प्रश्न अभ्यास
प्रश्न -1. नागराजन के अलबम के मुख्य पृष्ठ पर क्या लिखा था और क्यों ? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ ?
उत्तर :- नागराजन के अलबम के मुख्य पृष्ठ पर ए. एम.नागराजन लिखा हुआ था। इस अलबम को चुराने वाला बेशरम है। जब तक घास हरी कमल लाल रहेगा और जब तक सूरज पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे तब तक यह अलबम मेरा है और मेरा ही रहेगा। लड़कों ने इसे अलबम मे उतार लिया और लड़कियो ने कापियो और किताबों में टीप लिया।
प्रश्न -2. नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की क्या दशा हुई ?
उत्तर :- राजप्पा मन ही मन चिढने लगा था। उसे स्कूल में जाना अच्छा नहीं लगता था। लड़कों के सामने जाने में उसे शर्म आने लगी थी। पहले वो टिकटों की खोज में इधर-उधर घूमता रहता था लेकिन अब घर में घुसा रहता है। उसे अलबम से चिढ़ होने लगी थी और सोचता की अलबम अब कूड़ा हो गई है।
प्रश्न -3. अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था ?
उत्तर :- मेज पर से चाबी ढूंढने के बाद जैसे ही राजप्पा ने अलबम चुराया, उसका दिल जोर से धड़कने लगा गया। उसने अलबम को कमीज के नीचे रख लिया और दराज बंद कर दिया। सीढ़ियां उतरकर उसने इधर उधर देखा ओर घर की तरफ भाग गया। वह बहुत डर रहा था,उसका शरीर जल रहा था, चेहरा तमतमा ने लगा था। उसका गला भी सूख गया था। उसने अलमारी के पीछे अलबम को छिपा दिया। उसे डर लग रहा था कि कभी कोई देख ना ले, उसने रात को सोने की कोशिश की पर उसे डर के मारे नींद भी नहीं आई।अतः तकिये के नीचे अलबम को छुपा कर सो गया।
प्रश्न -4. राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया ?
उत्तर:- अप्पू ने राजप्पा को बताया नागराजन के पिता डी.एस.पी है, अगर नागराजन उसके पिता को बताता है तो एक झटके में पुलिस की फौज हाजिर हो जाएगी और अलबम चोरी करने वाला पकड़ा जाएगा। यह सुनकर राजप्पा बहुत डर गया।उसने देखा कि उसकी मां ने गरम पानी की डेगची रखी हुई है और राजप्पा ने अलबम अंगीठी में डाल दी।
प्रश्न -5. लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की ?
उत्तर :- राजप्पा के अलबम की प्रसंसा की लड़कों में काफी बातें चलती रहती थी। उसे सिर्फ टिकट इकट्ठा करने की एक ही धुन सवार रहती थी। मधुमक्खी की तरह दिन-रात टिकट इकट्ठा करने के लिए लड़कों में घूमता रहता था। राजप्पा मीलों दूर पैदल चलकर टिकट इकट्ठा करने भी चला जाता था।
कहानी से आगे
प्रश्न 1 – टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीजें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। तुम कुछ अन्य चीजों के बारे में सोचो जिन्हें जमा किया जा सकता है। उनके नाम लिखो।
उत्तर :- छोटे बच्चों को नई और पुरानी चीजें इकट्ठा करने का शौक होता है। वह बहुत मेहनत भी करते हैं। टिकटों की तरह हम कई सारी चीजें इकट्ठा कर सकते हैं जैसे:- पेन, पेंसिल, किताब, कार्ड, बोतल, बोतल के ढक्कन, कैन इत्यादि।
प्रश्न 2 – टिकट-अलबम का शौक रखने के राजप्पा और नागराजन के तरीके में क्या फर्क है? तुम अपने शौक के लिए कौन-सा तरीका अपनाओगे ?
उत्तर :- हर चीज को एकत्रित करने का सबका अलग अलग तरीका होता है।उसी तरह राजप्पा और नागराजन के तरीके में भी फर्क था। राजप्पा टिकटों को एकत्रित करने के लिए इधर-उधर घूमता रहता था। वो इकट्ठा करने के लिए मिलो दूर भी चला जाता था। उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था लेकिन नागराजन को कोई मेहनत नहीं करनी पड़ी। उसे अलबम उसके मामा की तरफ से मिली थी। हम भी टिकट एकत्रित करने के लिए राजप्पा का रास्ता अपनाना चाहेगे लेकिन चोरी को आगे नहीं रखेंगे।
प्रश्न 3 – इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है, जैसे-देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो।
उत्तर :- इकट्ठा किए गए टिकटों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से कर सकते हैं जैसे समय के आधार पर, शिक्षा के आधार पर, धार्मिक संस्कृति के आधार पर, जगह के आधार पर, तिथियों के आधार पर।
प्रश्न 4 – कई लोग चीजें इकट्ठी करते हैं और ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी? सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो।
उत्तर :- हर व्यक्ति यही सोचता है कि वह ऐसा काम करें जिससे उसका देश में नाम हो, हर कोई अपनी अलग-अलग चीजों में प्रमुख होता है।हर इंसान की अपनी अपनी काबिलियत होती है। किसी को अपनी काबिलियत दिखाने का मौका नहीं मिल पाता और कुछ अपनी काबिलियत “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड” में अपना नाम दर्ज करवा लेते हैं ताकि दुनिया में उनका नाम हो सके।जिस किसी को भी प्रसिद्धि प्राप्त हो जाती है उसे दुनिया में और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1 – राजप्पा अलबम जलाए जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है? अगर वह कह देता तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फर्क पड़ता? कैसे ?
