हमारा देश अनेक रिश्तों के बंधनों में बंधा हुआ देश है, जिसमें से एक पवित्र रिश्ता भाई और बहन का भी है, जो प्रेम की एक ऐसी अटूट डोर से बंधा हुआ है जिसे चाह कर भी कभी तोड़ा नहीं जा सकता। भाई-बहन के इस पवित्र बंधन का ही पवित्र पर्व है रक्षाबंधन (Raksha Bandhan)। रक्षाबंधन दो शब्दों रक्षा और बंधन के मेल से बना हुआ है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु की कामना करती हैं और भाई भी जीवनभर अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले रक्षाबंधन के पर्व को राखी (Rakhi) का त्योहार भी कहते हैं।
परिचय
रक्षाबंधन का त्योहार मुख्य रूप से हिंदू धर्म के लोगों का त्योहार है, जिसे हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर और माथे पर तिलक लगाकर मनाती हैं। भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं है बल्कि ये भाई-बहन के रिश्ते को मजबूती प्रदान करने वाला मुख्य अधार है। हिंदू धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी रक्षाबंधन के त्योहार को पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाते हैं। रक्षाबंधन के त्योहार को राखी का त्योहार भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन कच्चे सूत्र से बनी राखी का महत्त्व सबसे अधिक होता है।
पवित्र प्रेम का प्रतीक है रक्षाबंधन
रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के बीच पवित्र प्रेम के प्रतीक को सदियों से दर्शाता हुआ चला आ रहा है। रक्षाबंधन का अर्थ होता है रक्षा का बंधन। जब एक भाई रक्षासूत्र के समान राखी अपनी कलाई में बांध लेता है, तो वह इस पवित्र प्रेम बंधन से बंध जाता है और अपने प्राणों की चिंता किये बिना भी हर हाल में अपनी बहन की रक्षा करता है। रक्षाबंधन भाई और बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक के साथ-साथ भाई-बहन के रिश्ते की अटूट डोर का भी प्रतीक है। रक्षाबंधन का त्योहार भावनाओं और संवेदनाओ का त्योहार है, जिसमें हर भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन उसे देता है।
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?
रक्षाबंधन का त्योहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि ये हर भाई को अपनी बहन के प्रति उसके कर्तव्य को याद दिलाता है। रक्षाबंधन के मौके पर हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके हमेशा खुश रहने और स्वस्थ रहने की कामना करती है। भाई भी अपनी बहन को बदले में ये वचन देता है कि कोई भी विपत्ति आ जाये, वो भी अपनी बहन की हमेशा रक्षा करेगा।
रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?
भाई-बहन के बीच का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन हर साल मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अगस्त के महीने में आती है।
रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?
रक्षाबंधन के त्योहार की शुरुआत सुबह से ही हो जाती है। भाई और बहन सबसे पहले भगवान की पूजा करते हैं। पूजा करने के बाद बहनें एक थाली में रोली, चावल, कुमकुम, दीपक, राखी और मिठाई रखकर उसे सजाती हैं। थाली सजाने के बाद बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, दीपक जलाकर उनकी आरती उतारती हैं और उनकी कलाई पर राखी बांधकर उन्हें मिठाई खिलाती हैं। राखी बांधते वक्त बहनें अपने भाई की खुशी, लंबी उम्र और तरक्की की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहन को मिठाई खिलाता है और बदले में कोई उपहार या पैसे देकर उनके पैर छुता है। अपनी कलाई में रक्षासूत्र के समान राखी बंधवाकर भाई भी अपनी बहन को वचन देता है कि वह जीवनभर उसकी रक्षा करेगा। आखिर में भाई और बहन सैल्फी लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाली रस्म को पूरा करके रक्षाबंधन के त्योहार को पूरा करते हैं।
रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत कब से हुई?
रक्षाबंधन की शुरुआत कब से हुई, ये तो निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं और कहानियां सुनने को मिलती हैैं। ऐसा भी कहा जाता है कि महाभारत काल में इस पर्व का वर्णन है। भविष्य पुराण में भी रक्षाबंधन का वर्णन मिलता है, जिसमें बताया गया है कि एक बार देव और दानवों में युद्ध हुआ, तो दानव हावी होने लगे। तब भगवान इंद्र घबराकर बृहस्पति के पास पहुंचे। इन्द्र की पत्नी इंद्राणी ने रेशम का धागा अपने पति के हाथ पर बांध दिया था और वह श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था। रक्षाबंधन का इतिहास सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ा हुआ भी बताया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस त्यौहार की शुरुआत लगभग छह हजार साल पहले हुई थी। ये भी सुनने को मिलता है कि रक्षाबंधन की शुरुआत सबसे पहले रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं ने की थी। इस त्योहार का एक और पौराणिक साक्ष्य मिलता है जो बताता है कि रक्षाबंधन का त्योहार भगवान कृष्ण और द्रौपदी से जुड़ा हुआ है। अगर देखा जाए तो रक्षा बंधन पर्व के इतिहास से जुड़े हुए कई प्रसंग हमारे सामने आते हैं।
निष्कर्ष
आज के जीवन में रक्षाबंधन या राखी का त्योहार केवल भाई-बहन के रिश्ते को ही नहीं दर्शाता बल्कि ये भी बताता है कि उस रिश्ते को पूरी श्रद्धा और विश्वास के धागे के साथ कैसे निभाया जाए। हर राखी बंधवाने वाले भाई को और राखी बांधने वाली बहन को यह कोशिश करनी चाहिए कि वह उस रिश्ते को पूरी निष्ठा और कर्तव्य के साथ निभाएं।
रक्षाबंधन पर निबंध 100 शब्दों में
