एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय

Photo of author
PP Team

छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल पर कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास पाठ 7 का पूरा समाधान दिया हुआ है। ncert solutions class 7 social science history chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय पूरी तरह से मुफ्त है। छात्र कक्षा 7 इतिहास अध्याय 7 के प्रश्न उत्तर से परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। आइये फिर कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 7 के प्रश्न उत्तर नीचे देखते हैं।

Ncert Solutions Class 7 Social Science History Chapter 7 in Hindi Medium

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास हमारे अतीत -2 का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना हैं। कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास के लिए एनसीईआरटी सलूशन जो कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है। इतिहास कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं। ncert solutions for class 7 social science history chapter 7 नीचे से देखें।

कक्षा : 7
विषय : सामाजिक विज्ञान (इतिहास हमारे अतीत -2)

अध्याय :-7 (जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय)

प्रश्न 1 – निम्नलिखित में मेल बिठाये :-

(क) गढ़ खेल

(ख) टांडा                       चौरासी

(ग) श्रमिक                      कारवाँ   

(घ) कुल                       गढ़ कटंगा   

(ड़) सिब सिंह                 अहोम राज्य  

(च) दुर्गावती                    पाइक

उत्तर:-  

(क) गढ़                          चौरासी

(ख) टांडा                         कारवाँ

(ग) श्रमिक                        पाइक

(घ) कुल                          खेल

(ड़) सिब सिंह                   अहोम राज्य

(च) दुर्गावती                      गढ कटंगा

प्रश्न 2 – रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:-

वर्गों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ ______कहलाती थीं।

________ अहोम लोगों लिखी गई ऐतिहासिक कृतियों थीं।

 ________ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70,000 गाँव थे।

बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने _____ और ____  को भूमि अनुदान दिए।

उत्तर:-   

(क) वर्गों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ श्रेणियाँ कहलाती थीं।

(ख) बुरंजी अहोम लोगों लिखी गई ऐतिहासिक कृतियों थीं।

(ग)  अकबरनामा ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70,000 गाँव थे।

(घ) बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने मंदिर बनवाए और ब्राह्मणों को भूमि अनुदान दिए।

प्रश्न 3 – सही या गलत बताइए:-

(क) जनजातीय समाजों के पास समृद्ध वाचक परंपराएँ थीं।

(ख) उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाय नहीं था।

(ग) गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिला कर चौरासी बनता था।

(घ) भील, उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में रहते थे।

उत्तर:-

(क) जनजातीय समाज के पास समृद्ध वाचक परंपराएँ थीं। (सही)

(ख) उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाय नहीं था। (गलत)

(ग) गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिला कर चौरासी बनता था। (गलत)

(घ) भील, उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में रहते थे। (गलत)

प्रश्न 4 – खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच किस तरह का विनिमय होता था ?

उत्तर:-  खानाबदोश पशुचारक अपने जानवरों के साथ दूर दूर तक घूमते थे। उनका जीवन दूध और अन्य पशुचारी उत्पादों पर निर्भर था। वे खेतिहर ग्रहस्थों से अनाज, कपड़े, बर्तन और ऐसी ही चीजों के लिए ऊन, घी इत्यादि का विनियम भी करते थे। कुछ खानाबदोश अपने पशुओं के ऊपर समान ढुलाई का काम भी करते थे।

आइए समझे

प्रश्न 5 – अहोम राज्य का प्रशासन कैसे संगठित था ?

उत्तर :- अहोम लोग मौजूदा म्यांमार से आकर तेरहवीं सदीं में ब्रह्मपुत्र घाटी में आ बसे। उन्होंने भूस्वामी लोगों की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था का दमन करके नए राज्य की स्थापना की। उन्होने कई अन्य जन जातियों को भी अधीन कर लिया था। अहोमो ने एक बड़ा राज्य बनाया। और इसके लिए 1530 के दशक में ही, इतने वर्षों पहले आग्नेय अस्त्रों का इस्तेमाल किया। अहोम राज्य बेरोजगार पर निर्भर था। राज्य के लिए जिन लोगों से जबरन काम करवाया जाता था पाइक कहलाते थे। अहोम राज्य में एक जनगणना की गई थी कि प्रत्येक गांव को अपनी बारी आने पर निश्चित संख्या में पाइक भेजने होते थे। इसके लिए जनगणना के बाद सघन आबादी वाले इलाकों से कम आबादी वाले इलाकों में लोगों को स्थानांतरित किया गया था। इस प्रकार अहोम कुल टूट गए थे। सत्रहवीं शताब्दी का पूर्वार्ध पूरा होते होते प्रशासन खासा संगठित हो चुका था। अहोम समाज कुलों में विभाजित था, जिन्हें खेल कहा जाता था। एक खेल के नियंत्रण में कई गांव होते थे। किसान को अपने ग्राम समुदाय के द्वारा जमीन दी जाती थी। इस प्रकार अहोम गांव में सारा प्रशासन संगठित किया हुआ था।

प्रश्न 6 – वर्ण आधारित समाज में क्या परिवर्तन आए ?

