जब से धरती पर विकास होना शुरू हुआ तब से बहुत सी चीजें हमारे जीवन का हिस्सा बन गई। सबसे पहले मानव द्वारा आग का आविष्कार किया गया था। आग के आविष्कार के साथ ही साथ औजारों की खोज भी हुई। फिर बदलते युग के साथ मशीनीकरण ने लोगों के जीवन को बहुत हद तक आसान कर दिया। हवाई जहाज जैसे बड़े आविष्कार भी हुए। लेकिन वर्ष 1989 में एक ऐसी अनोखी खोज हुई जिसने पूरी दुनिया को एक नया आयाम दिया।
यहां बात हो रही है वर्ल्ड वाइड वेब (www) की। इसकी खोज ने लोगों के जीवन को बहुत हद तक आसान कर दिया। मेरे चाचा अमेरिका में रह रहे हैं। हम जब छोटे थे तो उनसे या तो चिट्ठी के माध्यम से बात किया करते थे। या फिर हम सब लैंडलाइन फोन के माध्यम से बात किया करते थे। लेकिन लैंडलाइन फोन से बात करना बहुत मुश्किल लगता था। क्योंकि अमेरिका में बात करना महंगा था। यह सिलसिला बहुत साल तक ऐसे ही चलता रहा।
लेकिन वर्ष 2006 तक पहुंचते-पहुंचते ई-मेल ने काम को थोड़ा सा आसान बना दिया था। अब बातें ई-मेल के जरिए आसान हो गई थीं। लेकिन उस समय मैं तब भी यही सोचा करती थी कि काश विडियो काॅलिंग की सुविधा भी उपलब्ध होती। आखिरकार मेरी इच्छा तब पूरी हुई जब वर्ष 2010 में व्हाट्सएप की सुविधा उपलब्ध हो गई। तो आज का हमारा विषय इंटरनेट पर आधारित है। तो आइए हम इंटरनेट पर निबंध पढ़ते हैं।
प्रस्तावना
इंटरनेट ने पूरी दुनिया को इतना ज्यादा आसान बना दिया कि आज हम सब कुछ एक ही क्लिक पर कर सकते हैं। इंटरनेट की ही बदौलत आज आम लोग फोन पर ही बैंक से संबंधित लेन-देन पूरा कर सकते हैं। इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुकिंग हो जाती है। ऑनलाइन शॉपिंग हो जाती है। मतलब एक क्लिक पर सारी दुनिया हाजिर है। इंटरनेट शब्द अंग्रेजी से उपजा है। हिंदी भाषा में इंटरनेट को अंतरजाल के नाम से जाना जाता है।
हमारे देश में इंटरनेट की सेवा 14 अगस्त 1995 से शुरू की गई थी। इंटरनेट के माध्यम से लाखों लोग एक साथ में इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। वर्ल्ड वाइड वेब ने दुनिया के लोगों के जीवन को बहुत हद तक आसान कर दिया है। आज इंटरनेट के माध्यम से हम कमाई के रास्ते भी खोज सकते हैं। इंटरनेट में दुनिया के सारे कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़ जाते हैं। जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं उन्हें वेबसाइट यूजर कहा जाता है।
इंटरनेट क्या है?
इंटरनेट एक प्रकार का इंटरकनैक्टेड नेटवर्क (Interconnected Network) है। इंटरनेट को हम अगर आसान भाषा में समझें, तो जब पूरी दुनिया में खूब सारे कंप्यूटर आपस में जुड़कर एक नेटवर्क बना लेते हैं, तो ऐसे में यह इंटरनेट कहलाता है। इस प्रकार का नेटवर्क हमारे जीवन को आसान बनाता है। इंटरनेट के माध्यम से हम खूब सारी जानकारी एक ही जगह पर जुटा सकते हैं।
इंटरनेट स्टूडेंट्स, टीचर्स, उपभोक्ताओं आदि के लिए एक वरदान की तरह काम करता है। वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट का दूसरा नाम है। इंटरनेट के इस विशाल नेटवर्क में दुनियाभर के सभी कंप्यूटर के साथ स्मार्टफ़ोन को भी जोड़ा जाता है। इंटरनेट पर पलक झपकते ही अनगिनत जानकारियां लोड हो जाती हैं। इन सारी जानकारियों को लोगों तक पहुंचाने का श्रेय सर्वर को जाता है।
इंटरनेट का इतिहास
आज के समय में अगर हमें बिजली का बिल भरना हो, तो हमें ज्यादा सोचना नहीं पड़ता है। हम ऑनलाइन ही बिजली का बिल भर सकते हैं। इंटरनेट ने लोगों के जीवन को सुविधाजनक बना दिया है। ऑनलाइन किताब खोजनी हो या फिर कपड़े खरीदने हों। इन सभी चीजों को आसान किया वर्ल्ड वाइड वेब ने। लेकिन क्या आप सभी को वर्ल्ड वाइड वेब के इतिहास के बारे में पता है।