रक्षाबंधन का त्योहार भारत के मुख्य त्योहारों में से एक है, जिसे राखी भी कहा जाता। ये त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रक्षाबंधन विशेष रूप से भाई-बहन का त्योहार होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से रक्षाबंधन अगस्त के महीने में आता है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन वाले दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी हर इच्छा पूरी हो, ऐसी कामना भी करती है। बदले में भाई भी अपनी बहन को हर तरह की मुसीबत से बचाने का और उसकी जीवनभर रक्षा करने का वचन देता है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजूबत बनाता है।
रक्षाबंधन पर निबंध 150 शब्दों में
रक्षाबंधन दो शब्दों रक्षा और बंधन के मेल से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है, रक्षा का बंधन या रक्षा करने वाला बंधन। रक्षाबंधन मुख्य रूप से हिंदू धर्म के लोगों का त्योहार है, लेकिन अन्य धर्म के लोग भी इसे खुशी के साथ मनाते हैं। रक्षाबंधन के त्योहार से कुछ दिन पहले ही बाजार सजने शुरू हो जाते हैं। बाजारों में राखियों की दुकान लगना शुरू हो जाती है और मिठाइयों की दुकान में भी भीड़ लगी रहती है।
बहनें अपने भाइयों के लिए सुंदर-सुंदर राखी खरीदती हैं और भाई अपनी बहनों को देने के लिए कोई उपहार खरीदते हैं। रक्षाबंधन वाले दिन सभी घरों में तरह-तरह के पकवान भी बनते हैं। इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है, माथे पर तिलक और चावल लगाती हैं और मिठाई खिलाकर उनकी लंबी आयु और जीवनभर खुश रहने की मंगल कामना करती है। राखी बंधवाने के बाद भाई भी अपनी बहनों को कोई उपहार या नकद पैसे देकर हर तरह से उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
रक्षाबंधन पर निबंध 300 शब्दों में
रक्षाबंधन मुख्य रूप से भाई-बहन का त्योहार होता है। ये हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसे राखी का त्योहार भी बोलते हैं। क्योंकि इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है। राखी का त्योहार भाई-बहन के रिश्तों को और भी मजबूत बनाने के लिए हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को भारत के लगभग हर राज्य में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी रक्षाबंधन का त्योहार मानते हैं।
रक्षाबंधन के दिन हर बहन अपने भाई को कच्चे धागे से बनाई गई राखी या रक्षासूत्र बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है। राखी भले ही कच्चे धागे से बनाई जाती है लेकिन भाई की कलाई पर बंधने के बाद वह अटूट हो जाती है। रक्षाबंधन के त्योहार को मनाने का अपना एक विशेष नियम और तरीका होता है, जिसका हम सभी को पालन करना चाहिये। रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले भाई-बहन को भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद बहन को एक थाली तैयार करनी चाहिए जिसमें रोली, अक्षत, कुमकुम और एक दीपक जला हुआ हो। फिर बहनों को अपने भाइयों की आरती उतारनी चाहिए और उनकी लंबी उम्र तथा समृद्धि की मंगलकामना करते हुए उन्हें राखी बांधनी चाहिए और मिठाई भी खिलानी चाहिए। इसके बाद भाइयों को अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन देना चाहिए कि वह उनकी हमेशा रक्षा करेंगे और उन्हें कोई उपहार भी भेंट करना चाहिए।
रक्षाबंधन का पर्व हर साल इसीलिए मनाया जाता है कि हमें इस बात का एहसास हो सके कि एक बहन द्वारा अपने भाई के प्रति उसके क्या कर्तव्य हैं और भाई भी इस बात को न भूले की उसे अपनी बहन की किस तरह से रक्षा करनी है। जो रक्षासूत्र एक बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती है उसमें इतनी शक्ति होती है कि वह उसे इस बात का एहसास दिलाता है कि हर विकट परिस्थिती में भी वह रक्षासूत्र उसकी रक्षा करेगा और ठीक उसी तरह वह भी हर मुसीबत में अपनी बहन की रक्षा करनी की कोशिश करेगा।
रक्षा बंधन पर 10 लाइन निबंध
- रक्षाबंधन का त्योहार मुख्य रूप से हिंदू धर्म के लोगों का त्योहार है।
- हर साल रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
- रक्षाबंधन के त्योहार को राखी का त्योहार भी कहा जाता है।
- रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन का पर्व है जो उनके बीच पवित्र प्रेम के प्रतीक को दर्शाता है।
- रक्षाबंधन वाले दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।
- इस दिन बहनें अपने भाई की खुशी, लंबी उम्र और तरक्की की कामना करती हैं।
- भाई भी अपनी बहन को वचन देता है कि वह जीवनभर उसकी रक्षा करेगा।
- ऐसा कहा जाता है कि इस त्योहार की शुरुआत लगभग छह हजार साल पहले हुई थी।
- रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजूबत बनाता है।
- हिन्दू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी रक्षाबंधन का त्योहार मानते हैं।
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रक्षाबंधन पर FAQs
प्रश्न 1- हमारे देश में राखी का क्या महत्व है?
उत्तरः राखी का त्योहार भाई और बहन के बीच पवित्र प्रेम का प्रतीक है।
प्रश्न 2- रक्षाबंधन का इतिहास क्या है?
उत्तरः रक्षाबंधन के इतिहास को लेकर कई पौरणिक कथाएं और कहानियां सुनने को मिलती हैं।
प्रश्न 3- रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है निबंध?
उत्तरः इस जवाब के लिए ऊपर दिए गए रक्षाबंधन निबंध हिंदी को पढ़ें।
प्रश्न 4- राखी कैसे मनाई जाती है?
उत्तरः बहन के द्वारा भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर राखी का त्योहार मनाया जाता है।