गणतंत्र दिवस पर भाषण (Speech On Republic Day In Hindi)- 26 जनवरी गणतंत्र दिवस (26 January Republic Day) का दिन वह दिन है जब हर भारतीय हाथों में तिरंगा लिए गणतंत्र दिवस को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाता है। इस दिन हर भारतीय का मन देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्नेह से भर उठता है। यह वो दिन है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश में स्कूल-कॉलेज आदि जगहों पर भाषण (Speech) से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। इसीलिए parikshapoint.com आपके लिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण (26th January Republic Day Speech In Hindi) लेकर आया है।
गणतंत्र दिवस भाषण (Speech On Republic Day In Hindi)
अगर आप भी 26 जनवरी पर भाषण देने की सोच रहे हैं, तो आप हमारे इस पेज पर उपलब्ध गणतंत्र दिवस पर भाषण हिंदी में (Republic Day Speech In Hindi) से आइडियाज़ ले सकते हैं और 26 जनवरी पर एक अच्छी स्पीच तैयार कर सकते हैं। 26 जनवरी पर भाषण हिंदी में बोलने या पढ़ने का अपना एक तरीके होता है। Speech On Republic Day In Hindi में पढ़ते समय आपको कठिन शब्दों का खास ख्याल रखना होता है। स्पीच बोलते समय वक्ता का उच्चारण एकदम साफ और स्पष्ट होना चाहिए ताकि श्रोता उसकी बातों को आसानी से समझ सकें। रिपब्लिक डे स्पीच हिंदी (Republic Day Speech Hindi) बोलने से पहले कम-से-कम उसे एक से दो बार पढ़कर अभ्यास ज़रूर कर लेना चाहिए। हिंदी में 26 जनवरी पर स्पीच (Speech In Hindi On 26 Jan) पढ़ने के लिए नीचे देखें।
26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भाषण
हम आपके लिए India Republic Day पर Speech In Hindi Republic Day और खासकर बच्चों के लिए Republic Day Speech In Hindi For Students लेकर आए हैं। आप हमारे इस पेज से बहुत ही सरल और सहज भाषा में Speech About Republic Day In Hindi प्राप्त कर सकते हैं। इस पेज पर दी गई हमारी Republic Day Speech On Hindi से सुझाव ले सकते हैं और खुद की एक नयी स्पीच तैयार सकते हैं, जिसे बोलकर आप लोगों की खूब तालियाँ बटोर सकते हैं। रिपब्लिक डे पर स्पीच नीचे से पढ़ें।
रिपब्लिक डे स्पीच
माननीय प्रधानमंत्री जी, अतिथिगण, शिक्षकगण, मित्रगण, आप सभी को मेरा नमस्कार! ये तो हम सभी को पता है कि भारत 15 अगस्त, सन् 1947 को आजाद हुआ था। लेकिन, हमारे देश का संविधान 26 जनवरी, सन् 1950 को लागू हुआ था। इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। लिहाजा, हर साल 26 जनवरी को भारत के गणतांत्रिक राष्ट्र बनने के उपलक्ष्य में इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि इस वर्ष भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। यह किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं, कि किसी देश में जहां इतनी भिन्नताएं पाई जाती हैं, वहां देश के संविधान ने सभी संस्कृतियों को एकता के धागे में बांधा हुआ है। हर साल ही हमारे देश में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में विभिन्न राष्ट्रों से मेहमान आकार इस कार्यक्रम का आनंद लेते हैं। इस वर्ष हमारे गणतंत्र दिवस के अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
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जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं, वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।
