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LLB Full Form In Hindi: एल.एल.बी. क्या है, योग्यता, आवेदन प्रक्रिया

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Mamta Kumari
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एलएलबी की फुल फॉर्म (LLB Full Form In Hindi)- आज के आपराधिक मामलों को देखते हुए अब ज़्यादातर विद्यार्थी 12वीं पास करने के बाद एल.एल.बी. की पढ़ाई की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। इस पढ़ाई को करने का एक कारण यह भी है कि अब लोग अपने अधिकारों के बारे में बारीकी से जानना चाहते हैं क्योंकि आए दिन लगातार उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। एल.एल.बी. की पढ़ाई ऐसी योग्यता और जानकारी प्रदान करती है जिसके आधार पर आप महत्वपूर्ण बदलावों के लिए प्रयास कर सकते हैं। कानून की पढ़ाई ज़्यादातर विद्यार्थी वकील बनने और कोर्ट में कार्य करने के लिए करते है। कुछ लोगों को लगता है कि इस पढ़ाई को पूरा करने के बाद उम्मीदवार सिर्फ वकील ही बनते है लेकिन ऐसा नहीं है इसके अलावा भी आप कई क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं।

एलएलबी की फुल फॉर्म

एल.एल.बी. कानून तथा विधि से जुड़ा हुआ स्नातक स्तर का डिग्री कोर्स है। जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को कानून के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है और उसकी पूरी जानकारी दी जाती है। डिग्री प्राप्त करने वाले अधिकतर विद्यार्थी वकील बनकर कोर्ट में कई मुकदमे लड़ते है। इस प्रकार अनुभव प्राप्त करते हुए यही विद्यार्थी वरिष्ठ वकील भी कहलाने लगते हैं। आपको बता दें कि भारत में एल.एल.बी. की पढ़ाई के लिए सबसे पहला विश्वविद्यालय बेंगलुरु में बनाया गया था। जिसकी शुरुआत वर्ष 1987 में हुई थी। स्नातक के बाद एल.एल.बी. 3 साल का कोर्स है जिसे 6 सेमेस्टर में बाँटा गया है। जो भी विद्यार्थी इस 3 साल के कोर्स के सभी समेस्टर सफलतापूर्वक पास कर लेता है, उसे एल.एल.बी. की डिग्री मिल जाती है। लेकिन अभ्यर्थी को पूर्ण रूप से वकील बनने के लिए ऑल इंडिया बार एग्जाम (All India Bar Exam) भी पास करन होता है।

एल.एल.बी. क्या है?

एल.एल.बी. डिग्री की शुरुआत इंग्लैंड से हुई थी परंतु आज के समय में यह भारत के सबसे पसंदीदा कोर्स में से एक है। यह डिग्री कोर्स दो प्रकार का होता है- पहला, 3 साल का जिसकी पढ़ाई आप स्नातक पास करने के बाद कर सकते हैं। वहीं दूसरा, 5 साल का होता है, इसकी पढ़ाई आप 12वीं के बाद कर कसते हैं। अगर कोई विद्यार्थी वकील बनने के सपने देखता है, तो उसके लिए इस डिग्री कोर्स को करना अनिवार्य है क्योंकि वकालत की शुरुआती पढ़ाई इसी डिग्री कोर्स से शुरू होती है। इस कोर्स के माध्यम से छात्र/छात्रा को वकालत के दौरान अपनाई जाने वाली सभी कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में पढ़ाया जाता है। साथ ही यह कोर्स विद्यार्थियों में कानून संबंधित तार्किक, विश्लेषणात्मक और समालोचनात्मक समझ को भी विकसि करता है। इसके अलावा आप सामाजिक और कानूनी मुद्दों को हल करने के कौशलों को भी प्राप्त करते हैं। इस प्रकार इस कोर्स के ज़्यादातर पाठ्यक्रम कानून, व्यवस्था और अधिकार से जुड़े होते हैं। इस कोर्स में कानून तथा व्यवस्था, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास और मानवाधिकार जैसे विषयों को विशेष रूप से पढ़ाया जाता है।

एलएलबी फुल फॉर्म

एल.एल.बी. का पूरा नाम हिंदी और अंग्रेजी में नीचे टेबल में पढ़ें-

एल.एल.बी. की फुल फॉर्म हिंदी में (LLB Full Form In Hindi)एल.एल.बी. की फुल फॉर्म अंग्रेजी में (LLB Full Form In English)
“कानून में स्नातक/विधि स्नातक” (Kanoon Mein Snatak/Vidhi Snatak)“बैचलर ऑफ लॉ” (Bachelor of Law) 

ये फुल फॉर्म भी देखें

एमबीए की फुल फॉर्म (MBA Full Form In Hindi)
इसरो की फुल फॉर्म (ISRO Full Form In Hindi)
आईटीआई की फुल फॉर्म (ITI Full Form In Hindi)
एनडीए की फुल फॉर्म (NDA Full Form In Hindi)

