महिला सशक्तिकरण पर निबंध (Women Empowerment Essay In Hindi)- “चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।” यह कविता सुनते ही मेरे भीतर जोश भर जाता है। मुझे लगता है कि मैं ही झांसी की रानी हूं। सोचती हूं कि झांसी की रानी कितनी अदम्य साहस वाली महिला थीं। मुझे भी वैसा ही बनना है लेकिन एकाएक ही मेरे भीतर से आवाज आती है- तू ही दूर्गा, तू ही शक्ति। यह सुनते ही मेरे भीतर जोश आ जाता है कि मैं भी शक्तिशाली महिला हूं।
महिला सशक्तिकरण (Essay On Women Empowerment In Hindi)
ईश्वर ने जब धरती की रचना की तो मनुष्य के रूप में मनु और शतरूपा नाम के दो व्यक्ति धरती पर उतारे। मनु आदमी के रूप में था और शतरूपा औरत के रूप में। वह दोनों धरती पर खुशी-खुशी रहने लगे। उन दोनों को संतानें भी हुईx। धीरे-धीरे धरती पर जनसंख्या बढ़ती गई। बदलते समय के साथ आदमी को समाज में ज्यादा महत्व दिया जाने लगा। और महिलाओं को केवल घर और बच्चे संभालने के लिए महत्व दिया जाने लगा। महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को महत्व दिया जाने लगा। महिलाओं के साथ भेदभाव होने लगा। इस बात पर बल दिया जाने लगा कि पुरुष एक अच्छा लीडर हो सकता है पर महिलाएं इस बात पर खरी नहीं उतर सकतीं। महिलाओं को कमजोर आंका जाने लगा।
महिला सशक्तिकरण पर निबंध
आज का हमारा विषय महिला सशक्तिकरण पर आधारित है। इस पोस्ट में हमने महिला सशक्तिकरण पर निबंध एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखने का प्रयास किया है। महिला सशक्तिकरण पर निबंध के माध्यम से आप जान पाएंगे कि महिला सशक्तिकरण क्या है, महिला सशक्तिकरण के लाभ क्या हैं और महिला सशक्तिकरण क्यों जरूरी है। तो चलिए हम इस विषय पर निबंध पढ़ते हैं।
प्रस्तावना
आज मैं अखबार पढ़ रही थी। अखबार पढ़ते-पढ़ते मेरी नजर एक हेडलाइन पर गई। वह खबर पढ़कर मेरी रूह कांप गई। उस खबर में लिखा था कि एक पति ने अपनी पत्नी को दहेज के लिए एक हफ्ते तक भूखा रखा। जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो मामला सामने आया। मुझे घबराहट सी होने लगी कि कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है। यह केवल आज की खबर नहीं थी। ऐसी ही खबरें हर रोज पढ़ने को मिल जाती हैं।
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महिलाओं पर अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ रहे हैं। महिला को कमजोर क्यों सोचा जाता है। जब महिलाएं भी हर जिम्मेदारी को अच्छे से निभा सकती हैं तब भी महिलाओं को कम ही आंका जाता है। महिलाओं को आज भी पूर्ण रूप से अधिकार प्राप्त नहीं हुए हैं। आज महिला के बिना हम अपने जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। एक महिला ही हम सभी को इस धरती पर लाती है। बिना स्त्री के हमारी रचना कैसे होती। एक स्त्री ही हमें नौ महीने तक अपने पेट में रखती है। नौ महीने बाद हम इस दुनिया में आते हैं।
महिला सशक्तिकरण क्या है?
महिला अर्थात नारी को कैसे परिभाषित करेंगे? एक नारी मां का, बहन का, पत्नी का, और बहु का फर्ज निभाती है। एक महिला इन सभी भूमिकाओं को अच्छे से निभाते हुए हर कसौटी पर खरी उतरती है। एक महिला शादी से पहले अपने माता-पिता के घर को अच्छे से संभालती है। और शादी हो जाने के बाद वह अपने पति के घर की जिम्मेदारियां अच्छे से निभाती है। अपने बच्चे को पाल पोसकर बड़ा करती है। वह ताउम्र बदले में बिना कुछ मांगे काम करती रहती है।
लेकिन बदले में हम महिलाओं को कितना सम्मान देते हैं? हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं। आखिर यह महिला सशक्तिकरण है क्या? सशक्तिकरण का अर्थ है किसी को हर तरह के निर्णयों को लेने की शक्ति प्रदान करवाना। एक व्यक्ति तब सशक्त माना जाता है जब उसको खुलकर जीने की आजादी हो। इसी प्रकार जब हम महिलाओं को खुलकर जीने की आजादी देते हैं तो ऐसे में हम एक महिला को सशक्त मानते हैं। जब एक महिला सशक्त होती है तो वह हर प्रकार के फैसले स्वयं से ले सकती है। एक सशक्त महिला रोजगार और शिक्षा में पुरुषों को बराबरी की टक्कर देती है।
महिला सशक्तिकरण क्यों जरूरी है?
