ऐसे तो मुझे टीवी देखने का शौक नहीं है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि मैं टीवी बिल्कुल भी नहीं देखती हूँ। इसे देखने से सबसे ज्यादा आनंद तब मिला जब हमारे देश में लॉकडाउन चल रहा था। उस समय ना तो कहीं आना होता था ना कहीं जाना। उस समय टीवी पर रामायण खूब देखी। रामायण में एक जगह दिखाया जाता है कि जब लक्ष्मण जी बेहोश हो जाते हैं तो उन्हें संजीवनी बूटी से सचेत किया जाता है। यह सीन देखकर मैं गदगद हो गई कि पौराणिक काल से ही हमारे देश ने विज्ञान में प्रगति कर ली थी।
पहले के ज़माने में लोग चिट्ठियों द्वारा अपने प्रियजनों को संदेश भेजते थे। उनके पास सूचना का कोई और साधन ही नहीं था। फिर धीरे-धीरे लोगों ने फैक्स का इस्तेमाल करना शुरू किया। फिर समय के 21वी शताब्दी में कदम रखते ही पूरी दुनिया ही बदल गई। आज हम घर बैठे ही पूरी दुनिया के साथ इंटरनेट के माध्यम से जुड़ सकते हैं। यह सब विज्ञान की बदौलत ही है। यह हकीकत है कि आज विज्ञान के कारण ही हमें अनेक प्रकार की सुविधाएं मिल रही है। नहीं तो पुराने ज़माने के लोगों को विज्ञान की प्रगति बिना कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। तो आज का हमारा विषय विज्ञान (science) पर आधारित है।
प्रस्तावना
यह कथन एकदम सत्य है। विज्ञान हमारे लिए वरदान के समान है। विज्ञान को अंग्रेजी में हम science नाम से जानते हैं। विज्ञान का इतिहास बहुत ही पुराना है। विज्ञान वह शब्द है जो हमें किसी चीज की स्पष्ट जानकारी देता है। हम विज्ञान का अर्थ केवल साइंस की प्रयोगशाला से ही नहीं समझ सकते हैं। हमारे आम दिनों में हम जिन भी चीजों का प्रयोग करते हैं वह सब प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विज्ञान से ही जुड़े हैं। उदहारण के तौर पर अगर हम देखें कि जिस फोन, घड़ी, या हेयर ड्रायर का हम उपयोग करते हैं वह सब विज्ञान की ही देन है। हमारे जीवन में आज विज्ञान हर एक मोड़ पर खड़ा है।
विज्ञान का अर्थ क्या होता है?
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। लेकिन कोई यह कहे कि सूर्य पृथ्वी के चारों ओर घूमता है तो क्या यह सही होगा। नहीं, बिल्कुल भी नहीं। आज हम अपने हिसाब से यह गणना नहीं लगा सकते कि कौन किसके चारों ओर घूमता है। इस चीज के बारे में विज्ञान ही सही कारण और परिणाम के द्वारा ही सही गणना कर सकता है। विज्ञान को हम अंग्रेज़ी में science के नाम से जानते हैं। विज्ञान का अर्थ है किसी खास घटना या चीज के कारणों और उससे मिलने वाले परिणाम द्वारा उसकी सच्चाई को सबके सामने उजागर करना।
विज्ञान हमारे जीवन में क्या महत्व रखता है?