उत्तर:- वर्ण आधारित समाज में नए परिवर्तन आए:-

वर्णो के भीतर छोटी – छोटी जातियाँ उभरने लगी। उदाहरण के लिए ब्राह्मणों के बीच नई जतियां सामने आई। दूसरी ओर, कई जनजातियों और सामाजिक समूहों को जाति – विभाजित समाज में शामिल कर लिया गया और उन्हें जातियों का दर्जा दे दिया गया। विशेषज्ञता प्राप्त शिल्पियों जैसे:- लोहार, सुनार, बढ़ई और राजमिस्त्री को भी ब्राह्मणों द्वारा जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई। वर्ण के स्थान पर जाति सामाजिक संगठन का आधार बनी।

प्रश्न 7 – एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज कैसे बदला ?

उत्तर :-एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज में कई तरह के बदलाव आए:-

हूँण, चन्देल, चालुक्य और कुछ दूसरी वंश परम्पराओं में से कुछ दूसरी परम्पराओं से आते थे। उनमे से कुछ पहले जनजातियों में आते थे और बाद में कई कुल राजपूत मान लिए गए। धीरे धीरे उन्होंने पुराने शासकों की जगह ले ली, विशेष रूप से कृषि वाले क्षेत्रों में। यहाँ कई तरह के परिवर्तन होते थे और शासकों से शक्तिशाली राज्यों के रूप में अपनी सम्पदा का इस्तेमाल किया। शासकों के रूप में राजपूत गोत्रों के उदय के उदाहरण का जनजातीय लोगों ने अनुसरण किया। धीरे धीरे ब्राह्मणों के समर्थन से कई जनजातियाँ भी जाति व्यवस्था का हिस्सा बन गई, लेकिन केवल प्रमुख जनजातीय परिवार ही शासक वर्ग में शामिल हो सके। उनकी बहुसंख्यक आबादी, समाज के छोटे जातियों में ही अपनी जगह बना पाई।

आइए विचार करें

प्रश्न 8 – क्या बंजारे लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण थे ?

उत्तर :- बंजारे लोग सबसे महत्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश थे। उनका कारवां ‘टांडा’ कहलाता था। सुलतान अलाउद्दीन खिलजी बंजारों का ही इस्तेमाल नगर के बाजारों तक अनाज की ढुलाई के लिए करते थे। बादशाह जहांगीर ने संस्मरणों में लिखा है कि बंजारे विभिन्न इलाकों से अपने अनाज ले जाकर शहरों में बेचते थे। सैन्य अभियानों के दौरान वे मुग़ल सेना के लिए खाद्यानो की ढुलाई का काम करते थे। अपने गाय बैलों पर से सामान उतारने के बाद उन्हें खुला छोड़ देते थे। क्योंकि यहाँ ज़मीन पर्याप्त है और कोई रोकने वाला नहीं।

प्रश्न 9 – गोंड लोगों का इतिहास, अहोमों के इतिहास से किन मायनों में भिन्न था ? क्या कोई समानता भी थी ?

उत्तर :- असमानताएँ:- गोंड लोग गोंडवाना के विशाल वनप्रदेश में रहते थे अर्थात इनका रहने का स्थान पहले से यही था। जबकि अहोम के लोग म्यानमार से आकर ब्रह्मपुत्र घाटी में बस गए थे। अहोम ने अपने लिए एक बड़ा राज्य बना लिया था लेकिन गोंड लोगों का अपना एक राजा और राय होती थी। अहोम लोग बेगार पर निर्भर थे और गोंड  लोग बेगार पर निर्भर नहीं थे। गोंड लोगों ने सत्ता और पहचान के लिए राजपूतों से वैवाहिक सम्बन्ध बना लिए थे लेकिन अहोम लोगों ने ऐसा नहीं किया था।

समानताएँ:- ये दोनों ही जनजातियाँ थी। दोनों ने मुगलों को हरा दिया था। दोनों ने ब्राह्मणो को प्रसन्न करने के लिए भूमि दान में दी थी। दोनों जनजातियाँ केंद्रीय प्रशासन व्यवस्था में बंधी हुई थी।

आइए करके देखें

प्रश्न 10 – एक मानचित्र पर इस अध्याय में उल्लेखित जनजातियों के इलाकों को चिन्हित करें। किन्हीं के संबंध में यह चर्चा करें कि क्या उनके जीविकोपार्जन का तरीका अपने-अपने इलाकों की भौगोलिक विशेषताओं और पर्यावरण के अनुरूप था?

