एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 1 गिल्लू

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी अध्याय 1 गिल्लू प्राप्त कर सकते हैं। छात्र इस पेज से कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 1 के प्रश्न उत्तर देख सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ 1 गिल्लू के प्रश्न उत्तर के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। संचयन भाग 1 के प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 9 हिंदी संचयन समाधान (sanchayan class 9 solutions) के माध्यम से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी अध्याय 1 गिल्लू के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi sanchayan chapter 1) नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Sanchayan chapter 1

देखा है कि गिल्लू के प्रश्न उत्तर के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं, फिर उन्हें संभालकर रखने में भी दिक्कत होती है, लेकिन इस पेज के माध्यम से संचयन भाग 1 के प्रश्न उत्तर ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 संचयन पाठ 1 के प्रश्न उत्तर (sanchayan class 9 chapter 1 question answer) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया गया है।

बोध प्रश्न :-

प्रश्न 1 – सोनजुही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?

उत्तर :- सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर अनायास ही लेखिका को उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिपकर बैठता था और फिर लेखिका के निकट पहुँचते ही कंधे पर कूदकर उसे चौंका देता था। वह सोचती कि अब तो वह इस सोनजुही की जड़ में मिट्टी होकर मिल गया होगा। लेखिका ने सोचा स्वर्णिम कली के बहाने वही उसे चौंकाने ऊपर आ गया हो।

प्रश्न 2 – पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?

उत्तर :- ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्वज न तो गरुड रूप में आ सकते है, न मयूर के, न हंस के। उन्हें पितरपक्ष में हमसे कुछ पाने के लिए काक बनकर ही अवतीर्ण होना पड़ता है। इतना ही नहीं हमारे दूरस्थ प्रियजनों को भी अपने आने का मधुर संदेश इनके कर्कश स्वर में ही देना पड़ता है। दूसरी ओर हम कौआ और कांव – कांव करने को अवमानना के अर्थ में ही प्रयुक्त करते है। इस प्रकार एक साथ आदर और अनादर पाने के कारण कौए को समादरित और अनादरित कहा गया है।

प्रश्न 3 – गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

उत्तर :- पहले वे  उसे हौले से उठाकर अपने कमरे में लाई, फिर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। रुई की पतली बत्ती दूध से भिगोकर  उसके नन्हे से मुँह में लगाई पर मुँह खुल न सका और दूध की बूँदें दोनों ओर दुलक गई। कई घंटे के उपचार उपरांत उसके मुँह में एक बूँद पानी टपकाया जा सका। इस प्रकार गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार बहुत ही प्यार और ममता रूप में किया।

प्रश्न 4 – लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

उत्तर :- लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए उसने एक अच्छा उपाय खोजा हुआ था। वह लेखिका के पैर तक आकर सर् से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसे तेजी से उतारता। उसका यह दौड़ने का काम तब तक चलता जब तक मैं उसे पकड़ने के लिए न उठती।

प्रश्न 5 – गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

उत्तर :- जब गिल्लू के जीवन में प्रथम वसंत आया। नीम चमेली की गन्ध लेखिका के कमरे में हौले-हौले आने लगी। बाहर की गिलहरियां खिड़की की जाली के पास आकर चिक – चिक करके न जाने क्या कहने लगी। गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झांकते हुए देखकर लेखिका को लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है। इसके लिए लेखिका ने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की सांस ली।

प्रश्न 6 – गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

उत्तर :- मोटर दुर्घटना में आहत होकर कुछ दिन लेखिका को अस्पताल में रहना पड़ा। ऐसी अव्स्थ्ता में वह लेखिका के तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हे – नन्हे पंजों से मेरे सिर और बालों को इतने हौले-हौले सहलाता रहता कि उसका हटना एक परिचारिका के हटने के समान लगता।

प्रश्न 7 – गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

उत्तर:-  गर्मीयों में जब लेखिका दोपहर में काम करती तो गिल्लू न बाहर जाता न झूले पर बैठता। वह कभी लेखिका के पास रखी सुराही पर लेट जाता। वह दिन भर कुछ नहीं खाता और बाहर भी नहीं आता। इस प्रकार इन वजह से लगता कि उसका अंत समीप है।

प्रश्न 8 – ‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’ का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- इससे आशय यह है कि वह इस दुनिया से जाने वाला था। उसके पंजे इतने ठंडे हो रहे थे कि लेखिका ने जागकर हीटर जलाया और उसे उष्णता देने का प्रयत्न किया। परन्तु प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया।

प्रश्न 9 – सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

उत्तर :- सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि बनी थी। वह लता उन्हें सबसे अधिक प्रिय थी। ऐसा इसलिए भी था कि उस लघुगात का किसी वासंती दिन जुही के पीताभ छोटे फूल में खिल जाने के विश्वास का जन्म होता है।

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एनसीईआरटी समाधान :- “संचयन भाग-1”

अध्यायविषय के नाम
1गिल्लू
2स्मृति
3कल्लू कुम्हार की उनाकोटी
4मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय
5हामिद खाँ
6दिये जल उठे

छात्रों को गिल्लू के प्रश्न उत्तर प्राप्त करके कैसा लगा?, हमें अपने सुझाव कमेंट के माध्यम से जरूर बताएं। कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 1 गिल्लू के लिए एनसीईआरटी समाधान देने का उद्देश्य केवल बेहतर ज्ञान देना हैं। इसके अलावा आप हमारे एनसीईआरटी के पेज से सभी विषयों के एनसीईआरटी समाधान (NCERT Solutions in hindi) और हिंदी में एनसीईआरटी की पुस्तकें (NCERT Books In Hindi) भी प्राप्त कर सकते हैं।

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