एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 16 भोर और बरखा

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 16 भोर और बरखा प्राप्त कर सकते हैं। छात्र कक्षा 7 हिंदी पाठ 16 के प्रश्न उत्तर मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए वसंत भाग 2 कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर साधारण भाषा में बनाएं गए हैं। वसंत भाग 2 कक्षा 7 chapter 16 के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। कक्षा 7 वीं हिंदी अध्याय 16 भोर और बरखा के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाएं गए हैं।

देखा गया है कि एनसीईआरटी वसंत हिंदी 7 वीं कक्षा सवाल जवाब के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से NCERT Solutions kaksha 7 vishay hindi chapter 16 पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। vasant bhag 2 किताब बहुत ही रोचक है। आइये फिर नीचे ncert solutions class 7 hindi chapter 16 भोर और बरखा देखते हैं।

NCERT Solutions For Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

कक्षा 7 हिंदी एनसीईआरटी समाधान का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना है। कक्षा 7 वीं हिंदी अध्याय 16 भोर और बरखा के प्रश्न उत्तर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है। छात्र नीचे वसंत भाग 2 कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा : 7
विषय : हिंदी (वसंत भाग -2)
अध्याय : 16 (भोर और बरखा
)

प्रश्न अभ्यास

कविता से:-

1 . ‘ बंसीवारे ललना ‘ , ‘ मोरे प्यारे ‘ , ‘ लाल जी ‘ , कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन–कौन सी बातें कहती हैं ?

उत्तर :- बंसीवारे ललना ‘ , ‘ मोरे प्यारे ‘ , ‘ लाल जी ‘ कहते हुए यशोदा अपने पुत्र श्रीकृष्ण को जगाने का प्रयास करती हैं। वे कहती हैं – रात्रि व्यतीत हो चुकी है। अब प्रातः बेला आरंभ हो गई है अर्थात सुबह हो गई है। सभी घरों के दरवाजे खुल गए हैं। गोपियाँ सुबह उठकर दही बिलौने लगी है। प्रात : काल में सभी देवतागण और मनुष्य आपके दर्शनों के लिए उत्सुक हो रहे हैं।

2. नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए ‘ माखन – रोटी हाथ मँह लीनी , गउवन के रखवारे’।

उत्तर :- प्रस्तुत पंक्तियाँ मीराबाई द्वारा रचित ‘ भोर और बरखा ‘ नामक कविता से अवतरित है। पक्तियों में मीराबाई ने स्पष्ट किया है कि प्रात: होते ही सभी ग्वाले अपनी अपनी गायों को चराने के लिए चरागाहों की ओर चले गए हैं। वे माखन–रोटी लिए चरागाहों में अपनी गायों को चराने और उनकी रखवाली के लिए चल पड़े हैं।

3. पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।

उत्तर :- प्रात : होते ही ब्रज में घरों के दरवाजे खुल जाते हैं। गोपियाँ प्रातः होते ही उठकर दही बिलौने लगती हैं। ग्वाले भी माखन रोटी लेकर चरागाह की ओर चल पड़ते हैं। भगवान व मनुष्य श्री कृष्ण के दर्शन के लिए खड़े हो जाते हैं।

4. मीराबाई को सावन मनभावन क्यों लगने लगा ?

उत्तर :- मीराबाई कहती हैं कि सावन की बदली, जो उसके मन को आनंदित करती है, बरस रही है। इस वर्षा को देखकर उसके मन में उमंगें उत्पन्न हो रही हैं। उसे आवाज सुनाई दे रही है कि भगवान श्रीकृष्ण भी आने वाले हैं। उमड़ते–घुमड़ते बादल चारों दिशाओं में विचरण कर रहे हैं। बिजली वर्षा की झड़ी लगाने के लिए चमक रही है। अर्थात मीरा श्री कृष्ण की अनन्य भक्त हैं। वह श्री कृष्ण से अत्यधिक स्नेह करती है। सावन के आगमन पर काले बादलों को देखकर मीरा को कृष्ण के आगमन का आभास होने लगता है। उनका मन खुशी से झूम उठता है। इसी कारण मीरा को सावन मनभावन लगने लगा।

5. पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए ।

उत्तर :- मीराबाई अपने पद में सावन के महीने का वर्णन करते हुए कहती हैं कि उमड़ते – घुमड़ते बादल चारों दिशाओं में विचरण कर रहे हैं। बिजली वर्षा की झड़ी लगाने के लिए चमक रही है। नन्ही – नन्ही बरसात की बूंदें बरस रही हैं। चारों ओर शीतल वायु बह रही है। सभी प्राणियों को बरसती बूंदो से आत्मिक संतुष्टि प्राप्त होती है।

कविता से आगे:-

1 . मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक – एक रचना का नाम लिखिए।

उत्तर :- सूरदास – सूरसागर (ii) तुलसीदास श्री रामचरितमानस

2. सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए ।

उत्तर :-  सावन मास वर्षा ऋतु में आता है। वर्षा ऋतु में आषाढ़ और भाद्रपद मास का भी आगमन होता है।

अनुमान और कल्पना:-

1 . सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है ?