51276515396 42c6f819bc n

उत्तर:- गोंड :- गोंड लोग गोंडवाना नामक विशाल वन प्रदेश में रहते थे। वे जगह बदल बदल कर खेती करते थे। विशाल गोंड जनजाति कई छोटे – छोटे कुलों में बटी हुई थी। प्रत्येक कुल का अपना राजा या राय थी । जिस समय दिल्ली के सुल्तानों की ताकत घट रही थी उसी समय कुछ बड़े गोंड राज्य छोटे गोंड साम्राज्य पर हावी होने लगे थे। गोंड एक समृद्ध राज्य था। ये अपनी आजीविका हाथियों को पकड़कर और दूसरे राज्यों में निर्यात कर कमाते थे।

अहोम :- अहोम जनजाति वर्तमान म्यानमार से आकर ब्रह्मपुत्र घाटी में बस गए थे। भारत के इस उत्तर–पूर्व भाग वर्षा बहुत होती थी। यहाँ पानी की कोई कमी न थी। यहाँ की भूमि भी उपजाऊ थी। इस प्रकार यहाँ उनके लिए जीविकोपार्जन के उत्तम साधन थे। धीरे – धीरे उन्होंने यहाँ एक नए राज्य की स्थापना की। सोलहवीं सदी के दौरान उन्होंने चुटियों (1523) और कोच–हाजों (1581) के राज्यों को हराकर अपने राज्य का विस्तार किया। अहोम राज्य बेगार पर निर्भर था।

प्रश्न 11 – जनजातीय समूहों के संबंध में मौजूदा सरकारी नीतियों का पता लगाये और उनके बारे में एक बहस का आयोजन करें।

उत्तर:- जनजातीय समूहों के लिए सरकार ने कई सुविधाएं दिलवाई । बच्चों के लिए शिक्षा व्यव्स्था की। लोगों के लिए घर, पानी, बिजली, जैसी सुविधाएं प्रदान की। लोगों को नौकरी प्रदान की। खाने पीने की भी सभी व्यवस्था की। सरकार आज भी लोगों की सुविधाओं के लिए कुछ ना कुछ उपाय करती रहती है। इनकी स्थिति को सुधारने के लिए सरकारी नौकरी जैसे आरक्षण किए।

प्रश्न 12 – उपमहाद्वीप में वर्तमान खानाबदोश पशुचारी समूहों के बारे में और पता लगाएँ। वे कौन से जानवर रखते हैं? वे प्रायः किन इलाकों में जाते रहते हैं।

उत्तर:-         

पशुचारी समूह          क्षेत्र

भोटिया तथा मोन्यास         उत्तर – पूर्व राज्य

           बंजारे               मध्य भारत

          राइका               राजस्थान

           गद्दी               हिमाचल प्रदेश

          गुज्जर               जम्मू और कश्मीर

           धंगर                  महाराष्ट्र

       मालाचारिस            गुजरात जानवर

 ये लोग भेड़ – बकरी, भैस, ऊँट तथा गाय – बैल आदि पालते हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 सामाजिक विज्ञान इतिहास के सभी अध्याय नीचे देखें

अध्याय संख्याअध्याय के नाम
1हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
2नए राजा और उनके राज्य
3दिल्ली के सुल्तान
4मुगल साम्राज्य
5शासक और इमारतें
6नगर, व्यापारी और शिल्पीजन
7जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
8ईश्वर से अनुराग
9क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
10अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

छात्रों को सामाजिक विज्ञान कक्षा 7 ncert solutions in hindi में प्राप्त करके काफी ख़ुशी हुई होगी। हमारा प्रयास है कि छात्रों को बेहतर ज्ञान दिया जाए। छात्र एनसीईआरटी पुस्तक या सैंपल पेपर आदि की अधिक जानकारी के लिए parikshapoint.com की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

भूगोल और नागरिक शास्त्र (एनसीईआरटी समाधान) के लिएयहां क्लिक करें

Leave a Reply