एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी संचयन अध्याय 6 दिये जल उठे

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी अध्याय 6 दिये जल उठे प्राप्त कर सकते हैं। छात्र इस पेज से कक्षा 9 हिंदी संचयन पाठ 6 के प्रश्न उत्तर देख सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी पाठ 6 दिये जल उठे के प्रश्न उत्तर के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। संचयन भाग 1 के प्रश्न उत्तर को सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कक्षा 9 हिंदी संचयन समाधान (sanchayan class 9 solutions) के माध्यम से परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी अध्याय 6 दिये जल उठे के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi sanchayan chapter 6) नीचे से प्राप्त करें।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Sanchayan chapter 6

देखा है कि संचयन अध्याय 6 दिये जल उठे के प्रश्न उत्तर के लिए छात्र बाजार में मिलने वाली गाइड पर काफी पैसा खर्च कर देते हैं, फिर उन्हें संभालकर रखने में भी दिक्कत होती हैं, लेकिन इस पेज के माध्यम से संचयन भाग 6 के प्रश्न उत्तर ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कक्षा 9 संचयन पाठ 6 के प्रश्न उत्तर (sanchayan class 9 chapter 6 question answer) को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की सहायता से बनाया गया है।

बोध- प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1 – किस कारण से प्रेरित हो स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया?

उत्तर :- यह गिरफ्तारी स्थानीय कलेक्टर शिलिडी के आदेश पर हुई जिसे पटेल ने पिछले आंदोलन के समय अहमदाबाद से भगा दिया था।

प्रश्न 2 – जज को पटेल की सज़ा के लिए आठ लाइन के फैसले को लिखने में डेढ़ घंटा क्यों लगा?

उत्तर :- ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जज समझ नहीं पा रहे थे कि वह उसे किस धारा के तहत और कितनी सजा दे।

प्रश्न 3 – “मैं चलता हूँ! अब आपकी बारी है।”- यहाँ पटेल के कथन का आशय उधृत पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- सरदार पटेल को बिना किसी आरोप के गिरफ्तार कर लिया गया था। अंग्रेज अपनी मनमानी चला रहे थे, इसी वजह से पटेल ने कार में बैठते हुए आश्रमवासियों और गांधी से यह कहा मैं चलता हूँ अब आपकी बारी है क्योंकि किसी न किसी बहाने आंदोलनकारियों को पकड़ना ही था।

प्रश्न 4 – “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें”-गांधी जी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?

उत्तर :- रास में गांधी का भव्य स्वागत हुआ। दरबार समुदाय के लोग इसमें सबसे आगे थे। दरबार गोपालदास और रविशंकर महाराज वहाँ मौजूद थे। गांधी ने अपने भाषण में दरबारों का खासतौर पर उल्लेख किया। कुछ दरबार रास में रहते हैं पर उनकी मुख्य बस्ती कनकापुरा और उससे सटे गाँव देवण में है। दरबार के लोग रियासतदार होते थे। उनकी साहबी थी, ऐशो-आराम की जिंदगी थी, एक तरह का राजपाट था। दरबार सब कुछ छोड़कर यहाँ आकर बस गए। गांधी ने कहा, “इनसे आप त्याग और हिम्मत सीखें।“ इसी से हम जीत सकते हैं।

प्रश्न 5 – पाठ द्वारा यह कैसे सिद्ध होता है कि-‘कैसी भी कठिन परिस्थिति हो उसका सामना तात्कालिक सूझबूझ और आपसी मेलजोल से किया जा सकता है। अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :- इस पाठ से यह सिद्ध होता है कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो हमेशा उसका कोई न कोई हल जरूर मिलता है। गांधीजी द्वारा अत्यंत कठिन अंग्रेजों के राज में नमक सत्याग्रह आंदोलन चलाकर जीत की राह प्राप्त करना इसी बात का उदाहरण है।

प्रश्न 6 – महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर :- मही के तट पर उस  घुप, अंधेरी रात में भी मेला जैसा लगा हुआ था। भजन मंडलियां थी। दांडियां रास में निपुण दरबार थे। गीतों में सब रीसे हुए थे। जब समुन्द्र का पानी चढना शुरू हुआ तह तक अँधेरा इतना घना हो गया था कि छोटे – मोटे दिये उसे भेद नहीं पा रहे थे। थोड़ी ही देर में कई लोग नदी तट पर पहुँच गए। उन सबके हाथों में दिए थे। यही नजारा नदी के दूसरी ओर भी था। पूरा गांव और आस पास से आए लोग दिए की रोशनी लिए गाँधी और उनके सत्याग्रहियों का इंतजार कर रहे थे। महात्मा गांधी की जय, सरदार पटेल की जय, जवाहर लाल नेहरू की जय के नारों के बीच नाव रवाना हुई। महिसागर के दूसरे तट पर भी स्थिति कोई भिन्न नहीं थी। दूसरी तरफ  भी यही नजारा था।

प्रश्न 7 – “यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करूंगा”-गांधीजी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है?

उत्तर :- इस कथन के द्वारा गांधीजी की किसी भी आंदोलन या काम के प्रति लग्न और सच्ची निष्ठा का पता लगता है। वे जब भी कोई आंदोलन छेड़ते उससे पीछे नहीं हटते थे। गाँधी जी सत्य और त्याग की मूर्ति थे। उन्हें चाहे कितनी भी पीड़ा उठानी पड़े वे उस आंदोलन को पूरा किए बिना नही मानते थे।

प्रश्न 8 – गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे। फिर भी उन्होंने किस डर से और क्या एहतियाती कदम उठाए?

उत्तर:- गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे क्योंकि वे गांधीजी के स्वभाव को अच्छे से जानते थे। उन्हें पता था कि गांधी जी कोई भी काम धोखा धाड़ी से नहीं करेंगे। इसके अलावागांधी जी ने यह भी कहा था कि यहाँ नमक बनाया जा सकता। इसी डर से उन्होंने नदी के तट से सारे नमक भण्डार नष्ट कर दिए ताकि इसका खतरा ही ना रहे।

प्रश्न 9 – गांधी जी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर क्यों खड़े रहे?

उत्तर :- गांधी जी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर खड़े रहे क्योंकि वे जानते थे कि रात में कुछ और लोग आएंगे जिन्हें नदी पार करानी होगी।

कक्षा 9 हिंदी संचयन भाग-1 के सभी पाठ के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

एनसीईआरटी समाधान :- “संचयन भाग-1”

अध्यायविषय के नाम
1गिल्लू
2स्मृति
3कल्लू कुम्हार की उनाकोटी
4मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय
5हामिद खाँ
6दिये जल उठे

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