उत्तर :- सुबह जगने के समय मुझे चिड़ियों का चहचहाना बहुत अच्छा लगता है। सुबह सैर करते समय मुझे ताजगी महसूस होती है।

2. यदि आपको अपने छोटे भाई–बहन को जगाना पड़े, तो कैसे जगाएँगे ?

उत्तर :- यदि मुझे मेरे छोटे भाई-बहन को उठाना पड़े तो मैं उसे बहुत ही प्यार से और सहलाकर उठाऊंगा।

3. वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता है ?

उत्तर :- मुझे वर्षा में भीगना बहुत ही अच्छा लगता है। जब मिट्टी की भीनी-भीनी खुशबू हमें वर्षा के समय महसूस होती है तो वह पल और भी ज्यादा ख़ुशनुमा हो जाता है। उस समय खेलने में भी बहुत मन लगता है।

4. मीरा बाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है:-

(क) गाँव, गली या मुहल्ले में

(ख) रेलवे प्लेटफॉर्म पर

(ग) नदी या समुद्र के किनारे

(घ) पहाड़ों पर

उत्तर:- (क) गाँव, गली या मुहल्ले में :- काम करते हुए, सुबह उठते ही सबके लिए चाय बनाना, दूध निकालना

(ख) रेलवे प्लेटफॉर्म पर :- चाय और ट्रेन की आवाज़ के साथ

(ग) नदी या समुद्र के किनारे :- सूर्य की किरणों के साथ

(घ) पहाड़ों पर :- पर्वतारोहण के साथ

भाषा की बात:-

1 . कृष्ण को ‘ गठवन के रखवारे ‘ कहा गया है जिसका अर्थ है गौओं का पालन करनेवाले। इसके लिए एक शब्द दें।

उत्तर :- गोपाल

2. नीचे दो पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।

‘ नन्हीं – नन्हीं बूंदन मेहा बरसे ‘
‘ घर – घर खुले किंवारे ‘

 • इस प्रकार के दो – दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा को पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है ? जैसे – मीठी – मीठी बातें . फूल – फूल महके ।

उत्तर :- विशेषण पुनरुक्ति के उदाहरण :-

  1. बड़े – बड़े :-  हमारे शहर में बड़े –  बड़े घर है।
  2. काले – काले :- आकाश में काले – काले बादल छाए हुए है।

संज्ञा पुनरुक्ति के उदाहरण :-

  1. देश – देश :- देश – देश में फोन प्रयोग कर रहे है।
  2. नगर –  नगर :- नगर – नगर में स्कूल खुले हुए है।

विशेषण की पुनरुक्ति से किसी वस्तु विशेष की विशेषता पर बल दिया गया है जबकि संज्ञा की पुनरुक्ति में किसी वस्तु जाति पर विशेष बल दिया गया है।

कुछ करने को:-

1 . कृष्ण को ‘ गिरधर ‘ क्यों कहा जाता है ? इसके पीछे कौन सी कथा है ? पता कीजिए और कक्षा में बताइए।

उत्तर :- कृष्ण जी को ‘गिरधर’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि श्रीकृष्ण ने एक उंगली से गोवर्धन पर्वत उठा लिया था और लोगों की रक्षा की थी। इस पर्वत की परिक्रमा कर लोग भगवान श्रीकृष्ण की अराधना करते हैं। बेहद पुरानी मान्यता है कि गिरिराज जी की सुंदरता को देख पुलस्त्य ऋषि बेहद खुश हुए। उन्होंने इन्हें द्रोणांचल पर्वत से उठाया और अपने यहां ले जाने लगे। उठाने से पहले गिरिराजजी ने कहा था कि आप मुझे जहां भी पहली बार रखेंगे मैं वहीं स्थापित हो जाऊंगा। रास्ते में साधना के लिए ऋषि ने पर्वत को नीचे रख दिया। ऋषि की लाख कोशिशों के बाद भी पर्वत हिला नहीं। इसके बाद गुस्से में ऋषि ने पर्वत को शाप दिया कि वह रोज कम होगा। माना जाता है कि उसी समय से गिरिराज जी वहां हैं और कम होते जा रहे हैं।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 के सभी अध्याय नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1हम पंछी उन्मुक्त गगन के
2दादी माँ
3हिमालय की बेटियाँ
4कठपुतली
5मिठाईवाला
6रक्त और हमारा शरीर
7पापा खो गए
8शाम-एक-किसान
9चिड़िया की बच्ची
10अपूर्व अनुभव
11रहीम के दोहे
12कंचा
13एक तिनका
14खानपान की बदलती तसवीर
15नीलकंठ
16भोर और बरखा
17वीर कुँवर सिंह
18संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज
19आश्रम का अनुमानित व्यय
20विप्लव-गायन

छात्रों को एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 16 भोर और बरखा प्राप्त करके काफी ख़ुशी हुई होगी। हमारा प्रयास है कि छात्रों को बेहतर ज्ञान दिया जाए। छात्र एनसीईआरटी पुस्तक या सैंपल पेपर आदि की अधिक जानकारी के लिए parikshapoint.com की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

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