जब मैं छोटी थी तब जब भी मुझे समय मिलता तो मैं गाने सुना करती थी और खूब सारे कागज की नाव बनाया करती थी। इन सभी नावों को बनाने के बाद जो मुझे आनंद की अनुभूति होती थी वह एकदम ही अलग थी। शायद यह मेरी रुचि थी। और इस काम में मुझे बहुत आनंद आता था। वैसे कहते भी हैं कि रुचि के साथ काम करने से आप सकारात्मक महसूस करते हैं। तो जीवन में वही काम करना चाहिए जो आपको खुशी प्रदान करें।
हर एक व्यक्ति की रुचि अलग-अलग होती है। किसी व्यक्ति को घूमना बहुत अधिक पसंद होता है तो किसी को किताबें पढ़ना। सब अपने अपने तरीके से अपनी रुचि को पूरा करने में लगे रहते हैं। हम सभी को अपने अंदर एक रुचि को कायम रखना चाहिए। जो इंसान जीवन में किसी भी प्रकार का शौक नहीं रखता वह व्यक्ति असल मायने में खुश नहीं रह सकता है। अपनी रुचि के अनुरूप काम करने से हम जिंदादिल बने रहते हैं।
आजकल के भागदौड़ भरे समय में हमें जब भी समय मिले हमें अपनी रुचि आवश्यक पूरी करनी चाहिए। एक सर्वे किया गया था जिसमें यह बताया गया कि जो इंसान बिना चिंता के काम करता है वह असल में चिंतामुक्त रहता है। रुचि आपके दिमाग को और भी अधिक क्रियाशील बनाती है। तो आज का हमारा विषय मेरी रुचि पर आधारित है। तो आइए हम निबंध पढ़ना शुरू करते हैं।
प्रस्तावना
हम सभी को अपने जीवन में कुछ ऐसी चीजें करने का दिल करता है जो हमें खुशी प्रदान करती है। यहां पर बात हो रही है हमारी रुचि की। हमारी रुचि के अनुसार काम करने से हम हर पल अच्छा महसूस करते हैं। सभी की अलग अलग रुचि होती है। जीवन जीने के लिए यह बहुत जरूरी होता है कि हम हमारे मन को सुकून पहुंचाने वाले काम करें। हमारा जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है।
हमारे हिस्से सुख से ज्यादा दुख मिलता है। इसलिए हमारा मन अक्सर दुखी रहता है। माना कि हम नौकरी करते हैं और उससे पैसा कमाते हैं। लेकिन क्या यही हमें असल में सुख प्रदान करता है। नहीं, बिल्कुल नहीं। हमें सुख उसी चीज से मिल सकता है जो हमें पूरी तरह खुश कर दे। बिना रुचि के काम करने से हम सूखे पेड़ के समान हो सकते हैं। एक शिष्य के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण होता है कि वह अपनी रुचि के अनुसार विषय चुने और उसके अनुरूप पढ़ाई करें।
रुचि क्या है?
