प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1 – बाँस को बूढ़ा कब कहा जा सकता है। बँढे बाँस में कौन सी विशेषता होती है जो युवा बाँस में नहीं पाई जाती ?
उत्तर :- एक से तीन साल की आयु वाले बांस को बूढ़ा बांस कहा जाता है। बूढ़े बांस की ये विशेषता होती है कि बूढ़े बांस सख्त होते है और टूट भी जाते है।युवा बांस मुलायम होते है। उसे सामान बनाने के लिए किसी भी तरह मोड़ा जा सकता है।
प्रश्न 2 – बाँस से बनाई जाने वाली चीज़ों में सबसे आश्चर्यजनक चीज़ तुम्हें कौन सी लगी और क्यों?
उत्तर :- बांस से बनाई जाने वाली जकाई जिससे मछली पकड़ते है, आश्चर्यजनक लगता है। इसने छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है।
प्रश्न 3 – बॉस की बुनाई मानव के इतिहास में कब आरंभ हुई होगी ?
उत्तर :- कहते है कि बांस की बुनाई का रिश्ता उस दौर से है जब इंसान भोजन इकठ्ठा करता था। शायद उस समय भोजन इकठ्ठा करने के लिए ऎसी डालियाँ नुमा चीजें बनाई होगी।
प्रश्न 4 – बाँस के विभिन्न उपयोगों से संबंधित जानकारी देश के किस भू-भाग के संदर्भ में दी गई है? एटलस में देखो।
उत्तर :- बांस के विभिन्न उपयोगो से सम्बधित देश उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के सात राज्यों में इन राज्यों के नाम हैं – अरुणांचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा।
निबंध से आगे
प्रश्न 1 – बाँस के कई उपयोग इस पाठ में बताए गए हैं, लेकिन बाँस के उपयोग का दायरा बहुत बड़ा है। नीचे दिए गए शब्दों की मदद से तुम इस दायरे को पहचान सकते हो।
संगीत
प्रकाशन
एक नया संदर्भ
मच्छर
फर्नीचर
उत्तर :- संगीत :- निचला गुंजयमान यंत्र लौकी से बनाया जाता था, और ऊपर का गला बनाने के लिए बांस का प्रयोग करते थे।
प्रकाशन :- इसमें बांस से कागज बनाया जाता था।
एक नया सन्दर्भ :- बांस से चटाइयाँ, टोकरियाँ, जाल, मकान, पुल आदि बनाये जाते है।
मच्छर :- मच्छरदानी लगाने के लिए बाँस की छड़ी बनाई जाती है।
फर्नीचर :- घर, स्कूल, ऑफिस में भी कई चीज़ ऐसी होती है जिसमें बांस की चीजो का प्रयोग होता है।
प्रश्न 2 – इस लेख में दैनिक उपयोग की चीजें बनाने के लिए बाँस का उल्लेख प्राकृतिक संसाधन के रूप में हुआ है। नीचे दिए गए प्राकृतिक संसाधनों से दैनिक उपयोग की कौन-कौन सी चीजें बनाई जाती हैं
प्राकृतिक संसाधन दैनिक उपयोग की वस्तुएँ
• चमड़ा
• घास के तिनके
• पेड़ के छाल
• गोबर
• मिट्टी
इनमें से किन्हीं दो या दो प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए कोई एक चीज़ बनाने का तरीका अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर :- चमड़ा – बेल्ट, जैकेट्स
घास के तिनके – टोपिया, टोकरी
गोबर – घर की लिपाई-पुताई
पेड़ की छाल – कागज, वस्त्र
मिट्टी – बरतन, मकान,
प्रश्न 3 – जिन जगहों की साँस में बाँस बसा है, अखबार और टेलीविजन के ज़रिये उन जगहों की कैसी तसवीर तुम्हारे मन में बनती है ?
उत्तर :- ऐसा लगता है कि पहले वाले समय में लोगों का बांस के साथ गहरा रिश्ता रहा होगा, उनका जीवन बांस पर ही निर्भर करता होगा। बांस से लोग अपना घर बना सकते थे, बांस से बर्तन, और औजार इस्तेमाल करते थे। सूखे बांस का लोग ईंधन के रूप में इस्तेमाल करते थे। बच्चो का जीवन बांस के पालने में गुजरता था। बांस से लोग जकाइ बनाकर मछली पकड़ते थे। इस तरह लगता है की लोग का जीवन बांस से जुड़ा हुआ था और बांस पर ही उनका जीवन निर्भर करता था।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न -1. इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है। जैसेछोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-थीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है। कि वे एक शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गॅथी हुई होती हैं।
इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज़ लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचोइस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है। जैसेछोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है या फिर धीरे-थीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है। कि वे एक शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गॅथी हुई होती हैं।
इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज़ लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो।
(क) बॉस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?
