एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 5 मिठाईवाला

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 5 मिठाईवाला प्राप्त कर सकते हैं। छात्र कक्षा 7 हिंदी पाठ 5 के प्रश्न उत्तर मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों के लिए वसंत भाग 2 कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर साधारण भाषा में बनाएं गए हैं। वसंत भाग 2 कक्षा 7 chapter 5 के माध्यम से छात्र परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकते हैं। कक्षा 7 वीं हिंदी अध्याय 5 मिठाईवाला के प्रश्न उत्तर सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाएं गए हैं।

देखा गया है कि एनसीईआरटी वसंत हिंदी 7 वीं कक्षा सवाल जवाब के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं। लेकिन यहां से NCERT Solutions kaksha 7 vishay hindi chapter 5 पूरी तरह से मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। vasant bhag 2 किताब बहुत ही रोचक है। आइये फिर नीचे ncert solutions class 7 hindi chapter 5 मिठाईवाला देखते हैं।

NCERT Solutions For Class 7 Hindi Vasant Chapter 5 मिठाईवाला

कक्षा 7 हिंदी एनसीईआरटी समाधान का उदेश्य केवल अच्छी शिक्षा देना है। कक्षा 7 वीं हिंदी अध्याय 5 मिठाईवाला के प्रश्न उत्तर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के सहायता से बनाए गए है। छात्र नीचे वसंत भाग 2 कक्षा 7 के प्रश्न उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।

कक्षा : 7
विषय : हिंदी (वसंत भाग -2)
अध्याय : 5 (मिठाईवाला
)

अभ्यास-प्रश्न उत्तर

कहानी से:-

1 . मिठाईवाला अलग – अलग चीजें क्यों बेचता था और वह महीनों बाद क्यों आता था ?

उत्तर :- मिठाईवाला अलग – अलग चीज़ें इसलिए बेचता था क्योंकि उसका पूरा परिवार जबसे छिन गया था, वह बहुत अकेला हो गया था। वह बच्चों के साथ रहना चाहता था। उनका प्यार पाना चाहता था। वह अलग – अलग चीजें इसलिए बेचता था ताकि बच्चों का ध्यान उसकी तरफ ही रहे और महीनों बाद इसलिए आता ताकि बच्चें उसके आने का इंतज़ार करें और उनके मन में मिठाईवाले के लिए उत्सुकता बनी रहे।

2 . मिठाईवाले में वे कौन से गुण थे जिनकी वजह से बच्चें तो बच्चें, बड़े भी उसकी ओर खिंचे चले आते थे ?

उत्तर :- मिठाईवाला सबसे और ज्यादातर बच्चों से विनम्र और सभ्य व्यवहार करता था। उसके आते ही हर जगह हलचल हो जाती थी। छोटे–छोटे बच्चों को युवतियाँ गोद में लेकर छज्जों से नीचे झाँक कर देखती थी। मिठाईवाला माधक – मधुर ढंग से गाता जिसकी वजह से बच्चें ही नहीं बड़े भी उसकी तरफ चले जाते थे।

3. विजय बाबू एक ग्राहक थे और मुरलीवाला एक विक्रेता। दोनों अपने – अपने पक्ष के समर्थन में क्या तर्क पेश करते हैं ?

उत्तर :- विजय बाबू मुरलीवाले से भाव पूछ रहे थे जो उन्हें अपने बच्चों के लिए लेनी थी। मुरली वाले ने कहा कि सबको तीन-तीन में दी है आपको दो में दे दूंगा। लेकिन यह सुनकर विजय बाबू असंतुष्ट हो जाते है और कहते है सबको इतने में ही दी है और मुझ पर अहसान लाद रहे हो। मुरलीवाला कहता है कि भले ही दुकानदार कितनी ही हानि उठाकर कम कीमत पर ही सामान क्यों न बेचें, परन्तु ग्राहक को हमेशा यही लगता है कि दुकानदार उसे लूटकर उस पर अत्याचार कर रहा है।

4. खिलौनेवाले के आने पर बच्चों की क्या प्रतिक्रिया होती थी ?

उत्तर :- खिलौनेवाले की मधुर वाणी सुनते ही बच्चों में हलचल मच जाती थी। वे पार्क से झुंड बनाकर भागने लगते। किसी की चप्पल टूट जाती थी तो किसी की पैंट डीली होकर गिरने लगती थी। वे खिलौनेवाले के समीप पहुँचकार खिलौने के दाम को तय करने लगते और कहते अम भी लेंगे मुल्ली।

5. रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया ?

