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अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी (Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi)

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Ekta Ranga
Last Updated on

अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक सफ़र बहुत ही शानदार रहा था। उन्होंने लोगों के दिल में बहुत गहरी जगह बना ली थी। वह एक महान वक्ता भी थे। अटल बिहारी वाजपेयी एक महान नेता थे। आज हर कोई अटल बिहारी वाजपेयी को जानता है। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश में हुआ था। इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी था। इनकी माता का नाम कृष्णा देवी वाजपेयी था। इनके पिता पेशे से शिक्षक थे और साथ ही साथ कवि भी थे।

अटल बिहारी वाजपेयी के सात भाई बहन थे। इनका परिवार बहुत मध्यमवर्गीय था। भले ही उनका जन्म ग्वालियर में हुआ हो, लेकिन उनकी पारिवारिक जड़े आगरा के बटेश्वर में है। उनके पिता ही नहीं बल्कि वह स्वयं भी एक बहुत अच्छे कवि थे। वे पल भर में खूबसूरत पंक्तियों से भरी कविता चंद पल में रच देते थे। वह बीजेपी के वरिष्ठ और महान नेता थे। उन्होंने ही 80 के दशक में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की।

अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
नामअटल बिहारी वाजपेयी
जन्मदिन
25 दिसम्बर 1924
राशि (Zodiac)
मकर राशि
जन्म स्थान
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
मृत्यु
16 अगस्त 2018
धर्म
हिंदू
माता-पिता का नाम
कृष्णा देवी, कृष्णा बिहारी वाजपेयी
विवाह
कभी नहीं हुआ
राजनीतिक पार्टी
भारतीय जनता पार्टी
शिक्षा (Education)
कला स्नातक और लॉ स्नातक
कुल संपत्ति
02 मिलियन डॉलर
घर का पता
6-ए, कृष्ण मेनन मार्ग, नई दिल्ली – 110011

अटल जी की प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई। बाद में उन्होंने उज्जैन के बरनगर में स्थित एंग्लो-वर्नाक्युलर मिडिल स्कूल में शिक्षा ग्रहण की। कॉलेज में स्नातक की डिग्री उन्होंने तब की विक्टोरिया कॉलेज विश्वविद्यालय आगरा विश्वविद्यालय , जो अब महारानी लक्ष्मी बाई गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस है , में प्रवेश लिया, जहाँ उन्होंने हिंदी , अंग्रेजी और संस्कृत में कला के साथ स्नातक किया। फिर उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय के ही दयानंद एंग्लो वैदिक महाविद्यालय ( डीएवी कॉलेज) से मास्टर्स की डिग्री राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण की।

अटल जी का राजनीतिक सफर

पहली पारी

अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक सफ़र की शुरुआत सन 1942 से ही हो गई थी। तब उन्होंने और उनके भाई ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था। इसके चलते उनके भाई को 23 दिन जेल में काटने पड़े। बाद में 1951 में आरएसएस के नवीन दल भारतीय जनसंघ में उन्हें श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे बड़े नेता के साथ इस दल में बड़ी भूमिका निभाने का मौका मिला।

1952 में हुए प्रथम लोकसभा के उपचुनावों में वह लखनऊ सीट से चुनाव लड़े पर वह हार गए। साल 1957 में वह फिर से लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुए। परंतु इस बार पहले के मुकाबले जनसंघ ने उन्हें तीन सीटों से खड़ा किया। जिसमें से वह दो हार गए और एक संसदीय सीट- बलरामपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। तीसरे लोकसभा चुनाव 1962 और 1967 में वह फिर से लखनऊ सीट से उतरे पर इस बार भी वह असफल रहे। बाद में वह राज्यसभा के सदस्य चुने गए। 1967 में हुए उपचुनावों में उन्हें सफलता मिली जिसके चलते वह सांसद बने। 1968 में उन्हें संघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

दूसरी पारी

बाद के कुछ सालों के चुनावी उतराव – चढ़ाव के बीच 1977 में भारतीय जनसंघ ने तीन और पार्टी को मिलाकर जनता पार्टी का गठन किया। परंतु जनता पार्टी सिर्फ जुलाई 1979 तक ही गठित रह सकी। हालांकि 1980 में वाजपेयी जी ने भारतीय जनसंघ को फिर से पुनर्गठित कर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। वह बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।

1984 में ग्वालियर से वह लोकसभा चुनाव के लिए खड़े हुए, परंतु कॉंग्रेस के माधव सिंधिया के अचानक चुनाव क्षेत्र में आने से वह पौने दो लाख वोटों से हार गए। फिर साल 1996 में लोकसभा चुनाव जीतकर बीजेपी से पहली बार कोइ देश का प्रधानमंत्री बना। और वह कोई और नहीं बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी ही बने। परंतु दुर्भाग्यवश उनकी सरकार मात्र 13 दिन चली।