(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता
(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है।
उत्तर :- (क) शायद इसलिए क्योंकि बड़ी मछलियां आसानी से बांस से बनाये गए शंकु के आकार के जाल में न पकड़ी जाती हो।
(ख) शंकु के ऊपरी हिस्से का आकार अगर अंडाकार होता तो नीचे का हिसार चौकोर हो सकता है।
(ग) हो सकता है उन्हें लगता हो कभी जकड़ी चलने से सभी मछलियाँ उछलकर भाग ना जाए।
शब्दों पर गौर
हाथों की कलाकारी / घनघोर बारिश / बुनाई का सफर / आड़ा तिरछा / डलियानुमा / कहे मुताबिक
इन वाक्यांशों का वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर :- हाथों की कलाकारी :- मुझसे तो तस्वीर अच्छे से नहीं लेकिन तुम्हारी हाथों की कलाकारी ने इसमें जान ढाल दी।
घनघोर बारिश :- तुम जल्दी से घर आ जाओ, नहीं तो आज होने वाली घनघोर बारिश में फस जाओगे।
बुनाई का सफर:- बुनाई का सफर शुरू में बहुत मेहनती होता है।
आडा-तिरछा :- तुम तो आडा- तिरछा लिखते हो।
डालियाँनुमा :- भोजन इकठ्ठा करने के लिए बांस से डालियाँनुमा चीज़ बनाई जाती है।
कहे मुताबिक :- तुमने सारा काम मेरे कहे मुताबिक किया है।
व्याकरण
प्रश्न 1 – बुनावट’ शब्द ‘बुन’ क्रिया में ‘आवट’ प्रत्यय जोड़ने से बनता है। इसी प्रकार नुकीला,
दबाव, घिसाई भी मूल शब्द में विभिन्न प्रत्यय जोड़ने से बने हैं। इन चारों शब्दों में प्रत्ययों को पहचानो और उनसे तीन-तीन शब्द और बनाओ। इन शब्दों का वाक्यों में भी प्रयोग करो।
बुनावट / नुकीला / दबाव / घिसाई
उत्तर :- (क) बुनावट:- बुन+आवट( तुम्हारी लिखाई की बनावट तो बहुत अच्छी है।)
थकावट:- थक+आवट(सारा दिन काम करके थकावट सी हो गई है।)
खिचांवट:- खिंच+आवट(तुम्हारे कपड़े में खिचावट आ गई है।)
मिलावट:- मिल+आवट(वो सेठ मिठाई में मिलावट करता है।)
(ख) नुकीला:- नोक+ इला(उसका चहेरा थोड़ा नुकीला सा लगता है।)
सुरीला:- सुर+इला(तुम्हारा गाना बहुत सुरीला है।)
नशीला:- नशा+इला(उसका रंग नशीला है।)
पथरीला:- पत्थर+इला(यह रास्ता पथरीला है।)
(ग) दबाव:- देब+आव(तुम किसी के दबाव में काम मत करना।)
बचाव:- बच+ आव(आज कल बचाव हर चीज़ में जरुरी है।)
चढ़ाव:- चढ़+आव(जिंदगी में उतार- चढ़ाव होता रहता है।)
(घ) घिसाई:- घिस+आई(घिसाई करने से फर्श चमकदार हो जाता है।)
सुनाई:- सुन+आई( तुम मेरी किसी काम की सुनाई नहीं करते।)
लड़ाई:- लड़+आई(लड़ाई करना गलत बात है।)
चढाई:- चढ़+आई(लगता है आज पूरे साल की चढ़ाई तुमने करली है।)
प्रश्न 2 – नीचे पाठ से कुछ वाक्य दिए गए हैं
वहाँ बाँस की चीजें बनाने का चलन भी खूब है।
हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों का ही ज़िक्र कर पाए हैं।
उदाहरण के लिए आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हर एक गठान से काटा जाता है।
खपच्चियों से तरह–तरह की टोपियाँ भी बनाई जाती है।
रेखांकित शब्दों को ध्यान में रखते हुए इन बातों को अलग ढंग से लिखो।
उत्तर:- वहां बाँस की चीजें बहुत प्रसिद्ध हैं।
हम यहाँ बाँस की एक-दो चीज़ों के बारे में ही बात कर पाए हैं।
उदाहरण के लिए आसन की तरह छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को एक गाँठ से काटा जाता है।
खपच्चियों से बहुत अलग अलग तरह की टोपियाँ बनाई जाती है।
प्रश्न 3 – तर्जनी हाथ की किस उँगली को कहते हैं? बाकी उँगलियों को क्या कहते हैं। सभी उँगलियों के नाम अपनी भाषा में पता करो और कक्षा में अपने साथियों और शिक्षक को बताओ।
उत्तर :- अँगूठे के साथ वाली हाथ की उँगली को तर्जनी कहते हैं। बाकी उँगलियों को अंगूठा,तर्जनी, मध्यमा, अनामिको, कनिष्ठा कहते हैं।
प्रश्न 4 – अंगुष्ठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा-ये पाँच उँगलियों के नाम हैं। इन्हें पहचान कर सही क्रम में लिखो।
उत्तर :-