हम बिना इंटरनेट के अपने जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं जहां सब कुछ डिजिटल हो गया है। हमें डिजिटल टीवी, डिजिटल शिक्षा और यहां तक की कार भी डिजिटल पसंद आ रही है। डिजिटल शिक्षा ने तो पूरी दुनिया को मानो एक कर दिया हो। डिजिटलीकरण ने जिंदगी आसान बना दी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए डिजिटल इंडिया नाम का कैंपेन शुरू किया गया था। इसे 2015 में शुरू किया गया था। तो आइए आज हम डिजिटल इंडिया पर निबंध पढ़ते हैं।
आज के आधुनिक समय में इंटरनेट बहुत ही शक्तिशाली माध्यम बन कर उभरा है। इंटरनेट ने हमें ताकत दी कि हम पूरी दुनिया के सामने अपने विचार खुलकर व्यक्त कर सके। आज इंटरनेट की मदद से पढ़ाई की जाती है, बैंक के सारे काम किए जाते हैं और ऑनलाइन शॉपिंग की जाती है। इंटरनेट ने हमारा जीवन बहुत ज्यादा आसान बना दिया है। अब हर चीज का सामाधान हमें इंटरनेट पर मिल जाता है।
प्रस्तावना
डिजिटल इंडिया का अर्थ है पूरे देश का डिजिटलीकरण करना। भारत के सभी नागरिक इस योजना के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़ पाएंगे। इस योजना को सरकार ने बड़े ही सोच समझकर लागू किया है। यह योजना सभी के लिए एकसमान रूप से लागू की गई थी। यह योजना शहरी लोगों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए भी फायदेमंद है। इस अभियान की बदौलत ही बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों ने प्रगति की।
डिजिटल इंडिया अभियान भारत को सशक्त बनाने में मदद करता है। इंटरनेट का चारों ओर कनेक्टिविटी होना बहुत जरूरी है। हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है। ऐसा होने की वजह से बहुत से बच्चों की डिजिटल पढ़ाई नहीं हो पाती है। देश के बच्चों की शिक्षा में गुणवत्ता पर बहुत असर पड़ता है। वह शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि भारत देश के डिजिटलीकरण का सपना पूरा हो।
डिजिटल इंडिया क्या है?
हम सभी ने पहली बार 2015 में जब डिजिटल नाम सुना तो हमारे मन में उत्सुकता पैदा हो गई कि आखिर यह डिजिटल शब्द क्या है। डिजिटल शब्द बहुत शक्तिशाली शब्द है। यह एक देश के कोने में बैठे व्यक्ति को दूसरे देश के व्यक्ति के जोड़ने की हिम्मत रखता है। डिजिटल शब्द का निर्माण हुआ अंक से। डिजिटल टेक्नोलॉजी आज के समय की मांग है। यह हमारे लिए अति आवश्यक चीज है।
आज हमारा हर काम टेक्नोलॉजी पर ही टिका है। स्कूल, कॉलेज, दफ्तर और बाजार आदि के काम इंटरनेट की सहायता से बिना कोई परेशानी के हो जाता है। 1 जुलाई 2015 को भारत के प्रधानमंत्री ने इस अभियान की घोषणा की। इस अभियान के तहत यह कहा गया था कि भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना अति आवश्यक है।
डिजिटल इंडिया के उद्देश्य क्या है?
डिजिटल इंडिया बहुत ही शानदार अभियान है। इस अभियान को शुरू करते वक्त एक नारा लगाया गया था – पावर टू एम्पावर। इसका अर्थ है सशक्त बनाना। डिजिटल इंडिया अभियान में हर क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। इंटरनेट कनेक्टिविटी को ज्यादा तेज किया जाएगा।
इस अभियान की मदद से लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। लोगों के लिए डिजिटल शिक्षा के रास्ते आसान कर दिए जाएंगे। ग्रामीण पंचायत को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। यह योजना भारत के सभी नागरिकों को इंटरनेट से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी। यह योजना किसानों के लिए भी बहुत फायदे का काम करेगी। इसके माध्यम से किसान इंटरनेट पर खाद्य बीज की खरीदारी कर सकेंगे। ऐसे में पारदर्शिता बनी रहेगी।
डिजिटल इंडिया के लाभ
आज भारत दुनिया के सर्व शक्तिशाली देशों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। अब भारत अध्यात्म के साथ – साथ तकनीक को भी साथ लेकर चल रहा है। इस अभियान के चलते हम उन्नति की सुनहरी सीढ़ियों पर हर एक पल आगे बढ़ते जा रहें हैं। तकनीक की बात की जाए तो अब हमारा भविष्य ही लगभग संपूर्ण रूप से तकनीक पर ही टिका हुआ है। भारत का काफी हद तक डिजिटलीकरण हो चुका है। आजकल हर छोटे बड़े काम ऑनलाइन ही होने लगें हैं। यह हर एक व्यक्ति की जरूरत बन चुका है। समय की इस जरूरत को भारत सरकार ने पहले ही पहचान लिया था।
डिजिटल इंडिया के नौ स्तंभ
- ब्रॉडबैंड हाईवे
- मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए सार्वभौमिक पहुंच
- सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम
- ई-गवर्नेंस: प्रौद्योगिकी के माध्यम से सरकार में सुधार करने के लिए
- ई-क्रांति
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण
- नौकरियों के लिए आईटी
- प्रारंभिक फसल कार्यक्रम
- सभी के लिए सूचना
डिजिटल इंडिया की चुनौतियां
(1) माना कि डिजिटल इंडिया ने अपनी पहुंच बहुत ज्यादा बना ली है। लेकिन फिर भी इसकी कई चुनौतियां भी है। सबसे बड़ी चुनौती तो यह है कि डिजिटल इंडिया की पहुंच अभी भी भारत के कई गांवों तक पहुंच नहीं पाई है। बहुत से गांव के निवासी अभी भी डिजिटल इंडिया की राह तक पहुंचने की जद्दोजहद में लगे हैं।
(2) इस अभियान की दूसरी बड़ी चुनौती यह है कि अभी तक भी पूर्ण रूप से लोगों को डिजिटल तौर पर साक्षर नहीं किया गया है। कई ऐसे लोग अभी भी है जो कि निरक्षर होने के चलते इस अभियान को ठीक से समझ नहीं पाए हैं।
(3) पूरे देश में डिजिटलीकरण होने के बावजूद भी कुछ कमी देखने को मिली है। दरअसल डिजिटलीकरण होने के साथ-साथ साइबर क्राइम में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। आए दिन साइबर क्राइम की घटनाएं देखी जा रही है।
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