आज अगर राइट बंधुओं ने हवाई जहाज का अविष्कार ही नहीं किया होता तो क्या हमारा हवाई जहाज में बैठने का सपना पूरा हो पाता? नहीं, हमारे जीवन में आज हवाई जहाज का अस्तित्व ही नहीं होता। यह सब विज्ञान की बदौलत ही मुमकिन हो पाया। विज्ञान की जरूरत आज हमें हर कार्य में पड़ती है। तो चलिए जानते हैं विज्ञान का हमारे जीवन में महत्व-
(1) रसोई और अन्य घरेलू काम आसान बन गए हैं- आज विज्ञान के चलते ही हमारे रसोई और घरेलू काम आसान बन गए हैं। आज विज्ञान ने हमें हमारे घरों में फ्रिज, वैक्यूम क्लीनर, मिक्सर, प्रेस के रूप में सुविधाजनक चीजें प्रदान की है।
(2) आज हमारी यात्राएं सुविधाजनक बन गई है- आज विज्ञान ने हमारा जीवन वाकई में बहुत ही सुविधाजनक बना दिया है। पहले के समय में यात्रा करना बहुत ही मुश्किल होता था। लेकिन आज के समय में हवाई जहाज, समुद्री जहाज, कारें और मोटर साइकिल ने परिवहन का रूप बदल दिया है। आज हम लंबी दूरी का सफर भी कम समय में तय कर सकते हैं।
(3) विज्ञान ने चिकित्सा का रूप बदल दिया है- चिकित्सा के क्षेत्र में पहले की तुलना में आज बहुत बड़ा फर्क़ आ गया है। पुराने समय में टीबी, प्लेग, चेचक आदि रोगों का इलाज होना असंभव था। इलाज के अभाव में कई लोग मारे जाते थे। लेकिन आज विज्ञान ने इतनी ज्यादा प्रगति कर ली है कि अब बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज भी संभव है।
(4) मनोरंजन के साधनों में बदलाव आ गया है- पुराने ज़माने में लोगों के मनोरंजन के साधन बड़े ही सीमित थे। पहले के ज़माने के लोग अखबार और रेडियो के माध्यम से अपना मनोरंजन करते थे। हालांकि उस ज़माने में हर कोई अखबार का खर्च वहन नहीं कर सकते थे। अब आज के समय में हर किसी के पास इंटरनेट के रूप में मनोरंजन का साधन उपलब्ध है।
क्या विज्ञान हमारे लिए अभिशाप है?
विज्ञान की आज जितनी ज्यादा तारीफ की जाए उतनी ही कम होगी। विज्ञान ने मनुष्य को अनगिनत सुविधाओं से भर दिया है। आज विज्ञान ने हमारा जीवन सुलभ बना दिया है। हमें किसी भी चीज की कमी महसूस नहीं होती है। लेकिन क्या विज्ञान हमारे लिए अभिशाप का भी काम कर सकता है? आपने बड़े बुजुर्गों से कभी यह कहावत सुनी होगी कि अगर कोई चीज का फायदा है तो दूसरी ओर इसका नुकसान भी होता है।
आप यह सोच रहे होगे कि विज्ञान हमें कैसे नुकसान पहुंचा सकता है तो इसका उदाहरण हम सभी के सामने है। आज सबसे बड़े नुकसान हमें प्रदूषण और बिखरते रिश्तों के रूप में मिल रहे हैं। आज दुनिया में जरूरत से ज्यादा वाहन हो गए हैं। यह वाहन हमारे पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। ग्रीनहाउस गैस का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। अगर हम दूसरी हानि की बात करें तो वह है आपसी रिश्तों में खटास।
आज हर कोई छोटे से लेकर बड़ा व्यक्ति मोबाइल में ही डूबा रहता है। लोगों को एक दूसरे के लिए टाइम निकालना आज बहुत मुश्किल लगता है। हम मोबाइल वाले दोस्तों को अपना मानकर बैठ जाते हैं और अपनों को हम पराया मान लेते हैं। लेकिन क्या इसका भी कोई समाधान हो सकता है? जी हां, हर चीज का समाधान होता है। हमें हर चीज में सर्तकता बरतनी बहुत जरूरी है। हमें यह पता होना चाहिए कि क्या चीज हमारे लिए सही है और क्या चीज गलत है।
विज्ञान की तीन शाखाएं कौन सी है?
