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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 8 शाम-एक-किसान
कक्षा 7 हिंदी एनसीईआरटी समाधान का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना है। कक्षा 7 वीं हिंदी अध्याय 8 शाम-एक-किसान के प्रश्न उत्तर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है। छात्र नीचे वसंत भाग 2 कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
कक्षा : 7
विषय : हिंदी (वसंत भाग -2)
अध्याय : 8 (शाम-एक-किसान)
प्रश्न अभ्यास
कविता से:-
1 . इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है – यह एक रूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाते हुए कविता में ‘आकाश का साफ़ा‘ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है, मानो नदी चादर – सी हो। अब आप दूसरी, चौथी और पाँचवी एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
उत्तर :- दूसरी एकरूपता सूरज की चिलम खींचता पहाड़, चौथी एकरूपता पलाश के जंगल की अंगीठी, पाँचवी एकरूपता अंधकार सिमटा बैठा है:- भेड़ों के गल्ले – सा।
2. शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए:-
(क) शाम कब से शुरू हुई ?
उत्तर :- शाम लगभग 5:00 बजे शुरू हुई।
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा ?
उत्तर :- सर्दियों में शाम होने से सूरज डूबने का समय लगभग 5:30 से 6:00 बजे का समय लगता है।
(ग) इस बीच आसमान में क्या – क्या परिवर्तन आए ?
उत्तर :- सूर्य की रोशन कम हो गई। सूर्य का नारंगी रंग हमें साफ दिख रहा था। नारंगी बादल कालिमा से परिपूर्ण होने लगे थे। फिर सूर्य की किरणों से लालिमायुक्त पश्चिमी छोर अब धीरे–धीरे अंधकार में डूबने लगा और आकाश में बलखाती धुंध अपनी सघनता को इधर–उधर बिखेरने लगी।
3. मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो – ‘सुनते हो‘। नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए:-
कबूतर कौआ मैना
तोता चील हंस
उत्तर :-
कबूतर :- गुटर गूं (उड़ चल)
कौवा :- काँव – काँव (छाँव – छाँव)
मैना :- चीं – ची (नन्हीं)
तोता :- टैं – टैं (कह – कह)
चील :- चिलील ची (उड़ान -ऊँची)
हंस :- लग – लग (पग – पग)
कविता से आगे:-
1 . इस कविता को चित्रित करने के लिए किन–किन रंगों का प्रयोग करना होगा ?
उत्तर:- इस कविता को चित्रित करने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले रंग हैं:-
मोर के लिए – लाल, पीला, हरा, नीला, आसमानी, काला व बैंगनी रंग।
भेड़ों के लिए ‘ स्लेटी व काले – सफेद ‘ रंग।
पलाश में पत्तों के लिए हरा रंग , फूलों के लिए लाल रंग तथा बहती नदी व आसमान के लिए आसमानी रंग ।
सूर्यास्त के लिए सूर्य और उसके चारों ओर लाल – पीला रंग मिलाकर हल्का नारंगी रंग प्रयोग किया जाएगा ।
2. शाम के समय ये क्या करते हैं ? पता लगाइए और लिखिए :-
पक्षी खिलाड़ी फलवाले माँ
पेड़ – पौधे पिता जी किसान बच्चे
उत्तर :-
पक्षी :- शाम के समय पक्षी अपने घोसलों में चलें जाते है।
खिलाडी :- खेल खेल कर घर की ओर घर जाते है।
फलवाले :- फल वाले अपने फलों को स्वादिष्ठ बताकर ग्राहकों को खुश करते है।
माँ :- माँ सबके लिए खाना बनाने लगती है।
पेड़ – पौधे :- शाम को पेड़ – पौधे आराम करते है।
पिता जी :- काम करके घर आते है।
किसान :- खेत से घर लौटते है।
बच्चे :- बच्चे स्कूल का काम करते है।
3. हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है:-
संध्या का झुटपुट –
बाँसों का झुरमुट –
है चहक रहीं चिड़ियाँ
टी – वी – टी – टुट् – टुट्
• ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा ? लिखिए।
उत्तर :- इन पंक्तियों में कवि ने शाम होते हुए दृश्य की मनोहारी क्रिया का उल्लेख किया है। दूसरी ओर सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता में जाड़े की शाम के दृश्य को किसान के रूप में उल्लेख किया है।
अनुमान और कल्पना:-
1 . शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन – किन चीजों की मदद लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगें ? नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए:-
पेड़ों के झुनझुने
बजने लगे;
लुढ़कती आ रही है
सूरज की लाल गेंदा।
उठ मेरी बेटी, सुबह हो गई।
उत्तर :- सुबह होते ही अंधकार सब खो जाता है, सब जग सुन्दर हो जाता है। सभी चिड़िया इकट्ठे होकर गुनगुनाने लगती है। सभी चिड़िया चहचहाकर गाती है। उनके मीठे स्वर सुबह में रस सा घोल देती है। ठंडी-ठंडी हवा मन को तृप्त कर देती है। चारों तरफ सुहाना और मस्ताना सा मौसम होता है। लोग सुबह सुबह घूमने के लिए चल पड़ते है। बच्चे स्कूल जाने लगते है। ऐसे लगता है कि सूरज लाल गेंद की तरह उगता है और हमें एक बच्चे की तरह उठाता है।
भाषा की बात:-
1 . नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए:-
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर – सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले – सा
(ग) पानी का परदा – सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मँडराता रहता था एक मरियल – सा कुत्ता आसपास
(ङ) दिल है छोटा – सा छोटी – सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्ही – सी चिड़िया • इन पंक्तियों में सा / सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे हो रहा है ?
उत्तर :- इन वाक्यों में दो चीजों की तुलना एक दूसरे से की गई है। पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरणिक दृष्टि से तुलनात्मक एवं विशेषण रूप में हो रहा है। जैसे:-
- नदी की तुलना चादर से की गई है।
- सिमटी भेड़ो की तुलना अंधकार से की गई है।
- पानी की तुलना पर्दे से की गई है।
इसके अतिरिक्त ‘ मरियल – सा ‘ , ‘ छोटा – सा ‘, ‘ नन्ही – सा ‘ इनमें सा – सी शब्दों का प्रयोग विशेषण शब्दों के साथ हुआ है।
2. निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग आप किन संदर्भो में करेंगें। प्रत्येक शब्द से दो – दो वाक्य बनाइए:-
औंधी दहक सिमटा के साथ
उत्तर :- औंधी:- वह औंधे मुँह गिर गया।
उसने औंधे लेटे – लेटे ही रात बिताई।
दहक:- सूर्य की तेज़ किरणों से धरती दहक उठी।
अमित का शरीर बुखार से दहक रहा है।
सिमटा :- बालक अध्यापक के भय से सिमटे हुए है।
भीषण सर्दी से वृद्ध सिमटे रहते है।
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 के सभी अध्याय नीचे देखें
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