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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 4 मुगल साम्राज्य

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PP Team
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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 4 मुगल साम्राज्य प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल पर कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास पाठ 4 का पूरा समाधान दिया हुआ है। ncert solutions class 7 social science history chapter 4 मुगल साम्राज्य पूरी तरह से मुफ्त है। छात्र कक्षा 7 इतिहास अध्याय 4 के प्रश्न उत्तर से परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। आइये फिर कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 4 के प्रश्न उत्तर नीचे देखते हैं।

Ncert Solutions Class 7 Social Science History Chapter 4 in Hindi Medium

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास हमारे अतीत -2 का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना हैं। कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास के लिए एनसीईआरटी सलूशन जो कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है। इतिहास कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं। ncert solutions for class 7 social science history chapter 4 नीचे से देखें।

कक्षा : 7
विषय : सामाजिक विज्ञान (इतिहास हमारे अतीत -2)

अध्याय : 4 (मुग़ल साम्राज्य)

फिर से याद करे

प्रश्न 1 – सही जोड़े बनाइए :-

(क) मनसब मारवाड़

(ख) मंगोल गवर्नर

(ग) सिसौदिया राजपूत उज़बेग

(घ) राठौर राजपूत मेवाड

(ड़) नूरजहाँ पद

(च) सूबेदार जहांगीर

उत्तर:- 

(क) मनसब                 पद  

(ख) मंगोल                 उज़बेग

(ग) सिसौदिया राजपूत         मेवाड

(घ) राठौर राजपूत              मारवाड़

(ड़) नूरजहाँ                   जहांगीर

(च) सूबेदार                  गवर्नर

प्रश्न 2 – रिक्त स्थान भरें :-

______अक़बर के सौतेले भाई, मिर्ज़ा हाकिम के राज्य की राजधानी थी।

दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश अहमद नगर _______ और _____थी।

यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन का द्योतक था तो सवार उसके _____ को दिखाता था।

अकबर के दोस्त और सलाहकार अबुल फ़ज़्ल ने उसकी ________ के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका।

उत्तर:-

  • काबुल अक़बर के सौतेले भाई, मिर्ज़ा हाकिम के राज्य की राजधानी थी।
  • दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश अहमद नगर बीजापुर और गोलकुंडा थी।
  • यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन का द्योतक था तो सवार उसके सैन्य उत्तरदायित्व दिखाता था।   
  • अकबर के दोस्त और सलाहकार अबुल फ़ज़्ल ने उसकी सुलह ए कुल के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका।

प्रश्न 3 – मुगल राज्य के अधीन आने वाले केंद्रीय प्रांत कौन से थे ?

उत्तर :- मुग़ल राज्य के अधीन आने वाले केंद्रीय प्रांत – दिल्ली, लाहौर, पानीपत, आगरा,मेवाड़, मालवा, मारवाड़, आमेड़, चितौड़, अजमेर, मथुरा थे।

प्रश्न 4 – मनसबदार और जागीर में क्या संबंध था ?

उत्तर :- मनसबदार शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्तियों के लिए होता था जिन्हें कोई मनसब यानी कोई सरकारी हैसियत या पद मिलता था। मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि के रूप में पाते थे, जिन्हें जागीर कहते थे। जो तकरीबन इक्ताओ के समान थी। लेकिन जागीरों के पास केवल अपना राजस्व एकत्रित करने का अधिकार था। यह राजस्व उनके लिए उनके नौकर एकत्रित करते थे। अकबर के शासनकाल में जागिरो का सावधानीपूर्वक अनुकूलन किया जाता था ताकि इनका राजस्व मनसबदार के वेतन के तकरीबन बराबर रहे।

आइए समझे:-

 प्रश्न 5 – मुगल प्रशासन में ज़मींदार की क्या भूमिका थी ?

उत्तर:- जमींदार किसानों से राजस्व एकत्रित करके सरकार के राजस्व विभाग में जमा कराता था। वे गांव के शक्तिशाली मुखिया होते थे। वे सरकार तथा किसानों के बीच मध्यस्थ का काम करते थे। कुछ क्षेत्रों में जमींदार इतने शक्तिशाली होते थे कि मुग़ल प्रशाशको द्वारा शोषण किए जाने की स्थिति में वे विद्रोह कर सकते थे। कभी कभी एक ही जाति के जमींदार और किसान मुग़ल सत्ता के खिलाफ विद्रोह कर देते थे।

प्रश्न 6 – शासन-प्रशासन संबंधी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएँ कितनी महत्वपूर्ण थी ?

उत्तर:- अकबर की रूचि विभिन्न व्यक्तियों के धर्मों और रीती – रिवाजों में थी। ये चर्चाएं इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण होती थी क्योंकि अकबर को यह समझ आ गया था कि जो विद्वान धार्मिक रीती और मतांधता पर बल देते है, वे अक्सर कट्टर होते है। उनकी शिक्षाएँ प्रजा के बीच विभाजन पैदा करती है। ये अनुभव अकबर को सुलह – ए – कुल की नीति की ओर ले गए अर्थात अकबर ने सर्वत्र शांति की विचारधारा अपनाई। यह ही वह नीति थी जो सर्वत्र लागू की जा सकती थी जिसमें केवल सच्चाई , न्याय और शांति पर बल था। शासन के इस सिद्धांत को शाहजांह और जहांगीर ने भी अपनाया।

प्रश्न 7 – मुगलों ने खुद को मंगोल की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर क्यों बल दिया ?