एल.एल.बी. के प्रकार

एल.एल.बी. के प्रकार डिग्री कोर्स अवधि
बी.बी.ए. एल.एल.बी. (B.B.A. L.L.B.)5 साल
बी.ए. एल.एल.बी. (B.A. L.L.B.)5 साल
बी.एससी. एल.एल.बी. (B.Sc. L.L.B.)5 साल

एल.एल.बी. के लिए योग्यता

  • अगर अभ्यर्थी 3 साल का एल.एल.बी. कोर्स करना चाहता है, तो वह किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक होना चाहिए।
  • विद्यार्थी स्नातक में कम से कम 45% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए।
  • लेकिन 12वीं के बाद वकालत करने के लिए 5 साल की पढ़ाई करनी होती है। इसके लिए कक्षा 12वीं में कम से कम 50% अंक होने चाहिए।
  • भारत में एल.एल.बी. के कोर्स के लिए कोई उम्र सीमा निर्धारत नहीं की गई है।
  • अगर आप कानून की पढ़ाई विदेश से करना चाहते हैं, तो आपको पहले किसी अंग्रेजी लैंग्वेज टेस्ट को पास करना होगा। साथ ही लॉ नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट (LNAT) जैसी प्रवेश परीक्षा को भी पास करना होगा।

एल.एल.बी. आवेदन प्रक्रिया

  • आवेदन के लिए सबसे पहले आप सही कोर्स का चयन करें। फिर अपने चुने हुए विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें।
  • जिसके बाद आपको वहाँ से एक यूजरनेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • अब साइन इन करने के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन कर लें। उसके बाद आवेदन फॉर्म को सावधानी से भरते हुए पूरा कर लें।
  • अंत में आवेदन फॉर्म जमा करें और आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • एल.एल.बी. कोर्स में दाखिला दो तरह से लिया जा सकता है, पहला प्रवेश परीक्षाओं के अंकों के आधार पर और दूसरा योग्यता परीक्षा यानी 12वीं के अंकों के आधार पर।
  • आपको प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करने से पहले एक बार पात्रता मानदंड की जाँच अवश्य कर लेनी चाहिए।
  • विद्यार्थी जिस विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में दाखिला लेना चाहते हैं, उन्हे उसी के अनुसार परीक्षा का चुनाव करना चाहिए। अगर आप दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिल लेना चाहते हैं, तो आपको डी.यू. एल.एल.बी. प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ती है। उसके बाद परीक्षार्थियों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर काउंसलिंग और मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। जिसके बाद विद्यार्थी का दाखिला एल.एल.बी. कोर्स में होता है।
  • वहीं योग्यता परीक्षा यानी 12वीं के अंकों के आधार पर कोर्स में सीधे प्रवेश लेना एक दूसरा तरीका है। कर्नाटक राज्य विधि विश्वविद्यालय ऐसी ही प्रवेश प्रक्रिया को मान्यता देता है।
  • आपको बता दें कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी 3 वर्ष के बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ डिग्री प्रोग्राम को नहीं कराता है, उनके पास सिर्फ स्नातक स्तर पर 5 वर्ष का ही कोर्स मौजूद है।

एल.एल.बी. के लिए आवश्यक दस्तावेज

  1. स्नातक परीक्षा के परिणाम का प्रमाण पत्र
  2. स्नातक परीक्षा की मार्कशीट
  3. पासपोर्ट साइज फोटो
  4. जन्मतिथि प्रमाण पत्र
  5. चरित्र प्रमाण पत्र
  6. आवेदन शुल्क का प्रमाण पत्र
  7. श्रेणी विशेष के लिए प्रमाण पत्र (यदि विकल्प हो तो)

एल.एल.बी. कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षाएँ

  1. कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT)
  2. ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट (AILET)
  3. लॉ स्कूल एडमिशन टेस्ट (LSAT)
  4. दिल्ली विश्वविद्यालय एल.एल.बी. प्रवेश परीक्षा (DU LLB)
  5. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय एल.एल.बी. प्रवेश परीक्षा (BHU LLB)

एल.एल.बी. डिग्री के फायदे/एल.एल.बी. क्यों करें?

