एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज प्राप्त कर सकते हैं। छात्र कक्षा 7 हिंदी पाठ 18 के प्रश्न उत्तर मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए वसंत भाग 2 कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर साधारण भाषा में बनाएं गए हैं। वसंत भाग 2 कक्षा 7 chapter 18 के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। कक्षा 7 वीं हिंदी अध्याय 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाएं गए हैं।

देखा गया है कि एनसीईआरटी वसंत हिंदी 7 वीं कक्षा सवाल जवाब के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से NCERT Solutions kaksha 7 vishay hindi chapter 18 पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। vasant bhag 2 किताब बहुत ही रोचक है। आइये फिर नीचे ncert solutions class 7 hindi chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज देखते हैं।

NCERT Solutions For Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज

कक्षा 7 हिंदी एनसीईआरटी समाधान का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना है। कक्षा 7 वीं हिंदी अध्याय 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज के प्रश्न उत्तर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है। छात्र नीचे वसंत भाग 2 कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा : 7
विषय : हिंदी (वसंत भाग -2)
अध्याय : 18 (संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज
)

प्रश्न अभ्यास

साक्षात्कार से:-

1 . साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है ? वर्णन कीजिए।

उत्तर :- साक्षात्कार पढ़कर मन में धनराज पिल्लै का सीदा–सादा आचरण और दृढ निश्चयी व्यक्ति लगता है। उन्हें अपने परिश्रम, धैर्य पर पूरी तरह से विश्वास है। क्योंकि उन्हें अब तक इसी के बल पर सफलता मिली है। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था, इसलिए उन्हें शुरू से ही बहुत संघर्षो का सामना करना पड़ा था। लेकिन अपने लगातार परिश्रम से ही उन्हें सफलता मिली है।

2. धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए।

उत्तर :- धनराज पिल्लै का गरीब परिवार में जन्म हुआ था। उनका जीवन मुश्किलों से भरा हुआ था। उनके दोनों भाई हॉकी खेलते थे। इसलिए उन्हें भी हॉकी खेलने का शौक था। उन्हें हॉकी स्टिक भी अपने साथियों से उधार लेनी पड़ती थी। उन्हें खुद की स्टिक भी तब मिली जब इनके बड़े भाई को भारतीय कैम्प के लिए चुना गया था। 1985 में वे मणिपुर में जूनियर के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेले। 1986 में वे सीनियर टीम में चुने गए। तब से निरन्तर संघर्ष करते हुए आखिरकार वे सफलता अर्जित करने में सफल रहे।

3.  ‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने को सीख दी है’ धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है ?

उत्तर :- धनराज पिल्लै एक सीधे सादे व्यक्ति थे। उनका जन्म गरीब परिवार में होने की वजह से उन्होंने निरंतर संघर्ष ही किया था। महत्त्वाकांक्षाओं की तीव्रता, उनका धैर्य तोड़ देती थी। परन्तु उनकी माँ की धीरता और उत्साह ने उन्हें कभी रास्ते से भटकने नहीं देती थी। उन्होंने अपनी माँ से विनम्रता का जो पाठ पढ़ा, उससे वे निरन्तर सफलता की सीढ़ी चढ़ गए।

साक्षात्कार से आगे:-

1 . ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों ? पता लगाइए।

उत्तर :- ध्यानचंद एक कुशल हॉकी खिलाड़ी था। उनका खेल में इस तरह से ध्यान होता था कि उनकी नजर गेंद से हटती ही नहीं थी। उनका खेल ओर गेंद के प्रति खिंचाव चुम्बक की तरह लगता था। उनकी इसी स्फूर्ति के कारण उन्हें कामयाबी मिली तथा सफलता की सीढी़ प्राप्त की। इस तरह ध्यान केंद्रित होने तथा इन्हीं विशेषताओं के कारण ही इन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है।

2. किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है ?

