दिवाली पर शायरी (Shayari On Diwali In Hindi): दीपावली पर बेस्ट शायरी कलेक्शन पढ़िए

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दिवाली पर शायरी (Shayari On Diwali In Hindi)- दिवाली पर्व है खुशियों का, रोशनी का, लक्ष्मी और गणेश का। ये कहना गलत न होगा कि दिवाली खुशियाँ बांटने का सबसे बड़ा त्योहार है। दियों का ये त्योहार दूसरों के साथ अपनी खुशियाँ बांटकर मनाने का संदेश देता है। हम अपनी छोटी-छोटी खुशियाँ बांटकर किसी को बहुत बड़ी खुशी दे सकते हैं। दिवाली पर जलता हुआ हर दीपक दुनिया के सारे अंधेरे को दूर करने का काम करता है। दिवाली का त्योहार हर कोई अपने-अपने तरीके से मनाता है। आज के सोशल मीडिया वाले ज़माने में लोग दिवाली पर शायरी हिंदी में (Diwali Shayari In Hindi) भी इंटरनेट पर सर्च करते हैं।

दिवाली पर शायरी (Shayari On Diwali In Hindi)

दिवाली के खास मौके पर parikshapoint.com आपके लिए लेकर आया है हिंदी में दीपावली की शायरी (Hindi Shayari On Diwali)। शुभ दीपावली के अवसर पर आप अपने मित्रों को, परिवार वालों को और रिश्तेदारों को दिवाली की शायरी हिंदी में (Shayari For Diwali) भेजकर दिवाली की शुभकामनाएं दे सकते हैं। नीचे हमने Diwali Par Shayari के बेस्ट कलेक्शन के साथ Happy Diwali Shayari भी दे रखी हैं। आप Diwali Shayari से अपने चाहने वालों को Happy Diwali Wish कर सकते हैं। इस पोस्ट से Diwali Sher Shayari और Happy Diwali Shayari In Hindi पढ़ने के लिए नीचे देखें।

दिवाली पर शायरी हिंदी में
(Diwali Shayari In Hindi)

दीपावली पर शायरी

घर में धन की वर्षा हो
दीपो से चमकती शाम आए
सफलता मिले हर काम मे तुम्हे
खुशियो का सदा पैगाम आए!

आज दीपावली मनाने से पहले देश के उन वीरों को भी याद करें,
जो दिन-रात हमारे चैन-सुख के लिये सीमा पर निगरानी रखते हैं।

दीप जलते और जगमगाते रहें,
हम आपको और आप हमको याद आते रहें,
जब तक जिंदगी है दुआ है हमारी,
आप ऐसे ही दीपक की तरह जगमगाते रहें।

मेरी साँसों को गीत और आत्मा को साज़ देती है
ये दीवाली है सब को जीने का अंदाज़ देती है।

आपको आशीर्वाद मिले गणेश से,
विद्या मिले सरस्वती से,
दौलत मिले लक्ष्मी से,
खुशियां मिले रब से,
प्यार मिले सब से,
यही दुआ है इस दिल से।

हर ख़ुशी, ख़ुशी मांगे आपसे,
हर जिंदगी, जिंदगी मांगे आपसे,
इतना उजाला हो आपके जीवन में कि
दिये भी रोशनी मांगे आपसे।

आई आई दिवाली आई साथ
मे ढ़ेरो खुशियाँ लाई मौज
मनाओ धूम मचाओ आप
सबको दिवाली की बधाई!

आयी है दिवाली देखो संग लायी है ढेरों खुशियाँ देखो
यहाँ-वहाँ जहाँ भी देखो जगमगाते दीप हैं देखो
पटाखों आतिशबाज़ी से चमक रहा आसमान है देखो
खुशियों का यह त्यौहार आयी है दिवाली देखो।

पटाखे कोर्ट ने बंद कर दिए
साउंड सरकार ने और घी व मिठाई डॉक्टर ने
अब आप ही बताओ की
दिवाली क्या हाजमोला खाके मनाए।

मुस्कुराते हंसते दीप तुम जलाना,
जीवन में नई खुशियों को लाना,
दुख दर्द अपने भूल कर,
सबको गले लगाना,
और प्यार से ये दीवाली मनाना,

हर घर में हो उजाला आए ना रात काली हर घर में मनें खुशियां हर घर में हो दिवाली!

