इस लेख में छात्रों को एनसीईआरटी 12वीं कक्षा की भूगोल की पुस्तक-1 यानी मानव भूगोल के मूल सिद्धांत के अध्याय- 6 “तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप” के नोट्स दिए गए हैं। विद्यार्थी इन नोट्स के आधार पर अपनी परीक्षा की तैयारी को सुदृढ़ रूप प्रदान कर सकेंगे। छात्रों के लिए नोट्स बनाना सरल काम नहीं है, इसलिए विद्यार्थियों का काम थोड़ा सरल करने के लिए हमने इस अध्याय के क्रमानुसार नोट्स तैयार कर दिए हैं। छात्र अध्याय- 6 भूगोल के नोट्स यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
Class 12 Geography Book-1 Chapter-6 Notes In Hindi
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अध्याय- 6 “तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप“
बोर्ड | सीबीएसई (CBSE) |
पुस्तक स्रोत | एनसीईआरटी (NCERT) |
कक्षा | बारहवीं (12वीं) |
विषय | भूगोल |
पाठ्यपुस्तक | मानव भूगोल के मूल सिद्धांत |
अध्याय नंबर | छः (6) |
अध्याय का नाम | “तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप” |
केटेगरी | नोट्स |
भाषा | हिंदी |
माध्यम व प्रारूप | ऑनलाइन (लेख) ऑफलाइन (पीडीएफ) |
कक्षा- 12वीं
विषय- भूगोल
पुस्तक- मानव भूगोल के मूल सिद्धांत
अध्याय- 6 “तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप”
तृतीयक क्रियाकलाप का अर्थ
- तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों शामिल होते हैं।
- इसमें मुख्य रूप से वे क्रियाएँ शामिल होती हैं जिनके माध्यम से लोगों तक अनेक प्रकार की सेवाएँ पहुँचाई जाती हैं।
- यातायात, संचार, मनोरंजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासन इत्यादि क्षेत्र तृतीयक क्रियाओं के अंतर्गत आने वाले मुख्य सेवा क्षेत्र हैं।
- इन सभी सेवा क्षेत्रों के कार्यों को कुशल श्रमिकों, व्यवसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञों और परामर्शदाताओं द्वारा पूरा किया जाता है।
- इसकी मुख्य विशेषता यह है कि इसमें उत्पादन को अप्रत्यक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है।
- तृतीयक क्रियाओं में वस्तुओं के उत्पादन के स्थान पर सेवाओं के व्यावसायिक उत्पादन को शामिल किया जाता है।
- एक बिजली मिस्त्री से लेकर नलसाज, तकनीशियन, धोबी, नाई, दुकानदार, कोषपाल, चालक, अध्यापक, डॉक्टर, वकील सहित प्रकाशक भी इस क्रिया में सम्मिलित होते हैं।
- द्वितीयक और तृतीयक क्रिया में प्रमुख अंतर यह है कि सेवाओं द्वारा उपलब्ध विशेषज्ञता उत्पादन तकनीकों, मशीनों एवं फैक्ट्री प्रक्रियाओं की अपेक्षा कर्मचारियों की विशिष्टीकृत कुशलताओं, अनुभवों, प्रशिक्षणों और ज्ञान पर सबसे अधिक निर्भर करती है।
तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार
तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार निम्नलिखित हैं-
व्यापार और वाणिज्य
- उत्पादित वस्तुओं को बेचना और खरीदना व्यापार कहलाता है। जिसे फुटकर और थोक व्यापार द्वारा पूरा किया जाता है। ऐसे व्यापार का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होता है।
- फुटकर व्यापार उसे कहते हैं जिसमें उत्पादित वस्तुओं को प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ताओं को बेचा जाता है। सब्जियों की रेहड़ी, फेरी और डाक आदेश, दूरभाष फुटकर व्यापार के मुख्य उदाहरण हैं।
- थोक व्यापार का जुड़ाव छोटे-छोटे व्यापारियों और आपूर्ति घरों (मंडियों) से है। फुटकर व्यापारी उधार या नगद पैसे देकर इन व्यापारियों से वस्तुओं को प्राप्त करता है और उन्हें उपभोक्ताओं को बेचता है। थोक से ली गई वस्तुएँ फुटकर व्यापारियों को सस्ती पड़ती हैं लेकिन ज्यादा दाम में बेचने के कारण उन्हें कभी-कभी काफी अच्छा लाभ मिल जाता है।