उत्तर :- प्रतिदिन नगर की प्रत्येक गली में उसका मादक, मृदुल स्वर सुनाई पड़ता- “ बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला । “ रोहिणी ने भी मुरलीवाले का यह स्वर सुना। तुरंत ही उसे खिलौनेवाले का स्मरण हो आया। उसने मन – ही – मन कहा – खिलौनेवाला भी इसी तरह गा – गाकर खिलौने बेचा करता था।

6. किसकी बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था ? उसने इन व्यवसायों को अपनाने का क्या कारण बताया ?

उत्तर :- रोहिणी की बात सुनकर मिठाईवाला भावुक हो गया था। मिठाईवाले ने रोहिणी के कहने पर सब बताया की वो ऐसे अलग – अलग सामान क्यों बेचता है। उसने कहा कि वह एक सम्पन्न व्यक्ति था। उसका भी बहुत प्यारा परिवार था। अब वह अकेला है और इन व्यवसायों को अपनाकर आत्म – संतुष्ट होने का प्रयास करता है। अब वह दूसरों के बच्चों में अपने बच्चों को खोजकर अपना प्यार प्रकट करता है ।

7. ‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा ‘ – कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा ?

उत्तर :- मिठाईवाला अपनी कहानी सुनाते सुनाते भावुक हो गया था। वह अपने भावों को छुपा न सका। उसकी आँखों से आंसू आ गए थे। इतने में बच्चें आए और रोहिणी ने उनके लिए मिठाई ली और पैसे भीतर से ही फैंक दिए। मिठाईवाले ने पेटी उठाई और कहा कि अब यह पैसे नहीं लूँगा। उन बच्चों में अपने बच्चों का रूप देखकर वह बिना पैसे लिए ही चला गया।

8. इस कहानी में रोहिणी चिक के पीछे से बात करती है। क्या आज भी औरतें चिक के पीछे से बात करती हैं ? यदि करती हैं तो क्यों ? आपकी राय में क्या यह सही है ?

उत्तर :- चिक के पीछे पहले वाली औरतें ही बात करती थी क्योंकि पहले औरतों पर बहुत पाबंदिया होती थी। लेकिन आधुनिक युग में ऐसा नहीं है। आजकल औरतों को सामान अधिकार दिए गए है। हर क्षेत्र में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है। लेकिन आज भी कई गांव ऐसे है जहाँ औरतों को अभी अभी स्वतंत्रता से वंचित रखा जाता है। लेकिन यह बिल्क़ुल भी सही नहीं है क्योंकि स्त्रियों और पुरषों का जीवन जीने का सामान अधिकार होता है।

कहानी से आगे:-

1 . मिठाईवाले के परिवार के साथ क्या हुआ होगा ? सोचिए और इस आधार पर एक और कहानी बनाइए ?

उत्तर :- हम ऐसा सोच सकते है कि मिठाईवाले का परिवार कहीं घूमने गया हो, और वहां उनको दंगों जैसी क्षति पहुंची हो जिससे पूरा परिवार मिठाईवाले से छिन्न गया। और अब मिठाईवाले का घर पर अकेले मन न लगने के कारण वह अपने घर एक संगीत कक्षा शुरू कर देता है। वह सभी बच्चों को बिना पैसों से संगीत सिखाता ताकि वह खुद को अकेला न समझे और सभी के साथ उसका मन लगा रहे।

2. हाट – मेले, शादी आदि आयोजनों में कौन – कौन सी चीजें आपको सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं ? उनको सजाने – बनाने में किसका हाथ होगा ? उन चेहरों के बारे में लिखिए।

उत्तर :-  हाट – मेले, शादी आदि आयोजनों में हमें सबसे पहले सजावट पसंद आती है। मेलों में अलग अलग झूले झूलना बहुत अच्छा लगता है। उनको सजाने बनाने में अलग – अलग कारीगर लगे होते है। सबका अपना अलग -अलग काम होता है। ऐसे व्यक्ति समाज के लिए सजावट, कला, निर्माण का कार्य करते है, वे चीजों को सजाकर व्यक्तियों के मन में रोशनी भरते है और उनके खुद के जीवन अंधेरों से भरे होते है।