रुचि हमारे शरीर के अंदर की एक प्रकार की प्रेरक शक्ति है। यह शक्ति हमें अपने जीवन में कुछ नया करने का साहस प्रदान करती है। हमारे अंदर रुचि शुरूआत से ही होती है। बचपन से ही एक प्रकार की रुचि के प्रति हमारा झुकाव होता है। यह रुचि हमें सिखाती है कि हम कैसे अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करे। जब किसी व्यक्ति की किसी चीज के प्रति रुचि होती है तो वह उस रुचि को पूरा करने में रात-दिन पूरा कर देते हैं।
जब रुचि वाले काम में हम अपना समय निवेश करते हैं तो वह हमें बदले में अच्छा मुनाफा देती है। रुचि वाले काम से हमें गहरा लगाव होता है। उदाहरण के तौर पर हम अक्सर यह देखते हैं कि जिन लोगों को चित्रकला से गहरा लगाव होता है वह पूरा दिन अपना समय चित्र बनाने में ही लगा देता है। किसी व्यक्ति में ऐसा साहस उसकी रुचि के चलते ही आ सकता है।
प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों के अनुसार रुचि का अर्थ
(1) “अभिरुचि अपने क्रियात्मक रूप में एक मानसिक संस्कार है।” – ड्रेवर
(2) “रुचि वह स्थिर मानसिक विधि है, जो ध्यान क्रिया को सतत् बनाये रखती है।” – बी.एन. झा
(3) “अभिरुचि वह प्रवृत्ति है, जिसमें हम किसी अनुभव में दत्तचित्त होकर उसे जारी रखना चाहते हैं।” – विंघम
(4) “अभिरुचि वह प्रेरणा-शक्ति है, जो हमें किसी व्यक्ति, वस्तु या क्रिया की ओर ध्यान देने के लिए प्रेरित करती है।” – क्रो और क्रो
रुचि की विशेषताएं
- रुचि को विकसित नहीं किया जाता है। बल्कि वह तो अपने आप ही इंसान में पैदा होती है।
- रुचि हमारे दिमाग को और अधिक क्रियाशील बनाती है।
- एक प्रकार की रुचि हमारे अंदर बचपन से ही होती है। लेकिन समय के साथ वह एक विशेष प्रकार की रुचि कम होती जाती है।
- रुचि हमारे व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।
- रुचि हमें हमारे वंशजों से भी प्राप्त होती है। जो कुछ शौक हमारे माता-पिता में होते हैं हो सकता है वह उनके बच्चों में भी विकसित हो जाए।
- रुचि हमें अपने जीवन में कुछ बड़ा करने का साहस देती है।
- हम अपनी रुचि को अपना पेशा भी बना सकते हैं। इससे हम धन भी अर्जित कर सकते हैं।
- रुचि के अनुसार काम करने से हमारे मन को आत्म संतुष्टि प्रदान होती है।
रुचि के प्रकार
रुचि के अलग प्रकार होते हैं। चलिए हम रुचि के प्रकार समझते हैं।
(1) जन्मजात से प्राप्त रुचि – जब हमारा जन्म होता है तो हमारे अंदर जन्मजात से ही एक प्रकार की रुचि या शौक विकसित हो जाता है। यह शौक कुछ भी हो सकता है जैसे स्वादिष्ट खाने की रुचि, बातें करने की रुचि, प्रकृति में रहने की रुचि आदि। यह रुचि हमें बचपन से ही अच्छी लगती हैं।
(2) समय के साथ पैदा होने वाली रुचि – हमारे जीवन में कुछ ऐसी भी रुचियां होती है जो समय के साथ बदलाव होने पर विकसित होती है। उदाहरण के लिए कभी कभी बच्चों को संगीत का शौक थोड़ा बड़ा होने पर पता चलता है। ऐसी रुचियां समय के साथ विकसित होती रहती है।
(3) परीक्षित रुचि – इस प्रकार की रुचि का पता तब लगता है जब हम किसी इंसान का परीक्षण करके देखते हैं। उदाहरण के लिए हम यह देखते हैं कि अगर किसी इंसान को क्रिकेटर बनना है तो ऐसे में उस इंसान की यह परीक्षा ली जाएगी कि क्या वह असल में क्रिकेटर बनने की रुचि रखता है।
मेरी पसंदीदा रुचि
इस दुनिया में सभी का अलग-अलग शौक होता है। मेरा भी ऐसा ही एक शौक है। मुझे बचपन से ही किताबे पढ़ने और लिखने का बहुत ज्यादा शौक था। इसी शौक ने मेरे भीतर एक लेखक को पैदा किया। मुझे लिखते वक्त समय का भी ख्याल नहीं रहता था। कब दिन से रात हो जाती थी पता ही नहीं चलता था। मैं अपनी मस्ती में डूबी कभी कविताएं लिखती तो कभी कहानियां। रोमांचक कहानियां पढ़ने का भी बहुत बड़ा शौक था मुझे। आज मैं अगर अच्छी लेखक बन पाई हूं तो वह सिर्फ मेरी रुचि की वजह से है।