- अधिकतर फुटकर व्यापारी अपने कार्य को थोक व्यापारी की पूँजी पर ही संचालित करते हैं।
व्यापारिक केंद्रों के दो भाग
- जिन कस्बों या नगरों में मुख्य रूप से व्यापारिक या वाणिज्यिक कार्य किए जाते हैं उन्हें व्यापारिक केंद्र कहते हैं। इन व्यापारिक केंद्रों को ग्रामीण और नगरीय विपणन केंद्रों में बाँटा गया है।
- ग्रामीण विपणन केंद्र उन्हें कहा जाता है जो निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं। यहाँ व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुव्यवस्थित नहीं होती क्योंकि ये केंद्र अल्प विकसित व्यापारिक केंद्र के रूप में सेवा करते हैं। इनके अधिकाश केंद्रों में मंडियाँ और फुटकर व्यापार क्षेत्र शामिल होते हैं।
- नगरीय विपणन केंद्र उन्हें कहा जाता है जहाँ सिर्फ साधारण वस्तुएँ या सेवाएँ उपलब्ध नहीं होती बल्कि विशेष वस्तुएँ और सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं। यही कारण है कि नगरीय विपणन केंद्र विशिष्टीकृत बाजार की भी व्यवस्था कराते है। इसमें शैक्षिक संस्थाओं और व्यावसायिकों की सेवाओं को शामिल किया जाता है जैसे- वकील, परामर्शदाता, अध्यापक, डॉक्टर आदि।
परिवहन सुविधाएँ/सेवाएँ
- परिवहन सेवा के माध्यम से व्यक्तियों, विनिर्मित माल (वस्तुओं) और संपत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है।
- ये ऐसे उद्योग के रूप में कार्य करता है जो मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करता है।
- वर्तमान में वस्तुओं के उत्पादन, वितरण, और उपभोग के लिए समाज को अधिक तीव्र और सक्षम परिवहन की व्यवस्था चाहिए होती है। इस जटिल व्यवस्था के कारण ही वस्तुओं का मूल्य बढ़ जाता है।
- दो नोड को जोड़ने वाली प्रत्येक सड़क को किनारा कहा जाता है।
- 1 जज
परिवहन दूरी का मापन
परिवहन दूरी को मापने के विभिन रूप निम्नलिखित हैं-
- मार्ग की वास्तविक दूसरी और लंबाई को किलोमीटर दूरी में मापा जाता है।
- एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय को समय दूरी में मापा जाता है।
- परिवहन में किसी मार्ग को तय करने में आने वाली लागत को लागत दूरी में मापा जाता है।
परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक
- परिवहन की माँग मुख्य रूप से जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है।
- जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की माँग उतनी ही अधिक होगी।
- परिवहन पर किया गया व्यय भी परिवहन को प्रभावित करता है जैसे कि किसी भी मार्ग पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए कई तरह की निधियों के साथ-साथ पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
संचार सेवाएँ/सुविधाएँ
विभिन्न संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक अनेक माध्यमों से पहुँचाने की प्रक्रिया को संचार कहते हैं। संचार सेवाओं में शब्दों, संदेशों, तथ्यों और विचारों का प्रेषण शामिल होता है। लेखन के आविष्कार ने संदेशों को सुरक्षित रखना आसान बना दिया और संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर बनाया। वर्तमान में निम्न प्रमुख संचार सेवाएँ हैं, जिनका वर्णन कुछ इस प्रकार है-
दूरसंचार
- इसका प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़ा है। संदेशों को अतिशीघ्र भेजे जाने से इस क्षेत्र में क्रांति आ गई।
- जो संदेश सप्ताह में पहुँचा करते थे दूरसंचार की सहायता से अब वही संदेश मिनटों में पहुँचने लगे हैं।
