आप इस आर्टिकल से कक्षा 10 राजनीति विज्ञान अध्याय 5 लोकतंत्र के परिणाम के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं। लोकतंत्र के परिणाम के प्रश्न उत्तर परीक्षा की तैयारी करने में बहुत ही लाभदायक साबित होंगे। इन सभी प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 10 राजनीति विज्ञान पाठ 5 के एनसीईआरटी समाधान से आप नोट्स भी तैयार कर सकते हैं, जिससे आप परीक्षा की तैयारी में सहायता ले सकते हैं। हमें बताने में बहुत ख़ुशी हो रही है कि यह सभी एनसीईआरटी समाधान पूरी तरह से मुफ्त हैं। छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा।
Ncert Solutions For Class 10 Civics Chapter 5 In Hindi Medium
हमने आपके लिए लोकतंत्र के परिणाम के प्रश्न उत्तर को संक्षेप में लिखा है। इन समाधान को बनाने में ‘राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ की सहायता ली गई है। लोकतंत्र के परिणाम पाठ बहुत ही रोचक है। इस अध्याय को आपको पढ़कर और समझकर बहुत ही अच्छा ज्ञान मिलेगा। आइये फिर नीचे कक्षा 10 लोकतांत्रिक राजनीति अध्याय 5 के प्रश्न उत्तर (Class 10 Civics Chapter 5 Question Answer In Hindi Medium) देखते हैं।
कक्षा 10 राजनीति विज्ञान अध्याय 5 लोकतंत्र के परिणाम
प्रश्न 1 – लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध सरकार का गठन करता है?
उत्तर :- यह लोकतंत्र ही है जो कि उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध सरकार का गठन करती है। लोकतंत्र जनता को इतनी ताकत देती है जिससे कि जनता अपने मन मुताबिक सरकार को चुनती है। लोकतंत्र की शक्ति के चलते ही जनता अपने द्वारा चुनी हुई सरकार को हटा भी सकती है अगर सरकार जनता के अनुरूप काम ना करें तो।
प्रश्न 2 – लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विविधता को सँभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है?
उत्तर :- लोकतंत्र हर स्थितियों में सामाजिक विविधता को संभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है जैसे कि –
(1) लोकतंत्र हर जाति और वर्ग के लोगों की भावनाओं का सम्मान करता है।
(2) लोकतंत्र दुनिया की सभी भाषाओं का आदर करना सिखाती है। सभी लोग अपनी-अपनी भाषा गर्व से बोलने का अधिकार रखते हैं।
(3) लोकतंत्र गरीब और अमीर में भेदभाव नहीं करती है। वह सभी को एकसमान रूप से वोट देने का अधिकार देती है।
प्रश्न 3 – निम्नलिखित कथनों के पक्ष या विपक्ष में तर्क दें:
● औद्योगिक देश ही लोकतांत्रिक व्यवस्था का भार उठा सकते हैं पर गरीब देशों को आर्थिक विकास करने के लिए तानाशाही चाहिए।
● लोकतंत्र अपने नागरिकों के बीच की असमानता को कम नहीं कर सकता।
● गरीब देशों की सरकार को अपने ज्यादा संसाधन गरीबी को कम करने और आहार, कपड़ा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर लगाने की जगह उद्योगों और बुनियादी आर्थिक ढाँचे पर खर्च करने चाहिए।
● नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता अमीर और गरीब दोनों तरह के लोकतांत्रिक देशों में है।
● लोकतंत्र में सभी को एक ही वोट का अधिकार है। इसका मतलब है कि लोकतंत्र में किसी तरह का प्रभुत्व और टकराव नहीं होता।
उत्तर :-
(1) जी, नहीं यह जरूरी नहीं है कि केवल औद्योगिक देश ही लोकतांत्रिक व्यवस्था का भार उठा सकते हैं। हमनें अपने इतिहास में भी अनेकों ऐसे उदाहरण देखें हैं जहां पर कई गरीब देशों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। इन गरीब देशों ने अपने संसाधन और नीतियों का सही तरीके से इस्तेमाल करके अपने आप को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया।
(2) यह एकदम गलत है कि लोकतंत्र अपने नागरिकों के बीच की असमानता को कम नहीं कर सकता है। लोकतंत्र में ही रहकर सरकार जनता के हित के लिए अनेकों काम करती है। इसका सबसे बड़ा उदहारण सरकार द्वारा लागू न्यूनतम मजदूरी अधिनियम है। सरकार इस अधिनियम के माध्यम से जनता के बीच की खाई को दूर करती है।
(3) यह एकदम गलत है कि गरीब देशों की सरकार को अपने ज्यादा संसाधन गरीबी को कम करने और आहार, कपड़ा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर लगाने की जगह उद्योगों और बुनियादी आर्थिक ढाँचे पर खर्च करने चाहिए। ऐसा करने से उनके विकास की राह आसान नहीं हो पाएगी। क्योंकि जो सबसे ज्यादा जरूरी चीज होती है वह होती है आहार, कपड़ा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा।
(4) यह एकदम सही है कि नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता अमीर और गरीब दोनों तरह के लोकतांत्रिक देशों में है। यह कोई पैमाना नहीं है कि केवल गरीब देश में ही नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता होती है। अमीर देशों में भी नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता देखने को मिलती है।
(5) यह कथन एकदम सही है कि लोकतंत्र में सभी को एक ही वोट का अधिकार है। इसका मतलब है कि लोकतंत्र में किसी तरह का प्रभुत्व और टकराव नहीं होता। ऐसा होने से जनता में मनमुटाव और रोष नहीं फैलता है।