3. इस कहानी में मिठाईवाला दूसरों को प्यार और खुशी देकर अपना दुख कम करता है ? इस मिजाज की और कहानियाँ, कविताएँ ढूंढिए और पढ़िए।

उत्तर :- एक बार रोहन अपने दोस्तों के साथ चिड़ियाघर देखने गया था। वहां सबने बहुत सारे जानवर देखें। सबका समय बहुत अच्छे से बीत रहा था। सब वहां मज़े कर रहे थे। लेकिन रोहन ने देखा एक लड़की रो रही थी। सभी दोस्त वहां गए, सबने पूछा कि क्या हुआ लेकिन वो चुप ही नहीं हो रही थी। तब उनके पास एक कुल्फी बेचने वाला आया। उसने उस लड़की को कुल्फी खिलाई और उसे खिलौना भी दिया। तब उस लड़की ने उन्हें बताया कि वह क्यों रो रही थी। उसने बताया कि वह खो गई है। सबने उसके माता – पिता को ढूँढा और उस लड़की की सहायता की। हमें भी ऐसे ही एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।

अनुमान और कल्पना:-

1 . आपकी गलियों में कई अजनबी फेरीवाले आते होंगे। आप उनके बारे में क्या – क्या जानते हैं ? अगली बार जब आपकी गली में कोई फेरीवाला आए तो उससे बातचीत कर जानने की कोशिश कीजिए।

उत्तर :- हमारी गलियों में अनेक फेरी वाले होते है। कुछ हमारे आस – पास के मोहल्लों से होते है। रोज़ आने की वजह से उनसे अच्छी जान- पहचान हो जाती है। कुछ अपनी आजीविका कमाने के लिए अलग – अलग जगह से आते है। कुछ का यह पेशा होता है। यह सब हमें फेरीवालों से बात करने से पता चलता है।

2. आपके माता – पिता के जमाने से लेकर अब तक फेरी की आवाजों में कैसा बदलाव आया है ? बड़ों से पूछकर लिखिए।

उत्तर :-  हमारी माता तथा पिताजी के जमाने से अब तक फेरी वालों की आवाज़ों में बहुत अंतर आया है। पहले फेरीवाले स्वयं मुँह से आवाज़ लगाते थे। वे गांव की बोली बोलते थे। परन्तु अब लोग माइक, स्पीकर का प्रयोग करते है। और भाषा भी बदल गई है।

3. क्या आपको लगता है कि वक्त के साथ फेरी के स्वर कम हुए हैं ? कारण लिखिए।

उत्तर :- नहीं, फेरीवालों की संख्या कम नहीं हुई है। आज कल कई ऐसी बस्तियाँ और कॉलोनी है जहाँ फेरीवाले घूमते है। अभी भी कई जगह है जहा गरीबी कम नहीं हुई है। और लोग घूमने वाले फेरीवालो से ही सामान खरीदते है।

भाषा की बात:-

1 . मिठाईवाला   बोलनेवाली गुड़िया

 • ऊपर ‘ वाला ‘ का प्रयोग है । अब बताइए कि:-

(क) वाला ‘ से पहले आने वाले शब्द संज्ञा, सर्वनाम विशेषण आदि में से क्या हैं।

उत्तर :- मिठाई जातिवाचक संज्ञा है तथा बोलने वाली विशेषण शब्द है।

(ख) ऊपर लिखे वाक्यांशों में उनका क्या प्रयोग है ?

उत्तर :- मिठाईवाला और बोलनेवाली दोनों ही पदबन्ध है। जबकि गुड़िया शब्द संज्ञा है जो प्रकट करता है:- वह गुड़िया जो बोलती है।

2.  “ अच्छा मुझे ज्यादा वक्त नहीं , जल्दी से दो ठो निकाल दो । “

 • उपर्युक्त वाक्य में ‘ ठो ‘ के प्रयोग की ओर ध्यान दीजिए । पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषाओं में इस शब्द का प्रयोग संख्यावाची शब्द के साथ होता है , जैसे , भोजपुरी में – एक ठो लइका , चार ठे आलू , तीन ठे बटुली ।

  • ऐसे शब्दों का प्रयोग भारत की कई अन्य भाषाओं / बोलियों में भी होता है। कक्षा पता कीजिए कि किस – किस की भाषा – बोली में ऐसा है । इस पर सामूहिक बातचीत कीजिए ।

उत्तर :- झारखंड की हिंदी, बंगला तथा असमी भाषा में भी ठो का प्रयोग होता है।

3. “ वे भी , जान पड़ता है , पार्क में खेलने निकल गए है”।

 “ क्यों भई , किस तरह देते हो मुरली”?

