एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 5 किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया

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छात्र इस आर्टिकल के माध्यम से एनसीईआरटी समाधान कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 5 किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया प्राप्त कर सकते हैं। इस आर्टिकल पर सरल भाषा में कक्षा 9 कृतिका पाठ 5 के प्रश्न उत्तर (class 9 hindi kritika chapter 5 question answer) दिए हुए हैं। छात्र कृतिका पाठ 5 के प्रश्न उत्तर से परीक्षा की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं। कक्षा 9 हिंदी कृतिका के एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi kritika) के लिए छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा। कक्षा 9 कृतिका पाठ 5 प्रश्न उत्तर पूरी तरह से निःशुल्क हैं। कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 5 किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया के प्रश्न उत्तर नीचे देखें।

Ncert Solutions for class 9 Hindi Kritika chapter 5

कक्षा 9 हिंदी कृतिका अध्याय 5 किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया के लिए एनसीईआरटी समाधान (ncert solutions for class 9 hindi kritika chapter 5) सीबीएसई सिलेबस को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। साथ ही हमने कक्षा 9 कृतिका किताब पाठ 5 के प्रश्न उत्तर बनाने में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की सहायता ली है।

प्रश्न अभ्यास:-

प्रश्न 1 – वह ऐसी कौन सी बात रही होगी जिसने लेखक को दिल्ली जाने के लिए बाध्य कर दिया?

उत्तर :- लेखक को किसी ने बेवजह की बातें और जुमले अर्थात् बहकाना जैसी कई बातें सुनाई गई जिससे लेखक परेशान हो गया। वह यह सब सहन नहीं कर पाया और दिल्ली जाने के लिए बाध्य हो गया। इस प्रकार वह जहां भी था जिस हालत में भी था वही से पहली बस जो दिल्ली जाने की मिली उसी में दिल्ली चला गया।

प्रश्न 2 – लेखक को अंग्रेज़ी में कविता लिखने का अफ़सोस क्यों रहा होगा?

उत्तर :- लेखक को अफ़सोस इसलिए रहा होगा क्योंकि अंग्रेजी भारत की भाषा नहीं थी। अंग्रेजी भाषा को भारत के बहुत कम लोग समझते थे। पहले लेखक कविता उर्दू और अंग्रेजी में लिखा करते थे। लेकिन जब वह इलाहाबाद आये तो उन्होंने बच्चन, निराला और पन्त जैसे बड़े लेखक देखें। उसके बाद लेखक अपनी कविता हिंदी भाषा में लिखने लगे।

प्रश्न 3 – अपनी कल्पना से लिखिए कि बच्चन ने लेखक के लिए ‘नोट’ में क्या लिखा होगा?

उत्तर :- मेरे कवि मित्र और बी.ए. के सहपाठी नरेंद्र शर्मा एम. ए. कर चुके थे और दिल्ली में एक बार उनसे मुकालत भी हुई थी। पता नहीं वह कांग्रेस की राजनीति में संलग्न थे या कोई पत्रकारी वसीला’ खोज रहे थे। तभी एक बार बच्चन स्टूडियो में आए। क्लास खत्म हो चुकी थी। मैं जा चुका था। वह एक नोट छोड़ गए मेरे लिए। मुझे नहीं याद कि उसमें क्या लिखा था। मगर वह एक बहुत मुख्तसर सा और अच्छा सा नोट था। मैंने कहीं बहुत गहराई से अपने को कृतज्ञ महसूस किया और वह देहरादून चला गया। इसलिए हमें यह लगता है कि बच्चन ने लेखक को देहरादून के लिए आमंत्रित किया था।

प्रश्न 4 – लेखक ने बच्चन के व्यक्तित्व के किन-किन रूपों को उभारा है?

उत्तर :- लेखक एक ऐसे व्यक्ति के साथी थे, जिसका व्यक्तित्व हम आर पार देख सकते हैं। बच्चन जी बातों के धनी थे जिनकी बात सुनकर कोई भी प्रेरित हो सकता है। बच्चन जी जो भी संकल्प लेते थे उसको पूरा करके ही मानते थे और अपने काम को समय के अनुसार पूरा करते थे।

प्रश्न 5 – बच्चन के अतिरिक्त लेखक को अन्य किन लोगों का तथा किस प्रकार का सहयोग मिला?

उत्तर :- वैसे तो लेखक के अलावा बच्चन के बहुत से साथी रहे होंगे परन्तु देहरादून जाने के बाद बच्चन के पिता ने उनको सूफी नज्मों का संग्रह देकर प्रेरित किया जो कि आशीर्वाद के रूप में काफी लंबे समय तक उनका साथ देता रहा। इसके साथ पंत जी की सहायता से या सहज कृपा से हिन्दू बोर्डिंग हाउस में इंडियन प्रेस अनुवाद का काम मिला। उनके सहपाठी नरेन्द्र शर्मा ने भी उनका सहयोग दिया।

प्रश्न 6 – लेखक के हिंदी लेखन में कदम रखने का क्रमानुसार वर्णन कीजिए।

उत्तर :- लेखक ने हिंदी लेखन की शुरुआत इलाहबाद से की, हिंदी का लेखक को अपनी तरफ आकृष्ट करना और इसका स्पष्ट कारण तो मेरी चेतना में निराला और पंत थे, उनसे प्राप्त संस्कार और इलाहाबाद प्रवास और इलाहाबाद के हिंदी साहित्यिक वातावरण में मित्रों से मिलने वाला प्रोत्साहन उनको इस लेखन में आगे बढ़ने से नहीं रोक पाया। लगातार लिखी हुई पत्रिकाओं और कविताओं से प्रेरित होकर वे विकास की ओर बढ़ते चलें गए।

प्रश्न 7 – लेखक ने अपने जीवन में जिन कठिनाइयों को झेला है, उनके बारे में लिखिए।

उत्तर:- लेखक ने अपने जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना किया। लोगों के जुमले अथवा बेफिजूल की बातों से परेशान होकर अपने निजी स्थान को छोड़कर दिल्ली चलें जाना, जहाँ एक दम से घर न मिल पाना उनके लिए दुःखदायक रहा था। अंग्रेजी में कविता लिखना और वह भी प्रसिद्धि प्राप्त नहीं कर पाई यह भी उनके लिए अच्छा समय नहीं था। कभी देहरादून काम करना तो कभी इलाहबाद में काम करना उनके लिए बहुत कठिन समय था।

कक्षा 9 हिंदी कृतिका भाग-1 के सभी पाठ के एनसीईआरटी समाधान नीचे देखें

एनसीईआरटी समाधान :- “कृतिका भाग-1”

अध्यायविषय के नाम
1इस जल प्रलय में
2मेरे संग की औरतें
3रीढ़ की हड्डी
4माटी वाली
5किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया

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कक्षा 9 हिंदी किताब क्षितिजस्पर्शसंचयन के प्रश्न उत्तरयहां से देखें

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