इंटरनेट का इतिहास बहुत पुराना माना जाता है। कहा जाता है कि इसकी असल शुरुआत वर्ष 1969 के दशक में हुई थी। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अभियांत्रिकी अनुसंधान को इंटरनेट शुरू करने का श्रेय जाता है। उस समय केवल सीमित मात्रा में ही इंटरनेट का उपयोग हुआ था। लेकिन वर्ष 1983 से इंटरनेट इस्तेमाल करने की आधिकारिक घोषणा हुई। पहले इंटरनेट केवल विदेशों तक ही सीमित था। लेकिन बाद में इंटरनेट की पहुंच पूरी दुनिया में फैल गई। भारत में 15 अगस्त 1995 को इंटरनेट के लिए हरी झंडी दिखाई गई।
इंटरनेट का महत्व
हमारे जीवन में इंटरनेट का बहुत बड़ा महत्व है। आज के भागदौड़ भरे समय में हम बिना इंटरनेट के अपनी कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। हम सभी के लिए इंटरनेट एक वरदान की तरह है। आज अगर हम एक जगह बैठे पूरी दुनिया से जुड़ पाए हैं, तो वह इंटरनेट का करिश्मा ही है। एक समय था जब हम अखबार की मदद से पूरे देश दुनिया की खबर जानते थे। चिट्ठी के माध्यम से अपने प्रियजनों को संदेश पहुंचाते थे।
लेकिन जब से लोगों के जीवन में इंटरनेट ने दस्तक दी तब से दुनियाभर के लोगों की जिंदगी बदल गई। आज सोशल मीडिया के जरिए हम पूरी दुनिया में होने वाली गतिविधियों को जान सकते हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने निजी जीवन की तस्वीरें शेयर कर सकते हैं। और, फ्लिपकार्ट, अमेज़न, मीशो जैसे एप्लीकेशन से घर बैठे कपड़े खरीद सकते हैं। इंटरनेट एक शक्तिशाली माध्यम है जिसकी मदद से हम अपनी हर अपेक्षाओं को पूरा कर सकते हैं।
इंटरनेट के उपयोग
(1) सोशल नेटवर्किंग- मार्क जकरबर्ग ने वर्ष 2004 में फेसबुक नाम की सोशल नेटवर्किंग साइट शुरू की थी। जैसे ही फेसबुक अस्तित्व में आया वैसे ही सभी लोग एक-दूसरे के साथ जुड़ना शुरू हो गए। फेसबुक के बाद इंस्टाग्राम भी लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया। सोशल मीडिया प्लेटफार्म की बदौलत हम दुनिया के हर कोने से दोस्त बना सकते हैं। अपने रिश्तेदारों को व्हाट्सएप पर शुभकामनाएं संदेश भेज सकते हैं।
(2) ऑनलाइन शॉपिंग- ऑनलाइन शाॅपिंग आज के समय में बहुत प्रचलन में आ गया है। आज अमेजन, मीशो, मिंत्रा और बहुत सी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स लोगों के लिए बाजार बन चुकी हैं। लोगों को घर बैठे ही खरीदारी का लाभ मिल जाता है। आज आपको इन एप्लीकेशन पर अनगिनत वस्तुओं को खरीदने का मौका मिलता है। यह लोगों के समय की बचत करता है।
(3) ऑनलाइन बुकिंग- इंटरनेट ने ऑनलाइन बुकिंग को भी बहुत आसान बना दिया है। आज हम बिना किसी झंझट के एक ही पल में ट्रेन, बस और प्लेन के टिकट की ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं। हम गैस सिलेंडर भी ऑनलाइन बुक करवा सकते हैं। आज के समय में ओला और ऊबर जैसी टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध है। इन टैक्सियों की भी ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है।
(4) ऑनलाइन शिक्षा- पहले के दौर में शिक्षा के साधन सीमित थे। बच्चों को किताबों के ज़रिए ही पढ़ाई करनी पड़ती थी। लेकिन जैसे ही इंटरनेट ईजाद हुआ, शिक्षा के आयाम भी बदल गए। इन बीते पांच-छह सालों में ऐसी अनेकों वेबसाइट्स उभर कर आईं जिसके चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई बहुत आसान हो गई। आज बच्चे ऑनलाइन वेबसाइट्स के जरिए पढ़ना पसंद करते हैं।
क्या इंटरनेट पूर्ण रूप से वरदान है?
