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आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in Hindi)

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Ekta Ranga
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आतंकवाद पर निबंध (Essay on Terrorism in Hindi) – अहिंसा मानव के लिए सबसे जरूरी चीज होती है। हमें हर पल अहिंसा का साथ देना चाहिए। आपने यह कहते हुए भी सुना होगा कि अहिंसा हमारा परम धर्म होता है। हमारे शास्त्रों में यही लिखा है कि हमें कभी भी हिंसा नहीं करनी चाहिए। किसी को डरा धमकाकर काम करवाना सही नहीं होता है। हिंसा के मार्ग पर चलना बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं होती है। हिंसक व्यक्ति के दिमाग का संतुलन बिगड़ जाता है। वह अच्छे और बुरे के बीच में अंतर नहीं देख पाता है। ऐसे व्यक्ति को आतंकवादी की संज्ञा दी जाती है।

आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in Hindi)

आतंक शब्द ही सुनने में बहुत अजीब लगता है। आतंकवाद अपने आप में गंभीर समस्या है। आतंक एक प्रकार का रोग है। यह रोग अक्सर दिमाग में पनपता है। आतंक से भरा व्यक्ति कुछ भी करने को तैयार हो जाता है। उस व्यक्ति के सिर पर सनक सवार होती है। आतंकवाद धीरे-धीरे फैलने वाला रोग है। आज के समय में हमारे समाज में आतंक व्यापक रूप से फैल गया है। इसकी कोई सीमा ही नहीं रही है। आतंक किसी भी रूप में हो वह घातक ही होता है। आतंक से पूरे समाज में दहशत पैदा हो जाती है।

आतंकवाद से किसी का भी भला नहीं होता है। आतंक को समाज और देश के लिए एक कलंक से ज्यादा और कुछ नहीं माना जाता है। आतंकवाद किसी भी देश को आर्थिक रूप से कमजोर बना देता है। आतंकवाद के चलते अनेक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। आतंक के चलते समाज में लोग डरे सहमे से रहते हैं। इसी वजह के चलते समाज में कोई भी पनप नहीं सकता है। तो आज का हमारा विषय आतंकवाद पर आधारित है। तो चलिए हम आतंकवाद पर निबंध पढ़ना शुरू करते हैं।

प्रस्तावना

आज के समय दुनिया में आतंकवाद एक ऐसी समस्या बन चुकी है जिस पर लगाम लगाना बहुत ज्यादा जरूरी हो चुका है। आतंकवाद की अवधारणा एक सीमित दायरे में नहीं आती है। आतंकवाद का दायरा बहुत बड़ा है। वह हर चीज़ जो किसी भी तरह से किसी के मन और ह्रदय में भय को उत्पन्न करे वह आतंकवाद की श्रेणी में आता है।

आतंकवाद भारत के लिए भी उतनी ही बड़ी समस्या है जितनी किसी दूसरे देश की। आतंकवाद के चलते संसार में कितने ही लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। यह समस्या समाज में व्यापक रूप से फैली हुई है। यह उस दीमक की तरह जो समाज को खोखला किए जा रहा है।

आज आतंकवाद के चलते समाज अपने आप को बहुत ही कमजोर महसूस करता है। आतंकवादी को एक ही रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। जो भी किसी को डराता या धमकाता है, उसे भी आतंकवादी की श्रेणी में डाला जाता है। जिसके सिर पर आतंकवाद सवार होता है वह मनुष्य होते हुए भी एक दैत्य के समान ही माना जाता है।

ऐसा इंसान एक हैवान की तरह काम करता है। उसे हर बुरे काम को करने में आनंद की अनुभूति होती है। यह ठीक उसी प्रकार है जैसे कि एक समय पर रावण और कंस जैसे राक्षस धरती पर आतंक फैलाते थे। वह हमेशा भले लोगों को अपना निशाना बनाते थे। आज हम सभी को पग पग पर आतंकवादी देखने को मिलेंगे।

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आतंकवाद क्या है?