 “ दादी , चुन्नू – मुनू के लिए मिठाई लेनी है । जरा कमरे में चलकर ठहराओ”।

  • भाषा के ये प्रयोग आजकल पढ़ने – सुनने में नहीं आते । आप ये बातें कैसे कहेंगे ?

उत्तर :- ऐसे लगता है कि वे पार्क में खेलने चलें गए।

 क्यों भैया, ये मुरली कितने की देते हो।

दादी चुन्नु मुन्नु के लिए मिठाई लेनी है, उसे कमरे में बुला लो।

कुछ करने को:-

1 . फेरीवालों की दिनचर्या कैसी होती होगी ? उनका घर – परिवार कहाँ होगा ? उनकी जिंदगी में किस प्रकार की समस्याएँ और उतार – चढ़ाव आते होंगे ? यह जानने में छात्र – छात्राएँ कुछ प्रश्न तैयार करें और फेरीवालों से बातचीत करें। प्रत्येक समूह अलग – अलग व्यवसाय से जुई फेरीवालों से बात करें।

उत्तर :-  फेरीवालों की दिनचर्या काम करते हुए ही शुरु होती है ओर काम करते हुए ही खत्म होती है। उनकी जिंदगी में समस्याओं का उतार – चढ़ाव चलता रहता है। कभी बच्चों की फीस जमा करवाने के लिए पैसे कम पड़ जाते होगें तोह कभी घर का कोई जरूरी सामान लाने के लिए। हमने अलग अलग समूह बनाकर फेरीवालों से बात की तथा उनसे कई प्रश्न भी पूछें। उनसे यह जानने की कोशिश की वे अपना जीवन कैसे बिताते है। कैसे कपड़े पहनते है। उनके बच्चें कौन से स्कूल में जाते है।

2. इस कहानी को पढ़कर क्या आपको यह अनुभूति हुई कि दूसरों को प्यार और खुशी देने से अपने मन का दुख कम हो जाता है ? समूह में बातचीत कीजिए ।

उत्तर :- हमें भी यही लगता है कि अगर हम कभी किसी चीज़ से उदास होते है, तो हमें वह बात अपने दोस्तों, रिश्तेदारों तथा परिवार से बाटनी चाहिए, इससे हमारा दुःख कम होता है। साथ ही अगर हम सबको प्यार और खुशी दे तो हमें तृप्ति प्राप्त होती है। हमारा मन हलका हो जाता है।

3. अपनी कल्पना की मदद से मिठाईवाले का चित्र शब्दों के माध्यम से बनाइए।

उत्तर :- मिठाईवाला कुर्ता पजामा पहनता होगा। थोड़ी बहुत गर्मी से बचने के लिए गले में एक अंगौछा ओढ़ता होगा। उसके पाँव में चप्पल होती होगी। वह अपने सिर पर टोकरी रखता होगा। जिसमें वह अपनी बेचने वाली चीज़ें रखता होगा।

एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 के सभी अध्याय नीचे देखें

अध्यायअध्याय के नाम
1हम पंछी उन्मुक्त गगन के
2दादी माँ
3हिमालय की बेटियाँ
4कठपुतली
5मिठाईवाला
6रक्त और हमारा शरीर
7पापा खो गए
8शाम-एक-किसान
9चिड़िया की बच्ची
10अपूर्व अनुभव
11रहीम के दोहे
12कंचा
13एक तिनका
14खानपान की बदलती तसवीर
15नीलकंठ
16भोर और बरखा
17वीर कुँवर सिंह
18संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज
19आश्रम का अनुमानित व्यय
20विप्लव-गायन

छात्रों को एनसीईआरटी समाधान कक्षा 7 हिंदी वसंत अध्याय 5 मिठाईवाला प्राप्त करके काफी ख़ुशी हुई होगी। हमारा प्रयास है कि छात्रों को बेहतर ज्ञान दिया जाए। छात्र एनसीईआरटी पुस्तक या सैंपल पेपर आदि की अधिक जानकारी के लिए parikshapoint.com की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

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