Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

पृथ्वी दिवस पर निबंध (Earth day Essay in Hindi)

Photo of author
Ekta Ranga
Last Updated on

आज इतने लंबे समय के अंतराल के बाद मैं दोबारा खड़गपुर पहुंची थी। खड़गपुर से काफ़ी यादें जुड़ी है मेरी। क्योंकि मेरे दादा वहां पर नौकरी किया करते थे इसलिए हमारा खड़गपुर आना जाना लगा रहता था। यह शहर सच में देखने में बहुत सुंदर है। खासकर के प्रकृति प्रेमियों के लिए। जिस कॉलोनी में मेरे दादाजी रहते थे वहां पर मैंने एक आम और लीची का का पौधा लगाया था। मेरी आंखें उन्हीं पौधों को ढूंढ रही थी। पर पता चला कि उन पौधों के बड़े होने से पहले ही उनपर कारखाना बन गया। मैं हैरान रह गई।

अब आप सोच सकते हो कि जब प्रकृति प्रेमियों को प्रकृति में कोई कमी नजर आती है तो उनको कैसा महसूस होता होगा। मुझे भी कुछ ऐसा ही हुआ। उन पेड़ों को वहां ना पाकर मेरा दिल दुखी हो गया। कितने अरमानों के साथ मैंने धरती में बीज बोए थे। सोचा था कि एक दिन बीज पेड़ों में तब्दील हो जाएंगे। मैं उन पेड़ों को अपने बच्चों के रूप में महसूस करना चाहती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब वहां पेड़ों की जगह एक बड़ा कारखाना खड़ा था। इंसान को लालच आने पर कुछ भी नहीं दिखता है। जिन्होंने वह कारखाना बनवाया था उनके लिए यह पंक्तियाँ एकदम सटीक बैठती है।

प्रस्तावना

दुनिया में सबसे पहले क्या बना था? पृथ्वी या फिर ब्रह्माण्ड? तो इसका सीधा सा उत्तर है ब्रह्माण्ड। ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति सबसे पहले हुई थी। उसके बाद अस्तित्व में आई हमारी धरती। आज से लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारी धरती का निर्माण हुआ था। शुरुआत में हमारी धरती रहने लायक बिल्कुल भी नहीं थी। धरती अपने शुरुआती दौर में गर्म मिजाज की थी। यह तो बाद में समय के परिवर्तन के साथ धरती में भी बदलाव आने लगा। पृथ्वी की उत्पत्ति के बाद से धरती पर अनेक चीजों ने जन्म लेना शुरू कर दिया जैसे जीव-जंतु और पेड़ पौधें। इन सबके बाद धरती पर अवतरित हुए इंसान।

पृथ्वी दिवस का महत्व

2009 में एक फिल्म आई थी जिसका नाम था ‘2012’। यह फिल्म माया कैलेंडर की गणना पर आधारित थी। इस फिल्म के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को अच्छे से दर्शाया गया था। आज सभी विकसित देशों के पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता दुनिया के लोगों को पर्यावरण के प्रति सचेत करने को लगे हुए हैं। आज हर देश में जंगलों में आग लगना आम बात हो गई है।

दुनियाभर में वनों की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली है। ज्यादा बाढ़ आने का कारण आज पिघलते ग्लेशियर है। एक समय पर जब हमारी धरती नई थी तब यहां पर प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में थे। फिर मानव जाति के विकास के बाद इन संसाधनों में कमी आती गई। आज धरती हर जगह से कंगाल होती जा रही है। इसी के चलते ही पृथ्वी को संरक्षित करने की बहुत जरूरत पड़ गई थी। इसी कारण 22 अप्रैल 1969 को पृथ्वी दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई थी।

पृथ्वी दिवस का इतिहास

पृथ्वी दिवस का इतिहास थोड़ा पुराना है। यह बात है 60-70 के बीच के दशक की। जब से हमने विकास करना शुरू किया तब से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हमेशा से होती आई है। लेकिन 60-70 के दशक में लोगों ने विकास के नाम पर जब लगातार रूप से जंगलों में पेड़ों को काटना शुरू किया तो उस समय दुनियाभर में कोहराम मच गया था।

पर्यावरण प्रेमी इस बात से बेहद डर गए कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब हमारा अस्तित्व भी संकट में आ जाएगा। इसी चिंता को लेकर सभी पर्यावरणविद सितंबर 1969 में अमेरिकी सेनिटर के पास पहुंचे।उसी दिन यह तय किया गया कि हमारे पर्यावरण को मद्देनजर रखते हुए हर साल पृथ्वी दिवस मनाया जाएगा। 1970 से वर्ल्ड अर्थ डे मनाने की असल परंपरा चालू हुई।

पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य

पृथ्वी माने कि धरा। पृथ्वी को हम अपनी माता के समान ही मानते हैं। धरती हमें अनगिनत संसाधन उपलब्ध करवाती है। आज इस धरती की वजह से ही हमारे पास रोटी, कपड़ा और मकान है। हमें तो इस धरती का कर्जदार होना चाहिए। लेकिन कुछ उल्टा ही हो रहा है।

हमारी धरा हमारे ही लोभ के लालच में लूटती चली जा रही है। लोगों को भविष्य की कोई चिंता नहीं है। वह यह नहीं जानते कि आने वाले समय में उनकी पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधन की भंयकर रूप से कमी पड़ जाएगी। ग्लोबल वार्मिंग खतरनाक स्तर पर बढ़ता चला जा रहा है।

दुनिया में अनेकों प्रकार के रोग पनप रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा कुछ फैल रहा है तो वह है साँस संबंधित बीमारियां और कैंसर। यह सब जलवायु परिवर्तन का नतीजा है। हमें यह कोशिश करनी होगी कि हम सब एकजुटता के साथ पृथ्वी के संरक्षण में आगे आए। माना कि पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। लेकिन हमें यह पूरी कोशिश करनी होगी कि हम प्रत्येक दिन को पृथ्वी दिवस के रूप में मनाए।

पृथ्वी दिवस कैसे मनाए?

पृथ्वी को बचाना हमारा सबसे बड़ा अधिकार है। यह हमारा कर्त्तव्य है कि हम हमारी धरती के बारे में सोचे। लेकिन आज के समय में लोग लापरवाही बरत रहे हैं। लोगों को अपनी धरा को लेकर जागरूक होना पड़ेगा। पृथ्वी दिवस को हम कई प्रकार से मना सकते हैं –

1) हमें लोगों को लेकर जागरूकता फैलानी पड़ेगी कि हम जितना ज्यादा हो सके पॉलिथिन का इस्तेमाल कम करे। हम पॉलिथिन के इस्तेमाल के बजाए कपड़े के थैले का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करे।

2) हम पृथ्वी दिवस पर लोगों को कचरा ना फ़ैलाने को प्रोत्साहित करे। हम खुद भी कूड़ेदान का उपयोग करें और लोगों को भी कूड़ेदान इस्तेमाल करने को कहें।

3) इस दिन पर हम यह प्रण ले कि हम पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का कम से कम प्रयोग करें। हम इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को चलाने पर ज्यादा जोर दे।

4) इस दिन हम अपने पर्यावरण के पशु पक्षियों के हित में काम करने के लिए लोगों को प्रेरित करें। पशु-पक्षी हमारे पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

5) पृथ्वी दिवस पर हम सभी यह प्रतिज्ञा ले कि हम रिसाइकल्ड चीजों को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग में लेंगे। यह प्रक्रिया प्रदूषण को कम करने में बहुत सहायक होगा।

6) इस दिन पर जो सबसे बड़ा काम हम कर सकते हैं वह है पेड़ पौधे लगाना। पौधे हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण चीज है। वह हमें ऑक्सीजन देते हैं। वह हमारे लिए प्राण की तरह है।

पृथ्वी को कैसे बचाया जा सकता है?

पृथ्वी है तो ही हमारा कल है। बिना पृथ्वी के हमारा कोई अस्तित्व नहीं। इसे बचाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जब हम इसे सुरक्षित रखेंगे तभी हमारी आने वाली पीढ़ी भी इसके साथ रह सकेगी। तो आइये जानते हैं कि हम पृथ्वी को कैसे बचा सकते हैं-

1) घर में पानी को संरक्षित करके- हमारी धरती पर पीने वाला पानी बहुत कम मात्रा में उपलब्ध है। जल से ही हमारा कल है। हमें दैनिक आधार पर पानी की बचत करना आना चाहिए। अगर कहीं पर भी पानी व्यर्थ बह रहा है तो हमें तुरंत ही नल को बंद कर देना चाहिए।

2) वायु प्रदूषण को कम करके- धरती पर वायु प्रदूषण आज एक आम और गंभीर समस्या बन गई है। आज कारखानों से, वाहनों से और ना जाने किस किस से हमारी पृथ्वी प्रदुषित हो रही है। हमें प्रदूषण को कम करने की जिम्मेदारी लेनी होगी।

3) अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ों को लगाकर- आज जब हमें पेड़ों को बचाना चाहिए तब हम दोगुनी मात्रा में इन्हें काट रहे हैं। पेड़ हमारे लिए जीवन रक्षक की तरह काम करते हैं। मनुष्यों का यह दायित्व बनता है कि वह पेड़ों की रक्षा करें।

4) बिजली की खपत को कम करके- बिजली की खपत को कम करके भी हम अपनी पृथ्वी को खत्म होने से बचा सकते हैं। दरअसल ज्यादा बिजली के इस्तेमाल से हमारी धरती गर्म होती है जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है।

क्या पृथ्वी पर दिन बड़े होते जा रहे हैं?

जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना कि हमारी पृथ्वी पर दिन बड़े होते जा रहे हैं। एक समय था जब धरती पर दिन छोटे हुआ करते थे। जैसे आज के समय में पूरे दिन में 24 घंटे होते हैं। ठीक उसी प्रकार ही आज से बिलियन साल पहले पूरे दिन में केवल 6 घंटे ही हुआ करते थे। फिर धीरे-धीरे बदलते समय के साथ 6 की जगह 22 घंटे होने लगे। और अगर आज का समय देखें तो यह 22 घंटे अब 24 में तब्दील हो गए हैं। यह सब कुछ हमारे वातावरण में घटित हो रहा है। बस हमें इसके बारे में पता नहीं चल पा रहा है। हमें क्या पता है कि आने वाले समय में पूरे दिन में और घंटे जुड़ जाए।

पृथ्वी दिवस पर निबंध 100 शब्दों में

यह पृथ्वी हमारी माँ है। यह हमें रहने के लिए आवास और खाने के लिए भोजन उपलब्ध कराती है। यह सबके साथ समान रूप से पेश आती है। यह किसी से भी भेदभाव नहीं करती है। वह बदले में अपने बच्चों से भी अच्छे की ही उम्मीद करती है। पर बदले में हम हमारी पृथ्वी को क्या देते हैं? सिवाय दोहन के हम कुछ भी नहीं करते। आज जो धरती का हमने जो हाल किया है वह पहले कभी भी नहीं था। आज पूरे विश्व में तेजी से तापमान बढ़ रहा है। हमारी वजह से हमारी धरा को आए दिन दिक्कत झेलनी पड़ रही है। यह बड़ी ही चिंता वाली बात है। हमें अपनी धरती को बचाने के लिए बड़े महत्त्वपूर्ण कदम उठाने पड़ेंगे।

पृथ्वी दिवस पर 10 लाइनें

  1. हर साल 22 अप्रैल को पूरी दुनिया में पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
  2. विश्व का सबसे पहला पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 1970 में मनाया गया था।
  3. दुनियाभर के सभी देश इस दिवस को मनाते हैं।
  4. इस दिवस पर लोगों को पृथ्वी की सेहत को लेकर प्रोत्साहित किया जाता है।
  5. हम सभी मनुष्यों को रीसाइक्लिंग पर जोर देना चाहिए।
  6. इस दिवस पर हम सभी इंसानों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने का प्रण लेना चाहिए।
  7. पृथ्वी हमें बिना किसी शर्त के सब कुछ देती है। हमारा भी फर्ज बनता है कि हम पृथ्वी को दोगुना दे।
  8. पृथ्वी की सतह का लगभग 70 प्रतिशत भाग जल से ढका हुआ है।
  9. आज से 4.6 अरब साल पहले हमारी धरती का निर्माण हुआ था।
  10. हमें ऐसा लगता है कि हमारी पृथ्वी गोल है पर असल में ऐसा है नहीं।

निष्कर्ष

तो आज के इस निबंध में हमने पृथ्वी दिवस पर अनेक रोचक जानकारियां प्राप्त की। इसी निबंध में हमने जाना कि पृथ्वी दिवस का इतिहास क्या रह चुका है और इसे कैसे संरक्षित किया जा सकता है। यह पृथ्वी हमारी है। इसे हम ही या तो सुधार सकते हैं या बिगाड़ सकते हैं।

हाल के समय में हमने अपनी पृथ्वी को बहुत उजाड़ा है। हमने कितने ही संसाधनों को खत्म होने की कगार पर खड़ा कर दिया है। पर अब हमें समय रहते हुए चेत जाना चाहिए। क्योंकि अब भी हम नहीं सुधरे तो आने वाला समय जो तांडव हमें दिखाएगा वह भयानक होगा। हम यह आशा करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा तैयार किया गया यह निबंध बेहद पसंद आया होगा।

पृथ्वी दिवस से सम्बंधित FAQs

प्रश्न 1 – पृथ्वी दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर :- पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है।

प्रश्न 2 – पृथ्वी दिवस की स्थापना का श्रेय किसे दिया जाता है?

उत्तर :- पृथ्वी दिवस की स्थापना का श्रेय गेलॉर्ड नेल्सन को दिया जाता है।

प्रश्न 3 –  पृथ्वी दिवस के संस्थापक किस राज्य के सीनेटर थे?

उत्तर :- पृथ्वी दिवस के संस्थापक विस्कॉन्सिन राज्य के सीनेटर थे।

प्रश्न 4 –  प्रथम पृथ्वी दिवस कब मनाया गया था?

उत्तर :- प्रथम पृथ्वी दिवस 1970 में मनाया गया था।

प्रश्न 5 – प्रथम पृथ्वी दिवस को कितने लोगों ने मान्यता दी थी?

उत्तर :- प्रथम पृथ्वी दिवस को लगभग 20 मिलियन लोगों ने मान्यता दी थी।

Leave a Reply