जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya)- उन दिनों की बात है जब मेरा भाई पांचवी कक्षा में था। वह अपने लिए हिंदी व्याकरण के नोट्स तैयार कर रहा था। विषय था कि संज्ञा किसे कहते हैं? वह संज्ञा के भेद के बारे में विस्तार से लिख रहा था। अचानक ही उसके दिमाग में संज्ञा के ही भेद (जातिवाचक संज्ञा) के बारे में एक प्रश्न कौंधा। वह बोला कि क्या जातिवाचक संज्ञा केवल मनुष्यों की जाति के बारे में विस्तार से बताती है? मैं हंस पड़ी। मैंने कहा जाति केवल मनुष्यों की ही नहीं होती। यह जाति कोई स्थान या फिर किसी वस्तु की भी हो सकती है।
जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya)
संज्ञा के पांच प्रकार के भेद होते हैं। व्यक्तिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा, द्रव्यवाचक संज्ञा, समूहवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा। सभी संज्ञाओं का अपना महत्व है। तो आज का हमारा विषय है कि जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? (Jativachak Sangya Kise Kahate Hain?)। आज हम जानेंगे जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा, भेद और उदाहरण के बारे में।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जैसा कि नाम से ही ज्ञात हो रहा है कि जातिवाचक संज्ञा का अर्थ है जब हमें वस्तु, स्थान और प्राणी की सारी जाति का पता चले। जाति का अर्थ है कुल या वंश और वाचक का अर्थ है किसी चीज का बोध करवाना। तो आइए, अब हम चलते हैं जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा समझने के सफर पर।
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जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा
जैसा कि हम सभी को पता है कि संज्ञा के भेद पांच प्रकार के होते हैं जैसे कि व्यक्तिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा, द्रव्यवाचक संज्ञा, समूहवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा। आज का हमारा विषय है जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? जब कोई शब्द किसी वस्तु, स्थान या फिर किसी प्राणी की जाति के बारे में बताए तो वह जातिवाचक संज्ञा कहलाती है। जातिवाचक संज्ञा के शब्दों में एक ही प्रकार के व्यक्ति, स्थान या फिर वस्तु की जाति का ही बोध नहीं होता बल्कि जाति के समस्त वर्ग का बोध होता है।
उदाहरण के तौर पर हम कह सकते हैं कि जब हमें कोई वस्तुओं का नाम सामूहिक रूप से लेना हो तो हम यह नहीं कहेंगे कि मुझे तेल, साबुन, शैंपू, लिपस्टिक बाजार से लानी है। हम यह कह सकते हैं कि मुझे कुछ वस्तुएं बाजार से लानी है। यहां पर तेल, साबुन, घी आदि सामान वस्तु की जाति को दर्शा रहे हैं।
जातिवाचक संज्ञा के भेद
जातिवाचक संज्ञा को हम दो भागों में बांट सकते हैं-
1) द्रव्यवाचक संज्ञा
2) समूहवाचक संज्ञा
1) द्रव्यवाचक संज्ञा- जब संज्ञा का शब्द किसी चीज की धातु, प्रदार्थ या फिर द्रव्य के बारे में हमें जानकारी दे वह द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाती है। उदाहरण के तौर पर घी, दूध, पेट्रोल, डीजल, छाछ, दही आदि।
2) समूहवाचक संज्ञा- जब संज्ञा का शब्द हमें किसी प्राणी या फिर किसी वस्तु के समूह के बारे में ज्ञान दे तो उसे हम समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण
इंसान- औरत, जानवर, पशु, पक्षी, गाय, लड़का, लकड़ी आदि।