हाल ही एक सर्वे में यह दावा किया गया कि पूरी दुनिया में कनाडा देश की महिलाएं सबसे ज्यादा शिक्षित महिलाएं हैं। यही अगर हम अपने देश भारत की बात करें तो नतीजा उल्टा दिखता है। हमारे देश में 2011 की जनगणना के मुताबिक मात्र 64% महिलाएं ही शिक्षा के अधिकार को हासिल करने में कामयाब हुई हैं। सिर्फ यही नहीं महिलाओं का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान भी बहुत कम है। हमारे देश की केवल 17% महिलाएं ही GDP में योगदान देती हैं। कहते हैं कि 21वीं शताब्दी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। लेकिन यह पूरा सच आज भी नहीं है।
महिलाओं को आज भी बहुत से अधिकारों को प्राप्त करने से वंचित रखा जाता है। महिलाओं को कमजोर आंका जाता है। आज भी लीडरशिप में पुरुषों को ज्यादा योग्य माना जाता है। महिलाओं की निर्णय शक्ति पर भरोसा नहीं किया जाता है। यहां तक कि महिलाओं पर घोर अत्याचार किया जाता है। दहेज हत्या, अपहरण, कन्या भ्रूण हत्या, कुकर्म यह सब महिलाओं पर अत्याचार नहीं तो और क्या है। आज का समय ऐसा है जब महिलाओं को भी बराबरी का दर्जा देना होगा। महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे लाना होगा। हमें उनपर विश्वास जताना होगा। जब महिलाएं भी पुरुषों के बराबर हर क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर चलेंगी तभी वह सशक्त बन पाएंगी।
महिला सशक्तिकरण के लाभ
अगर बिना नर के यह दुनिया अधूरी है तो बिना नारी के भी यह दुनिया कुछ नहीं कर सकती है। हमारे समाज में महिलाओं का योगदान बहुत ज्यादा है। बिना नारी के समाज का उत्थान होना बहुत मुश्किल है। जहां नारी का सम्मान नहीं वह देश कभी भी प्रगति नहीं कर सकता है। महिला सशक्तिकरण से कई लाभ देखने को मिले-
(1) महिला सशक्तिकरण के चलते देश की नारी का आत्मविश्वास बढ़ा है।
(2) महिला सशक्तिकरण ने देश की महिलाओं को सम्मान के साथ जीना सीखा दिया है।
(3) महिलाएं खुलकर अपने हक के लिए बोल सकती हैं।
(4) महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों को बराबरी की टक्कर दे रही हैं।
(5) महिला सशक्तिकरण एक महिला को परिवार के महत्वपूर्ण फैसलों में हिस्सा लेने का हक प्रदान करता है।
महिला पर नवीन रांगियाल की कविता
स्त्री और आग
कुओं से बाल्टियाँ खींचते-खींचते वे रस्सियों में तब्दील हो गईं
और कपड़ों का पानी निचोड़ते-निचोड़ते पानी के हो गए स्त्रियों के हाथ
मैं गर्म दुपहरों में उन्हें अपनी आँखों पर रख लेता था—
नीम की ठंडी पत्तियों की तरह
पानी में रहते हुए जब गलने लगे उनके हाथ
तो उन्हें चूल्हे जलाने का काम सौंप दिया गया
इसलिए नहीं कि उनकी आत्मा को गर्माहट मिलती रहे
इसलिए कि आग से स्त्रियों की घनिष्टता बनी रहे
और जब उन्हें फूँका जाए
तो वे आसानी से जल जाएँ
मैं जब भी आग देखता हूँ
तब मुझे स्त्रियों के हाथ याद आ जाते हैं—
लपट की तरह झिलमिलाते हुए
उनकी आँखों के नीचे इकट्ठा हो चुकी कालिख से पता चला
कितने सालों से चूल्हे जला रही हैं स्त्रियाँ
स्त्री दुनिया की भट्टी के लिए कोयला है
वह घर भर के लिए बदल गई दाल-चावल और रोटी के गर्म फुलकों में
वह मन के लिए बन गई हरा धनिया
देह के लिए बन गई नमक
और रातों के लिए उसने एकत्र कर लिया—
बहुत सारा सुख और आराम
लंबी यात्राओं में वह अचार की तरह साथ रही
जितनी रोटियाँ उसने बेलीं
उससे समझ आया कि यह दुनिया—
कितनी भूखी थी स्त्रियों की
जितने छौंक कढ़ाइयों में मारे स्त्रियों ने
उससे पता चला कितना नमक चाहिए था पुरुषों को
सूख चुके कुओं से पता चला
कितनी ठंडक है स्त्री की गर्म हथेलियों में
उसने दुनिया की भूख मिटाई और प्यास भी
उसने दुनिया को गर्म रखा और ठंडा भी किया
इसके ठीक उल्टा जो आग और पानी स्त्रियों को मिला अब तक
उसे फूल की तरह स्त्री ने उगाया अपने पेट में
और बेहद वात्सल्य से लौटा दिया दुनिया को!
