हम सभी भारतीय कितने महान हैं जो हमने भारत जैसी धरती पर जन्म लिया। हम भारतीयों को आज हर तरह की आजादी है चाहे वह प्राकृतिक आजादी हो, व्यक्तिगत आजादी हो, सामाजिक आजादी हो या फिर स्वाभाविक आजादी हो। कुल मिलाकर हम भारतीय हर तरह से आजाद हैं। यह आजादी हमें इतनी आसानी से नहीं मिली थी। इस स्वतंत्रता के पीछे जो संघर्ष की कहानी है वह बहुत लंबी है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस, हमारे लिए दो ऐसे खास उत्सव होते हैं जिन्हें हम भारत की स्वतंत्रता से जोड़कर देखते हैं।
गणतंत्र शब्द का असल में अर्थ क्या होता है? दरअसल गणतंत्र एक ऐसा शासन है जिसमें जनता को पूरा अधिकार होता है कि वह अपने हिसाब से राष्ट्र के लिए शासक चुने। अर्थात जब हम एक समझदार नागरिक बनकर वोट देते हैं तब इसके परिणामस्वरूप हमें सही सत्ता का साथ मिलता है। हमारे देश में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। कोई कोई बच्चे ऐसे भी होते हैं जिन्हें स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के बीच का अंतर पता नहीं होता। इसलिए आज हम चर्चा करेंगे गणतंत्र दिवस के महत्व और इतिहास के बारे में।
गणतंत्र का अर्थ
इस वर्ष हमारा देश 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस की तरह ही गणतंत्र दिवस भी बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। दिल्ली हमारी राजधानी है। इसी शहर में गणतंत्र दिवस के चलते सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिवस पर भारत के राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं। इस दिन परेड का भी आयोजन करते हैं। यही नहीं, इस खास दिन पर सभी शिक्षण संस्थानों में झंडा फहराया जाता है। हमारे देश को लोकतांत्रिक गणराज्य की उपाधि प्राप्त है। गण+तंत्र = गणतंत्र इसका सीधा से अर्थ होता है किसी भी देश की जनता द्वारा चुना गया शाशक। जनता के इसी अधिकार के चलते जनता जनार्दन अपने हिसाब से अपनी सरकार चुन सकती है तो यही जनता सरकार से नाखुश होकर उसे हटा भी सकती है।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
भारत के इतिहास में दो ऐसी घटनाएं हुईं जिसने भारत की काया पलट कर दी। हम बात कर रहे हैं गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस की। आज हम चर्चा कर रहे हैं गणतंत्र दिवस की। इस दिवस का इतिहास बहुत ही निराला है। जब तक हमारा देश आजाद नहीं हुआ था तब तक वह ब्रिटिश हुकूमत के अधीन था। हम सबको शायद यह पता है कि 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। पर क्या आपको यह पता है कि असल में 31 दिसंबर 1929 में यह विषय उठा कि भारत को भी अपनी स्वतंत्रता जल्द ही मिलनी चाहिए। फिर जब अंग्रेजों ने भारत की एक भी बात नहीं मानी तब आजादी के बाद भारत ने 9 दिसंबर 1947 से अपनी संविधान सभा बनाने की राय रखी। फिर अंत में 1950 में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के हाथों द्वारा दिल्ली में झंडा फहराया गया तब जाकर हमें अपना गणतंत्र दिवस मनाने का मौका मिला। उसी दिन से हमें अपना संविधान भी मिला।
गणतंत्र दिवस पर क्या होता है?
गणतंत्र दिवस का दिन अपने आप में खास होता है। सवेरे सवेरे हमारे प्रधानमंत्री इंडिया गेट पहुंचते हैं और वहां पर अमर ज्योति पर देश के वीरों को सलामी और श्रद्धांजलि देते हैं। उसके बाद में भारत के राष्ट्रपति अपने मेन गेस्ट के साथ विजय चौक में दाखिल होते हैं और वहां पहुंचते ही उनका स्वागत तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष करते हैं। इसके बाद ध्वजारोहण का कार्यक्रम होता है और राष्ट्रगान गाया जाता है। फिर ठीक उसके बाद इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड अपना दमखम दिखाती है। इस परेड में जलसेना, वायुसेना और नौसेना सभी शामिल होते हैं। इस दिन चयनित राज्यों की झांकियों की भी प्रस्तुति दी जाती है। गणतंत्र दिवस का यह कार्यक्रम केवल दिल्ली तक ही शामिल नहीं है। इस दिवस पर देशभर के सभी स्कूलों और कॉलेजों में भी विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन सभी शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग प्रकार के भाषण संबोधित किए जाते हैं। देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं और परेड भी निकाली जाती है।
गणतंत्र दिवस हमारे लिए क्यों खास है?
चाहे वह गणतंत्र दिवस हो या फिर स्वतंत्रता दिवस, यह दोनों ही दिवस हम सभी भारतीयों के लिए बहुत मायने रखते हैं। 1947 में जब भारतीयों को आजादी मिली तो वह हमारे लिए बड़े ही गौरव की बात थी। फिर जब 1950 में भारत को अपना संविधान मिल गया तब इसने हम सभी भारतीयों के आत्मविश्वास को दोगुना कर दिया था। इतने सालों तक अंग्रेजों का शासन सहने के बाद हमने आखिरकार 1950 में चैन की सांस ली। स्वतंत्र होना अपने आप में एक गौरव की बात होती है। आज हम हर तरह के काम करने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। आज हम इतने स्वतंत्र हैं कि हम अपने हिसाब से कोई फैसला ले सकते हैं और कहीं भी आना जाना कर सकते हैं। हमें तो अभिव्यक्ति की आजादी भी है।
निष्कर्ष
तो आज के इस पोस्ट के माध्यम से हमने समझा कि गणतंत्र दिवस का महत्व क्या है। हम सभी भारतीयों को यह स्वाभिमान होना कि हम पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं। इस साल भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। हम यही आशा करते हैं कि भारत निरंतर प्रगति के रास्ते पर चलता रहे। आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई।
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FAQs
भारत ने पहली बार अपना संविधान 26 जनवरी 1950 को अपनाया था।
गणतंत्र दिवस पर परेड की शुरुआत राष्ट्रपति भवन से की जाती है।
भारत के संविधान को बी.आर अंबेडकर ने तैयार किया था।
भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅक्टर राजेंद्र प्रसाद थे। उन्होंने 1947 में पहली बार यह पद संभाला था।
जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की।
26 जनवरी को।
वर्ष 1950 को।