इस बात पर हमेशा से ही बहस होती आई है कि आखिर हम इंटरनेट को क्या मानें? हमारा सच्चा दोस्त या फिर दुश्मन। सबसे पहले हम सकारात्मक पक्ष पर बात करते हैं। इंटरनेट हमारे दोस्त की तरह काम करता है। इंटरनेट ने हमारे जीवन को बहुत आसान बना दिया है। इंटरनेट के आविष्कार को महान माना जाता है। इस एक आविष्कार ने पूरी दुनिया को एक साथ जोड़ दिया। गूगल पर ढेर सारी जानकारी उपलब्ध है। यूट्यूब पर अनेकों विडियोज मिल जाते हैं।
लेकिन यह बात आपने बहुत बार सुनी होगी कि किसी भी चीज की जब अति होने लगे, तो बाद में बड़ा नुकसान होना तय है। ठीक यही चीज हम इंटरनेट के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। माना कि इंटरनेट ने हमारे जीवन को आसान बनाया। लेकिन जो नुकसान इंटरनेट के चलते हुए हैं उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इंटरनेट के चलते साइबर क्राइम भी बढ़े हैं। इंटरनेट पर निजी जानकारियां भी लीक हो रही हैं। लोग इंटरनेट के इतने ज्यादा आदी हो गए हैं कि वह डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। तो हम यह आसानी से नहीं कह सकते हैं कि इंटरनेट वरदान है या फिर श्राप।
इंटरनेट पर निबंध 150 शब्दों में
एक फिल्म में मैंने देखा था कि पहले के समय में कबूतर एक जगह से दूसरी जगह संदेश पहुंचाया करते थे। लेकिन बाद में एक समय ऐसा भी आया जब खत के जरिए लोगों को संदेश पहुंचाए जाते थे। उस समय डाकिया खत बांटने का काम किया करता था। लेकिन संदेश भेजने का तरीका ई-मेल के साथ और भी आसान बन गया। इंटरनेट के आविष्कार से लोगों के जीवन की राह सुलभ बन गई।
टिम बर्नर्स ली ने इंटरनेट को अस्तित्व में लाकर लोगों को एक बहुत बड़ा तोहफा प्रदान किया। माना कि इंटरनेट के फायदे अनेक हैं लेकिन इसका अत्यधिक इस्तेमाल लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। लोग इसको सही तरह से काम लेने की बजाए इसका गलत फायदा भी उठा रहे हैं। लेकिन जब लोग इंटरनेट को सही तरीके से इस्तेमाल करने लगेंगे, तो वह लोगों के जीवन को वरदान के रूप में रोशन कर देगा।
इंटरनेट पर 10 लाइनें
- इंटरनेट का पूरा अर्थ वर्ल्ड वाइड वेब है।
- इंटरनेट को अस्तित्व में लाने का श्रेय टिम बर्नर्स ली को जाता है।
- भारत में 15 अगस्त 1995 को इंटरनेट के लिए हरी झंडी दिखाई गई।
- अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अभियांत्रिकी अनुसंधान को इंटरनेट शुरू करने का श्रेय जाता है।
- इंटरनेट ने लोगों के जीवन को सुविधाजनक बना दिया है।
- इंटरनेट के माध्यम से हम पलक झपकते ही दुनियाभर की खबरें प्राप्त कर सकते हैं।
- आज यूट्यूब के माध्यम से हम किसी भी विषय पर विडियो देख सकते हैं।
- आज के दौर में निम्न मध्यम वर्ग भी इंटरनेट की मदद से शिक्षा हासिल कर सकता है।
- ऑनलाइन शॉपिंग को इंटरनेट ने ही आसान बनाया है।
- हिंदी भाषा में इंटरनेट को अंतरजाल के नाम से जाना जाता है।
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इंटरनेट से सम्बंधित FAQs
प्रश्न – भारत में पहली सार्वजनिक रूप से इंटरनेट सेवा कब शुरू हुई थी?
उत्तर :- भारत में सार्वजनिक रूप से इंटरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 में शुरू की गई थी।
प्रश्न – दुनिया में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई थी?
उत्तर :- एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क के निर्माण के साथ 1960 के दशक में इंटरनेट का पहली बार इस्तेमाल हुआ था।
प्रश्न – 2024 के अनुसार में किनते प्रतिशत लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं?
उत्तर :- भारत में आज 820 मिलियन से अधिक लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।