  • कानून में डिग्री प्राप्त करने के बाद भले ही आपको सफलता जल्दी न मिले या मनचाहा वेतन न मिल पाए लेकिन ये डिग्री आपके व्यक्तित्व को औरों से बेहतर बनाने और कम वेतन प्राप्त करने वालों के मुकाबले बेहतर धनराशि प्राप्त करने का अवसर देती है।
  • एल.एल.बी. करने के बाद विद्यार्थियों के लिए वकील बनने के अलावा और भी कई क्षेत्रों में बेहतर करियर विकल्प हैं, जैसे- शिक्षा, संचार, वाणिज्य, उद्योग, सामाजिक कार्य, राजनीतिक कार्य आदि ।
  • इस पढ़ाई को करने के बाद विद्यार्थी किसी भी मुद्दे पर अपने ज्ञान और कौशल के आधार पर दो तरीके से सोचने की क्षमता विकसित कर लेता है साथ ही वह कानून संबंधित सबसे बेहतर समाधान बनने के योग्य बन जाता है।
  • कानून की पढ़ाई किए हुए कई छात्र/छात्रा अपने-अपने पसंद के क्षेत्रों में सफल हो जाते हैं और कुछ प्रसिद्ध नेता बन जाते हैं। इस तरह सफल एल.एल.बी. विद्यार्थी समाज में सम्मान के पात्र भी बनते हैं।
  • कानून की पढ़ाई करने के बाद आप निम्नलिखित पदों पर भी कार्य कर सकते हैं-
  1. लीगल अफसर
  2. सवरन कमीश्नर
  3. क्रिमिनल लॉयर
  4. सिविल लॉयर
  5. फैमिली लॉयर
  6. इंश्योरेंस लॉयर
  7. बैंक एडवोकेट
  8. लॉ डिपार्टमेंट
  9. ऑफिस क्लर्क
  10. लेक्चरर
  11. क्लेम मैनेजर
  12. क्लर्क
  13. अदर लॉ रिलेटेड पोस्ट्स
  14. डेप्युटी लीगल मैनेजर
  15. लीगल अडवाइसर
  16. लीगल ऑफिसर ऑन बोर्ड
  17. सीनियर लॉ अफसर
  18. लीगल जनरल मैनेजर
  19. लीगल एडवाइजर
  20. असिस्टेंट कोर्ट सेक्रेटरी

भारतीय लॉ विश्विद्यालय

भारतीय लॉ विश्विद्यालय/महाविद्यालय
फैकल्टी ऑफ लॉ, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
फैकल्टी ऑफ लॉ दिल्ली यूनिवर्सिटी
जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी
भारती विद्यापीठ न्यू लॉ कॉलेज पुणे
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलुरु

एल.एल.बी. की एक साल की फीस कितनी होती है?

भारत में सबसे कम फीस में कानून कि पढ़ाई को पूरा कराने वाला विश्वविद्यालय फैकल्टी ऑफ लॉ, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को माना जाता है। सरकारी विश्वविद्यालय होने के कारण यहाँ पर एल.एल.बी. की सालाना फीस लगभग 6,846/- रु. है। वहीं गैर-सरकारी विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में एल.एल.बी. (L.L.B.) जैसे कोर्स के लिए सालाना फीस 70,000/- रु. से 1,00,000 रु. तक है। गैर-सरकारी विश्वविद्यालयों की फीस इससे भी ज्यादा हो सकती है। इस तरह पूरे कोर्स की फीस लगभग 6 लाख तक हो सकती है।

एल.एल.बी. की विशेषज्ञता

जिस तरह बी.ए. का एक विद्यार्थी अपने चुने हुए विषय में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ते हुए एम.ए. करता है। उसी तरह एल.एल.बी. का विद्यार्थी स्नातक के बाद स्नातकोत्तर स्तर पर अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अपने किसी चुने हुए विषय में विशेषज्ञता हासिल कर सकता है। विद्यार्थी निम्नलिखित विषयों में स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई कर सकते हैं-

  1. मानव अधिकार
  2. संविधानिक कानून
  3. कुटुंब विधि
  4. आपराधिक विधि
  5. कराधान कानून
  6. कॉर्पोरेट कानून और शासन
  7. बौद्धिक संपदा कानून
  8. पर्यावरण कानून
  9. श्रम कानून
  10. बीमा विधि
FAQs
प्रश्न: एल.एल.बी. डिग्री की शुरुआत सबसे पहले कहाँ हुई से थी?

उत्तर: इंग्लैंड में।

प्रश्न: एल.एल.बी. की पढ़ाई विदेश से करने के लिए कौन सी प्रवेश परीक्षा पास करनी पड़ती है?

उत्तर: लॉ नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट (LNAT) के साथ-साथ एक अंग्रेजी लैंग्वेज टेस्ट को भी पास करना होता है।

प्रश्न: एल.एल.बी. की डिग्री लेने के बाद वकालत के अलावा और कौन से पदों पर कार्य कर सकते हैं?

उत्तर: ऑफिस क्लर्क, लेक्चरर, क्लेम मैनेजर, क्लर्क, अदर लॉ रिलेटेड पोस्ट्स, डेप्युटी लीगल मैनेजर, लीगल अडवाइसर आदि पदों पर कार्य किया जा सकता है।

प्रश्न: सबसे सस्ता लॉ कॉलेज कौन सा है?

उत्तर: फैकल्टी ऑफ लॉ, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय।

प्रश्न: एल.एल.बी. करने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर: सरकारी विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. करने पर सालाना फीस लगभग 6,846/- रु. लगती है। लेकिन गैर-सरकारी विश्वविद्यालयों की सालाना फीस लाख के आसपास या लाख से ऊपर होती है।

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