क्या आपको पता है कि विज्ञान की भी शाखाएं होती है? जी हां, होती है। तो आइए जानते हैं विज्ञान की तीन शाखाओं के बारे में।
1) प्राकृतिक विज्ञान- विज्ञान की इस श्रेणी के अंतर्गत हम भौतिक और प्राकृतिक दुनिया के विषयों को पढ़ते हैं। हम इसमें जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान आदि का अध्ययन करते हैं।
2) सामाजिक विज्ञान- विज्ञान की इस श्रेणी के अंतर्गत हम समाज की गहनता से पढ़ाई करते हैं। इस विषय में हम मनोविज्ञान, कानून, राजनीति, इतिहास, भूगोल, मनुष्य जाति का विज्ञान आदि की पढ़ाई करते हैं।
3) औपचारिक विज्ञान- इस विषय में हमें सूचान प्रौद्योगिकी को अच्छे से जानने का मौका मिलता है। इसमें अंक शास्त्र, कृत्रिम होशियारी, डाटा साइंस, आंकड़े, सिस्टम साइंस जैसी चीजें देखने को मिलती है।
विज्ञान का जनक किसे माना जाता है?
विज्ञान की खोज बहुत पहले ही हो गई थी। प्राचीनकाल से विज्ञान में तरक्की होती चली आई है। लेकिन क्या आपको पता है कि विज्ञान का जनक आखिर कौन है? बहुत से लोग यह मानते हैं कि दुनिया का सबसे पहला वैज्ञानिक होने का श्रेय यूनानी दार्शनिक अरस्तू को जाता है। माना जाता है कि वह सिकंदर महान के गुरु थे। और कई लोगों का यह मानना है कि थेल्स विश्व के पहले वैज्ञानिक थे।
लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिनका मत यह है कि गैलीलियो गैलीलि इस विश्व के पहले वैज्ञानिक थे। वह विज्ञान के पिता भी माने जाते हैं। वह एक शिक्षक, दार्शनिक और खगोलशास्त्री के तौर पर जाने जाते थे। वह इटली देश के नागरिक थे। उनका जन्म 15 फरवरी 1564 को हुआ था। उनकी खोज सराहनीय थी। उन्होंने दुनिया को बताया कि चंद्रमा पर पहाड़ का अस्तित्व हो सकता है। सभी का अपना-अपना मत है कि आखिर इस दुनिया का पहला वैज्ञानिक कौन था।
विज्ञान पर निबंध 100 शब्दों में
विज्ञान के बिना हमारा जीवन मानो अधूरा सा ही है। आज विज्ञान की बदौलत ही हमने इतनी प्रगति कर ली है। आज हमारे लिए चीजें बहुत ज्यादा सुलभ हो गई है। आज के दौर में नित नए अविष्कार हो रहे हैं।हम आज पल भर में विदेश में बैठे अपने प्रियजनों से आसानी से बात कर सकते हैं। आज के समय में विद्यार्थियों का जीवन भी इंटरनेट ने आसान बना दिया है। पलक झपकते ही आज सारा काम एक क्लिक के माध्यम से हो जाता है। आज बड़ी बड़ी कंपनियां जैसे फेसबुक और गूगल आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसे विषय पर काम कर रही है।
विज्ञान पर निबंध 400 शब्दों में
एलेक्सा! मेरे लिए मेरा पसंदीदा गाना चालू करो प्लीज। एलेक्सा! आज ट्रैफिक कितना रहेगा? एलेक्सा! आज का मौसम कैसा रहेगा? मतलब आज हमारी सारी उम्मीदें एलेक्सा पर टिकी है। यह कैसे मुमकिन हो पाया? बेशक विज्ञान की प्रगति के चलते। विज्ञान मतलब साइंस कोई नया शब्द नहीं है। यह बहुत पहले से ही अस्तित्व में रहा है।
भारत में बहुत पहले से ही विज्ञान को लेकर कुछ ना कुछ नया खोजा जाता रहा है। चाहे वह शून्य की धारणा हो, दशमलव प्रणाली हो या फिर प्लास्टिक सर्जरी की खोज या आयुर्विज्ञान हो। इन सब में भारत हमेशा से ही अव्वल रहा है। फिर जैसे जैसे विज्ञान प्रगति करने लगी चीजें और भी उन्नत होती गई। वह शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर मेडिकल साइंस का। इन क्षेत्रों में नए तरीके ईजाद किए गए।
शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव आए और आज के समय में ई-लर्निंग बहुत प्रचलित हो चला है। आज विज्ञान की तरक्की के चलते ही बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज करवाना संभव है। आप सोच कर देखो कि हमारे दादा- परदादा के ज़माने में ना तो बिजली हुआ करती थी और ना ही इंटरनेट। वह तो लालटेन की रोशनी में ही किताबें पढ़ते थे।
आज जो गैस और इंडक्शन कुकर की सुविधा हमारी मम्मी ओर के पास है वह सुविधा पहले नहीं थी। पहले महिलाएँ चूल्हा फूंकने को मजबूर थी। विज्ञान की मदद से इंसान ने चांद की सैर भी कर ली। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विकास और विनाश हमेशा साथ-साथ चलते हैं।
आज विज्ञान के विकास के साथ विनाश भी हो रहा है जल, वायु और धरा प्रदूषण बड़ी ही तेजी से फैल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के चलते दुनियाभर के ग्लेशियर पिघल रहे हैं। आज के समय में इंटरनेट वरदान के साथ अभिशाप की तरह भी काम कर रहा है। साइबर क्राइम के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। इसी के चलते बहुत जने डिप्रेशन का शिकार भी हो रहे हैं। अंधाधुंध पेड़ों की कटाई की जा रही है।
जीव-जंतुओं का आवास उजाड़ा रहा है। धरती दिन प्रतिदिन गर्म होती जा रही है। सभी ऋतुओं का चक्र बिगड़ गया है। हमें समय रहते हुए इस विषय पर गंभीरता के साथ काम करना होगा। अंत में यही कहना चाहूँगी कि अगर विज्ञान का सही रूप में इस्तेमाल किया जाए तो विज्ञान हमारे लिए वरदान ही है।
विज्ञान पर 10 लाइनें
- विज्ञान हमारे लिए वरदान भी है और सही इस्तेमाल नहीं लेने पर अभिशाप भी है।
- आज विज्ञान की बदौलत ही दुनिया ने खूब प्रगति कर ली है।
- विज्ञान हमारे दैनिक जीवन में भी बहुत उपयोगी होता है।
- आज विज्ञान के चलते हम एक देश से दूसरे देश में आराम से हवाई जहाज से यात्रा कर लेते हैं।
- हर साल 28 फरवरी को पूरी दुनिया विज्ञान दिवस मनाती है।
- विज्ञान के बिना हमारा जीवन अधूरा है।
- विज्ञान की बदौलत आज हम एक क्लिक के माध्यम से पूरी दुनिया की जानकारी इकट्ठा कर लेते हैं।
- मैरी क्यूरी, अल्बर्ट आइंस्टीन, आइजैक न्यूटन और थॉमस अल्वा एडिसन आदि यह सभी महान वैज्ञानिक थे।
- आर्यभट्ट को भारत का पहला वैज्ञानिक और गणितज्ञ माना जाता है।
- आज जिस बिजली का हम उपभोग कर रहे हैं वह विज्ञान के वजह से ही है।
निष्कर्ष
तो आज के इस निबंध के जरिए हमने साइंस के टॉपिक पर अच्छे से डिस्कशन किया। आज हमने साइंस से संबंधित बहुत सी चीजों को समझा। हमने जाना कि विज्ञान का असली अर्थ क्या होता है। विज्ञान ने हमारी दुनिया को बदल दिया है। आज हम जो प्रगति अपने आस-पास के माहौल में देख रहे हैं वह सब विज्ञान की ही देन है। विज्ञान का हम अगर ढंग से इस्तेमाल करें तो यह हमारे जीवन में अनगिनत फायदे पहुंचा सकते हैं। अगर इसका अच्छे से इस्तेमाल नहीं लिया जाए तो यही विज्ञान हमारे लिए अभिशाप का कारण भी बन सकता है।
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