प्रश्न 4 – नीचे दिए गए ब्यौरों में लोकतंत्र की चुनौतियों की पहचान करें ये स्थितियाँ किस तरह नागरिकों के गरिमापूर्ण, सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन के लिए चुनौती पेश करती हैं। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए नीतिगत संस्थागत उपाय भी सुझाएँ :
(क) उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद ओड़िसा में दलितों और गैर दलितों के प्रवेश के लिए अलग-अलग दरवाजा रखने वाले एक मंदिर को एक ही दरवाजे से सबको प्रवेश की अनुमति देनी पड़ी।
(ख) भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
(ग) जम्मू-कश्मीर के गंडवारा में मुठभेड़ बताकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तीन नागरिकों की हत्या करने के आरोप को देखते हुए इस घटना के जाँच के आदेश दिए गए।
उत्तर :-
(क) यह एकदम सही हुआ कि ओड़िसा में दलितों और गैर दलितों के प्रवेश के लिए अलग-अलग दरवाजा रखने वाले एक मंदिर को एक ही दरवाजे से सबको प्रवेश की अनुमति देनी पड़ी। ऐसा होने से जातिगत असमानता को खत्म करने का मौका मिला।
(ख) यह एकदम सही कथन है कि भारत के अनेक राज्यों में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसी खबर हमें कोई ना कोई अखबार में पढ़ने को मिल जाती है। किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए और भी अच्छे कदम उठाने की जरूरत है।
(ग) जम्मू-कश्मीर के गंडवारा में मुठभेड़ बताकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तीन नागरिकों की हत्या की गई वह बहुत खराब है। यह सरासर पुलिस को खुली चुनौती है। समाज में खुले आम हत्या होना एकदम गलत है।
प्रश्न 5 – लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के संदर्भ में इनमें से कौन-सा विचार सही है – लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं ने सफलतापूर्वक :
(क) लोगों के बीच टकराव को समाप्त कर दिया है।
(ख) लोगों के बीच की आर्थिक असमानताएँ समाप्त कर दी हैं।
(ग) हाशिए के समूहों से कैसा व्यवहार हो. इस बारे में सारे मतभेद मिटा दिए हैं।
(घ) राजनीतिक गैर बराबरी के विचार को समाप्त कर दिया है।
उत्तर :- (घ) राजनीतिक गैर बराबरी के विचार को समाप्त कर दिया है।
प्रश्न6. लोकतंत्र के मूल्यांकन के लिहाज से इनमें कोई एक चीज लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के अनुरूप नहीं है। उसे चुनें:
(क) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव
(ख) व्यक्ति की गरिमा
(ग) बहुसंख्यकों का शासन
(घ) कानून से समक्ष समानता
उत्तर :- (ख) व्यक्ति की गरिमा
प्रश्न 7 – लोकतांत्रिक व्यवस्था के राजनीतिक और सामाजिक असमानताओं के बारे में किए गए अध्ययन बताते हैं कि-
(क) लोकतंत्र और विकास साथ ही चलते हैं।
(ख) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं।
(ग) तानाशाही में असमानताएँ नहीं होती।
(घ) तानाशाहियाँ लोकतंत्र से बेहतर साबित हुई हैं।
उत्तर :- (ख) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं।
प्रश्न 8 – नीचे दिए गए अनुच्छेद को पढ़ें:
नन्नू एक दिहाड़ी मजदूर है वह पूर्वी दिल्ली की एक झुग्गी बस्ती वेलकम मजदूर कॉलोनी में रहता है। उसका राशन कार्ड गुम हो गया और जनवरी 2006 में उसने डुप्लीकेट राशन कार्ड बनाने के लिए अर्जी दी। अगले तीन महीना तक उसने राशन विभाग के दफ्तर के कई चक्कर लगाए लेकिन वहाँ तैनात किरानी और अधिकारी उसका काम करने या उसके अर्जी को स्थिति बताने की कौन कहे उसको देखने तक के लिए तैयार न थे। आखिरकार उसने सूचना के अधिकार का उपयोग करते हुए अपनी अर्जी की दैनिक प्रगति का ब्यौरा देने का आवेदन किया। इसके साथ ही उसने इस अर्जी पर काम करने वाले अधिकारियों के नाम और काम न करने की सूरत में उनके खिलाफ़ होने वाली कार्रवाई का ब्यौरा भी माँगा सूचना के अधिकार वाला आवेदन देने के हफ्ते भर के अंदर खाद्य विभाग का एक इंस्पेक्टर उसके घर आया और उसने नन्नू को बताया कि तुम्हारा राशन कार्ड तैयार है और तुम दातर आकर उसे ले जा सकते हो। अगले दिन जब नन्नू राशन कार्ड लेने गया तो उस इलाके के खाद्य और आपूर्ति विभाग के सबसे बड़े अधिकारी ने गर्मजोशी से उसका स्वागत किया। इस अधिकारी ने उसे चाय की पेशकश की और कहा कि अब आपका काम हो गया है इसलिए सूचना के अधिकार वाला अपना आवेदन आप वापस ले लें।
नन्नू का उदाहरण क्या बताता है? नन्नू के इस आवेदन का अधिकारियों पर क्या असर हुआ? अपने माँ-पिताजी से पूछिए कि अपनी समस्याओं के लिए सरकारी कर्मचारियों पास जाने का उनका अनुभव कैसा रहा है।
उत्तर :- नन्नू का उदाहरण हमें यही सिखाता है कि हमें अपने दायित्वों के प्रति जागरूक होना चाहिए। नन्नू ने अपने अधिकारों के प्रति सचेत होकर एक अच्छा नागरिक होने का कर्त्तव्य निभाया।
बाकी छात्र अपने माता-पिता का अनुभव पूछकर लिख सकते हैं।
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