मेरी रुचि पर निबंध 200 शब्दों में
इस दुनिया में जितने भी लोग पैदा होते हैं उन सभी की एक अनोखी रुचि भी होती है। यह रुचि उन सभी लोगों को कुछ बड़ा करने की हिम्मत देती है। हम सभी भागदौड़ भरे जीवन को जीते हैं। इस भागमभाग से हम इतना ज्यादा ऊब जाते हैं कि हमें लगने लगता है कि हम शांति कहां से प्राप्त करें। इस शांति को प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका यह हो सकता है कि हम अपने पसंदीदा कार्य को पूरा करने में डूब जाए। इस तरह के पसंदीदा कार्य को शौक कहा जाता है।
हम जब अपने शौक को पूरा करते हैं तो हमें भीतर से प्रसन्नता महसूस होती है। रुचि के अनुसार काम करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह हमें ताजगी से भर देता है। हमें कठिन दिनों में भी सकारात्मक तरीके से जीना सिखाता है। हर व्यक्ति को अपनी रुचि के अनुसार काम करने का पूरा हक है। रुचि को व्यावसायिक क्षेत्र में भी अपनाना चाहिए। जब हम अपनी रुचि के अनुसार अपना व्यावसायिक पेशा चुनते हैं तो यह हमें उस क्षेत्र में लंबे समय तक टिकने की गारंटी प्रदान करता है। एक बार एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स ने कहा था कि आप जो कोई जाॅब करो तो उससे प्रेम भी करो। ऐसा होने से आप सदा खुश रहोगे।
मेरी रुचि पर 10 लाइनें
- रुचि के अनुसार काम करने से मन प्रफुल्लित हो उठता है।
- रुचि का अर्थ है किसी खास चीज के प्रति लगाव होना।
- रुचि हमें कुछ बड़ा करने की हिम्मत प्रदान करती है।
- रूचि के मुताबिक काम करने से हम तनाव से दूर रहते हैं।
- कुछ रुचियां बचपन से ही हमारे अंदर होती है तो कुछ रुचियां थोड़ा बड़ा होने पर पता लगती है।
- अगर हम अपनी रुचि के हिसाब से अपनी नौकरी चुनते हैं तो ऐसे में हम ताउम्र खुश रहते हैं।
- मेरी रुचि किताबों के पन्नों में ही रहती है।
- रुचि का हमारे बचपन से ही विकास हो जाता है।
- मेरी रुचि में विश्व भ्रमण भी आता है।
- रुचि के अनुसार काम करने से हमें शांति की अनुभूति होती है।
उपसंहार
रुचि में कुछ ऐसी बात होती है कि वह हमें बोरियत महसूस ही नहीं होने देती। रुचि हमें हर पल खुशियों से बांधे रखती है। एक व्यक्ति को अपने जीवन में वही काम करना चाहिए जो उसे खुशी प्रदान कर सके। जो काम व्यक्ति के मन को दुखी करे वह काम निरर्थक है।
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रूचि पर आधारित FAQs
प्रश्न 1. रुचि को परिभाषित किजिए?
उत्तर- रुचि एक प्रकार का शौक है। बचपन से ही एक प्रकार की रुचि के प्रति हमारा झुकाव होता है। यह रुचि हमें सिखाती है कि हम कैसे अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करें। जब किसी व्यक्ति की किसी चीज के प्रति रुचि होती है तो वह उस रुचि को पूरा करने में रात-दिन पूरा कर देते हैं।
प्रश्न 2. विंघम के अनुसार रुचि क्या है?
उत्तर- अभिरुचि वह प्रवृत्ति है, जिसमें हम किसी अनुभव में दत्तचित्त होकर उसे जारी रखना चाहते हैं।
प्रश्न 3. रुचि के अनुसार काम करने के क्या फायदे हैं?
उत्तर- रुचि के मुताबिक काम करने से हमारा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। अभिरुचि के हिसाब से काम करने पर हमारे शरीर में हर पल उमंग बनी रहती है।
प्रश्न 4. बच्चों के लिए सबसे अच्छी रुचि कौन-सी होती है?
उत्तर- बच्चों के लिए सबसे अच्छी रुचि खेलकूद और चित्रकला होती है।
प्रश्न 5. आपकी सबसे प्रिय रुचि कौन-सी है?
उत्तर- मेरी सबसे प्रिय रुचि किताबें पढ़ना और कविताएं लिखना है। यह शौक मुझे उत्साह प्रदान करता है। मुझे किताबें पढ़ने से सकारात्मक महसूस होता है।