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Ncert Solutions for class 9 Hindi Sanchayan chapter 6
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पाठ : 6 दिये जल उठे
बोध- प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1 – किस कारण से प्रेरित हो स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया?
उत्तर :- यह गिरफ्तारी स्थानीय कलेक्टर शिलिडी के आदेश पर हुई जिसे पटेल ने पिछले आंदोलन के समय अहमदाबाद से भगा दिया था।
प्रश्न 2 – जज को पटेल की सज़ा के लिए आठ लाइन के फैसले को लिखने में डेढ़ घंटा क्यों लगा?
उत्तर :- ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जज समझ नहीं पा रहे थे कि वह उसे किस धारा के तहत और कितनी सजा दे।
प्रश्न 3 – “मैं चलता हूँ! अब आपकी बारी है।”- यहाँ पटेल के कथन का आशय उधृत पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- सरदार पटेल को बिना किसी आरोप के गिरफ्तार कर लिया गया था। अंग्रेज अपनी मनमानी चला रहे थे, इसी वजह से पटेल ने कार में बैठते हुए आश्रमवासियों और गांधी से यह कहा मैं चलता हूँ अब आपकी बारी है क्योंकि किसी न किसी बहाने आंदोलनकारियों को पकड़ना ही था।
प्रश्न 4 – “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें”-गांधी जी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?
उत्तर :- रास में गांधी का भव्य स्वागत हुआ। दरबार समुदाय के लोग इसमें सबसे आगे थे। दरबार गोपालदास और रविशंकर महाराज वहाँ मौजूद थे। गांधी ने अपने भाषण में दरबारों का खासतौर पर उल्लेख किया। कुछ दरबार रास में रहते हैं पर उनकी मुख्य बस्ती कनकापुरा और उससे सटे गाँव देवण में है। दरबार के लोग रियासतदार होते थे। उनकी साहबी थी, ऐशो-आराम की जिंदगी थी, एक तरह का राजपाट था। दरबार सब कुछ छोड़कर यहाँ आकर बस गए। गांधी ने कहा, “इनसे आप त्याग और हिम्मत सीखें।“ इसी से हम जीत सकते हैं।
प्रश्न 5 – पाठ द्वारा यह कैसे सिद्ध होता है कि-‘कैसी भी कठिन परिस्थिति हो उसका सामना तात्कालिक सूझबूझ और आपसी मेलजोल से किया जा सकता है। अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :- इस पाठ से यह सिद्ध होता है कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो हमेशा उसका कोई न कोई हल जरूर मिलता है। गांधीजी द्वारा अत्यंत कठिन अंग्रेजों के राज में नमक सत्याग्रह आंदोलन चलाकर जीत की राह प्राप्त करना इसी बात का उदाहरण है।
प्रश्न 6 – महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर :- मही के तट पर उस घुप, अंधेरी रात में भी मेला जैसा लगा हुआ था। भजन मंडलियां थी। दांडियां रास में निपुण दरबार थे। गीतों में सब रीसे हुए थे। जब समुन्द्र का पानी चढना शुरू हुआ तह तक अँधेरा इतना घना हो गया था कि छोटे – मोटे दिये उसे भेद नहीं पा रहे थे। थोड़ी ही देर में कई लोग नदी तट पर पहुँच गए। उन सबके हाथों में दिए थे। यही नजारा नदी के दूसरी ओर भी था। पूरा गांव और आस पास से आए लोग दिए की रोशनी लिए गाँधी और उनके सत्याग्रहियों का इंतजार कर रहे थे। महात्मा गांधी की जय, सरदार पटेल की जय, जवाहर लाल नेहरू की जय के नारों के बीच नाव रवाना हुई। महिसागर के दूसरे तट पर भी स्थिति कोई भिन्न नहीं थी। दूसरी तरफ भी यही नजारा था।
प्रश्न 7 – “यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करूंगा”-गांधीजी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है?
उत्तर :- इस कथन के द्वारा गांधीजी की किसी भी आंदोलन या काम के प्रति लग्न और सच्ची निष्ठा का पता लगता है। वे जब भी कोई आंदोलन छेड़ते उससे पीछे नहीं हटते थे। गाँधी जी सत्य और त्याग की मूर्ति थे। उन्हें चाहे कितनी भी पीड़ा उठानी पड़े वे उस आंदोलन को पूरा किए बिना नही मानते थे।
प्रश्न 8 – गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे। फिर भी उन्होंने किस डर से और क्या एहतियाती कदम उठाए?
उत्तर:- गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे क्योंकि वे गांधीजी के स्वभाव को अच्छे से जानते थे। उन्हें पता था कि गांधी जी कोई भी काम धोखा धाड़ी से नहीं करेंगे। इसके अलावागांधी जी ने यह भी कहा था कि यहाँ नमक बनाया जा सकता। इसी डर से उन्होंने नदी के तट से सारे नमक भण्डार नष्ट कर दिए ताकि इसका खतरा ही ना रहे।
प्रश्न 9 – गांधी जी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर क्यों खड़े रहे?
उत्तर :- गांधी जी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर खड़े रहे क्योंकि वे जानते थे कि रात में कुछ और लोग आएंगे जिन्हें नदी पार करानी होगी।
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एनसीईआरटी समाधान :- “संचयन भाग-1”
अध्याय | विषय के नाम |
1 | गिल्लू |
2 | स्मृति |
3 | कल्लू कुम्हार की उनाकोटी |
4 | मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय |
5 | हामिद खाँ |
6 | दिये जल उठे |
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