- मोबाइल और दूरभाष जैसी नई तकनीकों ने संचार को कभी भी, कहीं भी पत्यक्ष और तत्काल बना दिया।
- अब सब लोग वैश्विक स्तर पर अपने परिजनों से आसानी से संपर्क कर सकते हैं और उन्हें विभिन्न स्थानों पर आते-जाते देखते हुए बातें भी करते हैं।
- परिणामस्वरूप तार प्रेषण, सोर्स कोड और टैलेक्स वर्तमान समय में लगभग बहुत पुरानी वस्तुएँ बन चुकी हैं।
रेडियो एवं दूरदर्शन
- रेडियो और दूरदर्शन के माध्यम से चित्रों, मुख्य समाचारों इत्यादि का प्रसारण विश्व के लगभग सभी भागों में किया जाता है इसलिए इन्हें जनसंचार का माध्यम कहा जाता है।
- ये दोनों मीडिया तथा जनता के लिए विज्ञापन और मनोरंजन का साधन है।
समाचार-पत्र
- समाचार-पत्र संचार का एक मुद्रित माध्यम है जिसकी सहायता से विश्व के सभी कोनों में प्रतिदिन की घटनाओं को लोगों तक पहुँचाया जाता है।
- पहले समाचार पत्र खबरों को आग की तरह फैलाने का कार्य करते थे। वर्ष 1857 का स्वतंत्रता संग्राम के समय अखबारों ने घटनाओं का जो वर्णन किया उसे आज भी एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में स्वीकार किया जाता है।
इंटरनेट
- इंटरनेट ने लोगों को वैश्विक स्तर पर एक-दूसरे से जुड़ने का अवसर प्रदान किया।
- इसने पूरे विश्व में संचार के क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
- वर्तमान समय में अधिकतर उद्योगों का आर्थिक विकास इंटरनेट पर आश्रित है।
- इसके अलावा उपग्रह संचार ने पृथ्वी और अंतरिक्ष से सूचना प्रसारण करने में भी सफलता हासिल कर ली है।
तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न लोग
- तृतीयक क्रियाकलापों में सेवा से संबंधित सभी कार्यों को शामिल किया जाता है।
- वर्तमान में अधिकतर लोग सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं। इस क्षेत्र से ज्यादातर विकसित देशों के लोग जुड़े हैं।
- जो लोग सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें सेवाकर्मी कहा जाता है।
- संयुक्त राज्य में 75% से भी अधिक लोग तृतीयक क्रिया में संलग्न हैं जबकि अल्पविकसित देशों में 10% से भी कम लोग इस क्रिया में संलग्न हैं।
- इस सेक्टर में रोजगार की प्रवृति बढ़ रही है जबकि प्राथमिक तथा द्वितीयक क्रिया में घटती जा रही है।
पर्यटन और पर्यटक प्रदेश
- पर्यटन एक यात्रा है जोकि व्यापार के अलावा मनोरंजन के उद्देश्य से की जाती है।
- आज पर्यटन रोजगार उपलब्ध कराने और सरकार को राजस्व प्राप्ति (सकल घरेलू उत्पाद का 40%) कराने की दृष्टि से तृतीयक क्षेत्र का विश्व का बड़ा उद्योग बन चुका है।
- इसमें पर्यटकों के लिए आवास, भोजन, परिवहन और मनोरंजन जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
- पर्यटन उद्योगों, फुटकर व्यापार और शिल्प उद्योगों को पोषित करता है।
- पर्यटक प्रदेश उन्हें कहा जाता है जो पर्यटकों को कुछ विशेषताओं के आधार पर अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
- कुछ प्रदेशों में पर्यटन मौसम पर निर्भर होता है लेकिन कुछ प्रदेश सदाबहार होते हैं जहाँ किसी भी मौसम में जलवायु अधिक परिवर्तित नहीं होती।
- स्मारकों, विरासत स्थलों और सांस्कृतिक दृष्टि से कुछ ऐतिहासिक नगर हैं ऐसे पर्यटक स्थान है जो वर्षभर पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक
- माँग: जीवन स्तर में सुधार और अधिक फुरसत के समय लोग विश्राम एवं मनोरंजन के उद्देश्य से किसी विशेष जगह पर जाकर समय बिताना पसंद करते हैं।
- परिवहन: परिवहन सुविधाओं में सुधार भी पर्यटन को प्रभावित करता है। अच्छी सड़कों पर कार से यात्रा करना आसान होता है। आज वायुयान की सहायता से लोग विश्व के किसी भी कोने में कम समय में पहुँच सकते हैं।