आतंकवाद आज के समय में एक बहुत बड़ी समस्या है। आज के इस दौर में आतंकवाद ने भयानक रूप ले लिया है। आतंकवाद जहर के समान है। यह समाज में सभी को धीरे धीरे खत्म कर देता है। आतंकवाद समाज को खोखला बना देता है। आज हम अपने समाज में हर जगह आतंक का माहौल देख सकते हैं।

आज छोटी छोटी बातों में बहस और तनाव हो जाता है। यह तनाव कब बड़े झगड़े में बदल जाता है कुछ पता ही नहीं चलता है। यह झगड़ा एक प्रकार से आतंकवाद ही होता है। आतंकवाद शब्द कोई नया शब्द नहीं है। आतंकवाद की समस्या ने लोगों को हमेशा से ही परेशान किया है। आज से हजारों साल पहले भी आतंक फैलाने वाले राक्षस हमारे समाज का हिस्सा थे।

उन सभी ने मिलकर पूरी दुनिया में आतंक फैला रखा था। वह सभी को परेशान किया करते थे। वह सभी उस समय के आतंकवादी थे। आज के समय में आतंकवादी बहुत ज्यादा फैल गए हैं। आतंकवादी संगठन व्यापक रूप से फैल चुके हैं। पूरी दुनिया में आज कहीं पर भी बम धमाके हो जाते हैं। इन बम धमाकों में कितने ही लोग मारे जाते हैं। दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान भुगतना पड़ता है। आतंकवाद विष के समान सब कुछ खत्म कर देता है।

आतंकवाद के कारण

आतंकवाद आज के समय में एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। आज पूरी दुनिया को आतंकवाद ने अपनी चपेट में ले रखा है। आतंकवाद फैलने के पीछे भी कई कारण हो सकते हैं। चलिए हम इन कारणों पर गौर करते हैं –

(1) अशिक्षा और बेरोजगारी – आतंकवाद फैलने का सबसे बड़ा कारण है अशिक्षा और बेरोजगारी। आज का युवा अशिक्षा और बेरोजगारी होने के चलते भटक गया है। उसे सही और बुरे का कोई फर्क नहीं रह गया है। क्योंकि एक युवा अशिक्षित होता है तो उसे राह से भटकाना बहुत आसान होता है। राह से भटका व्यक्ति हिंसा के मार्ग पर ही चलता है।

(2) मनोवैज्ञानिक कारण – आतंकवादी बनने के पीछे का कारण मनोविज्ञान भी होता है। बहुत बार ऐसा होता है कि लोग भोले भाले युवाओं का ब्रेनवाश कर देते हैं। उन युवा लोगों को यह सिखाया जाता है कि आतंक फैलाने से समाज में प्रतिष्टा बढ़ती है। वह बच्चे समाज में अपने रुतबे को बनाने के चक्कर में आतंकवादी बन जाते हैं। उनका दिमाग हिंसक रूप में काम करने लगता है।

(3) जागरूकता की कमी – समाज चाहे कोई भी हो जब तक समाज में सही रूप से जागरूकता नहीं होती है तो उस स्थिति में समाज में असंतोष और अराजकता फैलती है। इसी जागरूकता की कमी के चलते ही आतंकी पनपते हैं। इन सभी आतंकियों को हल्के में लिया जाता है। इसी वजह से इनकी हिम्मत और बढ़ती चली जाती है।

आतंकवाद रोकने के उपाय

आतंकवाद जैसी गंभीर समस्या को रोकना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि आतंकवाद पर रोकथाम ही नहीं लगाई जा सकती है। आतंकवाद एक प्रकार का रोग है जिसका निदान हम बड़े ही अच्छे तरीके से कर सकते हैं। आतंकवाद को रोकने का सबसे ज्यादा कारगर उपाय है शिक्षा को बढ़ावा देना।

जब समाज में लोग शिक्षित होते हैं तो वह रोजगार भी प्राप्त कर लेते हैं। शिक्षित व्यक्ति कभी भी किसी के बहकावे में नहीं आता है। दूसरा उपाय है पूरी दुनिया का एकजुट होना। यह बहुत जरूरी है कि पूरी दुनिया एकजुट होकर आतंकवाद से लड़े। एकजुटता से बड़ी से बड़ी समस्या भी खत्म की जा सकती है। जागरूकता भी आतंकवाद से लड़ने में सहायक हो सकती है।

आतंकवाद पर प्रसिद्ध उद्धरण

(1) मैं किसी भी परिस्थिति में जान से मारना या हत्या करना या आतंकवाद को अच्छा नहीं मानता। – महात्मा गांधी

(2) आतंकवाद की कोई राष्ट्रीयता या धर्म नहीं है। – व्लादिमीर पुतिन

(3) यदि आप आवाज़ नहीं उठाएंगे तो आतंकवाद फैल जाएगा। – मलाला युसूफजई

(4) यदि हम आतंकवाद के जवाब में मानव अधिकारों और क़ानून के शासन को नष्ट कर देते हैं तो ये उनकी जीत है। – जोय्ची इटो

(5) टेररिज्म युद्ध का एक सिस्टेमेटिक हथियार बन गया है जो कोई सीमा नहीं जानता और जिसका कभी-कभार ही कोई चेहरा होता है। – जाक शिराक