उत्तर:- वैसे तो मुग़ल दो महान शासको के वंशज थे। माता की ओर से मंगोल शासक और पिता की ओर से तैमूर वंशज लेकिन मुगल अपने आप को मुगल या मंगोल कहना पसंद नहीं करते थे। क्योंकि चंगेज खान मंगोल था और इनसे जुड़ी स्मृतियां सैकड़ो व्यक्तियों के नरसंहार से सम्बंधित थी अर्थात वह असंख्य लोगों के कत्ल कर चुका था। दूसरी तरफ मुगल तैमूर के वंशज होने पर गर्व का अनुभव करते थे क्योंकि उनके इस महान पूर्वज ने 1398 में दिल्ली पर कब्जा कर लिया था। इसलिए मुगल तैमूर के वंशज होने पर बल देते थे।

आइए विचार करे

प्रश्न 8 – भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय मुग़ल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए कहाँ तक ज़रूरी थी ?

उत्तर:- भू – राजस्व से प्राप्त होने वाली आय मुगल साम्राज्य का अर्थव्यवस्था का आधार थी। इस आय से प्राप्त धन से किलों का निर्माण किया जान था । युद्ध तथा जनकल्याण पर भी यही धन खर्च होता था। मनसबदारों को भी वेतन के रूप में एक जागीर दी जाती थी। इसी जागीर से राजस्व एकत्रित करके मनसबदार अपने और सैनिकों के लिए वेतन की व्यवस्था करता था।

प्रश्न 9 – मुगलो के लिए केवल तूरानी या ईरानी ही नहीं, बल्कि विभिन्न पृष्टभूमि के मनसबदारों की नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण थी ?

उत्तर :- मुगलों ने शासक वर्ग में ईरानियों, भारतीय मुसलमान अफगानों, राजपूतों, मराठों और अन्य समूहों को शामिल किया। मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह मनसबदार कहलाए। इससे मुगलों को भारत में अपने शासन का विस्तार करने में तथा उसे स्थायित्व प्रदान करने में सहायता मिली। मुग़ल सम्राट जानते थे कि तुरानी और ईरानी आपस में मिलकर उनके विरुद्ध विद्रोह कर सकते है।

प्रश्न 10 – मुगल साम्राज्य के समाज की ही तरह वर्तमान भारत आज भी अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक इकाइयों से बना हुआ है। क्या यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए चुनौती है ?

उत्तर:- आज भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता राष्ट्रीय अखंडता के लिए सरल है। यह कोई चुनौती पेश नहीं करती है। आज हमारे देश की सरकार को लोग अपने मत द्वारा चुनते हैं। आज देश की विभिन्नताएँ देश की उन्नति या राष्ट्रीय एकीकरण के लिए बाधक नहीं बनती। आज हमारा देश एक लोकतांत्रिक राज्य है। आज कल जनता ही मह्त्वपूर्ण है। सब चुनाव में चुने गए प्रतिनिधि लोगो द्वारा ही चुने जाते है।

प्रश्न 11 – मुगल साम्राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए कृषक अनिवार्य थे। क्या आप सोचते हैं कि वह आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं ? क्या आज भारत में अमीर और गरीब के बीच आय का फासला मुगलों के काल की अपेक्षा कहीं अधिक बढ़ गया है ?

उत्तर:- आज भी किसान वर्ग भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्त्व रखता है। किसान उतने ही महत्वपूर्ण है जितना पहले रखते थे। किसान ही हमें, हमारे देश को खाद्यान्न उपलब्ध करता है। सबसे ज्यादा अहम भूमिका कृषि क्षेत्र की ही है। आज भी भारत में अमीर और गरीब का आय का फासला बढ़ा है, पूर्णत: कम भी नहीं हुआ। पहले भी लोग रोजगार के लिए तरसते थे। और आज भी कई जगहों पर यह मज़बूरी बनी हुई है।

आइए करके देखें

प्रश्न 12 – मुग़ल साम्राज्य का उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों पर अनेक तरह से प्रभाव पड़ा। पता लगाईए कि जिस नगर, गांव अथवा क्षेत्र में आप रहते है, उस पर इसका कोई प्रभाव पड़ा था।

उत्तर :- मुग़ल साम्राज्य के उपमहाद्वीप का सिर्फ क्षेत्रों पर ही नहीं बल्कि हिन्दु मुस्लिम परम्पराओं , संस्कृति और शैली पर भी प्रभाव पड़ा। हम जहाँ रहते है और जहाँ मुगलों ने कभी शासन किया था वह हिंदुस्तान अब पाकिस्तान, भारत और बंगलादेश में बट गए। उनका प्रभाव आज व्यापक रूप से देखा जा सकता है।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास के सभी अध्याय नीचे देखें

अध्याय संख्याअध्याय के नाम
1हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
2नए राजा और उनके राज्य
3दिल्ली के सुल्तान
4मुगल साम्राज्य
5शासक और इमारतें
6नगर, व्यापारी और शिल्पीजन
7जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
8ईश्वर से अनुराग
9क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
10अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

छात्रों को सामाजिक विज्ञान कक्षा 7 ncert solutions in hindi में प्राप्त करके काफी ख़ुशी हुई होगी। हमारा प्रयास है कि छात्रों को बेहतर ज्ञान दिया जाए। छात्र एनसीईआरटी पुस्तक या सैंपल पेपर आदि की अधिक जानकारी के लिए parikshapoint.com की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

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