विश्व हिंदी दिवस- संसार में अनेक प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं। बहुत सी ऐसी भाषाएँ हैं जिनसे हम परिचित भी नहीं है लेकिन हिंदी एक ऐसी भाषा है, जो संपूर्ण विश्व में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी है। यही कारण है कि आज भारतवासियों को अपनी मातृभाषा हिंदी पर गर्व है। फिर भी बहुत से भारतवासी अपनी ही भाषा हिंदी बोलने में कई व्यक्तिगत कारणों से पीछे हटते हैं या शर्म महसूस करते हैं। लोग ऐसा इसलिए भी करते हैं क्योंकि देश में अंग्रेजी बोलने वाले लोगों को अधिक सभ्य और शिक्षित माना जाता है, वहीं हिंदी बोलने वाले लोगों को असभ्य और अनपढ़। जबकि अन्य देशों में ऐसा नहीं है, वे लोग अपनी भाषा को वैकल्पिक भाषा के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं। हमारे देश में कुछ ऐसे सुधार हुए जिसकी वजह से हिंदी को राजभाषा तथा अधिकारिक भाषा के रूप में पहचान मिली।
हिंदी भाषा वैश्विक स्तर
विविधता में एकता रखने वाले भारत देश की हिंदी भाषा वैश्विक स्तर पर अपने गौरव को दिन प्रतिदिन बढ़ा रही है। इस भाषा में एक अलग प्रकार की मिठास व अपनापन मौजूद है। वैश्विक स्तर पर इस भाषा का महत्व बढ़ने के कारण विदेशों में रहने वाले भारतीयों को भी अलग पहचान मिल रही है। इन भारतीयों को जब विदेशों में हिंदी बोलने वाला सहयोगी या साथी मिलता है तब उनमें खुशी की लहर दौड़ पड़ती है और अपने देश व भाषा के प्रति उनका प्रेम सातवें आसमान पर पहुँच जाता है। बहुत से लोगों को पता होगा कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) होता है। इसलिए हम आपके लिए विश्व हिंदी दिवस (Vishwa Hindi Diwas) से जुड़ा एक लेख लेकर आए हैं। इस लेख के माध्यम से आप विश्व हिंदी दिवस का इतिहास, उसका महत्व, वर्ष 2024 विश्व हिंदी दिवस की थीम और विश्व हिंदी दिवस से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण व रोचक बातों के बारे में जानेंगे।
विश्व हिंदी दिवस
वैश्विक स्तर पर विश्व हिंदी दिवस प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में सर्वप्रथम महाराष्ट्र के नागपुर में 10 जनवरी 1975 को एक सम्मेलन आयोजित किया गया था। उस दौरान 30 देशों के 122 प्रतिनिधि सम्मेलन का हिस्सा बने थे। इस सम्मेलन के आयोजन के बाद वैश्विक स्तर पर सबसे पहले नॉर्वे के भारतीय दूतावास में विश्व हिंदी दिवस कार्यक्रम मनाया गया। नागपुर में हुए आयोजन का मुख्य उद्देश्य विश्व में हिंदी का मान-सम्मान बढ़ाना था। विश्व हिंदी दिवस सम्मेलन 10 जनवरी को आयोजित किया गया था, इसलिए भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 10 जनवरी 2006 को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा कर दी गई। तभी से पूरी दुनिया में बड़े धूमधाम से विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, विशेषकर हिंदी से जुड़ी संस्थाओं, विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में।
वर्ष 2024 विश्व हिंदी दिवस थीम
अभी तक लगभग सभी थीम साहित्यिक या भाषा पर आधारित होती थी लेकिन इस बार की थीम ने लोगों को हैरान कर दिया है क्योंकि इस बार विश्व हिंदी दिवस की थीम बेहद रोचक रखी गई है। वर्ष 2024 की थीम “हिंदी पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता” पर केंद्रित रहेगी। कृत्रिम बुद्धिमता को बढ़ावा देकर मशीनी ज्ञान के माध्यम से हम वैश्विक-ज्ञान को सहज भाषा में आसानी से प्राप्त कर पाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भी था कि भारत वैश्विक स्तर पर कृत्रिम बुद्धिमता का केंद्र बन सकता है। प्रधानमंत्री के इस सपने को भारतवासी ही सच कर सकते हैं और इसके लिए भारत में कई तरह के प्रयास शुरू भी किए जा चुके हैं।
विश्व हिंदी दिवस का महत्व
हिंदी दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने का अर्थ है कि हिंदी भाषा ने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। अब विदेशों में हिंदी सिनेमा, हिंदी पत्रिका और हिंदी भाषा में छपी साहित्यिक पुस्तकों को बड़े चाव से देखा और पढ़ा जाने लगा है। वर्तमान में प्रत्येक देश से हिंदी को स्नेह प्राप्त हो रहा है लेकिन हमारे देश भारत में अंग्रेजी के महत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसमें देश के युवाओं की भूमिका अधिक है।
हम लोग भूल रहे हैं कि हिंदी देश के जन-जन की भाषा है इसलिए पूरे विश्व में 10 जनवरी को इस भाषा को एक त्यौहार की तरह बड़े हर्ष के साथ मनाया जाता है। विश्व हिंदी दिवस के दिन विश्व के सभी लोग हिंदी के प्रति अपने स्नेह को उजागर करते हुए अपने जीवन में भारत की संस्कृति और परंपरा के महत्व को भी बताते हैं। इस दिन ने हिंदी भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हर क्षेत्र में नई पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपनी विख्याति के कारण ही वर्तमान में हिंदी भाषा विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली टॉप-टेन भाषाओं में स्थान रखती है।
इसका मुख्य उद्देश्य
विश्व हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में हिंदी भाषा के प्रसार-प्रचार को बढ़ावा देना है। विभिन्न देशों में रहने वाले लोगों में हिंदी के प्रति स्नेह को बढ़ाने के लिए उन्हें भाषा के लाभ से परिचत कराने हेतु इस दिन को एक बेहतर अवसर के रूप में उपयोग किया जाता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद-351 भी हिंदी भाषा के विकास से जुड़े निर्देशों पर आधारित है। हर वर्ष इस तरह के अनेकों प्रयास किए जाते हैं, जो हिंदी भाषा के गौरव को और अधिक बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर आने वाले हर वर्ष में इतने ही हर्ष के साथ विश्व हिंदी दिवस को मनाया जाता है, तो वो दिन दूर नहीं जब हिंदी एक श्रेष्ठ वैश्विक भाषा के रूप में हमारे सामने होगी।
विश्व हिंदी दिवस से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण बातें
- 10 जनवरी 1975 को हुए प्रथम विश्व हिंदी दिवस के सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
- विश्व हिंदी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन 14 सितंबर को राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी दिवस मनाया जाता है।
- महात्मा गाँधी ने हिंदी को देश की राष्ट्र भाषा कहा था।
- ’10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाएगा’ इसकी घोषणा भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी।
- वर्तमान में विदेशों में रहने वाले अधिकतर भारतीय 10 जनवरी के दिन अपनी भाषा हिंदी और देश हिंद के प्रति अपने प्रेम को सोशल मिडिया के माध्यम से व्यक्त करते हैं।
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FAQs
प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिंदी को देश की राजभाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में पहचान मिली हुई है।
10 जनवरी 1975 को हुए प्रथम विश्व हिंदी दिवस के सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
नॉर्वे के भारतीय दूतावास में।
“हिंदी पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता”।
विश्व हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में हिंदी भाषा के प्रसार-प्रचार को बढ़ावा देना है।