– नज़ीर बनारसी

कह दो अंधेरों से कहीं और घर बना लें
मेरे मुल्क में रौशनी का सैलाब आया है

– अज्ञात

मिल के होती थी कभी ईद भी दीवाली भी
अब ये हालत है कि डर डर के गले मिलते हैं

– अज्ञात

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था इंतिज़ार मनाएँगे मिल के दीवाली
न तुम ही लौट के आए न वक़्त-ए-शाम हुआ

– आनिस मुईन

आज की रात दिवाली है दिए रौशन हैं
आज की रात ये लगता है मैं सो सकता हूँ

– अज़्म शाकरी

राहों में जान घर में चराग़ों से शान है
दीपावली से आज ज़मीन आसमान है

– ओबैद आज़म आज़मी

वो दिन भी हाए क्या दिन थे जब अपना भी तअल्लुक़ था
दशहरे से दिवाली से बसंतों से बहारों से

– कैफ़ भोपाली

बीस बरस से इक तारे पर मन की जोत जगाता हूँ
दीवाली की रात को तू भी कोई दिया जलाया कर

– माजिद-अल-बाक़री

जो सुनते हैं कि तिरे शहर में दसहरा है
हम अपने घर में दिवाली सजाने लगते हैं

– जमुना प्रसाद राही

लाखों-लाखों दीपशिखाएं देती हैं चुपचाप आवाज़ें
लाख फ़साने एक कहानी दीवाली के दीप जले

– फ़िराक़ गोरखपुरी

दीपक पर शायरी

सभी के दीप सुंदर हैं हमारे क्या तुम्हारे क्या
उजाला हर तरफ़ है इस किनारे उस किनारे क्या

– हफ़ीज़ बनारसी

जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए

– गोपालदास नीरज

दीपमाला में मुसर्रत की खनक शामिल है
दीप की लौ में खिले गुल की चमक शामिल है
जश्न में डूबी बहारों का ये तोहफ़ा शाहिद
जगमगाहट में भी फूलों की महक शामिल है

– शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

रोशनी पर शायरी

चाँद भी हैरान दरिया भी परेशानी में है
अक्स किस का है कि इतनी रौशनी पानी में है

– फ़रहत एहसास

खिड़कियों से झाँकती है रौशनी
बत्तियाँ जलती हैं घर घर रात में

– मोहम्मद अल्वी

रौशनी आधी इधर आधी उधर
इक दिया रक्खा है दीवारों के बीच

– उबैदुल्लाह अलीम

अब चराग़ों में ज़िंदगी कम है
दिल जलाओ कि रौशनी कम है

– अब्दुल मजीद ख़ाँ मजीद

कहीं कोई चराग़ जलता है
कुछ न कुछ रौशनी रहेगी अभी

– अबरार अहमद

चराग़ पर शायरी

जलते हैं इक चराग़ की लौ से कई चराग़
दुनिया तेरे ख़याल से रौशन हुई तो है

– शहज़ाद अहमद

जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता

– वसीम बरेलवी

प्यार की जोत से घर घर है चराग़ाँ वर्ना
एक भी शम्अ न रौशन हो हवा के डर से

– शकेब जलाली

रात तो वक़्त की पाबंद है ढल जाएगी
देखना ये है चराग़ों का सफ़र कितना है

– वसीम बरेलवी

शहर के अंधेरे को इक चराग़ काफ़ी है
सौ चराग़ जलते हैं इक चराग़ जलने से

– एहतिशाम अख्तर

दोस्तों क्या क्या दिवाली में नशात-ओ-ऐश है
सब मुहय्या है जो इस हंगाम के शायाँ है शय

– नज़ीर अकबराबादी

parikshapoint.com की तरफ से आप सभी को “दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं” (Happy Deepawali)।

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