स्थान- गाँव, स्कूल, काॅलेज, हॉस्पिटल, बाग, नदी, मुंबई, दिल्ली आदि।
वस्तु- घी, तेल, कंप्यूटर, मोबाइल, लेपटॉप, कार, टैक्सी, स्कूटर आदि।
उदाहरणों का वाक्यों में प्रयोग-
1) जब हम कहेंगे कि कल उस सोसाइटी में अनेक औरतों ने मिलकर पेड़ उगाए। औरत प्राणियों की जाति से संबंध रखती है। औरतों का नाम कुछ भी हो सकता है जैसे गीता, मीता, नेहा, स्नेहा, माधुरी, दीपा, माला आदि।
2) कॉलेजों में दाखिला मिलना चालू हो गया है। यहां पर काॅलेज हमें देशभर की अनेक कॉलेजों का बोध करवाया जा रहा है। यह सारे काॅलेज देश के किसी भी शहर के हो सकते हैं।
3) इस साल दीवाली पर मोबाइल की खूब बिक्री हुई। यहां पर हमें यह पता चल रहा है अनेक तरह के मोबाइल की बंपर बिक्री हुई। यह सभी मोबाइल कोई भी कंपनी के हो सकते हैं।
जातिवाचक संज्ञा के 32 उदाहरण
- कप
- मिस्त्री
- डॉक्टर
- सेना
- किसान
- इंजिनियर
- अकाउंटेंट
- मशीन
- गिलास
- पशु
- पक्षी
- टेबल
- वेबसाइट
- अलमारी
- बेड
- सोफा
- कूलर
- एसी
- मोटर
- हल
- चाय
- काॅलेज
- पहाड़
- नदी
- लड़का
- लड़की
- पति
- पत्नी
- मां
- बाप
- बगीचा
- झरना
उदाहरणों का वाक्य में प्रयोग
- बेवसाइट पर पढ़ने की अनेक सामग्री मिलती है।
- झरना बड़ी ही तेजी के साथ गिर रहा था।
- बगीचा देखने में बहुत ही सुंदर था।
- पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही खूबसूरत होता है।
- गायें घास चर रही थी।
- मां-बांप अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं।
- क्या तुम्हें पता है कि मीरा बहुत अच्छी चाय बनाती है?
- सेना सब जानती है कि उन्हें क्या करना है।
- उनके घर का सोफा बहुत बड़ा और आरामदायक है।
- वह मोटर चला रहा था।
- काॅलेज में एडमिशन मिलना चालू हो गया है।
- गंगा, यमुना, सरस्वती आदि बहुत ही विशाल नदियां है।
- मोहन एक बहुत बड़ा अकाउंटेंट है।
- यह कहा जाता है कि डाॅक्टर्स भगवान का ही रूप होते हैं।
- भंयकर गर्मी में एसी, कूलर सब फेल हो जाते हैं।
- किसान अपना रात-दिन एक करके खेती करते हैं।
- बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु होता है।
- मेरे जूते जो खो गए थे वह आखिरकार टेबल के नीचे मिले।
- एवरेस्ट पहाड़ दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है।
- राहुल का पालतू कुत्ता बहुत ज्यादा वफादार है।
- चिड़ियाघर में मैंने अनेक रंग के पक्षी देखे।
- भगवान ने मानव जाति को बहुत समझदार और बुद्धिमान बनाया है।
निष्कर्ष
आज हमने अपने इस पोस्ट के माध्यम से विस्तार से यह जाना कि जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा क्या होती है। हमने जातिवाचक संज्ञा के भेद के बारे में भी अच्छे से जाना। अंत में हमने उदाहरण का वाक्य में प्रयोग करना भी सीखा। जातिवाचक संज्ञा ‘संज्ञा’ का ही भेद है। हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह पोस्ट बहुत पसंद आया होगा।
FAQ’S
Q1. जातिवाचक संज्ञा से आप क्या समझते हो?
A1. जब कोई शब्द किसी वस्तु, स्थान या फिर किसी प्राणी की जाति के बारे में बताए तो वह जातिवाचक संज्ञा कहलाती है। जातिवाचक संज्ञा के शब्दों में एक ही प्रकार के व्यक्ति, स्थान या फिर वस्तु की जाति का ही बोध नहीं होता बल्कि जाति के समस्त वर्ग का बोध होता है।
Q2. व्यक्तिवाचक संज्ञा जाति वाचक कब बन जाती है?
A2. जातिवाचक संज्ञा को जब हम एकवचन में लिखते हैं तो वह व्यक्तिवाचक संज्ञा बन जाती है।
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