दोस्तों स्वदेश के प्रेम में तो इस समय सभी डूबे हुए हैं। भारत ने अपनी छवि को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बेहतर स्थिति में पहुँचा दिया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के 77 वर्षों के बाद आज का भारत सम्पूर्ण विश्व के सामने आत्मविश्वास के साथ खड़ा है। भारत की रीढ़ कही जाने वाली भारतीय सेना आज विश्व की चौथी सबसे मजबूत सेना है, जिसके पास विश्व के सबसे घातक हथियार और आधुनिक तकनीक की मिसाइले मौजूद हैं। क्या ये गर्व की बात नहीं कि आज यदि भारत पर कोई सैटेलाइट अंतरिक्ष से नजर रखती है, तो भारत की तकनीकी मिसाइल अंतरिक्ष में घूम रही उस सैटेलाइट पर भी वार कर सकती है। इतना ही नहीं भारत की वायु सेना का लड़ाकू विमान भी सम्पूर्ण विश्व में आज चर्चा का विषय बना हुआ है।
तकनीक के क्षेत्र में न केवल भारतीय सेना बल्कि भारत के वैज्ञानिक भी पीछे नहीं है। आज भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो भारत को विश्व के सामने अपनी शक्ति से चौंका रहा है। हाल ही में हुए चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग इसका दर्शनीय उदाहरण है। भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया है। इसके अलावा आज भारत न केवल अपने उपग्रहों बल्कि विश्व के अन्य देशों के उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजता है।
दोस्तों आज भारत की साक्षरता दर 70% से भी अधिक है, जो कि स्वतंत्रता के समय में मात्र 12% ही थी। भारत में विश्व स्तर की बड़ी यूनिवर्सिटी और कॉलेज हैं, जिसमें बाहर के देशों से भी छात्र शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं।
भारतीय आज जीडीपी के लिहाज से विश्व अर्थव्यवस्था में नौवां स्थान रखता है, जो विश्व में तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी भारत ही है। वर्ष 2023-24 के लिए यह अनुमान भी लगाया गया है, कि भारत की जीडीपी 6.5% होगी।
भारत की तरक्की का कोई सीमित क्षेत्र नहीं है, आज भारत यात्रा के मामले में भी सबसे आगे है। भारतीय रेलवे विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है, और भारत ने वंदे भारत ट्रेन की सहायता से यात्रा को और भी अधिक सुविधापूर्ण बना दिया है। साथ ही भारत में कई नई इंडस्ट्री और कंपनियों की संख्या भी अब बढ़ती ही जा रही है। भारत ने लगभग सभी चीजों का उत्पादन बड़े स्तर पर करना शुरू कर दिया है।
लेकिन दोस्तों आज भी इन विकासशील बातों के बीच हमारे भारतीय गणतंत्र के सामने बहुत सी चुनौतियां मुंह फैलाए खड़ी हैं। आजादी के बाद से ही यहाँ भ्रष्टाचार में लगातार वृद्धि हुई है, जिसने चिंता को बढाया है। जैसा कि आप सभी जानते हैं, देश का बहुत बड़ा हिस्सा आज भी कई मूलभूत सुविधाएं प्राप्त नहीं कर पा रहा है। जिम्मेदार नेता और सरकारी अफसर अपनी जिम्मेदारियों से हाथ धो रहे हैं। इसने समाज में कमाने के कई गलत तरीकों को जन्म दिया है। देश की राजनीति भ्रष्ट नेताओं से भर गई है, जो देश के विकास की सबसे बड़ी रुकावट है।
देश की तरक्की के बीच बेरोजगारी, अशिक्षा, नक्सलवाद और आतंकवाद आदि ने देश में अपने पैर पसारकर इतनी मेहनत से किए गए उस विकास पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। आज वंचित जनता को देखकर सब व्यर्थ प्रतीत होता है। प्रशासन इन समस्याओं को सुलझाने में असमर्थ दिखाई पड़ रहा है। देश की समस्याएं आज भी जस की तस बनी हुई हैं।
देश का हर नागरिक समर्थ और शिक्षित होने का हक रखता है और देश का संविधान ही उन्हें यह हक प्रदान भी करता है, फिर क्यों आज ये बातें सिर्फ अखबारों के कागजों पर ही लिखी रह गई हैं, ये यथार्थ के धरातल पर कब उतरेंगी। आज देश का हर स्वतंत्र नागरिक इन समस्याओं का हल चाहता है। इस हल के साथ ही सच्चे अर्थों में भारत लोकतान्त्रिक देश बन सकेगा।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां जनता को देश का नेतृत्व करने के लिए अपने नेताओं का चुनाव करने के लिए अधिकृत किया जाता है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद हमारे भारत के पहले राष्ट्रपति थे। हमें सन् 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी, इसलिए हमारे देश का बहुत विकास हुआ और शक्तिशाली देशों में गिना गया। कुछ विकासों के साथ, कुछ कमियां भी पैदा हुई हैं, जैसे कि असमानता, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा, आदि। हमें अपने देश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश बनाने के लिए समाज में ऐसी समस्याओं को हल करने के लिए आज एक बार फिर संकल्प लेने की जरूरत है।
