हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar): हमारे जीवन में हिंदी भाषा (Hindi Language) एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज भारत का बड़ा भाग विचारों का आदान-प्रदान हिंदी भाषा के माध्यम से ही कर रहा है। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए भी हम हिंदी भाषा का ही प्रयोग कर रहे हैं। हम हिंदी भाषा में पढ़ते, लिखते और बोलते हैं, लेकिन जब तक हमें हिंदी व्याकरण (Hindi Vyakaran) का ज्ञान नहीं होगा, हम हिंदी भाषा पढ़ने, लिखने और बोलने में गलतियां करते रहेंगे। हिंदी भाषा के इस्तेमाल में हिंदी व्याकरण संबंधित गलतियां हिंदी भाषा की अशुद्धता को बढ़ाती हैं, जो संदेश भेजने वाले और संदेश प्राप्त करने वाले दोनों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करती है।
हिंदी व्याकरण क्या है?
हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा की वो विद्या है जो हमें हिंदी को शुद्ध व सही रूप से पढ़ना, लिखना, बोलना व समझना सिखाती है। हिंदी भाषा को बोलने, सीखने या लिखने के लिए हिंदी व्याकरण का सही ज्ञान होना बहुत ही आवश्यक है। हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा के अध्ययन का एक अहम भाग है। हिंदी व्याकरण हमें हिंदी भाषा को शुद्ध करने वाले सभी नियमों का बोध करवाती है।
व्याकरण का अर्थ
व्याकरण तीन शब्दों वि+आ+करण के मेल से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है भली-भांति समझना और विश्लेषण करना। व्याकरण के बिना हम हिंदी भाषा तो क्या किसी भी भाषा का अध्ययन नहीं कर सकते हैं। इसलिए कहा जाता है कि व्याकरण वह कला है जिसकी सहायता से हम भाषा को शुद्ध करके बोल, लिख और पढ़ सकते हैं।
हिंदी व्याकरण की परिभाषा
परिभाषा 1- हिंदी व्याकरण वह शास्त्र है जो हिंदी भाषा का शुद्ध मानक रूप निर्धारित करती है।
परिभाषा 2- हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा की वह शाखा है जो हिंदी भाषा के प्रत्येक अंग का विश्लेषण और विवेचन करना सिखाती है।
परिभाषा 3- हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा का विश्लेषण करके उसकी संरचना को हमारे सामने स्पष्ट करती है।
हिंदी व्याकरण के प्रकार
हिंदी व्याकरण के प्रकार जिन्हें हम हिंदी व्याकरण के अंग या हिंदी व्याकरण के भेद भी कहते हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं-
- वर्ण विचार
- शब्द विचार
- वाक्य विचार
वर्ण विचार- वर्ण को अक्षर भी कहते हैं। वर्णों के मेल से ही शब्द का निर्माण होता है। वर्णों के आकार, उच्चारण और शब्दों के मेल के अध्ययन को वर्ण विचार कहा जाता है। वर्ण विचार में हम हिंदी वर्णमाला यानी कि अ, आ, इ और क, ख, ग को पढ़ते हैं। वर्ण हिंदी भाषा की सबसे छोटी और मूल इकाई होती है, जिसे न तो तोड़ा जा सकता है, न ही छोटा किया जा सकता है और न ही इसका संधि-विच्छेद किया जा सकता है। हिंदी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं, जिसमें 11 स्वर, 39 व्यंजन, 1 अनुस्वार या चंद्रबिंदु और 1 विसर्ग होता है। हिंदी वर्णमाला के अध्ययन के बिना हिंदी भाषा को पढ़ना, लिखना, बोलना, समझना व सीखना असंभव है।
शब्द विचार- शब्द या शब्द विचार हिंदी भाषा के व्याकरण का दूसरा खंड है। हिंदी व्याकरण के जिस भाग में शब्दों की उत्पत्ति, विकास, आगमन और अर्थ का अध्ययन किया जाता है, उसे शब्द विचार कहते हैं। एक शब्द का निर्माण दो या दो से ज़्यादा वर्णों के मेल से होता है। वास्तव में सही शब्द वही है जिसका एक सफल अर्थ निकलर हमारे सामने आता है। शब्दों के समूह को शब्द भंडार कहा जाता है।
वाक्य विचार- वाक्य विचार हिंदी व्याकरण का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है। वाक्य विचार में वाक्य की उत्पत्ति, भेद, बनावट, संबंध और पदों का अध्ययन किया जाता है। वाक्य के सही क्रम के अध्ययन को वाक्य विचार कहते हैं। प्रत्येक छोटे और बड़े वाक्य शब्दों के मेल बनते हैं, जिनकी अपनी एक अलग व निश्चित बनावट होती है। जब दो या दो से अधिक शब्दों का कोई अर्थ निकल कर हमारे सामने आता है, तो उसे वाक्य कहा जाता है।
हिंदी व्याकरण में क्या क्या आता है?
हिंदी साहित्य (Hindi Literature) | यहाँ से पढ़ें |
हिंदी व्याकरण पर FAQs
उत्तरः हिंदी व्याकरण का जनक श्री दामोदर पंडित जी को माना जाता है।
उत्तरः व्याकरण के तीन अंग होते हैं, 1. वर्ण विचार, 2. शब्द विचार और 3. वाक्य विचार।
उत्तरः हिंदी में कुल 52 वर्ण होते हैं।
उत्तरः व्याकरण का दूसरा नाम शब्दानुशासन है।
उत्तरः वाक्य शब्दों के मेल से बनता है।