- जलवायु: पर्यटन के लिए किसी भी प्रदेश की जलवायु पर्यटकों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। जहाँ ठंडे प्रदेश के लोग गर्म प्रदेशों में पर्यटन करना पसंद करते हैं वहीं गर्म प्रदेशों के लोग ठंडे प्रदेशों में पर्यटन करना पसंद करते हैं।
- बहु-दृश्य: झील, पर्वत, समुद्री तट के साथ प्राकृतिक स्थानों की सुंदरता भी पर्यटन को आकर्षित करते हैं।
- इतिहास और कला: इतिहास और कला से जुड़े पुराने सुंदर नगर, किले और महलों की बनावट भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
- संस्कृति और अर्थव्यवस्था: मानवजातीय और स्थानीय रीति को पसंद करने वाले लोगों को भी पर्यटन आकर्षित करते है। आज के समय में ‘घरों में रुकना’ एक लाभदायक व्यापार बन गया है जैसे कि गोवा में हेरिटेज होम्स, कर्नाटक के मैडीकेरे और कूर्ग।
चतुर्थ क्रियाकलाप का अर्थ
- इसमें वे सभी व्यापारिक क्रियाएँ शामिल हैं जो अनुसंधान और विकास पर केंद्रित होती हैं।
- चतुर्थ क्रियाकलाप में सूचना का संग्रहण, उत्पादन, प्रौद्योगिक कुशलता, प्रशासकीय सामर्थ्य से संबंधित कार्य शामिल हैं।
- इस क्षेत्र के कर्मचारी उच्च ज्ञान प्राप्त किए हुए होते हैं।
- इस वर्ग ने सभी प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र से रोजगारों को प्रतिस्थापित किया है।
पंचम क्रियाकलाप का अर्थ
- पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं जो नए और वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन एवं व्याख्या; आकड़ों की व्याख्या/प्रयोग के साथ-साथ प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती हैं।
- इस क्रियाकलाप में उच्च निर्णय लेने वाले और नीतियों का निर्माण करने वाले लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- इस कार्य से जुड़े लोग ‘स्वर्ण कॉलर’ कहलाते हैं जोकि तृतीयक सेक्टर के एक और उप-विभाग के रूप में जाने जाते हैं।
- इसमें मुख्य रूप से कुशल श्रमिक कार्य करते हैं जिससे व्यावसायिक अवसरों को उत्पन्न करने में अधिक सहायता मिलती है।
- ई-लर्निंग, अनुसंधान, व्यवसाय, बौद्धिक संपदा, कानूनी व्यवसाय और बैंकिंग इत्यादि इसके प्रमुख कार्य क्षेत्र हैं।
अंकीय विभाजन
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास के अंतर को अंकीय विभाजन कहते हैं।
- इसमें प्रौद्योगिकी से संबंधित विकास पूरे विश्व में असमान नजर आता है साथ ही इसमें सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक भिन्नताएँ भी नजर आती हैं।
- आज विकसित देश इस दिशा में आगे बढ़ गए हैं जबकि विकासशील देश पिछड़ गए हैं और इसे ही अंकीय विभाजन कहा जाता है।
ठेका लेना/बाह्यस्रोतन
- किसी भी सेवा क्षेत्र में दक्षता को सुधारने और लागतों को घटाने के लिए किसी बाहरी अभिकरण को कार्य सौंपना बाह्यस्रोतन कहलाता है।
- जब बाह्यस्रोतन में कार्य समुद्र पार के स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाता है तो इसे अपतरन कहा जाता है।
- ग्राहक सहायता, कॉल सेंटर, विनिर्माण और अभियांत्रिकी ये कुछ ऐसे कार्य हैं जिनका अपतरन किया जाता है।
- बाह्यस्रोतन उन देशों में ज़्यादा किया जाता है जहाँ सस्ते और कुशल श्रमिक आसानी से उपलब्ध होते हैं।
- वर्तमान समय में भारत, चीन, इजरायल, यूरोप एवं कोस्तारिका में सबसे अधिक कॉल सेंटर स्थापित किए गए हैं।
- इसके अंतर्गत कई देशों में के.पी.ओ. और बी.पी.ओ. की स्थापना भी की गई है।
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