(6) हमारे लिए विश्वव्यापी आतंकवाद को कम करने का एक तरीका ये है कि हम इसमें इंगेज होना बंद कर दें। – नोम चौमस्की

(7) हमारे मूल्य और जीने का तरीका रहेंगे- आतंकवाद नहीं होगा। – जाॅन लिन्डर

(8) आप आतंकवाद के खिलाफ युद्ध कैसे छेड़ सकते हैं जब युद्ध खुद आतंकवाद है? – हावर्ड जिन

(9) यदि आप दहशतगर्दी से लड़ते हैं, तो ये भय पर आधारित है। यदि आप शांति को बढ़ावा देते हैं; तो ये आशा पर आधारित है। – ग्रेग मॉर्टनसन

(10) आतंकवाद और धोखा शक्तिशालियों के नहीं बल्कि कमजोरों के हथियार हैं। – महात्मा गांधी

(11) हम आतंकवादियों से लड़कर आतंकवाद को पैदा नही करते। हम उन्हें अनदेखा करके आतंकवाद को आमंत्रित करते हैं। – जार्ज डब्ल्यू बुश

आतंकवाद पर निबंध 150 शब्दों में

आतंकवाद का नाम सुनते ही किसी के भी मन में भय का माहौल पैदा हो जाता है। यह शब्द किसी को भी भयभीत कर सकता है। आतंकवाद को हम किसी खतरनाक बीमारी से जोड़कर देख सकते हैं। गंभीर बीमारी के समान ही आतंकवाद भी फैलता रहता है। आतंकवाद को रोकना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। हम सभी इसका उदाहरण देख चुके हैं।

हम सभी को यह पता है कि कितने आतंकवादी संगठन आज दुनियाभर में दहशत फैलाए हुए हैं। आए दिन दुनिया में आतंकी हमले होते रहते हैं। आतंकवाद ने अपनी जड़े मजबूत कर रखी है। आतंकवाद किसी को भी नहीं बख्शता है। आतंकवाद मानवता और अर्थव्यवस्था दोनों को हिलाकर रख देता है। लेकिन आतंकवाद को लेकर हम सभी को सजग होना पड़ेगा। आतंकवाद को जड़ से खत्म करना ही हम सभी का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।

आतंकवाद पर 10 लाइनें

(1) आतंकवाद एक प्रकार की भयानक समस्या है।

(2) आतंकवाद पूरी दुनिया को खोखला बना देता है।

(3) आतंक और दहशत फैलाने वाले लोगों को आतंकवादी की श्रेणी में रखा जाता है।

(4) पूरी दुनिया के लोग आतंकवाद का नाम सुनते ही थर थर कांपने लगते हैं।

(5) आतंकवाद मानवता और अर्थव्यवस्था को गंभीर चोट पहुंचाता है।

(6) आतंकवादी हमला कहीं पर भी किसी भी रूप में हो जाते हैं।

(7) आतंकवाद के माध्यम से निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जाता है।

(8) आतंकवाद किसी भी रूप में हो सकता है। इसकी कोई श्रेणी नहीं होती।

(9) आतंकवाद दुनिया में हमेशा से ही प्रचलन में था। समय के साथ आतंकवाद के रूप बदलते गए।

(10) आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए सभी को शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है।

उपसंहार

आतंकवाद ने हमेशा से ही हमें परेशान किया है। आतंकी हमले दुनियाभर में कहीं पर भी हो जाते हैं। आतंकवाद दुनिया को कमजोर बनाता है। हमारा उद्देश्य यही होना चाहिए कि हमें आतंकवाद को खत्म कर देना चाहिए।

आतंकवाद पर निबंध FAQs

प्रश्न 1. आतंकवाद क्या है?

उत्तर- आतंकवाद जहर के समान है। यह समाज में सभी को धीरे धीरे खत्म कर देता है। आतंकवाद समाज को खोखला बना देता है। दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान भुगतना पड़ता है। आतंकवाद विष के समान सब कुछ खत्म कर देता है।

प्रश्न 2. आतंकवाद फैलने का मुख्य कारण क्या रहता है?

उत्तर- आतंकवाद फैलने का मुख्य कारण अशिक्षा और बेरोजगारी है।

प्रश्न 3. आतंकवाद शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई थी?

उत्तर- आतंकवाद शब्द की उत्पत्ति आतंक शब्द से मानी गई है।

प्रश्न 4. आतंकवाद के रूप कितने होते हैं?

उत्तर- बमबारी, सशस्त्र हमले, अपहरण या बंधक बनाना आदि।

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