थी।
  • उच्च स्तर की आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने में लोकतांत्रिक शासन की अक्षमता चिंता का विषय बन चुका है।
  • किसी भी देश का आर्थिक विकास अनेक कारकों पर निर्भर करता है।
  • देश की आर्थिक समृद्धि और विकास दूसरे देशों से प्राप्त सहयोग और देश द्वारा तय की गई आर्थिक प्राथमिकताओं पर भी निर्भर है।

असमानता और गरीबी को कम करने की उम्मीद

  • लोकतांत्रिक व्यवस्था देश में आर्थिक असमानता को कम करती है।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है।
  • चुनाव के दौरान प्रत्येक प्रतिनिधि को समान महत्त्व दिया जाता है।
  • राजनीतिक क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति को समान दर्जा मिलता है लेकिन इसके साथ-साथ आर्थिक असमानता भी बढ़ने लगती है।
  • निम्न स्तर के लोगों को समाज में जीवन यापन के लिए कम संसाधनों में गुजारा करना पड़ता है।
  • निम्न श्रेणी के लोगों को कई बार अपनी बुनियादी जरूरतों (भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और चिकित्सा) को पूरा करने के लिए अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
  • वास्तविक जीवन में सरकार ने आर्थिक असमानताओं को कम करने में अधिक सफलता हासिल नहीं की है।
  • बांग्लादेश में आधी से ज़्यादा आबादी गरीबी में जीवन बीता रही है।
  • वर्तमान में बहुत से गरीब देश अपनी खाद्य-आपूर्ति के लिए अमीर देशों पर निर्भर हैं।

सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य

  • लोकतांत्रिक व्यवस्था शांति तथा सद्भावना का जीवन जीने में लोगों के लिए मददगार साबित होती है।
  • यह कई तरह के सामाजिक विभाजनों के बीच सामंजस्य स्थापित करती है।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था अपने अंदर होने वाले टकरावों को हिंसक रूप नहीं लेने देती।
  • लोकतंत्र का अर्थ सिर्फ बहुमत के आधार पर शासन करना नहीं है।
  • बहुमत से सत्ता में आने का मतलब धर्म, नस्ल तथा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता है।
  • अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण करते हैं।

नागरिकों की गरिमा और आजादी पर लोकतंत्र का प्रभाव

  • लोकतंत्र के अंतर्गत व्यक्ति की गरिमा और आजादी बाकी शासकीय व्यवस्थाओं से अलग है।
  • किसी भी क्षेत्र में टकराव सम्मान न पाने के कारण ही उत्पन्न होता है।
  • गरिमा और आजादी ये दो लोकतंत्र के आधार माने जाते हैं।
  • यह व्यवस्था हमेशा नागरिकों के अधिकारों का सम्मान नहीं कर पाती। इसके लिए स्त्रियों की गरिमा का उदाहरण सबसे पहले सामने आता है।
  • पहले विश्व के अधिकतर समाज पुरुष-प्रधान सत्ता से पोषित थे, जिसके कारण महिलाओं को गरिमा और समानता प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा।
  • आज महिलाओं के लिए वैधानिक और नैतिक रूप से गलत धारणाओं के खिलाफ आवाज उठाना और कानूनी लड़ाई लड़ना आसान हो गया है।
  • लोकतांत्रिक व्यवस्था ने समाज में कमजोर एवं भेदभाव का शिकार होने वाली जातियों को समान अवसर प्रदान करने की कोशिश की है।
  • अब आम लोग भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने लगे हैं।
  • किसी भी देश में लोकतंत्र ने कितनी सफलता प्राप्त की है, ये वहाँ की जनता की शिकायतों पर भी निर्भर करता है।
  • लोकतंत्र देश के नागरिकों की स्थिति तथा उनकी जागरूकता को भी दर्शाता है।
  • लोकतंत्र के अंतर्गत नागरिकों का वोट ही उनके हितों को प्रभातीय करता है।
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