उपसंहार
महिला सशक्तिकरण योजना की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों पर रोक लगाई जा सके। महिलाओं का सशक्त होना बहुत आवश्यक है। ऐसा होने से वह किसी पर निर्भर नहीं रहती हैं। एक सशक्त महिला सम्मान के साथ अपना जीवन जी सकती है। महिला को सशक्त बनाने हेतु सरकार द्वारा प्रयास किए गए हैं। लेकिन बहुत सी जगह ऐसी भी हैं जहां महिलाएं आज भी पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं हैं कि वह अपने अधिकार प्राप्त कर सकें। केवल एक जने के प्रयास से ही महिला सशक्तिकरण सफल नहीं होगा। हम सभी को जागरूक होकर महिलाओं को उनके अधिकार दिलवाने में मदद करनी होगी। तभी जाकर महिला सशक्तिकरण सार्थक साबित होगा।
महिला सशक्तिकरण पर निबंध 200 शब्दों में
महिला भगवान द्वारा धरती पर भेजा गया सबसे अनमोल उपहार है। महिला को मां दुर्गा के रूप में देखा जाता है। एक महिला ही कड़ी से कड़ी परिस्थितियों में भी मजबूती के साथ खड़ी रहती है। वह एक मां, पत्नी और बेटी के रूप को बेखूबी से निभाती है। महिलाओं से संपूर्ण सृष्टि चलती है। आज हम जिस धरती पर रहते हैं उसे माता का दर्जा दिया जाता है। केवल धरती ही नहीं जिस गाय से हम सभी को दूध और दही मिलता है वह भी एक स्त्री के रूप में होती है। गाय को भी हम माता कहकर पुकारते हैं।
कहने का तात्पर्य यह है कि नारी से ही सारा संसार चलता है। नारी का सम्मान होना चाहिए। नारी स्वयं ही ईश्वर का रूप है। लेकिन इसी नारी की दुर्दशा हो रखी है। आज हर जगह नारी का अपमान हो रहा है। दहेज प्रथा, बाल विवाह प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या यह सभी प्रथाएँ महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हैं। महिलाओं को आज भी उच्च शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है। महिलाओं को रोजगार प्राप्त करने में बाधा का सामना करना पड़ता है। यही एक वजह थी कि महिलाओं के लिए महिला सशक्तिकरण योजना लागू की गई। इस योजना के तहत महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने की कोशिश की गई। इस योजना से महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों में कमी देखने को मिली है।
महिला सशक्तिकरण पर 10 लाइनें
(1) महिला सशक्तिकरण एक बहुत ही शानदार योजना है।
(2) इस योजना ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद की है।
(3) आज महिलाएं ऊंचे से ऊंचा पद संभाल रही हैं।
(4) महिलाओं को भी सम्मान भरा जीवन जीने में मदद मिली है।
(5) इस योजना से महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों में कमी देखने को मिली है।
(6) महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं को हर प्रकार की सुविधाएं प्राप्त होना।
(7) महिलाओं से हमारा घर भरा हुआ लगता है।
(8) महिलाएं साक्षात लक्ष्मी के समान होती हैं। महिलाओं का आदर करना चाहिए।
(9) किसी देश की प्रगति इस बात पर निर्भर करती है कि उस देश की महिला कितनी प्रगति कर रही है।
(10) महिला सशक्तिकरण की मदद से महिलाओं का वेतन भी बढ़ा है।
FAQs
उत्तर- सशक्तिकरण का अर्थ है किसी को हर तरह के निर्णयों को लेने की शक्ति प्रदान करवाना। एक व्यक्ति तब सशक्त माना जाता है जब उसको खुलकर जीने की आजादी हो। इसी प्रकार जब हम महिलाओं को खुलकर जीने की आजादी देते हैं तो ऐसे में हम एक महिला को सशक्त मानते हैं।
उत्तर- महिला सशक्तिकरण की बहुत ज्यादा जरूरत है। आज के दौर में भी महिलाओं को कमजोर आंका जाता है। आज भी लीडरशिप में पुरुषों को ज्यादा योग्य माना जाता है। महिलाओं की निर्णय शक्ति पर भरोसा नहीं किया जाता है। यहां तक कि महिलाओं पर घोर अत्याचार किया जाता है। दहेज हत्या, अपहरण, कन्या भ्रूण हत्या, कुकर्म आदि। इन्हीं कारणों के चलते महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत है।
उत्तर- महिला सशक्तिकरण की मदद से हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करते हैं। महिलाएं खुलकर अपने हक के लिए बोल सकती हैं। महिला सशक्तिकरण एक महिला को परिवार के महत्वपूर्ण फैसलों में हिस्सा लेने का हक प्रदान करता है।
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