उत्तर :- राजप्पा अलबम जलाए जाने के बाद नागराजन को इसलिए नहीं बता पाता क्योंकि उसे डर था कभी नागराजन उसके पिता को नहीं बता दे तो उसे पुलिस पकड़ कर ले जाएगी और अगर स्कूल में ये बात पता चल गई तो सबके सामने उसकी बेइज़्जती हो जाएगी। नागराजन ये बात उसके माता-पिता को भी बता सकता था और उसे डांट पड़ सकती थी।
प्रश्न 2 – कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे? वे राजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रहे जाते हैं? अपने शिक्षक को बताओ।
उत्तर :- ऐसा हो सकता है कि कक्षा के बाकी विद्यार्थियों को टिकट इकट्ठा करने और अलबम बनाने का कोई शौक नहीं हो जैसे राजप्पा और नागराजन अपने अलबम ले आते तो बच्चे उन्हें देखकर खुश हो जाते फिर उन्हें टिकट इधर-उधर इकट्ठा करने के लिए जरूरत ही क्या थी। बच्चे अलबम ऐसे देखने में ही खुश थे।
भाषा की बात
प्रश्न 1 – निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूंढकर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ।
उत्तर :- खोंसना (फँसाना)- रेखा ने साहिल की पेंसिल को चेयर में खोस दिया।
अगुआ (आगे रहने वाला) – मोहन हर खेल में आगे रहने वाला बच्चा है।
जमघट (भीड़) – मेले में लोगों की जमघट देखकर आशा घबरा गई।
पुचकारना (तसल्ली देना) – मैंने उस बच्चे को पुचकाकर चुप करा दिया।
टटोलना (छूकर अंदाजा लगाना) – मेरा बैग मत टटोलो तुम्हें इसमें कुछ नहीं मिलेगा।
खलना (कमी का एहसास होना) – कक्षा में सोहन के जाने के बाद उसकी जगह खलती है।
कुढ़ना (ईष्र्या होना) – टीना हमेशा ही दूसरों की सफलता देखकर कुढ़ती है।
हेकड़ी (घमंड) – आजकल लोगों में नौकरी के लिए हमेशा ही हेकड़ी रहती है।
ठहाका (जोर की हँसी) -बंदर का खेल देखकर सारे बच्चे ठहाके लगा रहे थे।
तारीफ (प्रशंसा) – शीला का काम देख कर लोग उसकी बहुत ही तारीफ कर रहे थे।
प्रश्न 2 – कहानी में व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं’ का अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उलटा अर्थ देने वाले शब्द भी लिखों।
उत्तर :- ईर्ष्यालु, स्पर्धालु, कूड़ा, सुंदर, अच्छा, कीमती, फालतू, फायदेमंद।
कुछ करने को
प्रश्न 1 – मान लो कि स्कूल में तुम्हारी कोई प्रिय चीज़ खो गई है। तुम चाहते हो कि जिसे वह चीज़ मिले वह तुम्हें लौटा दे। इस संबंध में स्कूल के बोर्ड पर लगाने के लिए एक नोटिस तैयार करो जिसमें निम्नलिखित बिंद हों
(क) खोई हुई चीज़
(ख) कहाँ खोई
(ग) मिल जाने पर कहाँ लौटाई जाए?
(घ) नोटिस लगाने वाले वाली का नाम और कक्षा
उत्तर :- सूचना
मेरी सामाजिक की किताब कल क्लास में गुम हो गई है। जिसे भी मिले वो सातवीं कक्षा की इंचार्ज नेहा मेम को दे जाए।
शिखा
कक्षा :- सातवीं
प्रश्न -1. डाक टिकटों के बारे में और जानना चाहो तो नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक ‘डाक टिकटों की कहानी पढ़ो।
उत्तर :- छात्र स्वयं करें।
सुनना सुनाना
प्रश्न 1 – राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तुम भी कोई शौक रखते हो ? उससे जुड़े किस्से सुनाओ।
उत्तर :- राजप्पा और नागराजन की तरह मुझे पुरानी अलग अलग प्रकार की मूर्तियां इकठ्ठा करने का शौक था। इसके लिए मैं अलग अलग जगह पर जाकर घूमकर सभी मुर्तिया इकठ्ठा करता था। और उनके बारे में जानकारियां भी प्राप्त करता था। मेरे माता पिता को मेरा ऐसे जगह जगह घुमना पसंद नहीं था। इसके लिए मैं एक दिन माता पिता को बिना बताए चला गया और वापिस आने पर मुझे बहुत डांट भी पढ़ी थी।
प्रश्न 2 – कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ कहानियाँ दुखांत। इस कहानी के अंत को तुम दुखांत मानोगे या सुखांत ? बताओ।
उत्तर :- इस कहानी के अंत को हम सुखांत और दुखांत दोनों मान सकते है क्योंकि एक तरफ जहा नागराजन को अपनी अलबम गवानी पढ़ी वहां राजप्पा ने उसे अपनी अलबम दे दी थी। इससे वो खुश हुआ लेकिन उसे अपनी अलबम खो जाने का भी बहुत दुःख हुआ। उसी तरफ राजप्पा को भी बहुत बुरा लग रहा था कि उसने नागराजन की अलबम जला दी लेकिन किसी को यह बात पता नहीं चली तो मन ही मन खुश था।
बोलते चेहरे
इन भावों को अभिव्यक्त करके दिखाओ।
उत्तर :- विध्यार्थी इन भावों को कक्षा में अभिव्यक्त करें।