वह संसद में पूर्ण बहुमत साबित नहीं कर पाई। 1998 में फिर से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव जीता और दूसरी और पार्टियों के सहयोग से एनडीए का गठन किया। यूं वह दूसरे बार प्रधानमंत्री बने। लेकिन यह सरकार भी मात्र 13 महीने ही चली क्योंकि दक्षिण की सहयोगी पार्टी अन्नाद्रमुक, जो जय ललिता के नेतृत्व में थी, उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया और अटल जी की सरकार फिर से गिर गई। साल 1999 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें अटल जी के नेतृत्व में फिर से भाजपा की सरकार आई। और इस बार अटल जी ने अपना कार्यकाल को पूरा किया।

देश से प्रेम

अटल बिहारी वाजपेयी अपने देश की भलाई के बारे में सोचते थे। वह भारत की प्रगति देखना चाहते थे। वह निडरता के साथ हर काम को पूरा करते थे। वह पक्ष और विपक्ष की अच्छाई और बुराई को खुलकर प्रस्तुत करते थे। उनका देश के प्रति प्रेम बहुत गहरा था। 1998 में उन्होंने एक ऐसा कारनामा किया जिसने पूरी दुनिया को एक नया संदेश दिया।

दरअसल 11 मई और 13 मई 1998 को अटल बिहारी वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण किया था। अटल बिहारी वाजपेयी ने इस परीक्षण के माध्यम से पश्चिमी देशों को एक यह बता दिया कि भारत भी एक शक्तिशाली देश है। अटल जी के ही देखरेख में नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भी पूरा हुआ था।

शादी नहीं की

अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने जीवन में शादी नहीं की थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में ही लगा दिया था। बहुत से लोग उनसे पूछते थे कि आपने शादी क्यों नहीं की तो वह एक ही बात कहते कि उन्होंने अपना जीवन माँ भारती के चरणों में समर्पित कर दिया है। हालांकि उन्होंने दो बेटियों को गोद लिया था।

इन दोनों बेटियों का नाम नमिता कौल और नंदिता कौल है। इन दोनों को अटल जी ने अपनी सगी बेटियों की तरह ही पाला। इन दोनों की पढ़ाई का खर्च भी अटल जी ने ही उठाया था। नमिता और नंदिता ने भी कभी भी अटल जी को अकेले नहीं पड़ने दिया। उनके अंतिम दिनों में नमिता और उनके पति रंजन भट्टाचार्य ही उनकी देखरेख कर रहे थे।

वाजपेयी के महत्वपूर्ण पुरस्कार

1992: पद्म विभूषण1993: डी लिट (कानपुर विश्वविद्यालय)
1994: लोकमान्य तिलक पुरस्कार1994: श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार
1994: भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार2014 दिसंबर: भारत रत्न से सम्मानित।
2015: डी लिट (मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय)2015: ‘फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवार्ड’, (बांग्लादेश सरकार द्वारा सम्मानित)
2015: भारत रत्न से सम्मानित
प्रमुख रचनाएं

मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान (लोकसभा में अटल जी के भाषणों का संग्रह), कड़ी कविराय की कुंडलियां, संसद में तीन दियासन, अमर आग है, कुछ लेख: कुछ पैशों, सेक्युलर वादा, राजनीति की रपति रहेन, बिंदु विचार, मैरी की इक्यावन कविताएँ आदि।

अगर हम उनके स्वास्थ्य की बात करें तो उस मामले में उन्होंने बहुत कष्ट उठाए। वह लंबे समय से किडनी, डायबिटीज और डिमेंशिया जैसी बीमारियों से गुजर रहे थे। डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी ने उनको पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया था। वह सब कुछ भूल गए थे। उनको अपने अंतिम दिनों में तो कुछ भी याद नहीं रहा था। हालांकि 2009 में दिल का एक दौरा पड़ने के बाद से तो उनका बोलना बंद हो गया था। 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया। उस समय उनकी आयु 93 साल थी।

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स्वामी विवेकानंदमीराबाई
FAQs
अटक बिहारी वाजपेयी का जन्म कब और कहां हुआ था?

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। उनका जन्म मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में हुआ था।

अटल बिहारी वाजपेयी के माता-पिता का नाम क्या था?

अटल बिहारी वाजपेयी के पिता का नाम पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी था। उनकी माता का नाम कृष्णा देवी था।

अटल बिहारी वाजपेयी का निधन कब हुआ था?

अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था।

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख रचनाएं कौन सी है?

अटल बिहारी वाजपेयी की प्रमुख रचनाएं हैं- रग-रग हिन्दू मेरा परिचय, मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान, संसद में तीन दशक, कैदी कविराय की कुण्डलियाँ, अमर आग है, कुछ लेख: कुछ भाषण, सेक्युलर वाद।

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