दोस्तों भारत को लंबे संघर्षों के बाद आजादी मिली। 2 साल 11 माह 18 दिन की समय अवधि में तैयार हुआ हमारे देश का संविधान दुनिया के अन्य देशों के समक्ष अद्भुत विशेष और मार्गदर्शक है, जो देश की जनता को उनके मौलिक अधिकारों से अवगत कर उन्हें इस देश में स्वतंत्रता पूर्वक जीवन जीने के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया से अपने अधिकारों का लाभ लेने में सहायता करता है। लोकतांत्रिक प्रणाली में विश्वास रखने वाले देशों के लिए हमारे देश का संविधान एक आदर्श है। हमें अपने इस संविधान का सदैव सम्मान कर इसमें वर्णित अपने अधिकारों का सदुपयोग कर नियम एवं कानूनों का पालन कर इस संविधान की गरिमा बनाए रखने में योगदान देना चाहिए।
मशहूर हिंदी कवि शैलेन्द्र की कुछ पंक्तियाँ हैं-
होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है
ज्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुजारा होता है
बच्चों के लिये जो धरती मां, सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
कुछ लोग जो ज्यादा जानते हैं, इंसान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं
मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज यही जो रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नही पूजा हमने
अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है..
अब में अपनी वाणी को विराम देना चाहूंगा, धन्यवाद।
जय हिंद, जय भारत।।
वीडियो के माध्यम से सुने गणतंत्र दिवस पर भाषण
FAQs
People also ask
प्रश्न- 26 जनवरी को भाषण कैसे दें?
उत्तरः आदरणीय मुख्य अतिथि/प्रधानाचार्य, मेरे अध्यापकगण और मेरे साथियों… आज हम अपने देश का 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद जरूर हुआ था लेकिन हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। 26 जनवरी 1950 ही वह दिन था जब भारत पूर्ण गणतंत्र बना।
प्रश्न- गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है स्पीच?
उत्तरः 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया था। भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया। 26 नवंबर, 1949 को देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था, इसलिए इस दिन को देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था।
प्रश्न- 26 जनवरी 2024 कौन सा गणतंत्र दिवस है?
उत्तरः 75वां गणतंत्र दिवस।
प्रश्न- भाषण कैसे शुरू करें?
उत्तरः अपने विचार व्यक्त करने के लिए यहां इस सभा में उपस्थित हुआ हूं, कृप्या मेरे विचारों को सुने। इसके तुरंत बाद आपको भाषण की शुरुआत कर देनी चाहिए। भाषण की समाप्ति पर आप सब का धन्यवाद करता हूं, बोलने के बाद भाषण वक्ता अपने स्थान को ग्रहण करने के लिए चला जाता हैं। तो इस तरह आप अपने एक अच्छे भाषण की शुरुआत कर सकते हैं।
प्रश्न- मंच पर अभिवादन कैसे करें?
उत्तरः सभी को नमस्कार के पश्चात हिन्दी में माननीय अतिथि महोदय सभा में उपस्थित सभी सदस्यों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन के साथ की जाती हैं। यदि आप अपने स्कूल के किसी कार्यक्रम में भाषण देने जा रहे हैं, तो सम्बोधन के दौरान इन पक्तियों का भी उपयोग कर सकते हैं, इससे आपका और आपके भाषण की शुरुआत का एक प्रभावी असर लोगों पर होगा।
प्रश्न- 26 जनवरी को हिंदी में क्या बोलते हैं?
उत्तरः गणतंत्र दिवस।
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