उत्तर :- यदि हम अपने इतिहास को गौर से देखें तो हॉकी राजा–महाराजाओं का प्रिय खेल रहा है। इसके लिए अत्यधिक धन की आवश्यकता भी नहीं। सभी में इसकी रुचि अत्यधिक है। शहरों के साथ-साथ गाँवों में भी लोग पेड़ की टहनियाँ काट कर ये खेला करते हैं। ओलम्पिक हॉकी में भारत आठ बार स्वर्ण पदक जीत चुका है। यही कारण है कि हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है।

3. आप समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्त्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।

उत्तर : छात्र इसका उत्तर खुद लिखें।

अनुमान और कल्पना:-  

1 . ‘ यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए ‘– क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं ? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।

उत्तर :- हम धनराज पिल्ले के इस कथन से सहमत है। यह जरूरी नहीं है कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए। ईमानदारी व संघर्ष करने के बाद कई बार शोहरत तो मिल जाती है, परंतु पैसा नहीं मिलता। धनराज ही नहीं मशहूर शहनाई वादक बिस्मिल्ला खाँ, कई बड़े साहित्यकार, शोहरत तो प्राप्त कर पाए, परंतु उन्हें अपनी प्रसिद्धि जितना पैसा कभी नहीं मिला।

2.  (क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना आसान होता है या मुश्किल ?

उत्तर :- गलती सबसे ही हो जाती है क्योंकि हम इंसान ही तो है, लेकिन कोई अगर गलती करके दिल से शर्मिंदा हो और अपनी गलती पर सच्ची में अफ़सोस हो और वह फिर माफ़ी मांगे तो उसे कोई मुश्किल नहीं होगी।

(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं ?

उत्तर :-ऐसी कई गलतियां होती है जिनकी हम और बाकी सब माफ़ी मांग लेते है लेकिन कई बार हिम्मत नहीं कर पाते।

(ग) माफ़ी माँगना मुश्किल होता है या माफ़ करना ? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए ।

उत्तर :- कई बार माफ़ी माँगना माफ़ करने से ज़्यादा मुश्किल हो जाता है।

भाषा की बात:-

1 . नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग – अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

प्रेरणा     प्रेरक    प्रेरित

संभव    संभावित   संभवतः

उत्साह    उत्साहित    उत्साहवर्धक                       

उत्तर :-       

प्रेरणा – रानी लक्ष्मीबाई स्त्रियों के लिए प्रेरणा की स्रोत रही हैं ।

प्रेरक – अध्यापक सबसे अच्छा प्रेरक होता है।

प्रेरित – माता – पिता बालक को सदैव सत्य के लिए प्रेरित करते हैं।

संभव – आधुनिक युग में ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं।

संभावित – आज दिल्ली में वर्षा होना संभावित है।

संभवत: – संभवतः आज अध्यापक विद्यालय ना आएँ।

उत्साह – आधुनिक बालकों में मोबाइल के प्रति काफी उत्साह है।

उत्साहित – बच्चे विमान में बैठने के लिए उत्साहित थे।

उत्साहवर्धक – अध्यापक की प्रशंसा छात्र के लिए उत्साहवर्धक सिद्ध हुई।

2. तुनुकमिज़ाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे – बादल, बादर, बदरा, बदरिया ; मयूर, मयूरा, मोर ; दर्पण , दर्पन . दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम – से – कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।

उत्तर:-  

देव, देवता, सुर

आग, अग्नि, जलन

भक्त, भगत, पुजारी

मौक्तिक, मोती, मोतिया

3. हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर–तरीके और अपनी शब्दावली होती है जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे – फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं–गोल, बैंकिंग, पासिंग बूट इत्यादि।

उत्तर : क्रिकेट से संबंधित शब्द हैं – रन, चौका, छक्का, नो बॉल, ओवर आदि।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 के सभी अध्याय नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1हम पंछी उन्मुक्त गगन के
2दादी माँ
3हिमालय की बेटियाँ
4कठपुतली
5मिठाईवाला
6रक्त और हमारा शरीर
7पापा खो गए
8शाम-एक-किसान
9चिड़िया की बच्ची
10अपूर्व अनुभव
11रहीम के दोहे
12कंचा
13एक तिनका
14खानपान की बदलती तसवीर
15नीलकंठ
16भोर और बरखा
17वीर कुँवर सिंह
18संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज
19आश्रम का अनुमानित व्यय
20विप्लव-गायन

छात्रों को एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज प्राप्त करके काफी ख़ुशी हुई होगी। हमारा प्रयास है कि छात्रों को बेहतर ज्ञान दिया जाए। छात्र एनसीईआरटी पुस्तक या सैंपल पेपर आदि की अधिक जानकारी के लिए parikshapoint.com की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

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